अंतरराष्ट्रीय
विश्व बैंक ने एक साथ दर वृद्धि के बीच बढ़ती वैश्विक मंदी के जोखिम को लेकर चेताया

जैसा कि दुनिया भर के केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति के जवाब में एक साथ ब्याज दरों में वृद्धि कर रहे हैं, विश्व 2023 में वैश्विक मंदी की ओर बढ़ सकता है, विश्व बैंक ने इसे लेकर चेतावनी दी है।
वैश्विक ऋणदाता ने एक नए अध्ययन में कहा कि दुनिया भर के केंद्रीय बैंक इस साल ब्याज दरों में वृद्धि कर रहे हैं, जो पिछले पांच दशकों में नहीं देखी गई है। एक प्रवृत्ति जो अगले साल अच्छी तरह से जारी रहने की संभावना है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि ब्याज दर में वृद्धि की वर्तमान में अपेक्षित प्रक्षेपवक्र और अन्य नीतिगत कार्रवाइयां वैश्विक मुद्रास्फीति को महामारी से पहले देखे गए स्तरों पर वापस लाने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती हैं।
निवेशकों को उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक 2023 तक वैश्विक मौद्रिक नीति दरों को उनके 2021 के औसत से 2 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ लगभग 4 प्रतिशत तक बढ़ाएंगे।
अध्ययन के अनुसार, “यदि यह वित्तीय-बाजार तनाव के साथ होता, तो वैश्विक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की वृद्धि 2023 में 0.5 प्रतिशत तक धीमी हो जाती, प्रति व्यक्ति शब्दों में 0.4 प्रतिशत संकुचन जो वैश्विक मंदी की तकनीकी परिभाषा को पूरा करेगा।”
समान विकास, वित्त और संस्थानों के लिए विश्व बैंक के कार्यवाहक उपाध्यक्ष अयान कोस ने कहा कि क्योंकि दरों में बढ़ोतरी सभी देशों में अत्यधिक समकालिक है, इसलिए वे वित्तीय स्थितियों को सख्त करने और वैश्विक विकास मंदी को रोकने में ‘पारस्परिक रूप से जटिल’ हो सकते हैं।
कोस ने कहा, “उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में नीति निर्माताओं को वैश्विक स्तर पर समकालिक नीतियों से संभावित स्पिलओवर का प्रबंधन करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।”
अध्ययन के अनुसार उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में वित्तीय संकटों की एक सीरीज जो उन्हें स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है।
विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मलपास ने कहा, “मेरी गहरी चिंता यह है कि ये रुझान लंबे समय तक चलने वाले परिणामों के साथ बने रहेंगे जो उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में लोगों के लिए विनाशकारी हैं।”
कम मुद्रास्फीति दर, मुद्रा स्थिरता और तेज विकास प्राप्त करने के लिए, नीति निर्माता अपना ध्यान खपत को कम करने से लेकर उत्पादन बढ़ाने पर केंद्रित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, “नीतियों को अतिरिक्त निवेश उत्पन्न करने और उत्पादकता और पूंजी आवंटन में सुधार करने की तलाश करनी चाहिए, जो विकास और गरीबी में कमी के लिए महत्वपूर्ण हैं।”
व्यापार
आरबीआई की नई गाइडलाइंस कल से लागू, बैंकों को एक दिन में ही क्लियर करना होगा चेक

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नई गाइडलाइंस के मुताबिक, 4 अक्टूबर से सभी बैंकों को एक दिन की अवधि में ही चेक क्लियर करना होगा। इससे चेक के जरिए भुगतान करना तीव्र और आसान हो जाएगा। मौजूदा समय में चेक को क्लियर होने में एक से दो दिन का समय लगता है।
एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक समेत कई बैंकों ने 4 अक्टूबर से एक ही दिन में चेक क्लियर होने की जानकारी अपने ग्राहकों को दी है।
नई व्यवस्था के तहत 4 अक्टूबर से जमा किए गए चेक उसी दिन कुछ ही घंटों में क्लियर हो जाएंगे। दोनों बैंकों ने ग्राहकों से चेक बाउंस होने से बचने के लिए पर्याप्त बैलेंस रखने और देरी या अस्वीकृति से बचने के लिए सभी चेक विवरण सही-सही भरने का आग्रह किया है।
आरबीआई की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि नए सिस्टम को दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहला फेस 4 अक्टूबर, 2025 से 3 जनवरी, 2026 तक के लिए लागू होगा, जबकि दूसरा फेस 3 जनवरी के बाद से लागू होगा।
आरबीआई ने नए सिस्टम के काम करने के बारे में विस्तार के जानकारी देते हुए कहा कि इसमें एक सिंगल प्रेजेंटेशन सेशन होगा, जिसमें चेक को सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक पेश करना होगा।
इसके तहत चेक प्राप्त करने वाली बैंक को चेक को स्कैन करके क्लिरिंग हाउस को भेजना होगा। इसके बाद क्लिरिंग हाउस की उस चेक की इमेज को राशि अदा करने वाले बैंक के पास भेजेगा।
इसके बाद कॉन्फॉर्मेशन सेशन सुबह 10 बजे से लेक शाम के 7 बज तक होगा। इसमें राशि अदा करने वाले बैंक को उस चेक पर सकारात्मक या नकारात्मक कॉन्फॉर्मेशन देनी होगी।
यहां बड़ी बात यह है कि हर चेक का एक ‘आइटम एक्सपायरी टाइम’ होगा, जिस समय तक कॉन्फॉर्मेशन देनी आवश्यक है।
साथ ही, बैंकों ने ग्राहकों से सुरक्षा बढ़ाने के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम का उपयोग करने का भी आग्रह किया गया है, जिसके तहत सत्यापन के लिए चेक का मुख्य विवरण पहले से जमा करना अनिवार्य है। खाताधारकों को 50,000 रुपए से अधिक के चेक जमा करने से कम से कम 24 कार्य घंटे पहले बैंक को खाता संख्या, चेक संख्या, तिथि, राशि और लाभार्थी का नाम बताना होगा।
चेक प्रस्तुत करते समय बैंक इन विवरणों की पुष्टि करेंगे। यदि जानकारी मेल खाती है, तो चेक क्लियर कर दिया जाएगा, अन्यथा, अनुरोध अस्वीकार कर दिया जाएगा और चेक जारीकर्ता को विवरण दोबारा जमा करना होगा।
अंतरराष्ट्रीय
फिलीपींस में भूकंप की घटना पर पीएम मोदी ने जताया दुख, अब तक 69 लोगों की मौत

मनीला, 1 अक्टूबर : फिलीपींस में 6.9 की तीव्रता से आए भूकंप के बाद का भयावह मंजर सामने आया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जताया है। वहीं नागरिक सुरक्षा कार्यालय (ओसीडी) ने बताया कि भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 69 हो गई।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “फिलीपींस में आए भूकंप से हुई जान-माल की हानि और व्यापक क्षति के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस कठिन समय में भारत फिलीपींस के साथ एकजुटता से खड़ा है।”
ओसीडी के उप-प्रशासक और सहायक सचिव बर्नार्डो राफेलिटो एलेजांद्रो ने ब्रीफिंग में बताया कि भूकंप के केंद्र बोगो शहर में 30 लोगों की मौत हो गई, मेडेलिन शहर में 10, सैन रेमिगियो शहर में 22, तबोगोन शहर में पांच और सोगोड और तबुएलन नगर पालिकाओं में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि पीड़ितों की मौत घरों और इमारतों की ढही हुई दीवारों के नीचे दबने से हुई। राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन परिषद (एनडीआरआरएमसी) ने शुरुआत में बताया कि कम से कम 147 लोग घायल हुए हैं।
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, सहायक सचिव ने घायलों और लापता लोगों के बारे में नए आंकड़े जारी नहीं किए हैं, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
फिलीपींस ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान ने शुरुआत में बताया था कि मंगलवार रात स्थानीय समयानुसार 9:59 बजे सेबू प्रांत में 6.7 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि, बाद में फिर तीव्रता को संशोधित कर 6.9 कर दिया गया। भूकंप का केंद्र बोगो शहर से लगभग 19 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में, 5 किलोमीटर की गहराई में था।
बता दें कि मध्य फिलीपींस के कई पड़ोसी प्रांतों के साथ-साथ दक्षिणी फिलीपींस के कुछ क्षेत्रों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। फिलीपींस ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान की ओर से साझा जानकारी के अनुसार मंगलवार रात से 600 से ज्यादा झटके दर्ज किए गए।
बता दें कि फिलीपींस प्रशांत महासागर के “रिंग ऑफ फायर” क्षेत्र में स्थित है, जो भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधि के लिए एक्टिव माना जाता है।
व्यापार
आरबीआई ने आईपीओ लोन की लिमिट को दोगुना कर 25 लाख रुपए प्रति निवेशक किया

मुंबई, 1 अक्टूबर : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कई फैसलों का ऐलान किया, जिसने क्रेडिट को कंपनियों और आम निवेशकों के लिए आसान बना दिया है।
केंद्रीय बैंक ने बैंकों को भारतीय कंपनियों द्वारा अधिग्रहण के लिए फंडिंग की अनुमति देने का निर्णय लिया है, साथ ही शेयरों और ऋण प्रतिभूतियों के बदले ऋण देने पर प्रतिबंधों में भी ढील दी है।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद, गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि आरबीआई एक फ्रेमवर्क तैयार करेगा, जिसकी मदद से बैंक अधिग्रहणों के लिए कंपनियों को ऋण उपलब्ध करा पाएंगे।
यह कदम भारतीय स्टेट बैंक द्वारा नियामक से इस तरह की फंडिंग की अनुमति देने का अनुरोध करने के बाद उठाया गया है।
मल्होत्रा ने आगे कहा कि केंद्रीय बैंक ने सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों पर ऋण देने की नियामक सीमा हटा दी है।
साथ ही, शेयरों पर ऋण देने की सीमा प्रति व्यक्ति 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए कर दी गई है।
आईपीओ फंडिंग के लिए, सीमा 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए प्रति व्यक्ति कर दी गई है।
यह बदलाव विशेष रूप से उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों (एचएनआई) को सार्वजनिक निर्गमों में बड़ी राशि के लिए आवेदन करने में मदद करेगा।
आरबीआई ने इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए ऋण देना सस्ता करने का भी फैसला किया है। इससे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा उच्च-गुणवत्ता वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को दिए गए ऋणों पर जोखिम भार कम हो जाएगा।
इसके साथ ही, नियामक ने 2016 के उस नियम को वापस ले लिया है जो 10,000 करोड़ रुपए से अधिक बैंक ऋण वाले बड़े उधारकर्ताओं को ऋण देने से हतोत्साहित करता था। इससे प्रणाली में समग्र ऋण उपलब्धता में वृद्धि होने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों ने बताया कि आरबीआई के निर्णयों का उद्देश्य बैंकों द्वारा अधिक ऋण देने को प्रोत्साहित करना, कॉर्पोरेट अधिग्रहणों को समर्थन देना, आईपीओ भागीदारी को बढ़ावा देना और इन्फ्रास्ट्रक्चर और व्यावसायिक विकास के लिए धन की उपलब्धता को और अधिक सुगम बनाना है।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र3 months ago
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार7 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा