अपराध
कश्मीर में आतंकवादी समूह का भंडाफोड़, लश्कर के 5 सहयोगी गिरफ्तार

जम्मू एवं कश्मीर पुलिस और सेना की एक संयुक्त टीम ने एक विशेष सूचना पर मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के नर्बल क्षेत्र से पांच आतंकवादी सहयोगियों को तलाशी अभियान के दौरान गिरफ्तार किया है।
आतंकवादियों के सहयोगियों की पहचान इमरान राशिद, इफशान अहमद गनी, ओवैस अहमद, मोहसिन कादिर और आबिद राथर के रूप में की गई है।
उनके कब्जे से बड़े मात्रा में हथियार बरामद की गई है, जिसमें 28 लाइव राउंड एके 47, एक मैगजीन एके 47 और साथ ही लश्कर-ए-तैयबा के 20 पोस्टर शामिल हैं।
पुलिस ने कहा कि यह समूह लश्कर के सक्रिय आतंकवादियों की सहायता करने और आश्रय देने में शामिल था। वे बीते कुछ महीनों से इलाके में सक्रिय थे।
इस संबंध में मगाम के पुलिस स्टेशन में यूएपीए की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और जांच जारी है।
अपराध
मुंबई अपराध: बांद्रा पुलिस ने मैक्स पैकर्स के कर्मचारियों के खिलाफ 16.15 लाख रुपये की कथित चोरी का मामला दर्ज किया

CRIME
मुंबई: बांद्रा पुलिस ने ‘मैक्स पैकर्स एंड मूवर्स’ के चार कर्मचारियों के खिलाफ एक ग्राहक के साथ कथित तौर पर धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है। मुंबई से लोनावला घरेलू सामान ले जाते समय, आरोपियों ने कथित तौर पर एक बैग तोड़कर 16.15 लाख रुपये के सोने-चांदी के गहने चुरा लिए। मैक्स पैकर्स एंड मूवर्स कांदिवली पूर्व स्थित एक कंपनी है जो घरेलू सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने की सेवाएँ प्रदान करती है।
एफआईआर के अनुसार, शिकायतकर्ता, 46 वर्षीय योग शिक्षिका, मानसी कुलकर्णी, जो बांद्रा पश्चिम में रहती हैं, ने 9 अगस्त को ‘मैक्स पैकर्स एंड मूवर्स’ से संपर्क किया ताकि उनके घर से उनके पिता के घर लोनावाला तक घरेलू सामान पहुँचाया जा सके। उसी दिन, कंपनी ने पप्पू, प्रदीप कुमार, खान और अजय नाम के चार कर्मचारियों को उनके बांद्रा स्थित घर भेजा।
सामान पैक करते समय, एक मज़दूर ने अपने पिता के लिए कुछ पुराने कपड़े माँगे। कुलकर्णी ने उसे अपने पिता के पुराने कपड़ों से भरा एक बैग दे दिया। सामान एक टेम्पो में लादकर, वह उनके साथ लोनावला चली गईं। गाड़ी में ड्राइवर समेत कुल सात लोग थे।
उसने एक ट्रैवल बैग में गहने और ज़रूरी दस्तावेज़ रखे थे। जब उसने बैग को केबिन में अपने साथ रखने की कोशिश की, तो एक कर्मचारी ने उसे आश्वस्त किया कि चूँकि बैग लॉक है, इसलिए उसे सुरक्षित रूप से पीछे रखा जा सकता है। उसने उन्हें बताया कि उसमें कीमती सामान है और उनसे ख़ास तौर पर अनुरोध किया कि उसे पीछे रखने से पहले उसकी अच्छी तरह देखभाल करें और वह ड्राइवर केबिन में बैठ गई।
लोनावला जाते हुए, शाम करीब साढ़े पाँच बजे एक कर्मचारी पुराने कपड़ों का एक बैग लेकर बांद्रा पूर्व के कलानगर में उतरा। जब उसने पूछा कि वह क्यों उतरा है, तो बाकी कर्मचारियों ने बताया कि उसे किसी काम से जल्दी है और उन्होंने तुरंत टेम्पो फिर से चालू कर दिया।
टेम्पो रात करीब 9 बजे उनके पिता के लोनावाला स्थित आवास पर पहुंचा। सामान उतारने के बाद, कुलकर्णी 10 अगस्त को बांद्रा लौट आईं, क्योंकि उन्होंने तुरंत भाषाएं नहीं खोलीं।
3 सितंबर को वह फिर से लोनावाला गईं। 7 सितंबर को, जब उन्होंने अपने दस्तावेज़ों और गहनों से भरे बैग की जाँच की, तो उन्हें पता चला कि उसका ताला टूटा हुआ था और कीमती सामान गायब था। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपियों ने गहने और दस्तावेज़ कलानगर स्थित कर्मचारी द्वारा लिए गए पुराने कपड़ों के बैग में रख लिए थे। चोरी हुए सामान की कीमत लगभग 16.15 लाख रुपये थी।
इस खुलासे के बाद, उन्होंने बांद्रा पुलिस में अपने घर आए चार कर्मचारियों पप्पू, प्रदीप कुमार, खान और अजय के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उनकी शिकायत के आधार पर, पुलिस ने 15 सितंबर को भारतीय न्याय संहिता की धारा 316(2) (आपराधिक विश्वासघात) और 3(5) (एक ही इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा किया गया कृत्य) के तहत मामला दर्ज किया।
अपराध
दिल्ली क्राइम ब्रांच की बड़ी सफलता, गैंगरेप केस में फरार घोषित अपराधी गिरफ्तार

CRIME
नई दिल्ली, 19 सितंबर। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (डब्ल्यूआर-2) ने संगीन अपराधों में फरार घोषित अपराधियों पर शिकंजा कसते हुए एक बड़ी सफलता हासिल की है। टीम ने तिमारपुर के रहने वाले भरत को गिरफ्तार किया है। गैंगरेप के मामले में वह प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर (पीओ) घोषित था।
आरोपी के खिलाफ साल 2017 में थाना सुल्तानपुरी में एफआईआर संख्या 471/2017 दर्ज की गई थी, जिसमें धारा 323/376D/506 आईपीसी और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत गंभीर आरोप लगाए गए थे।
डब्ल्यूआर-2 क्राइम ब्रांच की टीम लंबे समय से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में फरार और संगीन मामलों में लिप्त अपराधियों की तलाश कर रही थी। हेड कांस्टेबल अजय को एक पुख्ता सूचना मिली कि फरार अपराधी भारत अपने साथियों से मिलने राजपुरा रोड, एपीएल गेट के पास आने वाला है। सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर सतीश मलिक के नेतृत्व में एसीपी राजपाल दबस की निगरानी में एक टीम गठित की गई। इस टीम में हेड कांस्टेबल अजय, संदीप और संदीप कादयान शामिल थे। मौके पर जाल बिछाया गया और आरोपी को घेरकर दबोच लिया गया।
पूछताछ के दौरान आरोपी भरत ने बताया कि वह तिमारपुर का रहने वाला है। वर्ष 2017 में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और शारीरिक हमला भी किया। मामले के दर्ज होने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई।
सुनवाई के दौरान सजा के डर से आरोपी अदालत में पेश नहीं हुआ और फरार हो गया। इसके बाद वर्ष 2023 में अदालत ने उसे प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित कर दिया।
जानकारी के अनुसार, आरोपी भरत के खिलाफ 4 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
इससे पहले, दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की ईआर-2 टीम ने 9 सितंबर को डेबिट कार्ड स्वैपिंग फ्रॉड में शामिल एक फरार अपराधी को गिरफ्तार किया था। आरोपी की पहचान कादिर उर्फ कादिर पुत्र नूर मोहम्मद के रूप में हुई थी, जो गाजियाबाद का रहने वाला है। आरोपी 2017 से फरार चल रहा था और 10 अप्रैल 2019 को अदालत द्वारा प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित किया गया था।
अपराध
बॉम्बे हाईकोर्ट को धमकी भरा ईमेल, बम स्क्वायड की जांच में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली

COURT
मुंबई, 19 सितंबर। बॉम्बे हाईकोर्ट को शुक्रवार को एक धमकी भरा ईमेल मिला, जिसमें कहा गया था कि अदालत परिसर में बम लगाया गया है और उसे उड़ाया जाएगा। इस ईमेल से सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया।
धमकी की सूचना मिलते ही मुंबई पुलिस और बम स्क्वायड की टीम हाईकोर्ट परिसर पहुंची। पूरे क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान चलाया गया। अदालत परिसर और आसपास के इलाकों में बारीकी से जांच की गई, लेकिन कुछ भी संदिग्ध बरामद नहीं हुआ।
मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हमें धमकी भरा ईमेल मिला था। सूचना पर तुरंत कार्रवाई की गई और बम स्क्वायड ने जांच की। जांच के दौरान कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। हम ईमेल भेजने वाले शख्स को ट्रेस करने का प्रयास कर रहे हैं।
धमकी के बाद हाईकोर्ट परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आने-जाने वालों की सघन चेकिंग की जा रही है और हर गतिविधि पर पुलिस की कड़ी नजर बनी हुई है।
इससे पहले, 12 सितंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी वाला एक ईमेल प्राप्त हुआ था, जो बाद में जांच में झूठा पाया गया। इस घटना के कारण हाईकोर्ट में सभी पीठों की सुनवाई रोक दी गई थी और सुरक्षा के लिए तत्काल अदालत परिसर को खाली कराया गया था। बम निरोधक दस्ते (बीडीडीएस) को मौके पर बुलाया गया, जिसने हाईकोर्ट के अंदर और बाहर गहन तलाशी ली, लेकिन कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। इस धमकी को झूठा पाए जाने के बाद आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
मुंबई पुलिस ने इस संबंध में आधिकारिक बयान जारी कर बताया था कि आजाद मैदान पुलिस स्टेशन ने बॉम्बे हाईकोर्ट को मिले बम धमकी वाले ईमेल के मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 353(1) और 353(2) के तहत प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की है। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी थी और इसकी तह तक जाने के लिए प्रयासरत थी।
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