सामान्य
किसान आंदोलन का आज 21वां दिन, शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील
नये कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन बुधवार को 21वें दिन जारी है। आंदोलन में विघटन की आशंकाओं के मद्देनजर भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने किसानों से फिर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की है। नये कृषि कानून के विरोध में उतरे किसान संगठनों के नेताओं का कहना है कि उनकी चट्टानी एकता कायम है और जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होंगी उनका आंदोलन जारी रहेगा। हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने की अपील करते हुए कहा, यह आंदोलन शांतिपूर्ण चलना चाहिए। एक खतरा है कि कोई संस्था अगर अपने तरीके से आंदोलन को डील करेगी तो आंदोलन टूट जाएगा। हमें कोई दंगा नहीं करना है और जो दंगा या फसाद करेगा वह हमारा आदमी नहीं होगा। उसको पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया जाए यह हमारी सख्त हिदायत है।
उन्होंने प्रदर्शनकारियों से संयुक्त किसान मोर्चा के मंच से दिए गए निदेशरें पर अमल करने की अपील की।
चढ़ूनी ने कहा कि यह आंदोलन केवल किसान का नहीं बल्कि सारे देशवासियों का है क्योंकि इन कानूनों से सभी देशवासियों को नुकसान होगा इसलिए सभी देशवासी इस आंदोलन में तन-मन-धन से पूरा सहयोग करें।
उधर, किसानों का एक ऐसा भी समूह है जो मानता है कि नये कृषि कानून से उनका भला होने वाला है और इस विचार से प्रेरित समूह में शामिल किसानों के संगठनों के प्रतिनिधि रोज केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिलकर सरकार के रुख का समर्थन कर रहे हैं। तोमर ने भी कहा है कि पूरे देश में कृषि सुधार कानूनों का स्वागत हो रहा है और अधिकांश किसान इन कृषि सुधारों के साथ हैं, लेकिन कतिपय राजनीतिक दल कुछ किसानों को भ्रम में डाल कर अविश्वास का वातावरण बना रहे हैं।
इस पर पंजाब में ऑल इंडिया किसान सभा के जनरल सेक्रेटरी मेजर सिंह पुनावाल ने आईएएनएस से कहा कि भ्रम सरकार फैला रही है। उन्होंने कहा कि देशभर में किसानों के हितों की लड़ाई लड़ने वाले सारे किसान संगठनों के लोग संयुक्त किसान मोर्चा के तहत एकजुट है और नये कृषि कानून के विरोध में उनकी चट्टानी एकता कायम है।
उन्होंने कहा, जब तक सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं लेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
केंद्र सरकार द्वारा लागू जिन तीन नये कानूनों को किसान संगठनों के नेता निरस्त करवाने की मांग कर रहे हैं उनमें कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 शामिल हैं।
हालांकि किसानों की मांगों की फेहरिस्त लंबी है। किसान संगठनों के नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सारी अधिसूचित फसलों की खरीद की गारंटी के लिए नया कानून बनाने की मांग भी कर रहे हैं जबकि सरकार ने एमएसपी पर फसलों की खरीद की मौजूदा व्यवस्था जारी रखने के लिए लिखित तौर पर आश्वासन देने की बात कही है।
इसके अलावा, उनकी मांगों में पराली दहन से जुड़े अध्यादेश में कठोर दंड और जुर्माने के प्रावधानों को समाप्त करने और बिजली (संशोधन) विधेयक को वापस लेने की मांग भी शामिल है।
बता दें कि सरकार ने नये कृषि कानूनों में संशोधन करने और किसानों की अन्य मांगों पर विचार करने के आश्वासन के साथ किसानों को नौ दिसंबर को ही प्रस्ताव भेजा था जिसे प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने नकार दिया था। उसके बाद से सरकार की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि किसान संगठनों के नेताओं से सरकार किसानों के मसले पर बातचीत के लिए हमेशा तैयार है। मगर, किसान नेताओं का कहना है कि सरकार के जि प्रस्ताव को उन्होंने ठुकरा दिया है उस पर बातचीत नहीं हो सकती है।
न्याय
‘आपकी बेटी आपके साथ में है’: विनेश फोगाट शंभू बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं।
भारतीय पहलवान विनेश फोगट शंभू सीमा पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं, क्योंकि उन्होंने अपना रिकॉर्ड 200वां दिन मनाया और बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया।
पेरिस 2024 ओलंपिक में पदक न मिलने के विवादास्पद फैसले के बाद संन्यास लेने वाली फोगट ने किसानों के आंदोलन को अपना पूरा समर्थन देने का वादा किया।
“मैं भाग्यशाली हूं कि मेरा जन्म एक किसान परिवार में हुआ। मैं आपको बताना चाहती हूं कि आपकी बेटी आपके साथ है। हमें अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा क्योंकि कोई और हमारे लिए नहीं आएगा।
मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि आपकी मांगें पूरी हों और अपना अधिकार लिए बिना वापस न जाएं। किसान अपने अधिकारों के लिए 200 दिनों से यहां बैठे हैं।
मैं सरकार से उनकी मांगों को पूरा करने की अपील करती हूं। यह बहुत दुखद है कि 200 दिनों से उनकी बात नहीं सुनी गई। उन्हें देखकर हमें बहुत ताकत मिली।”
राजनीति
पीएम मोदी: ’25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ गए हैं’; बजट 2024 पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सराहना की।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लगातार सातवें बजट को पेश करने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बजट 2024 से नव-मध्यम वर्ग, गरीब, गांव और किसानों को और अधिक ताकत मिलेगी।
देश के नाम अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि बजट युवाओं को असीमित अवसर प्रदान करेगा।
पिछले दस वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, इस बजट से नए मध्यम वर्ग को सशक्त बनाया जाएगा।
उन्होंने घोषणा की, ‘यह बजट युवाओं को असीमित अवसर प्रदान करेगा।’ यह बजट शिक्षा और कौशल के लिए एक नया मानक स्थापित करेगा और उभरते मध्यम वर्ग को सशक्त करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि इस बजट से महिलाओं, छोटे उद्यमों और एमएसएमई को फायदा होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग अभी अपना करियर शुरू कर रहे हैं, उन्हें ‘रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजना’ के माध्यम से सरकार से अपना पहला वेतन मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘सरकार ने इस बजट में जिस ‘रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजना’ की घोषणा की है, उससे रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।’
प्रधानमंत्री ने घोषणा की, ‘सरकार इस योजना के तहत उन लोगों को पहला वेतन देगी, जो अभी कार्यबल में शामिल होने की शुरुआत कर रहे हैं। प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों के युवा देश के प्रमुख व्यवसायों के लिए काम करने में सक्षम होंगे।’
मोदी 3.0 का पहला बजट
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है।
लोकसभा में बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने मोदी सरकार में अपना भरोसा फिर से जताया है और इसे तीसरे कार्यकाल के लिए चुना है।
सीतारमण ने आगे कहा, “ऐसे समय में जब नीतिगत अनिश्चितता वैश्विक अर्थव्यवस्था को जकड़े हुए है, भारत की आर्थिक वृद्धि अभी भी प्रभावशाली है।”
महाराष्ट्र
मीरा-भायंदर: आज़ाद नगर में झुग्गियों में भीषण आग
मीरा-भायंदर: मुंबई के पास भयंदर की एक झुग्गी बस्ती में बुधवार को भीषण आग लग गई। कथित तौर पर आज तड़के भयंदर पूर्व के आज़ाद नगर झुग्गी इलाके में आग लग गई।
अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि आग पर काबू पाने के लिए कम से कम 20 दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आग में कुछ लोग घायल हो गए हैं। इंटरनेट पर आग के दृश्य सामने आए हैं, जिसमें पूरी झुग्गी में भीषण आग की लपटें फैलती दिख रही हैं और ऊपर आसमान की ओर गहरा काला धुंआ उठ रहा है।यह क्षेत्र कई वाणिज्यिक इकाइयों का भी घर है। स्थानीय रिपोर्टों से पता चलता है कि आग वहां एक गोदाम में लगी, जो बाद में झुग्गी बस्ती तक फैल गई। रिपोर्टों के अनुसार, आग लगते ही अधिकांश झुग्गीवासियों ने अपनी झोपड़ियाँ खाली कर दीं। हालाँकि, इस घटना में कितनी संपत्ति का नुकसान हुआ है या कितने लोग हताहत हुए हैं, इस पर अभी तक कोई अपडेट नहीं है।
हाल की आग की घटना
ऐसी ही एक घटना में सोमवार को अंबरनाथ के सर्कस ग्राउंड इलाके में स्थित एक झुग्गी बस्ती में भीषण आग लग गई। स्थानीय रिपोर्टों के मुताबिक, झुग्गी में खाना पकाने वाले गैस सिलेंडर में विस्फोट के कारण आग लगी। पहले विस्फोट के कारण एक श्रृंखलाबद्ध प्रतिक्रिया हुई, जिससे इलाके में भीषण आग लग गई।कम से कम पांच दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और शुरुआत में आग बुझाने के काम में लगी रहीं। हादसे की खबर मिलते ही स्थानीय अधिकारी भी पहुंच गए। घटना में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है, हालांकि संपत्ति का नुकसान झुग्गीवासियों के लिए एक बड़ी चुनौती थी।आग के दृश्यों में झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाके में भीषण आग की लपटें दिखाई दे रही हैं। जलते हुए घरों से निकलता गाढ़ा काला धुआँ ऊपर आसमान को ढकता हुआ भी देखा गया। लोगों की भीड़, संभवतः क्षेत्र के निवासी, आग की लपटों को देखते हुए देखे गए, जिनमें से कुछ आग बुझाने के प्रयासों में लगे हुए थे।
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