राष्ट्रीय समाचार
पहचान को सबूत के रूप में स्वीकार करने से पहले आधार को सत्यापित करें: यूआईडीएआई

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने किसी भी तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए कहा है कि किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने के लिए भौतिक या इलेक्ट्रॉनिक रूप में आधार स्वीकार करने से पहले, संबंधित संस्थाओं को इसे सत्यापित करना चाहिए। यूआईडीएआई ने कहा है कि आधार धारक की सहमति के बाद आधार संख्या का सत्यापन किसी व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत आधार (आधार पत्र, ई-आधार, आधार पीवीसी कार्ड और एम-आधार) के किसी भी रूप की वास्तविकता स्थापित करने के लिए सही कदम है।
अधिकारियों ने कहा कि यह बेईमानों और असामाजिकों को किसी भी संभावित दुरुपयोग में शामिल होने से रोकता है। यह उपयोग स्वच्छता को भी बढ़ावा देता है और यूआईडीएआई के इस रुख पर जोर देता है कि कोई भी 12-अंकीय संख्या आधार नहीं है। आधार दस्तावेजों की छेड़छाड़ ऑफलाइन सत्यापन द्वारा पता लगाया जा सकता है, और छेड़छाड़ एक दंडनीय अपराध है और आधार अधिनियम की धारा 35 के तहत दंड के लिए उत्तरदायी है।
यूआईडीएआई ने राज्य सरकारों से उपयोग से पहले सत्यापन की आवश्यकता पर जोर देने का अनुरोध किया है, और राज्यों से आवश्यक निर्देश देने का आग्रह किया है ताकि जब भी आधार को पहचान के प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया जाए, तो पहचान दस्तावेज के रूप में आधार का उपयोग करते हुए संबंधित इकाई द्वारा निवासी का प्रमाणीकरण/सत्यापन किया जाए। अधिकारियों ने कहा कि यूआईडीएआई ने अनुरोध करने वाली संस्थाओं, प्रमाणीकरण/सत्यापन करने के लिए अधिकृत और अन्य संस्थाओं को सत्यापन की आवश्यकता पर जोर देने और प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए सकरुलर भी जारी किया है।
किसी भी आधार को एमआधार ऐप, या आधार क्यूआर कोड स्कैनर का उपयोग करके आधार के सभी रूपों (आधार पत्र, ई-आधार, आधार पीवीसी कार्ड, और एम-आधार) पर उपलब्ध क्यूआर कोड का उपयोग करके सत्यापित किया जा सकता है। क्यूआर कोड स्कैनर एंड्रॉइड और आईओएस आधारित मोबाइल फोन के साथ-साथ विंडो-आधारित एप्लिकेशन दोनों के लिए स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है।
राजनीति
कांग्रेस देश की मर्यादा खत्म कर रही है: शाहनवाज हुसैन

पटना, 5 मई। भाजपा के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कांग्रेस नेता अजय राय की राफेल को लेकर की गई टिप्पणी को शर्मनाक बताया है। भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस देश की मर्यादा को खत्म कर रही है।
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि देश में विदेशी मुद्दे पर एक रहने की बात है, लेकिन कांग्रेस उस मर्यादा को तोड़ रही है। पहले चरणजीत सिंह चन्नी कुछ कहते हैं और अब अजय राय राफेल विमान को खिलौना बताकर मिर्ची-नींबू टांग रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अब भारत के लोग कांग्रेस पर मिर्ची, नींबू टांग देंगे, यह बात कांग्रेस को याद रखनी चाहिए।
पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान भाजपा नेता और पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन ने महागठबंधन की बैठक को लेकर कहा कि यह कितनी भी बैठकें कर ले, कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। इंडिया ब्लॉक नाम की चीज अब धरती पर ही नहीं है, यह तो समाप्त हो गया है।
भाजपा नेता ने कहा कि बिहार में चुनाव आया है, तो कुछ लोग इकट्ठे हो गए हैं, लेकिन नतीजा नहीं निकलने वाला है। महागठबंधन की हार तय है और नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की जीत तय है।
उन्होंने कहा कि जब चुनाव आता है तो कांग्रेस के नेताओं को बिहार की याद आती है, चुनाव समाप्त होने के बाद बोरिया बिस्तर लपेट के फिर चले जाते हैं। दिल्ली में कांग्रेस को शून्य मिला था, यहां भी शून्य मिलेगा।
कांग्रेस के बड़े नेताओं के लगातार बिहार दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि रणदीप सुरजेवाला जब हरियाणा में ही रिजल्ट नहीं ला पाए, तो बिहार में क्या लाएंगे? उन्होंने कहा कि एनडीए में सीट बंटवारे को किसी प्रकार के विवाद को नकारते हुए कहा कि हम लोग मिलकर चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगा और जीतेगा।
एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बिहार दौरे पर भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि उनका काम लोगों को भड़काना है। चुनाव आएगा, लोगों को भड़काएंगे और चले जाएंगे। वे भड़काऊ भाई जान हैं।
राजनीति
सुप्रीम कोर्ट ने सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ दायर अवमानना याचिका की खारिज

suprim court
नई दिल्ली, 5 मई। सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस के बारे में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ दायर अवमानना याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि हमारे कंधे चौड़े हैं और हम याचिका पर विचार नहीं करना चाहते।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ दायर रिट याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। याचिका में सुप्रीम कोर्ट और सीजीआई संजीव खन्ना पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए दुबे पर अवमानना कार्यवाही करने की मांग की गई थी।
सुनवाई के दौरान सीजीआई ने कहा- हमारे कंधे मजबूत हैं, हम याचिका पर विचार नहीं करना चाहते हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा कि यह अदालत और जजों की गरिमा का सवाल है। याचिका में विशाल तिवारी ने निशिकांत दुबे के बयान को कोर्ट के लिए अपमानजनक और निंदनीय बताया था। पीठ ने याचिकाकर्ता विशाल तिवारी की दलीलों पर कहा कि हम फिलहाल कोई दलील या बहस नहीं सुनना चाहते लेकिन हम एक शॉर्ट ऑर्डर पास करेंगे।
वकील विशाल तिवारी की तरफ से दाखिल याचिका में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बयान को न्यायपालिका के लिए अपमानजनक और निंदनीय बताया गया है। साथ ही याचिका में उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मांग की गई है।
दरअसल, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन कानून के विरोध में भड़की हिंसा के बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, “अगर सुप्रीम कोर्ट कानून बनाता है तो संसद को बंद कर देना चाहिए।”
हालांकि, भाजपा ने सांसद निशिकांत दुबे और पार्टी के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा की ओर से सुप्रीम कोर्ट और देश के मुख्य न्यायाधीश पर दिए गए बयान से किनारा कर लिया था।
पार्टी ने उनके बयानों को उन नेताओं की व्यक्तिगत राय करार दी थी और ऐसी टिप्पणियों से बचने का निर्देश जारी किया था।
वहीं, जस्टिस बीआर गवई ने एक अन्य याचिका की सुनवाई के दौरान कार्यपालिका के अधिकारों में दखल देने के आरोप को लेकर बड़ी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, “हम पर आरोप लग रहा है कि हम कार्यपालिका के अधिकारों में दखल दे रहे हैं।”
राष्ट्रीय समाचार
नागालैंड के शैक्षणिक अनुभव से संवरेगी यूपी की शिक्षा प्रणाली

लखनऊ, 5 मई। उत्तर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में बदलाव की कोशिशें नए मुकाम की ओर बढ़ रही हैं। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी), लखनऊ के प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में नागालैंड का पांच दिवसीय शैक्षणिक दौरा (26–30 अप्रैल 2025) किया, जहां उन्होंने नागालैंड के प्रभावी शैक्षणिक मॉडल, सामुदायिक भागीदारी और नवाचारों को नजदीक से देखा और अनुभव किया।
यह दौरा प्रदेश के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट्स) को भविष्य में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) के रूप में स्थापित करने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण प्रेरणा साबित हो सकता है।
इस दौरे का नेतृत्व कर रहे एससीईआरटी लखनऊ के संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस डायट्स के प्राचार्य, एससीईआरटी के अधिकारी और ‘मंत्र फिर 4 चेंज’ के प्रतिनिधियों ने न केवल शैक्षणिक संस्थानों का निरीक्षण किया, बल्कि गांवों और स्कूलों में जाकर ग्रासरूट स्तर की वास्तविकताएं समझीं। कुल मिलाकर, यह दौरा कोई जादुई समाधान नहीं, बल्कि एक प्रेरक कदम है, जिससे उत्तर प्रदेश में शिक्षा सुधार की मौजूदा यात्रा को नई ऊर्जा और दृष्टि मिल रही है।
यह दौरा उत्तर प्रदेश में जारी शिक्षा सुधार प्रक्रियाओं के लिए एक नया दृष्टिकोण और प्रेरणा लेकर आया है। एससीईआरटी लखनऊ इन अनुभवों का विश्लेषण कर अब विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल, रिसर्च यूनिट सुदृढ़ीकरण, सामुदायिक सहभागिता को मजबूत करने वाली पहल और डिजिटल मॉनिटरिंग डैशबोर्ड की योजना बना रहा है। यह सब कुछ जल्द लागू नहीं होगा, बल्कि एक सुनियोजित कार्ययोजना के तहत धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा।
प्रतिनिधिमंडल को नागालैंड की सामुदायिक भागीदारी, अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन मॉडल, रिसर्च और मूल्यांकन व्यवस्था से जुड़े कई अहम दस्तावेज और अनुभव मिले। खोनोमा हेरिटेज विलेज (भारत का सबसे हरा गांव), जखमा और चीचेमा जैसे स्कूलों में जाकर उन्होंने देखा कि वहां शिक्षा केवल संस्थागत जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समुदाय का साझा प्रयास है।
नागालैंड दौरे का नेतृत्व करने वाले एससीईआरटी लखनऊ के संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान ने कहा, “हमें डायट्स में ईमानदारी, पारदर्शिता और सामुदायिक सहभागिता को मजबूत करना होगा। नागालैंड से मिले अनुभव हमें यह दिखाते हैं कि कैसे छोटे-छोटे नवाचार बड़े बदलाव की नींव रख सकते हैं। हम इन अनुभवों को ध्यान में रखते हुए यूपी में जारी सुधार प्रयासों को और अधिक मजबूत बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं।”
नागालैंड दौरे से यूपी को कई स्तरों पर लाभ होने की उम्मीद है। पहला, रिसर्च-बेस्ड इनोवेशन की दिशा में, जहां प्रदेश के डायट्स स्थानीय संदर्भों के अनुसार नवाचार विकसित कर सकेंगे। दूसरा, नेतृत्व और शिक्षक प्रशिक्षण में, जिसके लिए विशेष ट्रेनिंग मॉड्यूल बनाए जाएंगे। तीसरा, सामुदायिक सशक्तिकरण के संदर्भ में, जिससे गांव-स्कूल सहयोग को नीति का हिस्सा बनाया जाएगा और चौथा, फाउंडेशनल लिटरेसी एंड नुमेरसी लक्ष्य की दिशा में, जहां शुरुआती कक्षाओं में पढ़ने-लिखने और गणना की क्षमताओं को मजबूत किया जाएगा।
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