अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान टीम में पहले चयन न होने पर दुखी था, लेकिन अब खुश हूं : मलिक

टी20 विश्व कप में पाकिस्तान के दिग्गज खिलाड़ी शोएब मलिक का अब तक शानदार प्रदर्शन रहा, लेकिन जब उन्हें पहली बार वेस्टइंडीज में यह खबर मिली कि उन्हें टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान टीम में नहीं चयन किया गया, तो वे निराश हो गए थे और उन्होंने सोचा था कि यह मेरे करियर का अंत है। हालांकि, बाद में चीजें बदली और अनुभवी बल्लेबाज सोहेब मकसूद को चोट के कारण बाहर किए जाने के बाद इस दिग्गज खिलाड़ी को पाकिस्तान टीम में शामिल किया गया। उनका टीम से जुड़ना उनकी किस्मत में था। मलिक ने 2009 में टी20 विश्व के सेमीफाइनल में जगह बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिससे पाकिस्तान बाद में चैंपियन बना। वहीं, इस वर्ल्ड कप में जिस तरह के फॉर्म में चल रहे हैं, 11 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले मैच में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है।
इस टूर्नामेंट में निर्णायक क्षण तब आया जब उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ नाबाद 20 गेंदों में 26 रनों की पारी खेलकर पाकिस्तान को एक करीबी मुकाबले में अहम जीत दिलाई, जिसने ग्रुप 2 में शीर्ष पर पहुंचा दिया। मलिक ने स्कॉटलैंड के खिलाफ अपनी आखिरी सुपर 12 मैच में 18 गेंदों में नाबाद 54 रनों की पारी खेली, जिससे पता चलता है कि वह सेमीफाइनल मुकाबले के लिए अच्छे फॉर्म में है।
39 साल के खिलाड़ी को उनके घरेलू फॉर्म के आधार पर टीम में शामिल किया गया था, जहां उन्होंने राष्ट्रीय टी20 टूर्नामेंट में सात मैचों में 225 रन बनाए थे। 2015 में टेस्ट क्रिकेट और 2017 में वनडे क्रिकेट छोड़ने के बाद, मलिक ने कहा था कि अगर वह टी20 विश्व कप के लिए चुने जाते है तो इसके बाद संयास लेना चाहेंगे।
उन्होंने कहा, “मैं कैरेबियन प्रीमियर लीग में खेल रहा था जब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पहली टीम की घोषणा की, जिसमें मेरा नाम नहीं था। बेशक मुझे बुरा लगा। मैं बहुत निराश हुआ। लेकिन मैंने बहुत सी टीमों को देखा है जहां मेरा नाम नहीं था, इसलिए जब आप विश्व कप टीम का हिस्सा नहीं होते तो दुख होता है।”
मलिक ने स्कॉटलैंड से जीतने के बाद कहा, “एक पेशेवर क्रिकेटर या एथलीट के रूप में आपका लक्ष्य खुद को किसी भी तरह के निराशा से बाहर निकलना होता है। उस समय मैं सीपीएल में खेल रहा था। इसलिए मुझे इससे बाहर आने का मौका मिला और फिर मैं जब वापस आया तो एक घरेलू टूर्नामेंट में हिस्सा लिया क्योंकि मुझे अभी भी मैदान पर उतरने में आनंद मिलता है और यही मुझे आगे बढ़ाता है।
मलिक ने इस सवाल को छोड़ दिया कि उनका कब तक खेलते रहने की योजना है, यह कहते हुए कि टीम द्वारा मध्यक्रम में एक महत्वपूर्ण काम किया जा रहा था।
“मैं नहीं जानता कि और कितने सालों तक खेलूंगा। अभी मैं एक बहुत ही महत्वपूर्ण टूर्नामेंट के बीच में हूं और फिलहाल उन सबके बारे में नहीं सोच रहा हूं। कुल मिलाकर ड्रेसिंग रूम में माहौल अच्छा है। आगे हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देते रहने की जरूरत है।”
अंतरराष्ट्रीय
अवामी लीग समर्थकों ने संयुक्त राष्ट्र में विरोध प्रदर्शन किया, पार्टी से प्रतिबंध हटाने की मांग

संयुक्त राष्ट्र, 20 मई। बांग्लादेश में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में उसके समर्थकों ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि संयुक्त राष्ट्र यह सुनिश्चित करे कि देश में लोकतंत्र फिर से कायम हो।
यूएसए अवामी लीग के अध्यक्ष सिद्दीक रहमान ने कहा, “मोहम्मद यूनुस की गैरकानूनी सरकार ने अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि यह एक कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई पार्टी है।”
उन्होंने कहा कि अगर चुनाव संयुक्त राष्ट्र की मंशा के मुताबिक सभी को साथ लेकर कराए जाने हैं, तो अवामी लीग से प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए और उसे चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोकतंत्र बहाल हो।
रहमान ने कहा कि भले ही यूनुस को नोबेल पुरस्कार मिला हो, लेकिन अब वह एक तानाशाह बन गए हैं। वह बिना चुनाव के सरकार चला रहे हैं और उन्होंने एक चुनी हुई वैध सरकार को हटा दिया है।
विरोध प्रदर्शन में बोलने वालों ने कहा कि अमेरिका को बांग्लादेश में लोकतंत्र फिर से बहाल करने की मांग करनी चाहिए।
यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पिछले सप्ताह बांग्लादेश चुनाव आयोग ने पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दिया, जिससे वह चुनाव में भाग लेने के लिए अयोग्य हो गई।
बांग्लादेश ने चुनाव की तारीख तय नहीं की है।
विरोध प्रदर्शन के आयोजक प्रदीप कर ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों के साथ संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र सौंपा है।
उन्होंने कहा कि शेख हसीना ‘वैध प्रधानमंत्री हैं’, जबकि यूनुस ने “जमात-ए-इस्लामी और आतंकवादियों” की मदद से सत्ता हासिल की है।
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पाकिस्तानी ड्रोन के निशाने पर थे निर्दोष नागरिक, भारतीय सेना ने मार गिराया

नई दिल्ली, 10 मई। भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के हमले को नाकाम कर दिया है। पाकिस्तान ने हमला ड्रोन के जरिए शनिवार की सुबह किया। हालांकि, पहले से सतर्क भारतीय सेना के आगे पाकिस्तान की एक नहीं चली और उसके ड्रोन जमीन पर औंधे मुंह गिरे।
बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान की सेना ने विस्फोटकों से भरे ड्रोन भारतीय आबादी क्षेत्र में भेजे थे। इनका मकसद पंजाब में सामान्य नागरिकों के ठिकानों पर हमला करना था। पाकिस्तान के ड्रोन भारत में ज्यादा से ज्यादा सामान्य नागरिकों को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। लेकिन, पाकिस्तान के नापाक मंसूबे को भारतीय सेना ने पूरी तरह से विफल कर दिया।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि शनिवार तड़के सुबह लगभग पांच बजे, पाकिस्तानी सेना ने सीमा पार पंजाब के अमृतसर की ओर कई कामिकेज ड्रोन भेजे। कामिकेज ड्रोन एक खतरनाक आत्मघाती मानव रहित हवाई वाहन होते हैं। ये ड्रोन विस्फोटक के साथ उड़ान भरते हैं। पेलोड यानी विस्फोटक समेत ड्रोन अपने लक्ष्य से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
पाकिस्तानी सेना द्वारा भेजे गए इन ड्रोनों का लक्ष्य भारत में अमृतसर की घनी आबादी वाले रिहायशी इलाकों पर हमला करना था। हालांकि, भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली की सतर्कता और तेज प्रतिक्रिया के चलते, ये ड्रोन भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते ही कुछ ही क्षणों में पहचान लिए गए। सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने इन्हें ट्रैक किया और तुरंत ही नष्ट कर दिया।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सीमा क्षेत्र में तैनात त्वरित प्रतिक्रिया वाली वायु रक्षा तोपों का उपयोग कर गनर्स ने इन ड्रोनों को हवा में ही मार गिराया। इन पाकिस्तानी ड्रोन का मलबा अमृतसर के रिहायशी इलाकों में नहीं गिरा और कोई जनहानि नहीं हुई।
रक्षा जानकार बताते हैं कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि इन ड्रोनों में उच्च विस्फोटक सामग्री थी। पाकिस्तानी ड्रोन में मौजूद इस विस्फोटक सामग्री का उद्देश्य निर्दोष नागरिकों को अधिकतम क्षति पहुंचाना था। यह पाकिस्तान की ओर से उकसावे की एक नई और गंभीर हरकत मानी जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय
जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट की खबर निकली झूठी, पाकिस्तान के फेक दावों की खुली पोल

नई दिल्ली, 9 मई। पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा पर लगातार हमले की कोशिश जारी है, लेकिन भारतीय सेना की तरफ से भी पाकिस्तानी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। इस बीच, सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक दावों के साथ पोस्ट भी शेयर किए जा रहे हैं। ऐसी ही एक पोस्ट में दावा किया गया कि जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट हुआ है, लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और ही है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट के पाकिस्तान के दावों की पोल खोल दी है। पीआईबी के फैक्ट चेक में पुष्टि हुई है कि जिस तस्वीर को जम्मू एयरफोर्स बेस का बताया जा रहा है, वह तस्वीर साल 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए ब्लास्ट की है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर बताया, “भारत में जम्मू एयरफोर्स बेस पर कई विस्फोटों के झूठे दावों के साथ एक पुरानी तस्वीर प्रसारित की जा रही है। पीआईबी फैक्ट चेक में पता चला है कि यह तस्वीर अगस्त 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए विस्फोट की है। उस समय की एक रिपोर्ट का लिंक भी शेयर किया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “गलत सूचना के झांसे में न आएं। शेयर करने से पहले हमेशा पुष्टि करें।”
इससे पहले, पीआईबी फैक्ट चेक ने पाकिस्तान द्वारा गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमले की झूठी खबरों का भी खंडन किया था।
पीआईबी ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ खूब वायरल हो रही है कि गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमला हुआ है। लेकिन, यह इससे जुड़ा हुआ वीडियो नहीं है। यह वीडियो तेल टैंकर विस्फोट को दर्शा रहा है और 7 जुलाई 2021 की है। इस वीडियो को शेयर न करें।
पीआईबी फैक्ट चेक में एक और वीडियो के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें दावा किया जा रहा था कि यह जालंधर पर ड्रोन स्ट्राइक का वीडियो है। जबकि यह वीडियो फॉर्म फायर का है। इस वीडियो को शेयर न करने की अपील की गई है।
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