राजनीति
योगी आदित्यनाथ ने 1,438 नए इंजीनियर्स को दिया नियुक्ति पत्र, कहा योग्यता ही है एक मात्र मानक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को धनतेरस के पर्व पर नौजवानों को बड़ा तोहफा दिया। उप्र लोक सेवा आयोग से चयनित जन शक्ति विभाग के 1,438 जूनियर इंजीनियर्स को नियुक्ति पत्र के साथ ही उनको पद स्थापना पत्र भी प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जब कोई युवा अपनी ईमानदारी के साथ शुचितापूर्ण और पारदर्शी ढंग से चयनित होता है, तो उसके काम में भी ईमानदारी झलकती है। समर्पण के साथ वह जीवनभर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है। लेकिन जब सिफारिश और जुगाड़ से नौकरी मिलती है, तो वही कुत्सित भावना भ्रष्टाचार को जन्म देती है। उत्तर प्रदेश में होने वाली नियुक्ति प्रक्रिया में शुचिता, ईमानदारी और पारदर्शिता सबसे प्रमुख तžव हैं। जुगाड़ नहीं योग्यता ही चयन का मानक है। आज जो युवा नौकरियां पा रहे हैं, वह योग्य हैं, समर्थ हैं और इस योग्यता और सामथ्र्य का लाभ प्रदेश को मिलेगा।
मुख्यमंत्री गुरुवार को सिंचाई और जल संसाधन विभाग में नवचयनित 1,438 नए जूनियर इंजीनियरों को धनतेरस के विशेष अवसर पर नियुक्ति पत्र प्राप्त कर रहे युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि नवचयनित अवर अभियंताओं द्वारा अपने सेवाकाल में देश-समाज की उन्नति के लिए सर्वश्रेष्ठ कार्य करने का विश्वास जताया।
लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर 5 नवचयनित अवर अभियंताओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों नियुक्ति और पदस्थापना पत्र प्राप्त हुआ। वहीं विभिन्न जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़े चयनित अभ्यर्थियों ने वर्चुअली मुख्यमंत्री का संदेश सुना और स्थानीय प्रतिनिधियों के हाथों नियुक्ति पत्र प्राप्त किए।
मुख्यमंत्री ने दशकों से लंबित बाणसागर परियोजना के पूरा होने तथा बाढ़ राहत कार्यों का उदाहरण देते हुए पिछले पौने चार वर्ष में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग में जिस लगन और ईमानदारी के साथ काम किया है, वह अन्य विभागों के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने नवचयनित अवर अभियंताओं को उनकी जिम्मेदारी का आभास भी कराया। उन्होंने कहा कि आज नियुक्ति पा रहे अवर अभियन्ताओं से विभाग को एक नई जनशक्ति प्राप्त होगी और विभाग जनता व कृषकों के प्रति अपने दायित्व को और अधिक तत्परता से पूर्ण कर सकेगा।
इससे पहले, जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग में एक लम्बे अरसे से अवर अभियन्ताओं की भर्ती न हो पाने एवं कार्मिकों के लगातार सेवानिवृत्त होते जाने के कारण बड़ी संख्या में जूनियर इंजीनियरों की कमी हो गई थी। विभाग के कार्य प्रभावित न हो इसके लिए सरकार द्वारा राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा 1,438 जूनियर इंजीनियरों का चयन किया गया। इसके पूर्व गत वर्ष 394 सहायक अभियन्ताओं तथा 149 सहायक अभियन्ता (यांत्रिक) की भर्ती भी विभाग में इसी प्रकार निष्पक्ष व पारदर्शी प्रकिया अपनाकर लोक सेवा आयोग द्वारा की गई थी। महिला सशक्तीकरण अभियान को सार्थकता देते हुए दिसम्बर 2018 में 73 महिला जूनियर इंजीनियरों की विशेष भर्ती भी विभाग में की गई।
नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े सफल अभ्यर्थियों से मुख्यमंत्री ने संवाद भी किया। मुख्यमंत्री ने बारी-बारी से 10 अवर अभियंताओं से नियुक्ति प्रक्रिया के बारे में पूछा। टॉपर सीतापुर के आशुतोष सिंह से मुख्यमंत्री ने पूछा कि पूरी नियुक्ति प्रक्रिया में उन्होंने किसी तरह की सिफारिश या अन्य कोई जुगाड़ तो नहीं लगाया, इस पर आशुतोष ने इनकार किया और बताया कि पूरी चयन प्रक्रिया निष्पक्ष ढंग से हुई। वहीं महिला वर्ग में टॉपर गोरखपुर की संध्या कन्नौजिया ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि जिस तरह ईमानदारी और शुचिता के साथ उन्होंने नौकरी पाई है, पूरे सेवाकाल में वह स्वयं के कार्यव्यवहार में यही ईमानदारी बनाए रखेंगी। वाराणसी निवासी राजेश कुमार पटेल, जिन्हें मनचाहे जनपद सोनभद्र में तैनाती मिली है, ने पारदर्शी ढंग से नियुक्ति पाने पर मुख्यमंत्री के प्रति धन्यवाद दिया, तो, ललितपुर में तैनाती पाने वाले झाँसी निवासी राजेश उपाध्याय से मुख्यमंत्री ने मनचाही नौकरी मनपसंद जिले में पाने पर बधाई दी।
महाराष्ट्र
कल्याण कॉलेज नमाज़ विवाद: SIO ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

SIO ने मुंबई के कल्याण कॉलेज में नमाज़ पढ़ने पर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की गुंडागर्दी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इधर, SIO के स्टेट सेक्रेटरी अज़ीज़ अहमद ने कहा कि कल्याण के आइडियल कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी एंड रिसर्च में हुई घटना बहुत निंदनीय और अस्वीकार्य है, जहाँ बजरंग दल से जुड़े गुंडों ने कॉलेज कैंपस में घुसकर, नमाज़ पढ़ने वाले मुस्लिम स्टूडेंट्स को धमकाया और परेशान किया और यहाँ तक कि उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के सामने बैठाने की कोशिश की। यह घटना धार्मिक आज़ादी और एकेडमिक कैंपस की पवित्रता पर सीधा हमला है।
SIO इस घटना की कड़ी निंदा करता है और प्रभावित स्टूडेंट्स के साथ पूरी एकजुटता दिखाता है। हम महाराष्ट्र सरकार और पुलिस से मांग करते हैं कि वे जल्द से जल्द आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन स्टूडेंट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए। हम पूरे स्टूडेंट कम्युनिटी से अपील करते हैं कि वे धार्मिक सद्भाव बनाए रखें और ऐसे सांप्रदायिक रवैये के खिलाफ एकजुट रहें और मजबूत एकजुटता दिखाएं।
राष्ट्रीय समाचार
सीबीआई की बड़ी कार्रवाई: ईएसआईसी के दो अधिकारियों को 50 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा

CRIME
विजयवाड़ा, 26 नवंबर: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) विजयवाड़ा के दो अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपियों में रेवेन्यू रिकवरी ऑफिसर (आरआरओ) और सोशल सिक्योरिटी ऑफिसर (एसएसओ) का नाम शामिल है। दोनों ने एक शख्स से 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।
सीबीआई के मुताबिक, मामला 2020 का है। शिकायतकर्ता ने फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के टेंडर में हिस्सा लेने के लिए एक प्रोप्राइटरशिप फर्म शुरू की थी और उसे ईएसआईसी में रजिस्टर भी कराया था। तकनीकी वजहों से एफसीआई ने उसकी फर्म को तीन साल के लिए डिबार कर दिया, जिससे वह कोई ठेका नहीं ले सका।
20 नवंबर 2025 को दोनों ईएसआईसी अधिकारी शिकायतकर्ता के घर पहुंचे और उसका घर कुर्क करने का नोटिस थमा दिया। साथ ही कहा कि अगर 31 दिसंबर 2025 तक कुर्की और नीलामी की कार्रवाई रोकनी है, तो 50 हजार रुपये देने होंगे, जिसमें 30 हजार आरआरओ के लिए और 20 हजार एसएसओ खुद के लिए मांगे।
शिकायत मिलते ही सीबीआई ने 25 नवंबर को केस दर्ज किया और अगले ही दिन जाल बिछाया। सोशल सिक्योरिटी ऑफिसर को जैसे ही शिकायतकर्ता से 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते देखा गया, सीबीआई की टीम ने उसे धर दबोचा। इसके बाद रेवेन्यू रिकवरी ऑफिसर को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
दोनों को आज विजयवाड़ा में सीबीआई के स्पेशल जज कोर्ट में पेश किया जाएगा। आरोपियों के ठिकानों पर तलाशी अभी जारी है। सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का हिस्सा है। आम लोगों को परेशान कर रिश्वत मांगने वालों पर अब कड़ी नजर रखी जा रही है।
राष्ट्रीय समाचार
केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब

SUPRIM COURT
नई दिल्ली, 26 नवंबर: सुप्रीम कोर्ट में केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से जुड़े मामलों को लेकर सुनवाई जारी है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच सुनवाई कर रही है।
केरल में एसआईआर के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से विस्तृत जवाब मांगा है। कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया कि वह इस मामले में अलग से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे।
कोर्ट ने कहा कि चूंकि केरल में अभी स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, इसलिए मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया को टालने की मांग पर बिना आयोग को सुने कोई आदेश नहीं दिया जा सकता। चुनाव आयोग को 1 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी।
पश्चिम बंगाल में भी एसआईआर प्रक्रिया को चुनौती दी गई है। इस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 1 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए। पश्चिम बंगाल से जुड़े मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को तय की गई है। राज्य की ओर से पेश वकील कल्याण बनर्जी ने दावा किया कि एसआईआर प्रक्रिया के दौरान अत्यधिक दबाव के कारण अब तक 23 बीएलओ की मौत हो चुकी है।
तमिलनाडु में एसआईआर से जुड़े मामले की सुनवाई 4 दिसंबर को होगी। कोर्ट ने कहा कि तीनों राज्यों के मामलों में चुनाव आयोग की राय सुने बिना कोई रोक लगाने जैसा आदेश पारित नहीं किया जाएगा।
चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने बताया कि यह मामला पहले मद्रास हाईकोर्ट में भी गया था, जहां स्टेट इलेक्शन कमीशन ने कहा था कि उन्हें एसआईआर प्रक्रिया से कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने बताया कि 99 फीसदी वोटरों को फॉर्म मिल चुके हैं और 50 फीसदी से अधिक डेटा डिजिटाइज हो चुका है। राकेश द्विवेदी ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल इस मुद्दे पर लोगों में अनावश्यक भय पैदा कर रहे हैं।
इधर, याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया बहुत जल्दबाजी में चलाई जा रही है और बीएलओ पर अत्यधिक दबाव है। उन्होंने दावा किया कि असम में लागू फॉर्म की पद्धति की पूरे देश में कोई आवश्यकता नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट अब सभी राज्यों और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया के बाद अगली सुनवाई में आगे की दिशा तय करेगा।
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