राजनीति
मेवात में दलितों के उत्पीड़न पर खट्टर सरकार से नाराज हुआ विश्व हिंदू परिषद

हरियाणा के मेवात में दलित उत्पीड़न और धर्म परिवर्तन की घटनाओं पर सख्त रवैया अख्तियार न करने को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने खट्टर सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई है। विहिप कैंप में यह चर्चा है कि इस मसले पर इतनी उदासीनता की अपेक्षा कम से कम खट्टर सरकार से तो नहीं थी। वो भी तब, जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, खुद संघ पृष्ठिभूमि के हैं।
विहिप नेताओं का मानना है कि मई में संगठन के प्रतिनिधिमंडल के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भेंट के बाद भी राज्य सरकार ने उच्चस्तरीय जांच की दिशा में न कदम उठाए और न ही आरोपियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवाई। इससे सरकार की इस गंभीर मसले पर उदासीनता झलकती है। आखिर सरकार की क्या मजबूरी है, यह समझ से परे हैं। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने आईएएनएस से कहा, “मेवात की घटना को राज्य सरकार ने हल्के में लिया। यही वजह है कि वहां हिंदू विरोधी तत्वों का दुस्साहस बढ़ गया। जिससे आज सौ से ज्यादा गांव हिंदू विहीन हो चुके हैं। लेकिन, विहिप किसी सरकार के भरोसे नहीं है। हम हिंदू हितों की रक्षा करने में खुद सक्षम हैं। लेकिन उम्मीद है कि राज्य सरकार भी कम से कम अपना दायित्व निभाएगी।”
नई दिल्ली से करीब सौ किलोमीटर दूर हरियाणा में मेवात स्थित है। वर्ष 2005 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने गुरुग्राम और फरीदाबाद के कुछ हिस्सों को काटकर मेवात जिले का गठन किया था। 2016 में खट्टर सरकार ने जिले का नाम बदलकर नूंह कर दिया था। हरियाणा के दक्षिणी हिस्से में स्थित यह जिला पिछले कुछ समय से सुर्खियों में हैं। विश्व हिंदू परिषद और संघ परिवार से जुड़े संगठन इस इलाके में बड़े पैमाने पर धर्म पर्वितन और दलित उत्पीड़न होने की बात करते हैं।
विश्व हिंदू परिषद के ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी सुरेंद्र जैन के नेतृत्व में विहिप के प्रतिनिधिमंडल ने पिछले महीने मई में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर चौंकाने वाली रिपोर्ट सौंपी थी। जिसमें मेवात के कुल पांच सौ गांवों में से 103 गांवों के हिंदू विहीन होने और 84 गांवों में चार से कम हिंदू परिवार होने की बात कही थी। विहिप नेताओं के मुताबिक उस वक्त मुख्यमंत्री ने जांच कराने का आश्वसान दिया था, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी कदम नहीं उठाए गए।
सुरेंद्र जैन ने कहा, “मेवात में दलित युवतियों के अपहरण, दुष्कर्म की घटनाओं पर भी पुलिस केस दर्ज नहीं करती। जमीनों की जबरन रजिस्ट्री की जा रही है। जिससे डर के कारण हिंदू परिवारों का पलायन हो रहा है। मंदिरों पर कब्जे किए जा रहे हैं। कोई सरकार नहीं सुन रही! लेकिन अब सुनना ही नहीं ,करना भी पडेगा!”
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि मेवात में दलित उत्पीड़न की घटनाओं की जस्टिस पवन कुमार जांच कर चुके हैं। वहीं संगठन की पहल पर जीडी बख्सी की टीम भी जांच कर रिपोर्ट दे चुकी है। वहीं मामले के तूल पकड़ने पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग(एससी कमीशन) के चेयरमैन डॉ. रामशंकर कठेरिया भी मेवात जाकर जांच कर चुके हैं।
विहिप नेता विनोद बंसल का कहना है, “मेवात में एक साजिश के तहत बहुसंख्यकों को अल्पसंख्यक कर दिया गया है। मेवात में देश विरोधी गतिविधियां चल रहीं हैं। रोहिंग्याओं का अड्डा बन चुका है। पाकिस्तान की फंडिंग से मेवात व आसपास फाइव स्टार मदरसे संचालित होते हैं। 2018 में इसका खुलासा हो चुका है, जब एनआईए ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की फंडिंग से एक मदरसे के संचालन के मामले में सलमान नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। चूंकि देश की राजधानी से यह इलाका नजदीक है, इस नाते यहां केंद्रीय जांच एजेंसियों को कड़ी नजर रखने की जरूरत है।”
विहिप नेता नाराजगी जाहिर करते हैं कि दलित हितैषी होने का दावा करने वाले कई नेता मेवात में दलित उत्पीड़न पर खामोश हैं। विहिप नेता विनोद बंसल कहते हैं कि आखिर बसपा मुखिया मायावती, स्वयंभू दलित नेता चंद्रशेखर रावण, जिग्नेश मेवाणी आदि इस मसले पर क्यों कुंभकर्णी नींद सो रहे हैं। उन्होंने कहा कि विहिप मेवात में हालात के सामान्य होने तक चुप नहीं बैठेगी।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस आधुनिक प्रयोगशालाओं और प्रौद्योगिकी से लैस है: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

मुंबई: साइबर अपराध और साइबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए मुंबई पुलिस ने खुद को आधुनिक तकनीक से लैस कर लिया है। तदनुसार, मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों एक फोरेंसिक लैब, एक विशेष वैन, एक इंटरसेप्ट वैन और अन्य आधुनिक उपकरणों सहित तीन साइबर लैब का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बोलते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि साइबर धोखाधड़ी और ऑनलाइन धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को आधुनिक बनाया गया है और पुलिस साइबर धोखाधड़ी से लेकर अन्य अपराधों को सुलझाने के लिए इन आधुनिक उपकरणों का उपयोग करेगी।
फडणवीस ने कहा कि जिस तरह से आज लोगों को ऑनलाइन बेवकूफ बनाकर डिजिटल गिरफ्तारी जैसी घटनाएं हो रही हैं, उसी तरह पुलिस ने इन घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जांच के तरीकों से लेकर अन्य चीजों में महत्वपूर्ण क्रांति ला दी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सहायता के लिए पुलिस थानों में विशेष सहायता कक्ष भी स्थापित किए गए हैं, जिनमें महिलाओं को तत्काल सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए एक विशेष वैन भी तैयार की गई है ताकि उन्हें तुरंत मदद मिल सके। इस कार्यक्रम में मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पनसालकर, विशेष पुलिस आयुक्त देविन भारती, संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्यनारायण चौधरी और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बॉलीवुड
कुणाल कामरा ने बॉम्बे हाई कोर्ट से एफआईआर रद्द करने की लगाई गुहार

मुंबई, 7 अप्रैल। कॉमेडियन कुणाल कामरा ने सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसमें उन्होंने अदालत से मुंबई पुलिस के उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की गुहार लगाई है।
कुणाल कामरा ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जीवन के अधिकार के मौलिक अधिकार के आधार पर उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। इस मामले की सुनवाई 21 अप्रैल को बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस एसवी कोटवाल और जस्टिस एसएम मोदक की खंडपीठ करेगी।
बता दें, मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ तीन अलग-अलग मामले दर्ज हैं। इन तीनों मामलों में महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों से जीरो एफआईआर के तहत शिकायतें मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर की गई हैं। यह एफआईआर बुलढाना, नासिक और ठाणे जिलों से दर्ज की गई थीं और अब इनकी जांच मुंबई के खार पुलिस स्टेशन द्वारा की जा रही है।
मुंबई पुलिस के अनुसार कामरा पर आरोप है कि उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। खार पुलिस इन मामलों की जांच कर रही है। इस संबंध में कुणाल कामरा को तीन बार पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका है, लेकिन वह पुलिस स्टेशन में उपस्थित नहीं हुए हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शिकायत में दावा किया गया कि कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर तंज कसते हुए एक पैरोडी गीत गाया था। युवा सेना के सदस्य रूपेश मिश्रा ने यह शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने गैर-संज्ञेय अपराध दर्ज किया। पुलिस ने पहले ही कामरा पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 356(2) (मानहानि) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम लिए बगैर उन पर टिप्पणी करने वाले कामरा को तीन बार समन जारी हो चुका है। हालांकि, वह पेश नहीं हुए। मुंबई के खार थाने से मिली जानकारी के मुताबिक, दूसरा समन भेजे जाने के बाद से कामरा पुलिस के संपर्क में नहीं हैं। कुणाल को पहला समन 25 मार्च को जारी हुआ था, जिसे लेकर कुणाल ने 2 अप्रैल तक का समय मांगा था, लेकिन पुलिस ने मोहलत देने से इनकार करते हुए उन्हें 27 मार्च को दूसरा समन जारी किया और 31 मार्च को खार पुलिस स्टेशन में हाजिर होने के लिए कहा।
खार पुलिस हैबिटेट स्टूडियो से जुड़े कई लोगों से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज कर चुकी है। मामले से जुड़े अन्य लोगों से पूछताछ जारी है।
महाराष्ट्र
बीर मक्का मस्जिद बम विस्फोट यूएपीए का कार्यान्वयन

मुंबई: पुलिस ने बीर अर्द मसला मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में यूएपीए एक्ट लागू कर दिया है। 30 मार्च की मध्य रात्रि को विजय अगोन और श्री राम अशोक ने मस्जिद में बम रखा और उसमें विस्फोट कर दिया। यह विस्फोट जेटलाइनर और डेटोनेटर की मदद से किया गया। इस मामले में पुलिस ने पहले आर्म्स एक्ट और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था, लेकिन उसके बाद मुस्लिम संगठनों ने आरोपियों पर यूएपीए एक्ट और एनएसए के तहत मुकदमा चलाने की मांग की थी।
बीड विस्फोट की जांच स्थानीय अपराध शाखा द्वारा की गई थी, जिसमें अपराध शाखा ने पाया कि विस्फोट बहुत शक्तिशाली था और इसमें जेटलाइनर छड़ों के साथ डेटोनेटर का भी इस्तेमाल किया गया था। इसी आधार पर क्राइम ब्रांच की सिफारिश पर यूएपीए एक्ट लागू किया गया है। पुलिस ने दोनों आतंकवादियों के खिलाफ यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत मामला दर्ज किया है। बीड विस्फोट के बाद से महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) पुलिस के साथ मिलकर इसकी जांच कर रहा है। एटीएस इस मामले में आतंकवादियों से संबंध और वित्तपोषण की जांच कर रही है, जिसमें यह भी शामिल है कि आरोपियों को जेटलाइनर की छड़ें कैसे उपलब्ध कराई गईं और बिना लाइसेंस या परमिट के उन्हें जेटलाइनर की छड़ें किसने उपलब्ध कराईं। इसके साथ ही यह भी पता लगाने के लिए जांच जारी है कि इस मामले में और कितने लोग और साजिशकर्ता शामिल हैं।
एटीएस ने कहा कि बीड बम विस्फोट के हर पहलू और बिंदु पर जांच जारी है, हालांकि, एटीएस ने अब तक इस मामले में कई लोगों से पूछताछ की है, जिनमें आरोपियों के परिवार के सदस्य और शुभचिंतक के साथ-साथ उनके दोस्त और परिचित भी शामिल हैं। एटीएस बीड मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में विस्फोट से पहले की साजिश को उजागर करने की कोशिश कर रही है क्योंकि विस्फोट से पहले आरोपी विजय अगोन ने एक वीडियो जारी कर स्टेटस पर अपलोड कर मुसलमानों को मस्जिद हटाने की धमकी दी थी और उसके बाद ही यहां विस्फोट हुआ था। स्थानीय पुलिस ने एक दिन पहले ही आरोपियों के खिलाफ धार्मिक नफरत फैलाने का मामला भी दर्ज किया था और अगले दिन मस्जिद में विस्फोट कर दिया गया।
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