राजनीति
स्मृति की दिल्ली रैली से यमुना पर रहने वाले ग्रामीण भी जुड़ेंगे

दिल्ली में यमुना नदी के पास चक चीला गांव के निवासी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की रैली में भी भाग लेंगे, क्योंकि पार्टी के नेताओं ने यहां उनके संबोधन के प्रसारण के लिए टेलीविजन और इन्वर्टर की व्यवस्था की है। यह जानकारी शनिवार को पार्टी के नेताओं ने दी।
ईरानी की रैली भाजपा के सुशासन प्रकोष्ठ के नेता वीरेंद्र सचदेवा द्वारा राष्ट्रीय राजधानी के गांव में आयोजित की जा रही है, जिन्होंने 25 मार्च से 14 मई तक राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान 55 दिनों के लिए गांव के 50 से अधिक निवासियों को भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए हैं।
चक चीला गांव यमुना नदी में बसा है, जहां से दिल्ली-नोएडा-डायरेक्ट फ्लाईवे मयूर विहार और महारानी बाग को जोड़ता है।
यह गांव दिल्ली विधानसभा से सिर्फ सात से आठ किलोमीटर दूर स्थित है। गांव तक पहुंचने के लिए सबसे पहले यमुना खादर तक पहुंचना पड़ता है और फिर वहां से नाव की सवारी करनी होती है। गांव तक पहुंचने में नाव से लगभग 10-15 मिनट लगते हैं, जो कि हवा की गति और पानी के प्रवाह के आधार पर निर्धारित है और इसमें कुछ मिनट कम या अधिक भी लग सकते हैं।
सचदेवा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “गांव नदी के बीच में स्थित है और लंबे समय तक राष्ट्रीय राजधानी और सरकार की योजनाओं से कट गया है।”
उन्होंने कहा, “हम नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले वर्ष में शुरू की गई योजनाओं के बारे में चक चीला गांव के निवासियों को जागरूक करने के लिए रैली के प्रसारण की व्यवस्था कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि यह उन्हें दुनिया से जोड़ने की एक पहल है, क्योंकि वे शहर की सरकार से मदद मिले बिना यहां रह रहे हैं।
चक चीला गांव दिल्ली के पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस इलाके से विधायक हैं।
हाई प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्र होने के बावजूद, गांव विकास से कटा हुआ है।
ग्रामीणों को राशन, दवाइयां और अन्य जरूरी सामानों के लिए नाव की सवारी करनी पड़ती है।
यहां तक कि पीने के पानी के लिए भी लोगों को ओखला की यात्रा करनी पड़ती है और अपने मोबाइल फोन को चार्ज करने के लिए वे सोलर लैंप पर निर्भर हैं।
यहां तक कि गांव के बच्चे भी ओखला में अपने स्कूलों और कॉलेजों तक पहुंचने के लिए नाव की सवारी करते हैं।
राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान भाजपा का सुशासन प्रकोष्ठ पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार फेज-1 इलाके में स्थित अपने सामुदायिक रसोईघर से तैयार भोजन के पैकेट गांववासियों को उपलब्ध कराता रहा है, क्योंकि बंद के कारण ग्रामीण बेरोजगार हो गए थे।
भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी के दिल्ली महासचिव सिद्धार्थन भी ग्रामीणों के साथ सुदूर यमुना नदी की इस रैली में शामिल होंगे।
राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान चक चीला गांव में रहने वाले ग्रामीणों की दुर्दशा की रिपोर्ट करने वाला आईएएनएस सबसे पहला संस्थान है। यहां के लोगों को सरकार से कोई मदद नहीं मिल सकी है।
सचदेवा को उम्मीद है कि लगभग 15-20 वर्षों से गांव में निवास कर रहे ग्रामीण, पिछले छह वर्षों में मोदी सरकार द्वारा गरीबों की हितों में शुरू की गई नीतियों को पहचान पाएंगे।
दिल्ली भाजपा ने शनिवार शाम को ईरानी द्वारा संबोधित की जाने वाली रैली के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम 25 लाख लोगों तक पहुंचने की योजना बनाई है।
ईरानी के संबोधन को सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, टेलीग्राम और अन्य माध्यमों पर प्रसारित किया जाएगा।
उनके संबोधन को दिल्ली भाजपा के सभी बड़े नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट्स से जुड़े लाखों लोग सुनेंगे।
राजनीति
दिल्ली : जिला कांग्रेस अध्यक्षों की बैठक संपन्न, संगठन सशक्तिकरण और चुनावी रणनीति पर हुई चर्चा

नई दिल्ली, 5 अप्रैल। दिल्ली कांग्रेस ने जिला स्तर पर अपने संगठन को सशक्त करने के लिए जिला कांग्रेस समिति अध्यक्षों की बैठक का तीसरा और अंतिम चरण शुक्रवार को नई दिल्ली के इंदिरा भवन में संपन्न किया।
इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल सहित वरिष्ठ नेताओं ने जिला अध्यक्षों के सुझावों पर मंथन किया।
बैठक का मुख्य उद्देश्य संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करना, मतदाता सूची सत्यापन को बेहतर करना और कार्यप्रणाली में सुधार लाना रहा।
अपने संबोधन में मल्लिकार्जुन खड़गे ने जिला अध्यक्षों को संगठन की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी बताते हुए कहा कि पार्टी के विचारों और कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाने में उनकी भूमिका अहम है। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पूरे दमखम के साथ तैयारी करने और भाजपा-आरएसएस की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। कांग्रेस को भाजपा-आरएसएस की जनविरोधी और संविधान विरोधी सोच के खिलाफ लगातार लड़ना होगा। जनता के मुद्दों को उठाना होगा। इस दौरान उन्होंने बेलगावी के अधिवेशन में कांग्रेस द्वारा 2024-25 को संगठन सशक्तिकरण वर्ष मनाने के फैसले की भी याद दिलाई।
खड़गे ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता जनकल्याण नहीं, बल्कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण है। उन्होंने संसद के देर रात तक संचालन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर बहस की बजाय सरकार चुपके से वैधानिक कार्य निपटाती है। सरकार संसद को रात के चार बजे तक महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक विफलता, अमेरिका के टैरिफ के खिलाफ बहस करने के लिए नहीं चलाती है। रात के अंधेरे में मणिपुर पर बहस कराती है, ताकि चुपके से वैधानिक कार्य हो सके। उन्होंने जिला अध्यक्षों से यह भी कहा कि सभी को चुनाव प्रक्रिया पर निगरानी रखने, वोटर लिस्ट से छेड़छाड़ को रोकने के लिए प्रयास करने होंगे।
बैठक के बाद के.सी. वेणुगोपाल और पवन खेड़ा ने बताया कि तीन चरणों में कुल 862 जिला अध्यक्षों ने हिस्सा लिया। बूथ प्रबंधन, मतदाता सूची सत्यापन, विचारधारा प्रशिक्षण और सोशल मीडिया रणनीति पर विस्तृत चर्चा हुई। उनके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों, महासचिवों और विभिन्न राज्य प्रभारियों ने भी भागीदारी की।
वेणुगोपाल ने 8-9 अप्रैल को अहमदाबाद में होने वाले कांग्रेस के ऐतिहासिक अधिवेशन की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह अधिवेशन साबरमती नदी के तट पर होगा और इसकी टैगलाइन ‘न्यायपथ: संकल्प, समर्पण और संघर्ष’ होगी। यह अधिवेशन महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की 100वीं वर्षगांठ और सरदार पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर गुजरात में आयोजित हो रहा है। उन्होंने बताया कि 8 अप्रैल को विस्तारित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक सरदार वल्लभभाई पटेल स्मारक स्थल पर होगी। 9 अप्रैल को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का अधिवेशन होगा।
राजनीति
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ताशकंद में 150वीं आईपीयू बैठक में होंगे शामिल

नई दिल्ली, 5 अप्रैल। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 5 से 9 अप्रैल तक उज्बेकिस्तान के ताशकंद में आयोजित हो रहे अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की 150वीं सभा में भाग लेंगे। बिरला भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला “सामाजिक विकास और न्याय हेतु संसदीय कार्रवाई” विषय पर सभा को संबोधित करेंगे।
लोकसभा अध्यक्ष इस सभा में भाग लेने के साथ ही अन्य सांसदों के पीठासीन अधिकारियों से भी भेंट करेंगे।
ताशकंद यात्रा के दौरान, ओम बिरला उज्बेकिस्तान में रहने वाले भारतीय समुदाय के सदस्यों और भारतीय छात्रों से भी बातचीत करेंगे।
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में पुष्टि की गई कि बिरला सांसदों के एक प्रतिष्ठित समूह के साथ सदन में होने वाली चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
भारतीय संसदीय शिष्टमंडल में राज्य सभा के उपसभापति, हरिवंश, भर्तृहरि महताब, अनुराग सिंह ठाकुर, विष्णु दयाल राम, अपराजिता सारंगी,डॉ. सस्मित पात्रा, अशोक कुमार मित्तल, किरण चौधरी, लता वानखेड़े, बिजुली कलिता मेधी तथा लोक सभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह और राज्य सभा के महासचिव पीसी.मोदी शामिल हैं।
आईपीयू सभा में भारतीय प्रतिनिधि विभिन्न आईपीयू निकायों की महत्वपूर्ण चर्चाओं और बैठकों में भाग लेंगे, जिनमें गवर्निंग काउंसिल, कार्यकारी समिति और कई विषयगत पैनल चर्चाएं शामिल होंगी।
सभा को संबोधित करने के अलावा, अध्यक्ष बिरला अन्य संसदों के अपने समकक्षों के साथ अपने दृष्टिकोण साझा करेंगे तथा प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर भारत की वर्तमान स्थिति को बढ़ावा देंगे।
महाराष्ट्र
वक्फ संपत्तियों पर भूमि माफिया के खिलाफ संघर्ष : नया संशोधित बिल चुनौतियां बढ़ा रहा है

नई दिल्ली : वक्फ संपत्तियों की रक्षा करने और उनके लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने की लड़ाई पहले से ही भूमि माफिया, अतिक्रमणकारियों और अवैध समूहों के कारण कठिन थी। अब सरकार द्वारा पेश किया गया नया संशोधित बिल इस संघर्ष में एक और बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। एडवोकेट डॉ. सैयद एजाज अब्बास नक़वी ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है और तुरंत सुधारों की मांग की है। उन्होंने कहा कि वक्फ का मुख्य उद्देश्य जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाना था, लेकिन दुर्भाग्यवश यह उद्देश्य पूरी तरह असफल हो गया है। दूसरी ओर, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC), जो सिख समुदाय की सबसे बड़ी धार्मिक संस्था है, दशकों से अपने समुदाय के कल्याण में सक्रिय रूप से लगी हुई है। इसके परिणामस्वरूप, सिख समाज में भिखारियों और मानव रिक्शा चालकों की संख्या लगभग समाप्त हो गई है।
वक्फ भूमि पर अवैध कब्जे और दुरुपयोग उजागर :
डॉ. नक़वी के अनुसार, वक्फ संपत्तियों को सबसे अधिक नुकसान स्वार्थी समूहों द्वारा किए गए अवैध अतिक्रमणों से हुआ है। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य यह है कि कई वक्फ संपत्तियां मूल रूप से सैयद परिवारों की दरगाहों के लिए दान की गई थीं, लेकिन उनका भारी दुरुपयोग किया गया। उन्होंने खुलासा किया कि एक प्रसिद्ध व्यक्ति ने मुंबई के ऑल्टामाउंट रोड पर स्थित एक एकड़ प्रमुख वक्फ भूमि को मात्र 16 लाख रुपये में बेच दिया, जो वक्फ के सिद्धांतों और कानूनों का खुला उल्लंघन है।
धारा 52 में सख्त संशोधन की मांग :
डॉ. नक़वी ने सरकार से वक्फ संपत्तियों को अवैध रूप से बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है। उन्होंने वक्फ अधिनियम की धारा 52 में तत्काल संशोधन कर मृत्युदंड या आजीवन कारावास जैसी कड़ी सजा का प्रावधान करने की मांग की है। यह मुद्दा उन लोगों के लिए एक बड़ा झटका है जो वक्फ संपत्तियों की रक्षा के लिए पहले से ही भ्रष्ट तत्वों और अवैध कब्जाधारियों से लड़ रहे हैं। यह देखना बाकी है कि क्या सरकार इन चिंताओं को गंभीरता से लेती है और वक्फ भूमि की सुरक्षा के लिए प्रभावी कानून लागू करती है।
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