अपराध
ब्लैकमेलर युवती का वीडियो वायरल, मेनका गांधी दे चुकी हैं जांच के आदेश
मध्यप्रदेश के इंदौर में एक युवती का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में युवती तिलक नगर थाना पुलिस पर गंभीर आरोप लगाती हुई नजर आ रही है। युवती का कहना है कि घर में 40 आवारा कुत्तों को आश्रय देने के कारण उसे यह परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं। इस युवती के खिलाफ उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के दादरी और बिसरख थाने में भी शिकायत दर्ज हुई है। वायरल वीडियो करीब 9 मिनट का है, जिसमें पुलिस पर कई अन्य आरोप भी लगाए गए हैं। युवती वीडियो में कह रही है कि शिकायत करने पर पुलिस मदद करने के बजाय उसे परेशान और प्रताड़ित करती है।
वीडियो वारयल होने के बाद इंदौर की तिलग नगर पुलिस ने भी एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें पुलिस ने इस लड़की के आरोपों को गलत बताया और कहा कि यह युवती कई लोगों को फंसाने की धमकी दे चुकी है, जिसमें एक चौकीदार भी शामिल है।
पुलिस ने बताया कि इस युवती का नाम समरीन बानो और इसके पिता नाम दिलशाद सिद्दीकी है और ये मूल रूप से मेरठ की निवासी है।
इंदौर के तिलग नगर थाने के एसएचओ दिनेश वर्मा ने आईएएनएस को बताया, “इस लड़की के खिलाफ आस-पास के लोगों ने शिकायत की है। यह युवती जहां रहती है, वहां के लोग परेशान हैं। युवती कुत्तों को मारती है। अभद्र भाषा का इस्तमाल करती है और अब ये वीडियो में पुलिस पर झूठे आरोप लगा रही है कि हमने कोई कार्रवाई नहीं की।”
उन्होंने आगे कहा, “इस युवती ने 9 मार्च को एक शिकायत दी थी, जिसमें उसने 70 वर्षीय एक बुजुर्ग पर परेशान करने का आरोप लगाया था। हमने बुजुर्ग को गिरफ्तार भी कर लिया था।”
वर्मा ने बताया, “इस युवती ने 3-4 अलग-अलग स्थानों पर अपने नाम बदले हैं। गोवा में डेजी तो पुणे में उसका नाम कादंबरी है। उसका फेसबुक अकाउंट साक्षी शर्मा नाम से बना हुआ है। इस युवती के खिलाफ भी काफी शिकायत हैं। जैसे, लोगों से पैसे मांगना, लोगों को गालियां देना, पैसा न देने पर सेक्सुअल असॉल्ट करना। अब धीरे-धीरे लोगों को इस युवती की सच्चाई पता चल रही है। हम मामले की जांच कर रहे हैं और सभी पहलुओं को देख रहे हैं।”
इस युवती पर आरोप है कि ये कुत्तों को आश्रय देने के बहाने आस-पड़ोस के लोगों से पैसा मांगती है और जो पैसा नहीं देता है, उस पर गंभीर आरोप लगाती है। इस युवती के खिलाफ कई बार शिकायतें की गई हैं।
उन्होंने कहा कि इस युवती के खिलाफ ग्रेटर नोएडा के दादरी और बिसरख थाने में भी शिकायत दर्ज हुई है।
उधर, गौतमबुद्धनगर पीपुल फॉर एनिमल की अध्यक्ष कावेरी राणा ने आईएएनएस को बताया, “इस युवती ने दादरी के ओमिक्रोन में एक अंकल का घर कब्जा किया हुआ था और उनको सेक्सुअल हरासमेंट के मामले में फंसाने की धमकी दी थी।”
उन्होंने कहा, “दो महीने पहले इसने मुझ पर आरोप लगाया था कि मैंने इसे पीटा है। उस वक्त केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने जांच के आदेश दिए थे। जब बिसरख थाना और चिपयाना बुजुर्ग थाने की पुलिस ने जांच शुरू की तो युवती रातोरात भाग गई।”
कावेरी ने बताया कि ग्रेटर नोएडा में वह निधि नाम से रहती थी, फिर कादंबरी नाम से रही, फिर शिखा नाम से रही। अब इंदौर में साक्षी नाम से रह रही है। इसके बहुत सारे फर्जी अकाउंट हैं।
यह युवती उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में भी रही है और यहां भी उस पर कई तरह के आरोप लगे हैं। यह युवती जहां भी रहती है, वहां के लोगों को परेशान करती है। इस युवती के कारनामों के बारे में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को भी पता है।
उन्होंने आईएएनएस को बताया, “वो पूरी तरह से फ्रॉड है। कई दफा ऐसा कर चुकी है। वो युवती किसी न किसी के खिलाफ इस तरह के वीडियो हर 6 महीने में निकालती है। उसके नीचे अपना पेटीएम नंबर डालती है।”
उन्होंने बतया कि इस युवती के खिलाफ 7 शहरों में फर्जीवाड़े के मामले दर्ज हैं। पहले दिल्ली में थी, फिर नोएडा चली गई, उसके बाद पंजाब गई। वहां से भागी तो हैदराबाद चली गई। फिर गोवा गई और वहां से भागी तो इंदौर चली गई।
मेनका गांधी ने कहा, “मुझे पता था ये फर्जीवाड़ा करने वाली है। तीन महीने पहले इसने नोएडा में फर्जीवाड़ा किया। कभी ये मुस्लिम बनती है तो कभी ईसाई बनती है तो कभी हिंदू बनती है।”
उन्होंने कहा, “उसके पास एक भी कुत्ता नहीं है, वो सड़क के कुत्तों की तस्वीर लेती है और कहती है, मेरे हैं। तस्वीर दिखाकर वह कुत्तों को पालने के नाम पर लोगों से पैसे मांगती है। जब उसको पैसा मिल जाता है तो वहां से भाग जाती है।”
इस युवती के विरुद्ध बहुत सारी शिकायतें अलग-अलग जगहों पर हुई हैं। व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी इस युवती के विरुद्ध शिकायतें हैं।
अपराध
मुंबई एयरपोर्ट पर कस्टम की बड़ी कार्रवाई, 11 किलो हाइड्रोपोनिक वीड बरामद, दो यात्री गिरफ्तार

मुंबई, 23 अगस्त। मुंबई कस्टम विभाग के एयरपोर्ट कमीश्नरेट ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दो यात्रियों को गिरफ्तार किया है। इन यात्रियों के पास से भारी मात्रा में प्रतिबंधित मादक पदार्थ बरामद किया गया है।
कस्टम विभाग के मुताबिक, यह कार्रवाई छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (सीएसएमआई), मुंबई पर शुक्रवार को की गई। प्रोफाइलिंग के आधार पर कस्टम अधिकारियों ने बैंकॉक से आए फ्लाइट नंबर वीजेड-760 से उतरने वाले दो यात्रियों को रोका। जब उनके सामान की जांच की गई तो अधिकारियों को उनके ट्रॉली बैग से 11.78 किलोग्राम संदिग्ध हाइड्रोपोनिक वीड बरामद हुआ।
जब्त किए गए नशीले पदार्थ की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत करीब 11.78 करोड़ रुपए बताई जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि ड्रग्स को बड़े ही चालाकी से यात्रियों के चेक-इन किए गए ट्रॉली बैग के अंदर छिपाया गया था। दोनों यात्रियों को मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट, 1985 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इससे पहले, 11 अगस्त को खुफिया सूचना के आधार पर एक यात्री को रोका गया था, जो बैंकॉक से फ्लाइट नंबर 6ई1052 के जरिए मुंबई पहुंचा था। जांच के दौरान उसके डार्क ग्रे रंग के ट्रॉली बैग से कई दुर्लभ और संरक्षित जंगली जीव बरामद हुए थे। यात्री को कस्टम एक्ट, 1962 और वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, 1972 के तहत गिरफ्तार किया गया था।
वहीं, 10 अगस्त को बैंकॉक से फ्लाइट नंबर 6ई1060 से आए एक यात्री को जांच के दौरान रोका गया। इस यात्री के बैग से 2.339 किलो संदिग्ध हाइड्रोपोनिक वीड मिला, जिसकी कीमत लगभग 2.33 करोड़ रुपए आंकी गई। यहां भी मादक पदार्थ को बैग में सावधानी से छुपाया गया था। आरोपी को एनडीपीएस एक्ट, 1985 के तहत गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले, 9 अगस्त को बैंकॉक से फ्लाइट नंबर 6ई1052 से मुंबई पहुंचे एक यात्री को कस्टम अधिकारियों ने रोका था। यात्री के चेक-इन ट्रॉली बैग की जांच करने पर 2.873 किलो संदिग्ध हाइड्रोपोनिक वीड मिला, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 2.87 करोड़ रुपए बताई गई। आरोपी यात्री को एनडीपीएस (एनडीपीएस) एक्ट, 1985 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था।
अपराध
ठाणे अपराध: रेलवे स्टेशन के पास जुर्माना वसूलने पर 30 वर्षीय ऑटो-रिक्शा चालक ने ट्रैफिक पुलिस सब-इंस्पेक्टर पर हमला किया; मामला दर्ज

ठाणे: शुक्रवार दोपहर ठाणे में यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई के बाद 30 वर्षीय एक गुस्साए ऑटो रिक्शा चालक ने एक यातायात पुलिस उपनिरीक्षक पर कथित तौर पर हमला कर दिया।
आरोपी की पहचान ठाणे के राबोडी निवासी सदरुद्दीन काज़ी के रूप में हुई है। ठाणे यातायात पुलिस में तैनात पुलिस उप-निरीक्षक विजय बाबूराव कांबले (55) घटना के समय ठाणे रेलवे स्टेशन के पास यातायात प्रबंधन की ड्यूटी पर थे।
यह विवाद शुक्रवार दोपहर करीब 12:30 बजे हुआ, जब काज़ी को निर्धारित ऑटो-रिक्शा स्टैंड के बाहर एक यात्री को उठाते हुए देखा गया। यह उल्लंघन देखकर, पुलिस उपनिरीक्षक कांबले ने काज़ी से संपर्क किया और ऑनलाइन जुर्माना लगाया, जिसके बाद तीखी बहस हुई। बात जल्द ही मारपीट में बदल गई।
घटनास्थल पर मौजूद अन्य यातायात पुलिस कर्मी कांबले की मदद के लिए दौड़े और आरोपी को रोका। इसके बाद काजी को ठाणे नगर पुलिस स्टेशन ले जाया गया। इसके बाद काजी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
ठाणे नगर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक भरत चौधरी ने कहा, “हमने आरोपी के खिलाफ बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है। प्रारंभिक जाँच से पता चलता है कि आरोपी के ऑटो रिक्शा पर पहले भी कई बार जुर्माना लगाया जा चुका है। आगे की जाँच जारी है।”
अपराध
बैंक धोखाधड़ी मामला : सीबीआई ने फरार आरोपी दिनेश गहलोत को किया गिरफ्तार

CRIME
नई दिल्ली, 23 अगस्त। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बैंक धोखाधड़ी के एक बड़े मामले में फरार घोषित आरोपी दिनेश डी. गहलोत को गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई की इस कार्रवाई को काफी अहम माना जा रहा है।
सीबीआई के अनुसार, यह मामला 31 मई 2004 को दर्ज किया गया था, जिसमें दिनेश डी. गहलोत पर बैंक ऑफ बड़ौदा से जाली दस्तावेजों के जरिए हाउसिंग लोन लेकर धोखाधड़ी करने का आरोप था। जांच पूरी होने के बाद 30 अप्रैल 2007 को उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। हालांकि, दिनेश ने कोर्ट में पेश होने या समन/वारंट का जवाब देने से इनकार कर दिया और 2024 से फरार था। इसके बाद गहलोत के खिलाफ कई गैर-जमानती वारंट जारी किए गए थे। 9 दिसंबर 2024 को मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने उसके खिलाफ प्रोक्लेमेशन वारंट जारी किया था।
सीबीआई ने बताया कि दिनेश बार-बार अपना ठिकाना बदलता था और स्थानीय लोगों से अपनी असली पहचान छिपाकर कम संपर्क रखता था, जिससे उसकी तलाश मुश्किल हो रही थी।
सीबीआई ने आधुनिक तकनीक और डिजिटल ट्रैकिंग डेटाबेस का इस्तेमाल कर उसकी लोकेशन का पता लगाया। गहन जांच और स्थानीय पूछताछ के बाद सीबीआई ने दिनेश को नोएडा से 20 अगस्त 2025 को गिरफ्तार किया। उसे मुंबई की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
यह मामला दर्शाता है कि कैसे तकनीक-आधारित खुफिया प्लेटफार्मों का एकीकरण और जांच अधिकारियों के लगातार तथा समन्वित प्रयासों से लंबे समय से फरार अपराधियों को खोजने और पकड़ने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की परिचालन क्षमता को काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है।
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