अपराध
विशाखापट्टनम : फार्मा कंपनी में गैस रिसाव, 2 की मौत
विशाखापट्टनम में एक बार फिर गैस रिसाव की घटना हुई है। सोमवार रात एक फार्मास्युटिकल कंपनी में गैस रिसाव होने से दो लोगों की मौत हो गई जबकि चार अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना शहर के परवादा इलाके में जवाहर फार्मा सिटी में स्थित फार्मा कंपनी सेनर लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड में सोमवार रात 11.30 बजे के आसपास हुई, हालांकि यह मंगलवार तड़के सामने आया।
राजस्व विभागीय अधिकारी पी. किशोर ने घटनास्थल पर संवाददाताओं को बताया कि हाइड्रोजन सल्फाइड का रिसाव हुआ जब इसे एक रिएक्टर से दूसरे में पंप किया जा रहा था।
शुरू में, लीक हुई गैस के बेन्जीमिडेजोल होने की आशंका जताई गई थी।
गैस की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई जबकि चार अन्य अस्पताल में भर्ती हैं, इनमें से एक की हालत गंभीर है।
मृतकों की पहचान शिफ्ट इंचार्ज आर. नरेंद्र (33) और केमिस्ट एम. गौरी शंकर (26) के रूप में हुई है।
एक सहायक एल.वी. चंद्रशेखर की हालत गंभीर है, उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। अन्य खतरे से बाहर हैं और उनकी पहचान पी. आनंद बाबू ( एक सहायक) और डी. जानकी राव और एम. सूर्य नारायण (दोनों केमिस्ट) के रूप में हुई।
विशाखापट्टनम के पुलिस अधीक्षक आर. के. मीणा और जिला अधिकारी विनय चंद ने संयंत्र का दौरा किया। जिलाअधिकारी ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने घटना के बारे में जानाकरी ली है। एहतियात के तौर पर फैक्ट्री को बंद कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री के कार्यालय की ओर से एक बयान में कहा गया है, “अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को सूचित किया कि रिसाव केवल रिएक्टर यूनिट तक ही सीमित था और घबराने की जररूत नहीं है क्योंकि स्थिति नियंत्रण में है।”
मीणा ने संवाददाताओं से कहा कि घटना के संदर्भ में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की जाएगी और जांच की जाएगी।
आरडीओ ने कहा कि गैस रिसाव पर तुरंत काबू कर लिया गया। फार्मा सिटी या आसपास के इलाकों में अन्य इकाइयों को कोई खतरा नहीं है।
पेंदुर्थी के विधायक अन्नमरेड्डी अदीप राज ने कहा कि कंपनी प्रबंधन की लापरवाही से गैस का रिसाव हुआ। उन्होंने कहा कि गैस पंप करते समय आवश्यक सावधानी नहीं बरती गई और इससे हादसा हुआ।
पांच साल में कंपनी में हुई यह दूसरी घटना है। सितंबर 2015 में सेनॉर लाइफ साइंसेज के सक्रिय दवा सामग्री निर्माण संयंत्र में एक रिएक्टर विस्फोट में एक फार्मासिस्ट सहित दो कर्मचारियों की मौत हो गई थी और पांच घायल हो गए थे।
इससे पहले इस साल 7 मई को एलजी पॉलिमर प्लांट में स्टायरीन गैस रिसाव हादसे में कुल 12 लोगों की मौत हो गई थी और आसपास के गांवों के लगभग 500 लोग प्रभावित हुए थे।
अपराध
मुंबई : नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी, फर्जी आईएएस अधिकारी गिरफ्तार

मुंबई, 11 अक्टूबर: मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया। पुलिस ने खुद को आईएएस अधिकारी बताने वाले एक ठग को गिरफ्तार किया है, जो अब तक 36 नौकरी के इच्छुक युवाओं से कुल 2.88 करोड़ रुपए की ठगी कर चुका है।
आरोपी की पहचान सोलापुर जिले के बार्शी निवासी 35 वर्षीय नीलेश राठौड़ के रूप में हुई है। वह खुद को स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) में उप सचिव बताकर लोगों को सरकारी नौकरी का झांसा देता था। मुंबई पुलिस की जांच में सामने आया है कि उसने आयकर विभाग में इंस्पेक्टर और सहायक जैसे पदों के लिए फर्जी भर्तियों का झांसा देकर लाखों रुपए वसूले।
सहार पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 318, 319, 336, 338 और 340 के तहत केस दर्ज किया गया है।
यह मामला तब सामने आया जब नवी मुंबई निवासी संतोष खरपुड़े ने शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि आरोपी ने उनसे और अन्य कई उम्मीदवारों से बड़ी रकम वसूली। सहायक पद के लिए 4 लाख और निरीक्षक पद के लिए 6 लाख रुपए की मांग की गई थी।
नीलेश राठौड़ ने मई 2023 में अंधेरी ईस्ट के एक होटल में इंटरव्यू का नाटक रचा और हर उम्मीदवार से करीब 10 लाख रुपए वसूल लिए। आरोपी ने फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिए, सरकारी अस्पतालों में फर्जी मेडिकल जांच कराई और पुलिस वेरिफिकेशन के जाली दस्तावेज भी उपलब्ध कराए ताकि पूरी प्रक्रिया असली लगे।
कुछ महीनों तक जब पीड़ितों को नियुक्ति पत्र नहीं मिला, तो उन्होंने खुद आयकर विभाग से संपर्क किया और उन्हें पता चला कि ऐसी कोई भर्ती प्रक्रिया चल ही नहीं रही है।
जब पीड़ितों ने राठौड़ से जवाब मांगा, तो उसने शुरुआत में पैसे लौटाने का वादा किया, लेकिन बाद में कॉल और मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया। इसके बाद सहार पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ और ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की।
जांच में यह भी सामने आया है कि राठौड़ ने कई फर्जी दस्तावेज तैयार किए और यह तक दावा किया कि वह दिल्ली में अपने संपर्कों के जरिए भारतीय सेना में भी नौकरी दिलवा सकता है।
मुंबई पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है और मामले की गहराई से जांच जारी है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या आरोपी के साथ और लोग भी इस ठगी में शामिल थे।
अपराध
मुंबई अपराध: कुर्ला में एचडीआईएल कंपाउंड स्थित एसआरए बिल्डिंग में 32 वर्षीय बीएमसी कर्मचारी मृत मिला; पुलिस ने जांच शुरू की

मुंबई: पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का एक 32 वर्षीय कर्मचारी गुरुवार दोपहर कुर्ला (पश्चिम) स्थित एचडीआईएल कंपाउंड स्थित स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (एसआरए) परियोजना की बिल्डिंग नंबर 9 में मृत पाया गया। घटना की सूचना वीबी नगर पुलिस स्टेशन को शाम करीब 4:30 बजे मिली।
पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान घाटकोपर क्षेत्र निवासी राजेश परमार के रूप में हुई है, जो बीएमसी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (एसडब्ल्यूएम) विभाग, एफ नॉर्थ वार्ड में काम करता था।
शव को पोस्टमॉर्टम के लिए राजावाड़ी अस्पताल भेज दिया गया है। मौत का सही कारण अभी अज्ञात है और आगे की जाँच जारी है।
अपराध
मुंबई क्राइम ब्रांच ने हाई-प्रोफाइल अपहरण और जबरन वसूली मामले में 1,900 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया

मुंबई: मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक हाई-प्रोफाइल अपहरण और जबरन वसूली मामले में 14 गिरफ्तार और 5 वांछित आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत 1,900 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया है। विशेष मकोका अदालत में पेश किए गए आरोपपत्र में 45 गवाहों के बयान शामिल हैं।
जाँच के अनुसार, शिकायतकर्ता शब्बीर हुसैन मुबारक सिद्दीकी (45) ने आरोप लगाया कि उसके दोस्त साजिद इलेक्ट्रिकवाला ने 31 मार्च, 2025 को सरवर खान से एक अवैध एमडी (मेफेड्रोन) दवा निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए ₹50 लाख लिए थे। जब साजिद ने दवाइयाँ नहीं दीं और पैसे वापस नहीं किए, तो सरवर खान ने यूनुस थाईचारपिल और अन्य साथियों के साथ मिलकर 12 जून, 2025 को अंधेरी (पश्चिम) स्थित होटल अलीबाबा से सिद्दीकी और साजिद का अपहरण कर लिया। दोनों को नेरल के एक कमरे में ले जाया गया, जहाँ उनके साथ मारपीट की गई और उन्हें बंधक बना लिया गया।
14 जून, 2025 को सुबह लगभग 2:30 बजे, सिद्दीकी पीछे की खिड़की से भागने में कामयाब रहा, लेकिन साजिद बंदी बना रहा। अपने दोस्त की जान को खतरा होने पर, सिद्दीकी ने ओशिवारा पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 111, 115(2), 127, 140(1), 140(2), 189(2) और 190 के तहत मामला दर्ज किया गया।
बाद में, वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर, मामला अपराध शाखा के जबरन वसूली निरोधक प्रकोष्ठ (यूनिट 3) को स्थानांतरित कर दिया गया, जहाँ इसे पुनः पंजीकृत किया गया। जाँच के दौरान, पुलिस ने 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया और गिरोह के सरगना के रूप में मोहम्मद तौसीफ उर्फ तौसीफ मचांडी की पहचान की। साक्ष्यों से पता चला कि आरोपियों ने जबरन वसूली और मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल एक संगठित अपराध गिरोह बनाया था।
आरोपियों के खिलाफ मकोका अधिनियम, 1999 की धारा 3(1)(ii), 3(2) और 3(4) के तहत आरोप लगाए गए। 9 अक्टूबर को दायर आरोपपत्र में बीएनएस 2023 की धारा 111, 115(2), 127, 140(1), 140(2), 189(2), 189(4), 190, 305(5), 61(2) के साथ-साथ आर्म्स एक्ट की धारा 3(25), मुंबई पुलिस अधिनियम की धारा 37(1)(ए), 135, मकोका अधिनियम की धारा 3(1)(ii), 3(2), 3(4) और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27ए के तहत आरोप शामिल हैं।
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