व्यापार
दिवाली के बाद शेयर बाजार में छायी रौनक, 750 अंक से ज्यादा उछला सेंसेक्स

मुंबई, 23 अक्टूबर : भारतीय शेयर बाजार दिवाली के बाद गुरुवार के कारोबारी दिन शानदार तेजी के साथ हरे निशान में खुला। शुरुआती कारोबार में निफ्टी आईटी और निफ्टी एफएमसीजी सेक्टर में खरीदारी देखी जा रही थी।
सुबह करीब 9.37 बजे, सेंसेक्स 785.16 अंक या 0.93 प्रतिशत की बढ़त के साथ 85,211.50 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 224.05 अंक या 0.87 प्रतिशत की बढ़त के साथ 26,092.65 पर कारोबार कर रहा था।
ब्रॉडकैप सूचकांकों में, निफ्टी मिडकैप 100 में 0.62 प्रतिशत की बढ़त और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.01 प्रतिशत की मामूली गिरावट में कारोबार कर रहे थे।
सेक्टोरल फ्रंट पर निफ्टी आईटी 2.23 प्रतिशत और निफ्टी एफएमसीजी 1.13 प्रतिशत की बढ़त के साथ तेजी का नेतृत्व कर रहे थे। निफ्टी ऑटो 0.30 प्रतिशत, पीएसयू बैंक 0.30 प्रतिशत, फाइनेंशियल सर्विस 0.62 प्रतिशत, फार्मा 0.27 प्रतिशत और निफ्टी मेटल 0.59 प्रतिशत की बढ़त में कारोबार कर रहे थे।
बाजार जानकारों ने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील की खबरें हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की टिप्पणियां और प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रियाएं एक शीघ्र व्यापार समझौते का संकेत देती हैं। अपेक्षित समझौते में दोनों पक्षों की ओर से कुछ रियायतें शामिल हैं। अगर अमेरिका को भारतीय निर्यात पर 15-16 प्रतिशत टैरिफ लागू होता है तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा सकारात्मक कदम होगा और शेयर बाजारों को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।”
उन्होंने आगे कहा, “त्योहारी सीजन में शुरू हुई बाजार की तेजी और बढ़ेगी, जिससे निफ्टी नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है। पिछले कुछ दिनों में हुई अभूतपूर्व रिकॉर्ड बिक्री से कॉर्पोरेट आय में सुधार की संभावना है। हाल ही में एफआईआई द्वारा खरीदारों की ओर रुख और शॉर्ट कवरिंग ऐसे कारक हैं जो इस तेजी को बढ़ावा दे सकते हैं। स्पष्ट रूप से, यह तेजी के लिए फायदेमंद है।”
इस बीच, सेंसेक्स पैक में इंफोसिस, एचसीएलटेक, एक्सिस बैंक, टेक महिंद्रा, टीसीएस और हिंदुस्तान यूनिलीवर टॉप गेनर्स रहे। जबकि, इटरनल, बजाज फिनसर्व, एसबीआई और मारुति सुजुकी टॉप लूजर्स थे।
अमेरिकी बाजार में पिछले ट्रेडिंग सेशन में डाउ जोंस 0.71 प्रतिशत या 334.33 अंक की गिरावट के साथ 46,590.41 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 35.95 अंक या 0.53 प्रतिशत की गिरावट के साथ 6,699.40 और नैस्डेक 213.27 अंक या 0.93 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,740.40 पर लाल निशान में बंद हुआ।
अधिकांश एशियाई बाजार सुबह के कारोबार में लाल निशान में रहे । चीन का शंघाई इंडेक्स 0.66 प्रतिशत की गिरावट में कारोबार कर रहा था। जापान का निक्केई 1.35 प्रतिशत की गिरावट में था। हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 0.24 प्रतिशत की गिरावट में रहा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.42 प्रतिशत की गिरावट में कारोबार कर रहा था।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 21 अक्टूबर को शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 96.72 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 607.01 करोड़ रुपए के शेयर बेचे।
राजनीति
बिहार विधानसभा चुनाव : छठ के बाद कैसे रूकेंगे प्रवासी मतदाता? भाजपा ने बनाया पूरा प्लान

पटना, 23 अक्टूबर : बिहार में चुनावी बिगुल बजने के बाद भाजपा की टेंशन इस बात को लेकर बढ़ गई है कि आखिर छठ पूजा के संपन्न होने के बाद यहां प्रवासी मतदाताओं को कैसे रोका जाए? क्योंकि, छठ पूजा का त्योहार मनाने के लिए देश के कोने-कोने में रहने वाले बिहारवासी अपने प्रदेश का रुख करते हैं।
बिहार में दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा। वहीं, छठ पूजा 25 अक्टूबर से शुरू होकर 28 अक्टूबर तक चलेगी। लेकिन इससे पहले भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती यहां के प्रवासी मतदाताओं को छठ पूजा के बाद रोकना है।
एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक, 48 लाख से ज्यादा प्रवासी बिहार छठ पूजा मनाने के लिए अपने प्रदेश का रुख करते हैं। इसमें से 45.78 लाख घरेलू प्रवासी और 2.17 लाख विदेश में काम करने वाले बिहार के लोग शामिल हैं।
यह सभी लोग प्रतिवर्ष छठ का त्योहार मनाने के लिए अपने प्रदेश का रुख करते हैं। इसके बाद अपने-अपने कर्मभूमि की ओर रवाना हो जाते हैं। आमतौर पर छठ पूजा के बाद लोग बिहार में रुकने से गुरेज करते हैं।
वहीं, अब जब बिहार में छठ के बाद चुनाव होना है, तो भाजपा ने ऐसे सभी प्रवासी लोगों को रोकने के लिए पूरा प्लान बना लिया है। भाजपा के एक सूत्र के मुताबिक, पार्टी की तरफ से प्रदेश के सभी जिलों में बूथ-स्तरीय अभियान की शुरुआत की गई है। इसके तहत पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को मतदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उनसे आग्रह कर रहे हैं कि वो मतदान समाप्त होने तक यहीं रहें। इसके बाद ही कहीं जाएं।
भाजपा के मुताबिक, हम इस बात को भलीभांति समझते हैं कि छठ के बाद किसी भी आम बिहारी के लिए अपने प्रदेश में रुकना मुश्किल हो जाता है। उन्हें अक्सर नौकरी गंवाने का डर रहता है। लेकिन, हम ऐसे सभी लोगों के बीच में जाकर उन्हें मतदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इसके अलावा, हम उन्हें मतदान का महत्व भी समझा रहे हैं। हम उन्हें यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में मतदान का क्या मूल्य होता है?
जानकारी के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव में प्रवासी लोगों की अहमियत को देखते हुए बूथ कार्यकर्ताओं और जिला अध्यक्षों तक को सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, प्रवासी मतदाताओं की सबसे अधिक संख्या पूर्वी चंपारण (6.14 लाख), पटना (5.68 लाख), सीवान (5.48 लाख), मुजफ्फरपुर (4.31 लाख) और दरभंगा (4.3 लाख) जैसे जिलों में है। यह सभी जिले पहले चरण के मतदान के तहत कवर कर दिए जाएंगे।
व्यापार
टोनी कक्कड़ के नए गाने ‘कोका कोला 2’ से पेटीएम सुर्खियों में

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर : लोकप्रिय गायक-संगीतकार टोनी कक्कड़ ने अपने नवीनतम चार्ट-टॉपिंग गाने “कोका कोला 2” में भारत के भुगतान ऐप पेटीएम का जिक्र किया है। कंपनी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
“कोका कोला” एक ऊर्जावान गीत है जो सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा है। अपने आकर्षक हुक और चंचल बोलों के लिए जाने जाने वाले टोनी ने अपनी नवीनतम रिलीज में मस्ती, लय और युवा ऊर्जा का मिश्रण किया है।
लेकिन, इस गाने के बीच में टोनी पेटीएम का जिक्र करते हैं, जो आज की पीढ़ी की नब्ज को पकड़ता है।
चाहे कॉफी खरीदना हो, मूवी टिकट बुक करना हो, या कोला की ठंडी बोतल लेना हो, मोबाइल भुगतान अब आम बात हो गई है, और पेटीएम अकसर इन पलों के केंद्र में होता है।
यह पल पेटीएम की सांस्कृतिक और आर्थिक उपस्थिति की शक्तिशाली सीमा को भी रेखांकित करता है।
कंपनी ने कहा, “स्थानीय बाजारों के छोटे व्यापारियों से लेकर प्रमुख खुदरा श्रृंखलाओं और राष्ट्रीय उद्यमों तक, पेटीएम भारत के लेन-देन, जुड़ाव और उत्सव का एक अभिन्न अंग बन गया है। यह सुविधा, विश्वास और इनोवेशन वैल्यू की ओर एक ऐसे आंदोलन का प्रतिनिधित्व करता है जो टोनी कक्कड़ के संगीत में पाई जाने वाली सहजता और ऊर्जा की भावना को प्रतिध्वनित करता है।”
यह प्रमुख वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी मोबाइल भुगतान, क्यूआर कोड और साउंडबॉक्स में अग्रणी है, और एक अग्रणी वित्तीय सेवा वितरण कंपनी है जो भारत में भुगतान और भुगतान प्राप्त करने के तरीके को आकार देती रही है।
समय के साथ, पेटीएम भुगतान से आगे बढ़कर भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है, छोटे व्यवसायों को सशक्त बना रहा है, उद्यमियों का समर्थन कर रहा है और लाखों लोगों के लिए वित्तीय सेवाओं को सुलभ बना रहा है। इसके नवाचारों ने कैशलेस सुविधा को न केवल एक आदत बल्कि जीवनशैली बना दिया है, जो देश के हर कोने को छू रही है।
कंपनी ने कहा, “‘कोका कोला’ गाना सिर्फ एक पॉप गीत से कहीं बढ़कर है। यह दर्शाता है कि कैसे मनोरंजन और रोजमर्रा की जिंदगी अब डिजिटल सहजता के साथ जुड़ गई है। कलाकार द्वारा यूं ही पेटीएम का जिक्र करना दर्शाता है कि कैसे इस ब्रांड ने रोजमर्रा की जिंदगी में अपनी जगह बना ली है।”
व्यापार
भाई दूज पर पूरे भारत में 22,000 करोड़ रुपए का कारोबार होने का अनुमान: कैट

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर : भाई दूज पर पूरे भारत में इस साल मजबूत कारोबारी माहौल देखने को मिल रहा है और इस दौरान 22,000 करोड़ रुपए का कारोबार होने का अनुमान है। इसमें अकेले दिल्ली का योगदान करीब 2,800 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। यह जानकारी गुरुवार को कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) की ओर से गुरुवार को दी गई।
इंडस्ट्री बॉडी ने कहा कि भाई और बहन के इस त्योहार को गिफ्ट्स, मिठाईयों और पारंपरिक अनुष्ठान के साथ मनाया जाता है।
भाई-बहन के प्यार और स्नेह का प्रतीक भाई दूज का त्योहार गुरुवार को शहरों, कस्बों और गांवों में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया।
दिल्ली, मुंबई, जयपुर, अहमदाबाद, लखनऊ, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे और इंदौर सहित प्रमुख शहरों के बाजारों में भारी भीड़ देखी गई और मिठाइयां, उपहार, परिधान, आभूषण और त्योहारी सामान की खरीदारी में उछाल देखा गया।
कैट के अनुसार, जिन प्रमुख श्रेणियों में अच्छी मांग देखी गई, उनमें मिठाइयां और सूखे मेवे, वस्त्र और साड़ियां, आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक्स, घरेलू उपकरण और गिफ्ट हैंपर शामिल थे।
ट्रैवल, कैब सर्विसेज, रेस्टोरेंट और होटलों में भी व्यावसायिक गतिविधियों में वृद्धि दर्ज की गई।
चांदनी चौक से सांसद और कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि भाई दूज न केवल पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करता है, बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।
उन्होंने कहा, “भाई दूज केवल एक पारिवारिक त्योहार नहीं है। यह भारतीय संस्कृति की आत्मा है जो पारिवारिक रिश्तों में प्रेम, त्याग और सम्मान की भावना को मजबूत करती है।”
खंडेलवाल ने आगे कहा कि इस वर्ष के फेस्टिव सीजन सरकार की ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को लोगों ने काफी सपोर्ट किया और व्यापारियों ने स्वदेशी उत्पादों की बेचने को प्राथमिकता दी।
कैट ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में स्वदेशी वस्तुओं की बिक्री में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसमें पारंपरिक मिठाइयों, हाथ से बने उपहारों, सूखे मेवों और हथकरघा परिधान शामिल हैं।
फेस्टिव सीजन के व्यापक आर्थिक प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए, खंडेलवाल ने कहा कि ऐसे त्यौहार भारत के गैर-कॉर्पोरेट और गैर-कृषि क्षेत्र की मजबूती को प्रदर्शित करते हैं, जो देश के विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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