मुंबई प्रेस एक्सक्लूसिव न्यूज
नासिक में 30 मरीजों के मिलने से मचा हड़कंप, महाराष्ट्र में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता
महाराष्ट्र में पुणे के बाद नासिक में बड़ी संख्या में डेल्टा वेरिएंट संक्रमित मरीजों के मिलने से हड़कंप मच गया है। नासिक में 30 मरीजों में डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि हुई है। इससे पहले पुणे में भी दो मरीज सामने आए थे। WHO के मुताबिक करीब 135 देशों में डेल्टा वेरिएंट पाया जा चुका है। नासिक जिला अस्पताल के सर्जन डॉक्टर किशोर श्रीनिवास ने बताया, ‘नासिक में 30 मरीज डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित मिले हैं। इनमें से 28 ग्रामीण इलाकों से हैं। हमने सैंपल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए पुणे भेजा, जहां से डेल्टा वेरिएंट होने की पुष्टि हुई है।’
सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि देश में चार अगस्त तक कोविड के डेल्टा प्लस स्वरूप के 83 मामले सामने आए। स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक महाराष्ट्र में 33, मध्य प्रदेश में 11 और तमिलनाडु में 10 मामले दर्ज किए गए हैं। मंत्री ने बताया कि वायरस के ‘जिनोमिकट डेटा’ का विश्लेषण लगातार किया जा रहा है। WHO के अनुसार, एक वायरस खुद की नकल करता है उसकी कॉपियां बनाता है, जो एकदम सामान्य बात है। वायरस में होने वाले इन बदलावों को म्यूटेशन कहते हैं। एक या एक से ज्यादा नए म्यूटेशन वाले वायरस को ऑरिजनल वायरस के वैरिएंट के रूप में जाना जाता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि जब कोविड-19 वायरस की बात हो, तो यह कई स्ट्रेन में बदल गया है, जिनमें से डेल्टा वैरिएंट B.1.617.2 को अब तक का सबसे खतरनाक वैरिएंट माना जा रहा है।
बुखार, खांसी, सिरदर्द और गले में खराश कोविड के आम लक्षण हैं। लेकिन नाक बहना जैसा लक्षण पहले कभी नहीं देख गया । सूंघने की क्षमता कम हो जाना या चली जाना भी बेहद आम था, लेकिन अब नौवां सबसे आम लक्षण है। विशेषज्ञों का मानना है कि लक्षणों में बदलाव टीकाकरण अभियान का परिणाम हो सकता है। इसके अलावा लक्षणों में बदलाव के पीछे वायरस का विकास भी एक कारण हो सकता है। डेल्टा वैरिएंट की विभिन्न विशेषताओं को देखते हुए लक्षण बदलना स्वभाविक है। लेकिन लक्षण आखिर क्यों बदल रहे हैं, इस सवाल का जवाब निर्धारित करना मुश्किल है।
महाराष्ट्र
मुंबई के एडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर अमित सैनी का ट्रांसफर कर दिया गया है और उनकी जगह IAS ऑफिसर अविनाश ढकने को लाया गया है, क्योंकि उन पर “कैश-फॉर-ट्रांसफर” स्कैम के आरोप लगे हैं।

AMIT SAINI
मुंबई : यह ट्रांसफर बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) में 160 से ज़्यादा इंजीनियरों के फेरबदल से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के खुलासे के बाद हुआ है, जिस पर बाद में सरकार ने रोक लगा दी थी।
एक्टिविस्ट संजय साटम ने म्युनिसिपल कमिश्नर भूषण गगरानी को शिकायत दी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सैनी इंजीनियरों के ट्रांसफर के लिए ₹5 लाख से ₹40 लाख के बीच चार्ज कर रहे थे।
सैनी, 2007 बैच के IAS ऑफिसर, मार्च 2024 से BMC में पोस्टेड थे।
अविनाश ढकने, 2017 बैच के IAS ऑफिसर, पहले महाराष्ट्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (MPCB) के मेंबर सेक्रेटरी के तौर पर काम कर चुके हैं और उन्होंने चार्ज संभाल लिया है।
एक्टिविस्ट्स की कार्रवाई की मांग के बाद ये ट्रांसफर किए गए, गलगली ने इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को धन्यवाद दिया।
एक्टिविस्ट साटम ने कहा कि यह ट्रांसफर काफी नहीं है और उन्होंने मामले की डिपार्टमेंटल और एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) से जांच कराने की मांग की।
महाराष्ट्र
कस्तूरबा पुलिस स्टेशन में लड़की के यौन शोषण के मामले में 10 साल की जेल

crime
मुंबई: कस्तूरबा पुलिस स्टेशन की सीमा में लड़की के यौन शोषण के मामले में कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराया है। आरोपी नरेश कुमार हरीश कुमार 44 के खिलाफ पिस्को एक्ट के तहत यौन शोषण का केस दर्ज किया गया था। इस मामले में दंडोशी कोर्ट ने आरोपी को 10 साल की जेल और 2000 रुपये का जुर्माना, नहीं तो तीन महीने की जेल की सजा सुनाई है। इस मामले की बेहतर जांच की वजह से आरोपी को दोषी ठहराया गया है। कस्तूरबा पुलिस ने जांच के बाद इस मामले में चार्जशीट फाइल की थी और अब इस मामले में सजा सुनाई गई है।
महाराष्ट्र
मुंबई के ठग बिल्डर पिता-पुत्र करोड़ों की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार

मुंबई: मुंबई पुलिस ने दावा किया है कि उसने एक ऐसे बिल्डर पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने आम जनता से करोड़ों रुपये की ठगी की है। शिकायतकर्ता नवीन चंद्र गोरधन (69) ने शिकायत की है कि 31 मार्च 2019 से 31 मार्च 2020 के बीच त्रिविटी बिल्डर्स के माहिर जेठवा और अशोक जेठवा ने एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में इन्वेस्टमेंट पर हर महीने दो परसेंट प्रॉफिट का वादा करके 1.17 करोड़ रुपये लिए और मांगने पर जब वापस नहीं किए, तो बोरीवली पुलिस में माहिर जेठवा और अशोक जेठवा के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया। शिकायतकर्ता की शिकायत पर पुलिस ने जांच की तो पता चला कि आरोपियों ने सबसे ज्यादा आम जनता से ठगी की है और पिछले दो साल से फरार थे। कस्तूरबा पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए एक टीम बनाई थी। पुलिस को जानकारी मिली कि आरोपी केरल के रहने वाले हैं। अनुकलम में पुलिस ने रेड मारकर माहिर जेठवा और अशोक जेठवा को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के खिलाफ कस्तूरबा पुलिस स्टेशन में पांच, MHB पुलिस स्टेशन में एक और बोरीवली पुलिस स्टेशन में चार केस दर्ज हैं। आरोपी आम लोगों से इन्वेस्टमेंट और फायदेमंद स्कीम के नाम पर ठगी करते थे। मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती के निर्देश पर DCP महेश चामटे के कहने पर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस आगे की जांच कर रही है।
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