राजनीति
यूपी: बहुविवाह और पारिवारिक कलह के आरोपों के बीच राजा भैया की पत्नी ने मुख्यमंत्री योगी से मांगी मदद

उत्तर प्रदेश के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उनकी पत्नी रानी भानवी सिंह के बीच वैवाहिक विवाद गहराता जा रहा है और अब राजा भैया मदद के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास पहुंच रहे हैं। यूपी के प्रतापगढ़ जिले के कुंडा और भदरी रियासत से ताल्लुक रखने वाले राजा भैया पर पत्नी रानी भानवी सिंह ने बहुविवाह का आरोप लगाया है। भानवी ने राजा भैया पर उत्पीड़न, कई बार अवैध संबंध रखने और पारिवारिक कर्तव्य नहीं निभाने का आरोप लगाया है। रानी ने अपनी ही बहन पर राजा भैया के साथ अवैध संबंध रखने और उनके परिवार को तोड़ने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया है. जबकि भानी की बहन साध्वी ने दावे का खंडन किया है और लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में अपनी बहन के साथ-साथ निजी टेलीविजन चैनल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है जिसने भानवी का विवादास्पद साक्षात्कार प्रसारित किया था। इंटरव्यू में भानवी सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी छोटी बहन साधवी के राजा भैया से संबंध हैं.
बहन की पुलिस शिकायत के बाद भानवी सिंह ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी से न्याय की गुहार लगाई है. सीएम योगी को लिखे अपने पत्र में भानवी ने यूपी पुलिस पर घर में तोड़फोड़ करने वाली बहन साध्वी सिंह की फर्जी शिकायत को तवज्जो देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि लखनऊ पुलिस राजा भैया के इशारे पर काम कर रही है. बता दें कि कुंडा विधायक राजा भैया ने अपनी पत्नी भानवी सिंह के खिलाफ क्रूरता और परित्याग के आरोपों का हवाला देते हुए दिल्ली के साकेत कोर्ट में तलाक का मुकदमा दायर किया है। अपने जवाब में भानवी ने राजा भैया पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन पर दशकों तक क्रूरता बरतने और वैवाहिक घर में प्रवेश से इनकार करने का आरोप लगाया है। तलाक मामले में अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को है। हालांकि, भानवी सिंह ने हाल ही में अदालत को दिए एक हलफनामे में तलाक से इनकार कर दिया है और कहा है कि वह अपने वैवाहिक घर वापस जाना चाहती है। हलफनामे के मुताबिक, भानवी ने सुलह करने और शादी जारी रखने की इच्छा जताई है। हालाँकि, हलफनामे में, भानवी ने राजा भैया पर तीन दीर्घकालिक विवाहेतर संबंध रखने का आरोप लगाया है, जिसमें एक उनके करीबी रिश्तेदार के साथ और दूसरा कोलकाता स्थित एक प्रमुख समाचार चैनल के समाचार रिपोर्टर के साथ है। उसने दावा किया कि उसे राजा भैया के साथ रहने के अवसर से वंचित कर दिया गया और उसे शारीरिक शोषण और अपमान का शिकार होना पड़ा। फिलहाल भानवी सिंह अपने ससुर के साथ रह रही हैं।
पिछले हफ्ते एक टेलीविजन इंटरव्यू में भानवी ने अपनी ही छोटी बहन पर राजा भैया के साथ अवैध संबंध रखने और शादी तोड़ने की साजिश रचने का आरोप लगाया था. इसके बाद सादवी ने बहन भानवी सिंह और टेलीविजन चैनल के संपादकीय कर्मचारियों पर उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। अक्सर गलत कारणों से चर्चा में रहने वाले राजा भैया कुंडा विधानसभा सीट से सात बार से विधायक हैं। वह 1997 से 2002 के बीच कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री थे। बाद में, वह मुलायम सिंह यादव और अखिलेश कैबिनेट में भी कैबिनेट मंत्री थे। जबकि ज्यादातर समय उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना पसंद किया, 2017 में उन्होंने जनसत्ता दल के नाम से अपनी पार्टी बना ली। फिलहाल यूपी विधानसभा में जनसत्ता दल के दो विधायक हैं जिनमें एक खुद राजा भैया और दूसरे उनके करीबी शैलेन्द्र कुमार हैं।
महाराष्ट्र
मुंबई: 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा की कोकीन ज़ब्त, विदेशी गिरफ्तार

मुंबई: मुंबई पुलिस ने 1.15 करोड़ रुपये से ज़्यादा की कोकीन के साथ एक विदेशी को गिरफ्तार करने का दावा किया है। मुंबई पुलिस के एमआईडी अंधेरी थाने को सूचना मिली थी कि एक ड्रग डीलर पुल के नीचे आने वाला है। इसी आधार पर पुलिस ने जाल बिछाया और 34 वर्षीय घाना के नागरिक होनारी अलमोह को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके पास से 287.80 ग्राम कोकीन ज़ब्त करने का दावा किया है, जिसकी कीमत 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा बताई जा रही है। इसके साथ ही एक सैमसंग मोबाइल फ़ोन और अन्य सामान भी ज़ब्त किया गया है। एमआईडी पुलिस ने आरोपी के ख़िलाफ़ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है और इस बात की जाँच कर रही है कि ड्रग डीलर यह कोकीन किसके लिए लाया था और उसने पहले किसे ड्रग्स सप्लाई की थी। यह कार्रवाई मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती, संयुक्त पुलिस कमिश्नर सत्यनारायण चौधरी और ज़ोन 10 के डीसीपी दत्ता नलावड़े के निर्देश पर की गई। इससे पहले अंधेरी एमआईडी पुलिस ने बड़े पैमाने पर ड्रग्स मामले में कार्रवाई की थी और मैसूर में एक ड्रग फैक्ट्री का भी पर्दाफाश किया था। डीसीपी दत्ता नलावडे ने बताया कि विदेशी आरोपी से पूछताछ जारी है और पता लगाया जा रहा है कि उसके साथ कितने लोग जुड़े हैं।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
इजरायली राजदूत ने प्रियंका गांधी के बयान पर उठाए सवाल, कहा- ‘शर्मनाक है आपका कपट’

नई दिल्ली, 12 अगस्त। भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के ‘नरसंहार’ वाले बयान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आपका ‘कपट’ शर्मनाक है। हमास के आंकड़ों पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
दरअसल, प्रियंका गांधी ने मंगलवार को इजरायल के हमले में अल-जजीरा के 5 पत्रकारों की मौत को जघन्य अपराध बताया था। उन्होंने कहा, “इजरायल नरसंहार कर रहा है। उसने 60 हजार से ज्यादा लोगों की हत्या की है, जिनमें 18,430 बच्चे थे। उसने सैकड़ों लोगों को भूख से मार डाला है, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं, और लाखों लोगों को भूख से मरने की धमकी दे रहा है।”
प्रियंका के इस बयान पर इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “शर्मनाक बात तो आपका कपट है। इजरायल ने 25,000 हमास आतंकवादियों को मार गिराया। मानवीय जिंदगियों का यह भयानक नुकसान हमास की घिनौनी चालों के कारण हुआ है, जिसमें वे नागरिकों के पीछे छिपते हैं, सहायता के लिए या बाहर निकलने की कोशिश कर रहे लोगों पर गोलीबारी करते हैं और रॉकेट दागते हैं। इजरायल ने गाजा में 20 लाख टन खाद्य सामग्री पहुंचाई, जबकि हमास उसे जब्त करने की कोशिश कर रहा है, जिससे भुखमरी पैदा हो रही है।”
उन्होंने आगे कहा, “पिछले 50 सालों में गाजा की आबादी 450 प्रतिशत बढ़ी है; वहां कोई नरसंहार नहीं हुआ। हमास के आंकड़ों पर यकीन मत कीजिए। हमास के आंकड़ों पर भरोसा न करें।”
कांग्रेस सांसद प्रियंका वाड्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक बयान में कहा, “अल जजीरा के 5 पत्रकारों की निर्मम हत्या फिलिस्तीनी धरती पर किया गया एक और जघन्य अपराध है। जो लोग सत्य के लिए खड़े होने की हिम्मत करते हैं, उनका असीम साहस इजरायल की हिंसा और घृणा से कभी नहीं टूटेगा। ऐसी दुनिया में जहां अधिकांश मीडिया सत्ता और व्यापार का गुलाम है, इन बहादुरों ने हमें याद दिलाया कि सच्ची पत्रकारिता क्या होती है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।”
राजनीति
जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लोकसभा में स्वीकार, तीन सदस्यीय समिति गठित

नई दिल्ली, 12 अगस्त। देश के न्यायिक इतिहास में दुर्लभ और संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत, मंगलवार को लोकसभा ने औपचारिक रूप से इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पढ़कर सुनाया। इसके साथ ही संविधान के अनुच्छेद 124(4), 217 और 218 के तहत उन्हें पद से हटाने की कार्यवाही का रास्ता साफ हो गया है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में बताया कि उन्हें 31 जुलाई 2025 को यह प्रस्ताव प्राप्त हुआ था, जिस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और विपक्ष के नेता सहित कुल 146 लोकसभा सदस्यों और 63 राज्यसभा सदस्यों के हस्ताक्षर हैं।
यह मामला मार्च 2025 में सामने आए उस विवाद से जुड़ा है, जब दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास पर आग लगने की घटना के दौरान जले हुए नोटों के बंडल बरामद हुए थे। हालांकि, उस समय जस्टिस वर्मा घर पर मौजूद नहीं थे, लेकिन बाद में तीन सदस्यीय आंतरिक न्यायिक जांच ने निष्कर्ष निकाला कि वे इस नकदी पर ‘नियंत्रण’ रखते थे। इस रिपोर्ट के आधार पर भारत के मुख्य न्यायाधीश ने उनकी बर्खास्तगी की सिफारिश की थी।
संसद में प्रस्ताव पढ़ते हुए स्पीकर ओम बिरला ने यह भी घोषणा की कि न्यायाधीश (जांच) अधिनियम, 1968 और संबंधित नियमों के तहत आरोपों की जांच के लिए एक वैधानिक समिति का गठन किया गया है। इस समिति में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार, मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनिंदर मोहन श्रीवास्तव और कर्नाटक हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता वीवी आचार्य शामिल हैं। समिति शीघ्र ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, तब तक प्रस्ताव लंबित रहेगा।
जस्टिस वर्मा ने जांच रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए इसे प्रक्रिया में खामी और संवैधानिक अतिक्रमण बताया था, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह उनकी याचिका खारिज कर दी। अदालत ने जांच प्रक्रिया को पारदर्शी और संवैधानिक बताते हुए उनके इस रुख की आलोचना की कि पहले उन्होंने जांच में भाग लिया और बाद में उसकी वैधता पर सवाल उठाए।
अगर समिति आरोपों को सही पाती है, तो महाभियोग प्रस्ताव को संसद के दोनों सदनों में विशेष बहुमत से पारित करना होगा, अर्थात उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई मत तथा कुल सदस्यों का बहुमत। इसके बाद ही प्रस्ताव राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।
स्वतंत्र भारत में यह तीसरा मौका है जब किसी कार्यरत न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की गई है।
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