राजनीति
देश में कोई भी कानून लागू करने से पहले चर्चा होनी चाहिए: भाई जगताप
मुंबई, 27 जनवरी। कांग्रेस नेता भाई जगताप ने समान नागरिक संहिता, फिल्म स्टार सैफ अली खान, पद्म पुरस्कार के ऐलान समेत अन्य मुद्दों पर मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि संविधान के दायरे में रहकर कानून बनाया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता भाई जगताप ने उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने पर कहा, “एक बात साफ है, संविधान के दायरे से बाहर कुछ भी नहीं होना चाहिए। हम शुरू से ही यह कहते आ रहे हैं। देश के लिए उठाए गए किसी भी कानून या कदम पर चर्चा होनी चाहिए और संसद इसी के लिए है। किसानों के लिए तीन कानून जिनके बारे में चर्चा नहीं की गई और इसे लागू कर दिया गया। इसे लोकतंत्र नहीं कहते हैं। यूसीसी को लेकर पहले देश की संसद में चर्चा होनी चाहिए।
सैफ अली खान मामले पर हो रही जांच पर उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र पुलिस की तुलना स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस से की जाती है। लगता है कि इस मामले में डुप्लीकेट आरोपी देने का काम किया जा रहा है। हालांकि, अभी जांच चल रही है। लेकिन, इससे महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस की छवि पर सवाल खड़ा हो रहा है। महाराष्ट्र में बिगड़ रही कानून व्यवस्था को लेकर हम राज्य सरकार को घेरेंगे।”
पद्म पुरस्कार के ऐलान पर उन्होंने कहा, “पद्म पुरस्कार देश का सबसे बड़ा पुरस्कार है। लेकिन, साल 2014 के बाद से आज तक जितने भी पद्म पुरस्कार दिए गए, उन्हें देखकर आश्चर्य होता है। राम मंदिर का मुहूर्त निकाला तो इसके लिए किसी को पद्म पुरस्कार मिलता है, तो यह मजाक नहीं है तो क्या है।”
राहुल गांधी को बेईमान और खुद को केजरीवाल इमानदार बता रहे हैं, इसे लेकर कांग्रेस नेता ने कहा, “जब चुनाव आते हैं तो आरोप-प्रत्यारोप होते हैं। केजरीवाल की पार्टी आंदोलन से निकली है। भ्रष्टाचार के खिलाफ इस पार्टी की नींव थी। लेकिन, आज भ्रष्टाचार में खुद केजरीवाल और उनके मंत्री जेल गए। देश की जनता सब कुछ जानती है। राहुल गांधी को इस प्रकार के आरोपों से कोई फर्क नहीं पड़ता है।”
26/11 दोषी तहव्वुर राणा को भारत लाने पर कांग्रेस नेता ने कहा, “देश के संविधान के तहत उसे पर मुकदमा चला कर सजा देनी चाहिए। यह सिर्फ तहव्वुर राणा की बात नहीं है, बल्कि जो लोग भी फरार चल रहे हैं, उन्हें भारत लाकर सजा दी जानी चाहिए।”
कांग्रेस नेता हुसैन दलवई द्वारा महाकुंभ पर दिए विवादित बयान पर कांग्रेस नेता भाई जगताप ने कहा, “यह उनकी निजी राय है। मैं इस पर टिप्पणी नहीं करूंगा। लेकिन जो लोग महाकुंभ में गए हैं, वे वहां की व्यवस्था के बारे में सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर बता रहे हैं। सरकार द्वारा जिस तरह से महाकुंभ की व्यवस्था के बारे में बताया जा रहा है, वैसा नहीं है।”
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने के बयान पर कांग्रेस नेता भाई जगताप ने कहा, “यह एक अलग बात है कि वे सक्षम हैं या नहीं, यह एक अलग कहानी है। जब स्थानीय निकाय चुनावों की बात आती है, जब हमारी सरकार सत्ता में थी, हम कुछ क्षेत्रों में एक साथ थे और अन्य में अलग थे। अब वे जो कह रहे हैं, वह उनकी पार्टी का मामला है।”
अपराध
गाजियाबाद : ऑनलाइन गेम में पैसे हारने के बाद युवक ने रची लूट की साजिश, गिरफ्तार
गाजियाबाद, 28 जनवरी। गाजियाबाद पुलिस ने एक युवक को लूट की झूठी सूचना देने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने युवक को झूठी कहानी बनाने के तीन घंटे के अंदर ही गिरफ्तार करके उसकी साजिश का खुलासा कर दिया। बताया जा रहा है कि ऑनलाइन गेमिंग ऐप में लाखों रुपए हारने के बाद युवक ने अपने साथ लूट की झूठी योजना बनाई थी।
दरअसल, गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह दूध का डिस्ट्रीब्यूशन करने वाले अक्षय कुमार ने डायल 112 पर सूचना दी कि उसके साथ 2,75,000 रुपए की लूट की घटना को बाइक सवार बदमाशों ने अंजाम दिया है। इस सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल शुरू कर दी।
पुलिस ने एफआईआर लिखकर जब मामले की जांच शुरू की और आसपास के सीसीटीवी को खंगाला तो इस घटना से जुड़े चौंकाने वाले खुलासे हुए। पुलिस के मुताबिक जब आसपास के सीसीटीवी कैमरे को खंगाला गया और लोगों से पूछताछ की गई तो पता चला कि ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं है। इसके बाद पुलिस ने युवक के बैकग्राउंड को चेक किया। उसके परिजनों से बात की और फिर युवक से कड़ाई से पूछताछ शुरू की।
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि लूट की घटना फर्जी थी। जिसकी कहानी खुद अक्षय ने रची थी। पुलिस के मुताबिक अक्षय इस बात को कह रहा था कि उसके साथ लूट की घटना हुई है। जबकि, उसने खुद इस लूट की फर्जी कहानी बनाई थी।
पुलिस जांच में यह निकलकर सामने आया कि ऑनलाइन गेमिंग ऐप में पैसा हारने के बाद और लोगों का बकाया नहीं चुका सकने के चलते अक्षय कुमार ने फर्जी कहानी रची थी, ताकि वो कर्ज लिए हुए पैसों को चुका सके। युवक को गिरफ्तार करते हुए पुलिस ने उसके पास से लगभग 51 हजार रुपए और दूध बांटने वाली गाड़ी भी बरामद की है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
एशियाई शीतकालीन खेल के मीडिया विलेज का उद्घाटन
बीजिंग, 28 जनवरी। 9वें एशियाई शीतकालीन खेल के मीडिया विलेज का मंगलवार को आधिकारिक रूप से उद्घाटन हुआ।
वर्तमान एशियाई शीतकालीन खेलों में कुल 6 मीडिया विलेज होटल हैं, जिसका महत्वपूर्ण मिशन मीडिया के लिए कुशल, सुविधाजनक और आरामदायक सेवाएं प्रदान करना है।
खेल के दौरान मीडिया रिपोर्टरों को आवास, कार्यालय, परिवहन, आगमन और प्रस्थान, चिकित्सा देखभाल और खानपान सहित विभिन्न सहायता सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
राजनीति
योगी सरकार की संजीदगी से संरक्षित हो रहे बेसहारा गोवंश
गोरखपुर, 28 जनवरी। बेसहारा गोवंश के संरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संजीदगी जगजाहिर है। इसके लिए उनकी सरकार दो विशेष कार्यक्रम चला रही है, निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना और निराश्रित गोवंश संरक्षण अभियान। एक तरफ पशुपालकों को मुफ्त गोवंश देने के साथ उनके भरण-पोषण का खर्च भी दे रही है, तो दूसरी तरफ बड़ी संख्या में बेसहारा गोवंश को सरकारी खर्च पर आश्रय स्थलों में संरक्षित किया जा रहा है।
‘निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना’ का दोतरफा लाभ दिख रहा है। इससे बेसहारा गोवंश को पोषणयुक्त संरक्षण मिल रहा है तो साथ ही गोवंश पालने के इच्छुक लोग बिना कुछ खर्च किए ही पशु मालिक बन जा रहे हैं। इस योजना में सरकार बेसहारा गोवंश लेने वाले व्यक्ति को गाय या नंदी मुफ्त देने के साथ उनके भरण-पोषण के लिए प्रतिदिन प्रति गोवंश 50 रुपये की दर से भुगतान भी करती है, यानी एक गोवंश के लिए प्रतिमाह 1,500 रुपये का भरण-पोषण खर्च योगी सरकार देती है। एक व्यक्ति अधिकतम चार गोवंश ले सकता है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र पांडेय बताते हैं कि गोरखपुर में ‘निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना’ की प्रगति काफी उत्साहजनक है। ‘निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना’ के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 361 गोवंश की सुपुर्दगी का क्रमिक लक्ष्य तय किया गया, जबकि अद्यतन 474 गोवंश सुपुर्द किए गए हैं। इस सुपुर्दगी से 260 पशुपालक लाभान्वित हुए हैं। सुपुर्द किए गए गोवंश के सापेक्ष उनके भरण-पोषण के लिए पशुपालकों को 70 लाख 44 हजार रुपये का भुगतान किया गया है।
लोगों को मुफ्त पशुपालक बनाने के साथ ही सरकार बड़ी संख्या में आश्रय स्थलों के माध्यम से भी गोवंश का संरक्षण कर रही है। प्रायः पशुपालक बछड़ों को अपने लिए अनुपयोगी समझते हैं तो उन्हें खुले में ही छोड़ देते हैं। इससे ये पशु खुद तो असुरक्षित हो ही जाते हैं। कई बार दुर्घटनाओं के कारण भी बन जाते हैं। उनके खाने-पीने का भी संकट होता है। इसके लिए योगी सरकार ने बड़े पैमाने पर गो आश्रय स्थल खोले हैं।
‘निराश्रित गोवंश संरक्षण अभियान’ के अंतर्गत जिले के 25 अस्थायी गो आश्रय स्थलों में 1,391, तीन कान्हा गोशाला में 3,040, दो वृहद गो संरक्षण केंद्रों में 2,886, चार पंजीकृत गोशाला में 553, तीन अपंजीकृत गोशाला में 304 और 23 कांजी हाउस में 1,697 गोवंश संरक्षित हैं।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में 8,851 गोवंश के संरक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जबकि वास्तविकता में 9,871 गोवंश संरक्षित हो रहे हैं। लक्ष्य के सापेक्ष यह उपलब्धि 111.52 प्रतिशत है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के मुताबिक, किसी को गोवंश, खासकर बछड़ों को पालने में यदि किसी भी तरह की दिक्कत आ रही हो तो उन्हें खुले में छोड़ देने की बजाय सरकार की पहल पर संचालित गो आश्रय स्थल पहुंचा देना चाहिए। इससे गोवंश को आसरा भी मिल जाएगा और लोग किसी भी तरह की कार्यवाही से भी बच जाएंगे।
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