अंतरराष्ट्रीय
शाओमी 12 सीरीज की 283 मिलियन डॉलर कीमत की यूनिट 5 मिनट में बिकी : रिपोर्ट

शाओमी ने हाल ही में चीन में अपने फ्लैगशिप शाओमी 12 सीरीज के स्मार्टफोन लॉन्च किए है। वहीं एक नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कंपनी ने ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों चैनल के माध्यमों से महज पांच मिनट में 1.8 बिलियन युआन (283 मिलियन डॉलर) की यूनिट बेची है। गिज्मोचाइना की रिपोर्ट के अनुसार, शाओमी ने इस साल अपने प्रमुख लाइनअप के लिए एक नई रणनीति अपनाई है और वर्षो में पहली बार एक कॉम्पैक्ट फ्लैगशिप फोन बेचा है। इस कॉम्पैक्ट शाओमी12 फोन को प्रो वेरिएंट और अधिक बजट-अनुकूल शाओमी 12 के साथ जोड़ा गया है।
नए डिवाइस में फॉस्ट चाजिर्ंग, बेहतर कैमरा सेटअप, बेहतर डिस्प्ले और बहुत कुछ दिया गया है।
शाओमी12 सीरीज की कीमत 12एक्स के लिए युआन 3,199, शओमी 12 के लिए युआन 3,699 और 12 प्रो के लिए युआन 4,699 है।
शाओमी 12 स्पेसिफिकेशन्स
शाओमी 12 स्मार्टफोन में 120 हट्र्ज रिफ्रेश रेट के साथ 6.28-इंच 2के एमोएलईडी डिस्प्ले है। यह क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 8 जनरेशन 1 सीपीयू द्वारा संचालित है जिसे 12जीबी रैम, 256 जीबी इंटरनल स्टोरेज के साथ जोड़ा गया है।
हैंडसेट बॉक्स से बाहर एमआईयूआई13 कस्टम स्किन के साथ एंड्रॉयड12 ओएस चलाता है।
हैंडसेट में पीछे की तरफ ट्रिपल कैमरे हैं, जिसमें 50 एमपी का सोनी आईएमएक्स766 सेंसर, 13 एमपी का अल्ट्रा-वाइड-एंगल लेंस और 5 एमपी का टेलीफोटो लेंस है। सेल्फी के लिए इसमें 32 एमपी का फ्रंट-फेसिंग कैमरा है।
डिवाइस में 67वॉट फास्ट चाजिर्ंग और 50 वॉट वायरलेस फास्ट चाजिर्ंग सपोर्ट के साथ 4,500 एमएएच की बैटरी दिया गया है।
शाओमी 12 प्रो स्पेसिफिकेशंस
शाओमी 12 में एक बड़ा 6.73-इंच 2के एमोएलईडी डिस्प्ले है जिसमें 120हट्र्ज रिफ्रेश रेट, सेंटर-पोजीशन पंच-होल कटआउट है। हैंडसेट एंड्रॉयड12 ओएस के साथ आता है।
यह 120 वॉट फास्ट चाजिर्ंग सपोर्ट के साथ 5,000 एमएएच की बैटरी पैक करता है।
डिवाइस में पीछे की तरफ ट्रिपल कैमरे हैं, जिसमें 50 एमपी का मुख्य कैमरा, 50 एमपी का अल्ट्रा-वाइड-एंगल कैमरा और 50 एमपी का टेलीफोटो लेंस है। 32 एमपी का फ्रंट-फेसिंगकैमरा है।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ खुला, स्मॉल और मिडकैप में उछाल

SHARE MARKET
मुंबई, 25 सितंबर। भारतीय शेयर बाजार गुरुवार के कारोबारी सत्र में तेजी के साथ खुला। बाजार में चौतरफा बढ़त बनी हुई है। सुबह 9:24 पर सेंसेक्स 61 अंक या 0.08 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,777 और निफ्टी 27 अंक या 0.11 प्रतिशत की मजबूती के साथ 25,084 पर था।
लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में अधिक तेजी देखी जा रही है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 215 अंक या 0.37 प्रतिशत की तेजी के साथ 58,140 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 65 अंक या 0.37 प्रतिशत की तेजी के साथ 18,135 पर था।
सेक्टोरल आधार पर निफ्टी पीएसयू बैंक, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज, निफ्टी फार्मा, निफ्टी एफएमसीजी, निफ्टी मेटल, निफ्टी एनर्जी और निफ्टी इन्फ्रा में तेजी के साथ कारोबार हो रहा था। वहीं, निफ्टी आईटी, निफ्टी ऑटो, निफ्टी रिल्यटी और निफ्टी मीडिया लाल निशान में थे।
सेंसेक्स पैक में बीईएल, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी, आईटीसी, इन्फोसिस, अदाणी पोर्ट्स, एचडीएफसी बैंक, एचयूएल, टेक महिंद्रा और कोटक महिंद्रा बैंक टॉप गेनर्स थे। टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स, टाइटन, मारुति सुजुकी, एचसीएल टेक, इटरनल, टीसीएस, पावर ग्रिड और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप लूजर्स थे।
चॉइस ब्रोकिंग के अनुसार, निफ्टी 25,000 के ऊपर बना हुआ है। तेजी की स्थिति में 25,100 और 25,250 तत्काल रुकावट के स्तर होंगे। वहीं, गिरावट की स्थिति में 24,900 और 24,800 एक अहम सपोर्ट होगा।
एशियाई बाजारों में मिलाजुला कारोबार हो रहा है। टोक्यो, शंघाई, हांगकांग और बैंकॉक हरे निशान में थे। सोल और जकार्ता में लाल निशान में थे। अमेरिकी बाजार बुधवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे।
कच्चे तेल दबाव में कारोबार कर रहा है। डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 64.74 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 0.35 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 69.07 डॉलर प्रति बैरल पर है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 24 सितंबर को लगातार तीसरे सत्र में अपनी बिकवाली का सिलसिला जारी रखा और 2,425 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने बिकवाली के दबाव को झेलते हुए उसी दिन 1,211 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।
व्यापार
आरबीआई की बैंकों से अपील, अनक्लेम डिपॉजिट को लौटाने के लिए प्रयास तेज करें

नई दिल्ली, 24 सितंबर। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों से अपील की है कि 67,000 करोड़ रुपए से अधिक से अनक्लेम डिपॉजिट उनके सही मालिकों को लौटाने के प्रयास तेज करें।
अनक्लेम डिपॉजिट में निष्क्रिय बचत खाते और चालू खाते, मैच्योर हो चुकी एफडी, अनक्लेम डिविडेंड, ब्याज वारंट और बीमा आय शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इन निष्क्रिय खातों के मालिकों का पता लगाने और उनका निपटान करने के लिए ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में अक्टूबर से दिसंबर तक एक विशेष आउटरीच पहल की योजना बनाई गई है।
दस वर्षों तक निष्क्रिय रहने वाले बचत और चालू खातों में शेष राशि या मैच्योरिटी डेट से दस वर्षों के भीतर क्लेम न किए गए एफडी को अनक्लेम डिपॉजिट के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और बाद में बैंकों द्वारा केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित डीईए कोष में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
आरबीआई की यह पहल कम साक्षरता और जागरूकता वाले क्षेत्रों को लक्षित करेगी और प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से विभिन्न भाषाओं में स्थानीय प्रचार करेगी।
राज्य स्तरीय बैंक समितियां (एसएलबीसी) अनक्लेम डिपॉजिट के आंकड़ों का आयु प्रोफाइल और बकेट-वार संकेंद्रण के आधार पर विश्लेषण करेंगी ताकि अधिक स्थानीयकृत विश्लेषण प्रदान किया जा सके, साथ ही जमाओं का पता लगाने और उनका निपटान करने के लिए विशेष प्रयास किए जा सकें।
उदगम पोर्टल, आरबीआई द्वारा शुरू किया गया एक केंद्रीकृत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो जनता को भारत के विभिन्न बैंकों में अपनी अनक्लेम डिपॉजिट खोजने में मदद करता है।
यह पोर्टल वर्तमान में लगभग 30 बैंकों की भागीदारी के साथ लगभग 90 प्रतिशत दावा न किए गए जमा मूल्य को कवर करता है।
बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण के अनुसार, सभी बीमा कंपनियों, जिनके पास पॉलिसीधारकों से 10 वर्ष से अधिक की अवधि के लिए दावा न की गई राशि है, को उसे हर वर्ष ब्याज सहित वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में स्थानांतरित करना आवश्यक है।
इसके अलावा, दावा न की गई राशि को वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में स्थानांतरित करने के बाद भी, पॉलिसीधारक या दावेदार 25 वर्ष तक की अवधि के लिए अपनी संबंधित पॉलिसियों के तहत देय राशि का दावा करने के पात्र बने रहते हैं।
वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष का उपयोग राष्ट्रीय वृद्धजन नीति और राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक नीति के अनुरूप वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण को बढ़ावा देने वाली ऐसी योजनाओं के लिए किया जाता है।
व्यापार
एच-1बी वीजा फीस में बढ़ोतरी का भारतीय आईटी कंपनियों पर बहुत कम होगा असर : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 23 सितंबर। पिछले 10 वर्षों में बढ़ते लोकलाइजेशन और ऑफशोरिंग के कारण भारतीय आईटी सर्विस कंपनियों की एच-1बी वीजा पर घटती निर्भरता को देखते हुए वीजा फीस बढ़ाने से कंपनियों पर इसका प्रभाव सीमित रहने की उम्मीद है। यह जानकारी मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
फ्रैंकलिन टेम्पलटन की रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे चलकर मध्यम अवधि में इसका असर देखने को मिल सकता है। अमेरिका में डिलीवरी की बढ़ी हुई लागत से कंपनियों को अपने ऑपरेटिंग मॉडल की दोबारा समीक्षा करने और बचाव की रणनीति अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
यह प्रभाव कंपनी का अमेरिका में विस्तार, ऑनसाइट वर्कफोर्स मिक्स और नॉन-लोकल टैलेंट पर निर्भरता को देखते हुए अलग-अलग हो सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “क्योंकि एच-1बी लॉटरी और याचिकाएं आमतौर पर Q4-Q1 में होती हैं, इसलिए वित्त वर्ष 27 पिटीशन साइकल में इसका असर दिखने की संभावना है। इसके जवाब में, सेवा प्रदाताओं के ऑफशोरिंग को तेज करने, कनाडा और मैक्सिको में नियरशोर ऑपरेशन का विस्तार करने, भौगोलिक विविधता के लिए यूरोप और एपीएसी में अधिग्रहण करने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए ऑटोमेशन और एआई में निवेश करने की उम्मीद है।”
ये बदलाव भारत में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर को प्रतिभा के लिए आकर्षक बना सकते हैं, खासकर जब ऑनसाइट अवसर कम हो रहे हों और ग्राहक बेहतर दर और दक्षता की मांग कर रहे हों।
भारत के इक्विटी मार्केट में निकट अवधि में कुछ अस्थिरता हो सकती है, लेकिन कुल मिलाकर मूल्यांकन ऐतिहासिक औसत की तुलना में अभी भी अधिक है।
वीक डिमांड आउटलुक के कारण पिछले 6-12 महीनों में आईटी सेक्टर का मूल्यांकन कम हुआ है।
घरेलू खपत में सुधार और निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी से भारतीय बाजार में कुल कॉर्पोरेट आय का आउटलुक बेहतर हो रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी टैरिफ निर्यात पर निर्भर क्षेत्रों के लिए अल्पकालिक चुनौतियां पैदा करते हैं बावजूद इसके भारत के मैक्रोइकॉनमिक आधार मजबूत बने हुए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 की दूसरी छमाही में अमेरिका के साथ संभावित व्यापार समझौते, मजबूत घरेलू मांग और कमाई में सुधार से मार्केट में आने वाली महीनों में सकारात्मक माहौल बन सकता है।
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