अनन्य
तेजी से गिरे यूपी के मामले, 25 दिन में 75 फीसदी घटा संक्रमण

कोरोना के मोर्चे पर देश के सर्वाधिक आबादी वाले सूबे यूपी से अच्छी खबर है। 25 दिन में यहां 24 घंटे के दौरान मिलने वाले कोरोना संक्रमण के नए मामलों में 75 फीसद की कमी आई है। 24 अप्रैल को 24 घंटे में प्रदेश में नए संक्रमण के रिकॉर्ड 38,055 मामले मिले थे। उस समय कुछ संस्थाओं ने आशंका जताई थी कि मई में पीक पर यह संख्या एक लाख तक जा सकती है। पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आक्रामक ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट नीति के जरिए न केवल सारी आशंकाएं निर्मूल साबित हुईं बल्कि राज्य में कोरोना बहुत हद तक नियंत्रण में है। कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट को सबसे प्रभावी हथियार बनाने के कुछ दिनों बाद से कोरोना के लिहाज से हर मोर्चे पर आने वाली खबरें राहत पहुंचाने वाली हैं। इन कोशिशों का ही नतीजा है कि महज एक पखवाड़े में ही प्रदेश के कोरोना मरीजों की तादाद में 52 फीसदी तक कमी आ गई है। ढाई से तीन लाख टेस्ट हर दिन करने के बाद भी स्थिति यह है कि दैनिक केस की संख्या में लगातार कमी हो रही। प्रदेश के 75 जिलों में से 44 जिले ऐसे हैं जहां कुल कोरोना मरीजों की संख्या 2000 से कम रह गई है, जबकि 30 जिलों में 5000 से कम एक्टिव केस हैं। बीते माह 30 अप्रैल को प्रदेश में 03 लाख 10 हजार 783 कोरोना मरीज थे, यह समूचे कोविड काल में अब तक का पीक था। इसके सापेक्ष 17 मई को 1,49,032 लाख एक्टिव केस रहे।
अधिकृत आंकड़ों को देखें तो 14 लाख 62 हजार से अधिक प्रदेशवासियों ने कोविड से जंग जीती है। बीते 24 घंटे में 2 लाख 55 हजार टेस्ट हुए। यूपी का रिकवरी दर बढ़कर 89.8 हो गया है।
एक्टिव केस में गिरावट और बेहतर होते रिकवरी दर को संतोषजनक बताने के साथ मुख्यमंत्री कोरोना को लेकर पूरी तरह सतर्क हैं। इसी क्रम में संक्रमण में ठीक ठाक कमी के बावजूद मुख्यमंत्री ने टेस्टिंग क्षमता को और बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए लोगों के सहयोग से गांव-गांव टेस्टिंग का जो महाअभियान चल रहा है उसे युद्ध स्तर पर चलाएं। निगरानी समितियां घर-घर जाएं, स्क्रीनिंग करें, होम आइसोलेशन के मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध कराएं। लक्षणयुक्त लोगों के बारे में आरआरटी को सूचना देकर उनका एंटीजन टेस्ट कराएं।
मुख्यमंत्री का निर्देश है की होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे लोगों को समय से मेडिकल किट जरूर दी जाए। मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री कार्यालय से इसकी समीक्षा की जाए। निगरानी समितियां जिन लोगों को मेडिकल किट दें उनका विवरण आईसीसीसी को उपलब्ध कराएं। आईसीसीसी इसका सत्यापन करे। जिला प्रशासन के जरिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी ये सूची उपलब्ध कराई जाए। सीएम हेल्पलाइन से भी इसका सत्यापन कराएं।
मालूम हो कि यूपी में हर दिन औसतन सवा दो लाख कोविड टेस्ट किये जा रहे हैं। बीते 01 मई को नया रिकॉर्ड बनाते हुए प्रदेश में 02 लाख 97 हजार टेस्ट किये गए। इसके बाद भी घटता संक्रमण राहत देता है।
1 से 17 मई तक दैनिक नए केस की स्थिति
1 मई- 30,317, 2 मई- 30,983, 3 मई- 29,192, 04 मई- 25,858, 5 मई- 21,265, 6 मई – 26,780, 7 मई -28,076, 8 मई- 26,847, 9 मई- 23,333, 10 मई- 21,331, 11 मई- 20,463, 12 मई- 18,125, 13 मई- 17,775, 14 मई- 15,747, 15 मई- 12,500, 16 मई- 10,682, 17- मई – 9,391।
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यमन के हूती समूह ने दागी बैलेस्टिक मिसाइल, इजरायली सेना ने हवा में किया नष्ट

सना, 26 सितंबर। यमन के हूती समूह ने गुरुवार रात इजरायल पर मिसाइल दागी। इसके बाद बेन गुरियन हवाई अड्डे पर हवाई यातायात अस्थायी रूप से रोक दिया गया। जान बचाने के लिए हजारों इजरायली लोगों को शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
शुक्रवार को हूती द्वारा संचालित अल-मसीरा टीवी पर प्रसारित एक बयान में, हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने कहा कि गुरुवार रात दक्षिणी तेल अवीव के जाफा क्षेत्र में एक ‘संवेदनशील लक्ष्य’ की ओर हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई।
यह मिसाइल हमला गाजा पट्टी के फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजरायल के अटैक और यमन की राजधानी सना पर कुछ घंटे पहले हुए इजरायली हवाई हमलों के जवाब में किया गया था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सरिया ने चेतावनी दी कि बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य और लाल सागर के संकरे पानी से गुजरने वाले सभी वाणिज्यिक और सैन्य जहाजों को हूती बलों को अपनी पहचान बतानी होगी। ऐसा नहीं करने पर उन पर हमला किया जाएगा।
गुरुवार रात एक बयान में इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि हवाई रक्षा प्रणालियों ने यमन में हूतियों द्वारा दागी गई एक मिसाइल को रोक दिया।
यह हमला गुरुवार शाम सना में हूती ठिकानों पर इजरायल के कई हवाई हमलों के कुछ घंटों बाद हुआ, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई और 142 लोग घायल हो गए।
आईडीएफ ने कहा कि सना पर हमले दक्षिणी इजरायली शहर ईलात पर 25 सितंबर को हूती ड्रोन हमले के जवाब में किए गए, जिसमें 20 लोग घायल हो गए थे।
सरकारी प्रसारक कान के अनुसार, ड्रोन एक बड़े समुद्र तट परिसर में फटा था। इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली ने ड्रोन को रोकने का दो बार प्रयास किया, लेकिन असफल रही थी। यह हमला यहूदी नववर्ष रोश हशाना के दौरान हुआ था, जब ईलात में इजरायली पर्यटकों की भीड़ थी।
राजधानी सना सहित उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण रखने वाले हूती नवंबर 2023 से इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहा है और लाल सागर में इजरायल से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहा है।
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पश्चिम रेलवे आरपीएफ, जीआरपी ने मीरा रोड स्टेशन पर महिला क्लर्क के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोपी को पकड़ा

मुंबई: भयंदर स्थित पश्चिम रेलवे की आरपीएफ टीम ने वसई रोड स्थित राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) टीम के साथ मिलकर हाल ही में मीरा रोड रेलवे स्टेशन पर एक महिला वाणिज्यिक बुकिंग क्लर्क के साथ दुर्व्यवहार करने वाले एक आरोपी का पता लगाया और उसे पकड़ लिया।
पश्चिम रेलवे के अनुसार, भयंदर चौकी की आरपीएफ टीम और वसई रोड जीआरपी ने मिलकर बदमाश की तलाश में एक संयुक्त अभियान चलाया। आरोपी की पहचान मीरा रोड (पूर्व) निवासी 48 वर्षीय अशलम अनवर खान के रूप में हुई है।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। इसके बाद, जीआरपी/वसई रोड के पुलिस निरीक्षक ने आगे की कानूनी कार्रवाई करते हुए उसे 10 सितंबर, 2025 को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया।
आरपीएफ भयंदर और जीआरपी वसई रोड द्वारा की गई यह त्वरित और समन्वित कार्रवाई, न केवल यात्रियों, बल्कि कर्मचारियों की सुरक्षा, संरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के प्रति पश्चिम रेलवे की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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बिहार एसआईआर मामला: सुप्रीम कोर्ट से विपक्ष को बड़ा झटका, ड्राफ्ट वोटर लिस्ट की समय सीमा बढ़ाने से इनकार

नई दिल्ली, 1 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार एसआईआर (में विशेष गहन पुनरीक्षण) मामले में विपक्षी दलों को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर दावे और आपत्ति दर्ज करने की समय सीमा 1 सितंबर से आगे बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने आयोग के आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया कि 1 सितंबर की समय सीमा के बाद भी लोग अपनी आपत्तियां और दावे दर्ज कर सकेंगे।
आयोग ने स्पष्ट किया कि नामांकन की अंतिम तारीख तक मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने का काम जारी रहेगा। इस मामले में अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी।
चुनाव आयोग के वकील एकलव्य द्विवेदी ने कहा, “आज की सुनवाई में दो याचिकाएं दायर की गईं। मुख्य मांग थी कि आधार कवरेज को 65 प्रतिशत की बजाय सभी 7.2 करोड़ मतदाताओं तक बढ़ाया जाए और समयसीमा को भी बढ़ाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मांगों को खारिज कर दिया है। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने ईसीआई का डाटा नोट किया है कि 99.5 प्रतिशत लोगों का आवेदन हो चुका है और कोर्ट ने आयोग के आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया है कि 1 सितंबर की डेडलाइन के बाद भी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को लेकर लोग अपनी आपत्ति या दावा पेश कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने आधार की मांग को भी नकारा है। कोर्ट ने माना है कि आधार का उद्देश्य नागरिकता को साबित करने का नहीं बल्कि पहचान को साबित करने का है। आधार कार्ड को ‘डेट ऑफ बर्थ’ का आधार माना जा सकता है।”
चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जिला निर्वाचन अधिकारियों और बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर प्रकाशित की गई है। समाचार पत्रों में विज्ञापन भी जारी किए गए हैं। आयोग ने कहा कि 1 सितंबर से 25 सितंबर तक दावे और आपत्तियां दर्ज करने के लिए पर्याप्त समय है और इसके बाद भी कोई रोक नहीं है।
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि 30 सितंबर के बाद भी आवेदन स्वीकार किए जाएंगे और सही दावों को मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने ‘बिहार स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी’ के चेयरमैन को निर्देश दिया कि वे पैरा-लीगल वॉलेंटियर्स को मतदाताओं की मदद के लिए नोटिफिकेशन जारी करें, ताकि दावे और आपत्तियां दर्ज करने में सहायता मिल सके।
याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि आधार कार्ड को स्वीकार करने का आदेश केवल 65 लाख लोगों तक सीमित नहीं रहना चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा कि यदि आधार कार्ड के कारण किसी का नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं हुआ, तो उनकी सूची 8 सितंबर को कोर्ट के समक्ष पेश की जाए।
इससे पहले, याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण ने उच्च न्यायालय में तर्क दिया कि 22 अगस्त को कोर्ट ने आधार कार्ड को दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने का आदेश दिया था, लेकिन चुनाव आयोग पारदर्शिता के अपने निर्देशों का पालन नहीं कर रहा।
उन्होंने आशंका जताई कि कई ‘रिन्यूमेरेशन फॉर्म’ ब्लॉक लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) द्वारा भरे गए हैं। भूषण ने यह भी कहा कि आयोग कुछ मतदाताओं को नोटिस जारी कर रहा है, जिसमें दस्तावेजों में कमी का हवाला दिया जा रहा है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में छूट गए लोग आधार कार्ड के साथ दावा पेश कर सकते हैं। हालांकि, आधार की अहमियत को मौजूदा कानूनी प्रावधानों से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि आयोग को कानून के तहत आधार की वैधानिकता को स्वीकार करना होगा।
इस मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी, जिसमें कोर्ट आधार कार्ड के आधार पर मतदाता सूची में शामिल न किए गए लोगों की सूची पर विचार करेगा।
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