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Sunday,06-April-2025

राष्ट्रीय समाचार

बिहार चुनाव के लिए महागठबंधन में सीटों का ‘फार्मूला’ तय!

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Lalu

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेतृत्व वाले महागठबंधन के कई नेता रांची जाकर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मिलकर रणनीति बना रहे हैं या टिकट की माांग कर रहे हैं। इस बीच, सूत्रों का दावा है कि महागठबंधन में सीटों का फोर्मूला तय कर लिया गया है।

सूत्रों के मुताबिक, तय है कि गठबंधन की अगुवाई करने वाला राजद जहां ‘बड़े भाई’ की भूमिका में अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस रहेगी।

महागठबंधन के सूत्रों का कहना है कि शामिल घटक दलों के बीच सीटों को लेकर लगभग सहमति बन गई है। वामदलों के बाद बुधवार को राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) की ओर से सीटों पर बातचीत करने के लिए अधिकृत उपाध्यक्ष राजेश यादव और प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र कुशवाहा ने राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से बात की। इससे पहले वामदल के नेता भी जगदानंद सिंह से मिलकर बात कर चुके हैं।

सूत्रों का कहना है कि राजद 135-140 सीटों पर प्रत्याशी उतार सकती है, वहीं कांग्रेस के हिस्से 50 से 55 सीटें आ सकती हैं। इसके अलावे रालोसपा को 15 से 20 और विकासशील इंसान पार्टी को 10 से कम सीटों पर प्रत्याशी उतारने का मौका मिल सकता है। इसके अलावे वामदलों की पार्टियों के साथ सामंजस्य बैठाने की कोशिश की गई है।

हालांकि सूत्र यह भी कहते हैं कि इसमें नाराजगी उभरने की भी संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस पहले ही 70 से 80 सीटों की मांग की थी।

सूत्रों का दावा है कि राज्यसभा सांसद और कांग्रेस चुनाव समिति के प्रमुख अखिलेश सिंह भी बुधवार को रांची पहुंचकर लालू प्रसाद से मुलाकात कर चुके हैं। दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई, इसका खुलासा नहीं हो पाया है।

वैसे, कांग्रेस की नजर इस बार ऐसी सीटों पर भी टिकी हुई है जहां पिछले चुनाव में जदयू विजयी हुई थी या जहां से जदयू दूसरे नंबर पर रही थी।

सूत्रों का कहना है कि महागठबंधन बहुजन समाज पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा जैसी अन्य पार्टियों के लिए भी सीट छोड़ सकती है।

उल्लेखनीय है पिछले विधानसभा चुनाव से इस विधानसभा चुनाव में परिस्थितियां बदली हैं। पिछले चुनाव में जदयू, राजद और कांग्रेस गठबंधन के साथ उतरी थी लेकिन इस चुनाव में जदयू राजग के साथ है।

इधर, रालोसपा के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं, कि इस चुनाव में वह राजग को हराने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। इस बयान का अर्थ सियासी क्षेत्र में उनकी नाराजगी से भी लगाया जा रहा है।

इस बीच, हालांकि राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी सीट बंटवारे को लेकर किसी भी प्रश्नों का उत्तर नहीं दे रहे हैं, लेकिन इतना जरूर कहते हैं कि महागठबंधन में सभी दल चुनावी मैदान में उतरने को लेकर तैयार है और खुश है। महागठबंधन में किसी तरह की नाराजगी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि समय आने पर मीडिया को इसकी जानकारी दे दी जाएगी।

राष्ट्रीय समाचार

देश के समुद्री इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए सरकार लगातार कर रही काम: पीएम मोदी

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New Delhi : Prime Minister Narednra Modi addresses a programme marking 20 years of completion of SWAGAT initiative in Gujarat through video conferencing onThursday, April 27, 2023. (Photo:IANS/Video Grab)

नई दिल्ली, 5 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सरकार देश के समुद्री क्षेत्र और बंदरगाहों को मजबूत करना जारी रखेगी, जो भारत की प्रगति और समृद्धि को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

‘राष्ट्रीय समुद्री दिवस’ के अवसर पर अपने संदेश में पीएम मोदी ने कहा, “हम भारत के समृद्ध समुद्री इतिहास और राष्ट्र निर्माण में इस क्षेत्र द्वारा निभाई गई भूमिका को याद करते हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत पहले के समय में एक मान्यता प्राप्त समुद्री शक्ति था, लेकिन स्वतंत्रता के बाद के दौर में समुद्री क्षेत्र की अनदेखी की गई।

हालांकि, पिछले 10 वर्षों के दौरान न्यू इंडिया ने समुद्री क्षेत्र में कई नई उपलब्धियां हासिल की हैं और सरकार देश के समुद्री इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है।

पीएम मोदी ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में देश के प्रमुख बंदरगाहों की कार्गो हैंडलिंग क्षमता दोगुनी हो गई है और बंदरगाहों तक कनेक्टिविटी में सुधार के लिए हजारों किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण किया गया है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि सरकार के “समृद्धि के लिए बंदरगाह और प्रगति के लिए बंदरगाह” के मंत्र के साथ समुद्री क्षेत्र में बड़े बदलाव लाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा “उत्पादकता के लिए बंदरगाह” के नए मंत्र को समुद्री इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए भी आगे बढ़ाया गया है।

पीएम मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार ‘कोस्टल शिपिंग’ को विकसित करने के लिए कई नए कदम उठा रही है। यह बयान गुरुवार को लोकसभा द्वारा अनुमोदित ‘कोस्टल शिपिंग बिल’ की पृष्ठभूमि में दिया गया।

इस विधेयक का उद्देश्य भारतीय तटीय जल (कोस्टल वॉटर) के भीतर व्यापार में लगे जहाजों को रेगुलेट करना है। इस विधेयक का उद्देश्य कोस्टल शिपिंग के रेगुलेशन से संबंधित कानून को कंसोलिडेट और संशोधित करना, तटीय व्यापार (कोस्टल ट्रेड) को बढ़ावा देना और घरेलू भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।

विधेयक यह सुनिश्चित करेगा कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और वाणिज्यिक जरूरतों के लिए देश के नागरिकों के स्वामित्व और संचालन वाले तटीय बेड़े (कोस्टल फ्लीट) से लैस हो।

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि भारत के समुद्री क्षेत्र को मजबूत करने की रणनीति के तहत देश के अंतरदेशीय जलमार्गों को भी विकसित किया जा रहा है।

पीएम मोदी ने कहा कि इतिहास ने दिखाया है कि जब भी भारत का समुद्री क्षेत्र मजबूत हुआ है, देश और दुनिया दोनों को इसका लाभ मिला है।

उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण तथ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार देश के समुद्री क्षेत्र को मजबूत करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से लगातार काम कर रही है।

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राजनीति

दिल्ली : जिला कांग्रेस अध्यक्षों की बैठक संपन्न, संगठन सशक्तिकरण और चुनावी रणनीति पर हुई चर्चा

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नई दिल्ली, 5 अप्रैल। दिल्ली कांग्रेस ने जिला स्तर पर अपने संगठन को सशक्त करने के लिए जिला कांग्रेस समिति अध्यक्षों की बैठक का तीसरा और अंतिम चरण शुक्रवार को नई दिल्ली के इंदिरा भवन में संपन्न किया।

इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल सहित वरिष्ठ नेताओं ने जिला अध्यक्षों के सुझावों पर मंथन किया।

बैठक का मुख्य उद्देश्य संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करना, मतदाता सूची सत्यापन को बेहतर करना और कार्यप्रणाली में सुधार लाना रहा।

अपने संबोधन में मल्लिकार्जुन खड़गे ने जिला अध्यक्षों को संगठन की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी बताते हुए कहा कि पार्टी के विचारों और कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाने में उनकी भूमिका अहम है। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पूरे दमखम के साथ तैयारी करने और भाजपा-आरएसएस की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। कांग्रेस को भाजपा-आरएसएस की जनविरोधी और संविधान विरोधी सोच के खिलाफ लगातार लड़ना होगा। जनता के मुद्दों को उठाना होगा। इस दौरान उन्होंने बेलगावी के अधिवेशन में कांग्रेस द्वारा 2024-25 को संगठन सशक्तिकरण वर्ष मनाने के फैसले की भी याद दिलाई।

खड़गे ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता जनकल्याण नहीं, बल्कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण है। उन्होंने संसद के देर रात तक संचालन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर बहस की बजाय सरकार चुपके से वैधानिक कार्य निपटाती है। सरकार संसद को रात के चार बजे तक महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक विफलता, अमेरिका के टैरिफ के खिलाफ बहस करने के लिए नहीं चलाती है। रात के अंधेरे में मणिपुर पर बहस कराती है, ताकि चुपके से वैधानिक कार्य हो सके। उन्होंने जिला अध्यक्षों से यह भी कहा कि सभी को चुनाव प्रक्रिया पर निगरानी रखने, वोटर लिस्ट से छेड़छाड़ को रोकने के लिए प्रयास करने होंगे।

बैठक के बाद के.सी. वेणुगोपाल और पवन खेड़ा ने बताया कि तीन चरणों में कुल 862 जिला अध्यक्षों ने हिस्सा लिया। बूथ प्रबंधन, मतदाता सूची सत्यापन, विचारधारा प्रशिक्षण और सोशल मीडिया रणनीति पर विस्तृत चर्चा हुई। उनके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों, महासचिवों और विभिन्न राज्य प्रभारियों ने भी भागीदारी की।

वेणुगोपाल ने 8-9 अप्रैल को अहमदाबाद में होने वाले कांग्रेस के ऐतिहासिक अधिवेशन की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह अधिवेशन साबरमती नदी के तट पर होगा और इसकी टैगलाइन ‘न्यायपथ: संकल्प, समर्पण और संघर्ष’ होगी। यह अधिवेशन महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की 100वीं वर्षगांठ और सरदार पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर गुजरात में आयोजित हो रहा है। उन्होंने बताया कि 8 अप्रैल को विस्तारित कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक सरदार वल्लभभाई पटेल स्मारक स्थल पर होगी। 9 अप्रैल को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का अधिवेशन होगा।

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राजनीति

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ताशकंद में 150वीं आईपीयू बैठक में होंगे शामिल

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नई दिल्ली, 5 अप्रैल। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 5 से 9 अप्रैल तक उज्बेकिस्तान के ताशकंद में आयोजित हो रहे अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) की 150वीं सभा में भाग लेंगे। बिरला भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला “सामाजिक विकास और न्याय हेतु संसदीय कार्रवाई” विषय पर सभा को संबोधित करेंगे।

लोकसभा अध्यक्ष इस सभा में भाग लेने के साथ ही अन्य सांसदों के पीठासीन अधिकारियों से भी भेंट करेंगे।

ताशकंद यात्रा के दौरान, ओम बिरला उज्बेकिस्तान में रहने वाले भारतीय समुदाय के सदस्यों और भारतीय छात्रों से भी बातचीत करेंगे।

लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में पुष्टि की गई कि बिरला सांसदों के एक प्रतिष्ठित समूह के साथ सदन में होने वाली चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लेंगे।

भारतीय संसदीय शिष्टमंडल में राज्य सभा के उपसभापति, हरिवंश, भर्तृहरि महताब, अनुराग सिंह ठाकुर, विष्णु दयाल राम, अपराजिता सारंगी,डॉ. सस्मित पात्रा, अशोक कुमार मित्तल, किरण चौधरी, लता वानखेड़े, बिजुली कलिता मेधी तथा लोक सभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह और राज्य सभा के महासचिव पीसी.मोदी शामिल हैं।

आईपीयू सभा में भारतीय प्रतिनिधि विभिन्न आईपीयू निकायों की महत्वपूर्ण चर्चाओं और बैठकों में भाग लेंगे, जिनमें गवर्निंग काउंसिल, कार्यकारी समिति और कई विषयगत पैनल चर्चाएं शामिल होंगी।

सभा को संबोधित करने के अलावा, अध्यक्ष बिरला अन्य संसदों के अपने समकक्षों के साथ अपने दृष्टिकोण साझा करेंगे तथा प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर भारत की वर्तमान स्थिति को बढ़ावा देंगे।

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