राष्ट्रीय समाचार
महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ मंदिर में वीआईपी दर्शन बंद, श्रद्धालुओं के लिए विशेष नियम लागू
वाराणसी, 25 फरवरी। काशी विश्वनाथ मंदिर में 25 से 27 फरवरी तक वीआईपी दर्शन की सुविधा नहीं मिलेगी। मंदिर प्रशासन ने महाशिवरात्रि पर भक्तों की भारी भीड़ की आशंका के चलते ये फैसला लिया है।
काशी विश्वनाथ ट्रस्ट ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दी। लिखा, “महाशिवरात्रि पर मंगलवार से तीन दिनों तक प्रोटोकॉल दर्शन व्यवस्था पर पूरी तरह से रोक रहेगी। मंदिर न्यास के अधिकारियों ने महाशिवरात्रि के लिए बनाई गई व्यवस्था में सहयोग की काशीवासियों से अपील की है। काशीवासियों ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर न्यास की व्यवस्था में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है।”
दरअसल, पारंपरिक रूप से पर्व या किसी विशेष तिथि पर काशी विश्वनाथ धाम में पांच से छह लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते थे, लेकिन महाकुंभ शुरू होने के बाद से प्रतिदिन सात लाख या उससे अधिक भक्त मंदिर में दर्शन करने आते हैं। इस अवसर पर 26 फरवरी को श्रद्धालुओं की संख्या 14 से 15 लाख के बीच हो सकती है, जिससे भीड़ प्रबंधन में कई चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं।
मंदिर प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष तैयारियां शुरू कर दी हैं। मंदिर प्रशासन ने भक्तों से अपील की है कि वे अपनी सुविधानुसार समय लेकर दर्शन करें, क्योंकि कतार में विलंब हो सकता है। साथ ही, सलाह दी गई है कि पेन, कंघा, मोबाइल, बेल्ट, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, चाबी आदि सामान घर या होटल में छोड़कर आएं ताकि सुरक्षा व्यवस्था में किसी प्रकार की अड़चन न आए।
महाशिवरात्रि के दिन, भक्तों को केवल झांकी दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी और मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। सुरक्षा प्रबंध में कड़ी इंतजाम किए गए हैं जिससे किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
विशेष व्यवस्था के तहत वृद्धजनों और दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की सुविधा रखी गई है। गोदौलिया और मैदागिन से गोल्फ कार्ट या ई-रिक्शा द्वारा भी भक्त बाबा दरबार तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा, मंदिर के कर्मचारियों की सहायता से वृद्धजनों का जल्दी दर्शन कराकर उन्हें धाम क्षेत्र से बाहर निकालने का भी प्रबंध किया गया है।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई में खौफनाक वारदात, खाना नहीं लाने पर टैक्सी ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या

मुंबई, 4 नवंबर: मुंबई के साकीनाका थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है, जो मामूली विवाद से शुरू होकर हत्या तक पहुंच गया। खाना नहीं लाने पर चार टैक्सी ड्राइवर ने अपने ही साथी की पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य तीन आरोपी फरार हैं।
जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले पांच ड्राइवर मुंबई में रहकर टैक्सी चलाने का काम करते थे। सभी साकीनाका क्षेत्र में एक ही कमरे में किराए पर रहते थे और आपस में रिश्तेदार भी थे। रोजाना बारी-बारी से इनमें से कोई एक सभी के लिए खाना लाने का काम करता था।
घटना वाले दिन जावेद खान (42) की बारी थी कि वह सबके लिए खाना लाए, लेकिन किसी वजह से वह खाना नहीं ला सका। इसी बात को लेकर उसके साथियों शबाज खान और उसके पिता व दोनों चाचा से कहासुनी हो गई। मामूली कहासुनी धीरे-धीरे झगड़े में बदल गई। गुस्से में आए आरोपियों में से एक ने कमरे में रखा डंडा उठाया और जावेद के सिर पर वार कर दिया। इसके बाद बाकी तीनों ने भी उसे बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया।
सिर पर गंभीर चोट लगने से जावेद खान की मौके पर ही मौत हो गई। वारदात के बाद चारों आरोपी अपनी-अपनी टैक्सियां लेकर फरार हो गए। आसपास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद साकीनाका पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा। इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी है।
पुलिस ने तेजी से जांच शुरू की और चार आरोपियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं, जिनकी मदद से बाकी तीनों आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि चारों आरोपी आपस में रिश्तेदार हैं और सभी प्रतापगढ़ के एक ही गांव के रहने वाले हैं।
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एक नए युग में प्रवेश कर रही भारत की ऊर्जा-यात्रा : हरदीप सिंह पुरी

HARDIP
नई दिल्ली, 4 नवंबर: केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि भारत की ऊर्जा यात्रा एक नए युग में प्रवेश कर रही है।
केंद्रीय मंत्री पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में लिखा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में मिशन अन्वेषण भारत के इतिहास में एक सबसे बड़ा सिस्मिक मैपिंग प्रोग्राम बन गया है, जिसे बीते वर्ष अक्टूबर में 792 करोड़ रुपए के निवेश से लॉन्च किया गया था।”
उन्होंने एक वीडियो शेयर कर जानकारी दी कि कई दशकों से हम अपनी अधिकतर जरूरतों के लिए ऑयल और गैस पर निर्भर रहे हैं। यहां तक कि आज भी इनसे हमारी ऊर्जा की 80 प्रतिशत जरूरत पूरी हो रही है।
उन्होंने बताया कि दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में हमारी मांग समय के साथ लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसी के साथ अनुमान है कि अगले दो दशकों में ग्लोबल एनर्जी डिमांड ग्रोथ में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी भारत की ओर से दर्ज की जाएगी और इस फ्यूचर के निर्माण के लिए ही भारत अपने आंतरिक बदलावों पर ध्यान दे रहा है।
हम अपनी ही जमीन और समुद्र के नीचे छिपी दौलत की ओर ध्यान दे रहे हैं और यही मिशन अन्वेषण की भावना है।
इस मिशन को लेकर आगे जानकारी देते हुए वीडियो में बताया गया है कि मिशन का उद्देश्य देश भर में 20 हजार ग्राउंड लाइन किलोमीटर्स से अधिक की मैपिंग करना है।
उन्होंने मिशन की प्रगति को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक कुल 8000 ग्राउंड-लाइन किलोमीटर्स का सर्वेक्षण किया जा चुका है।
वीडियो में दी गई जानकारी के अनुसार, राजस्थान के रेगिस्तान से लेकर कृष्णा-गोदावरी बेसिन की गहराइयों तक सात सेडिमेंट्री बेसिन की सबसे एडवांस्ड सिस्मिक टेक्नोलॉजी से स्टडी की जा रही है। इसी के साथ हमारे अंडरग्राउंड रिजर्व की कहानी कैप्चर, प्रोसेस और इंटरप्रेट की जा रही है।
केंद्रीय मंत्री पुरी के अनुसार, नए ऑयल और गैस फील्ड्स को खोजने, घरेलू उत्पादन को मजबूत बनाने, महंगे आयात पर से निर्भरता कम करने और भारत को ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाने के साथ हमारा लक्ष्य स्पष्ट और शक्तिशाली है।
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दिल्ली दंगा: मुझपर UAPA के तहत कोई केस नहीं बनता, शिफा उर रहमान ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

नई दिल्ली: दिल्ली दंगे मामले में आरोपी व एक्टिविस्ट शिफ़ा उर रहमान ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उन्हें ‘चुनकर फंसाया गया’ है और उनके खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून के तहत कोई अपराध नहीं बनता। उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर और रहमान पर यूएपीए और पुराने आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
आरोपियों पर ये है आरोप
इस मामले में पुलिस का आरोप है कि वे फरवरी 2020 के दंंगों के ‘मास्टरमाइंड’ थे, जिनमें 53 लोगों की मौत हुई और 700 से अधिक घायल हुए थे। यह हिंसा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान भड़की थी।
किसी भी गवाह ने नहीं की यह बात
रहमान की ओर से पेश सीनियर वकील सलमान खुर्शीद ने जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन. वी. अंजारिया की बेंच से कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व छात्रसंघ के अध्यक्ष के रूप में रहमान की भूमिका में किसी भी गवाह ने यह नहीं कहा कि वह हिंसा में शामिल थे।
वकील ने कोर्ट में दी दलील
वकील ने कहा कि नागरिकों को उस कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करने का अधिकार है, जिससे वे असहमत है, और शांतिपूर्ण विरोध को अपराधी आचरण के समान नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा, ‘उन्हें चुन-चुन कर आरोपी बनाया गया है।
यूएपीए के तहत नहीं साबित होता आरोप
यूएपीए के तहत कोई आरोप साबित नहीं होता, भले ही हम सभी आरोपों को सही मान लें। उन्होंने मुकदमे में कोई देरी नहीं की। कृपया उनका बैकग्राउंड देखा जाए। उन्होंने स्थानीय निकायों के लिए काम किया है, और जामिया को अपना घर मानते हैं।
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