अपराध
आग में दस लोगों की हुई थी मौत, HDIL समेत अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज

भांडुप की आग मामले में पुलिस ने ड्रीम्स मॉल और सनराइज हॉस्पिटल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मुंबई के भांडुप पुलिस स्टेशन आईपीसी की धारा 304 और 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस एफआईआर में में ड्रीम्स मॉल मैनेजमेंट राकेश वधावन( HDIL चेयरमैन) , निकिता त्रेहान (राकेश वाधवान के बेटी) , दीपक शिर्के अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। भांडुप इलाके में यह ड्रीम्स मॉल एचडीआईएल ने साल 2009 में बनवाया था एसबीआई के चेयरमैन राकेश पासवान है बेटी निकिता त्रेहान उनकी बेटी निकिता त्रेहान सनराइज ग्रुप के एमडी ने जिनका ड्रीम्स मॉल में हॉस्पिटल था काल के दौरान कुछ शर्तों के साथ उन्हें कोई अस्पताल बनाने की इजाजत दी गई थी यह इजाजत 31 मार्च 2021 तक के लिए मिली थी।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भांडुप स्थित ड्रीम्स मॉल और सनराइज अस्पताल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना भी दी। उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस हादसे में जो लोग भी जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ठाकरे ने इस फायर ट्रेजेडी में मरने वाले लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता का भी ऐलान किया है। मुंबई के भांडुप इलाके में स्थित ड्रीम्स मॉल में बीती रात लगी आग के बाद मॉल की तीसरी मंजिल पर मौजूद सनराइज अस्पताल भी चपेट में आ गया था। जिसकी वजह से अस्पताल में भर्ती 78 मरीजों में से 10 लोगों की मौत हो गई है।
इस मामले में अस्पताल प्रशासन की तरफ से भी बयान जारी किया गया है। जिसमें उन्होंने बताया है कि ड्रीम्स मॉल के पहले फ्लोर पर आग लगी थी। जिसका धुआं सनराइज अस्पताल तक भी पहुंचा था। जिसके बाद तुरंत ही अस्पताल में अलार्म सिस्टम बजने लगा और सभी भर्ती मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। अस्पताल ने बताया कि आग की वजह से कोई मौत नहीं हुई है। दो मरीजों की कोविड के चलते मौत हुई थी। उनके शव को भी बाहर निकाल लिया गया है। सभी मरीजों को जंबो कोविड सेंटर और अन्य अस्पतालों में भर्ती किया गया है। फायर फाइटिंग के सभी उपकरण काम कर रहे थे। बीएमसी के मुताबिक भांडुप के ड्रीम्स मॉल का फायर फाइटिंग सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा था। बीएमसी को इस बात की जानकारी तब हुई जब उसने मॉल का सर्वे किया था। बीएमसी के सर्वे में यह मॉल 29 वें नंबर पर आया था। बीएमसी ने मुंबई शहर के ऐसे 29 मॉल को नोटिस भी भेजा था और फायर फाइटिंग सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए कहा था। आपको बता दें कि पिछले साल 22 अक्टूबर को मुंबई सेंट्रल के सिटी सेंटर मॉल में आग लगी थी। जिसे बुझाने में तकरीबन 4 दिन लग गए थे। इसी आग के बाद पूरे शहर के मॉल का सर्वे किया गया था
मुंबई के भांडुप में सनराइज अस्पताल में देर रात आग लगने से अफरातफरी मच गई। आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। खास बात है कि यह अस्पताल ड्रीम्ज मॉल में तीसरी मंजिल पर स्थित है। अस्पताल में आग करीब 11:45 बजे रात को लगी। घटना की जानकारी के बाद फायर ब्रिगेड की 23 गाड़ियां मौके पर आग बुझाने के लिए पहुंची। अस्पताल में 78 पेशेंट्स एडमिट थे। इनमें से 73 कोरोना पेशेंट्स और 3 सामान्य रोगी हैं। 73 पेशेंट्स में 30 को मुलुंड के जंबो सेंटर में शिफ्ट किया गया है। वहीं, तीन लोगों को फोर्टिस अस्पताल में एडमिट कराया गया है। बाकी अन्य का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
अपराध
मुंबई : बिना पहचान के सिम बेचने का खेल हुआ खत्म, आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

मुंबई , 21 मई। मुंबई क्राइम ब्रांच ने बिना दस्तावेज के सिम कार्ड देने वाला युवक गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के पास से 75 सिम कार्ड्स और 2 मोबाइल जब्त किए हैं। पुलिस ने उसके खिलाफ बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
मुंबई पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी का नाम समीर मेहबूब खान है, जिसकी उम्र महज 23 साल है।
पहलगाम हमले के बाद, मुंबई शहर को हाई अलर्ट पर रखने के दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच को ऐसे गिरोह की जानकारी मिली जो मोटी रकम लेकर बिना दस्तावेज में सिम कार्ड मुहैया करवाता है। मुंबई क्राइम ब्रांच के पुलिस अधिकारी को एक गुप्त सूचना मिली थी कि एक शख्स वीआई, एयरटेल और जियो जैसी टेलीकॉम कंपनियों के अधिकृत सिम कार्ड वितरक के रूप में काम करता है।
मुंबई पुलिस के मुताबिक, इस दौरान आरोपी ग्राहकों की आंखों की स्कैनिंग और अंगूठे के निशान को बार-बार लेकर अवैध रूप से सिम कार्ड जारी कर रहा है। अधिकारी ने आगे बताया कि वह बिना वैध केवाईसी प्रक्रिया पूरी किए सिम कार्ड अधिक कीमत पर बेच रहा था।
इस जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई करने के लिए क्राइम ब्रांच ने एक जाल बुना। एक नकली ग्राहक को तैयार कर समीर के पास भेजा गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने उस ग्राहक से बिना किसी वैध दस्तावेज के अधिक पैसे लेकर सिम कार्ड बेच दिया। इसके बाद तुरंत ही आरोपी को हिरासत में लिया गया और उसके पास से सिम कार्ड्स और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए।
बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से कई शहर हाई अलर्ट पर हैं। इस दौरान देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों की तलाश की जा रही है और ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकाला जा रहा है।
अपराध
झारखंड के शराब घोटाले में आईएएस विनय चौबे से एंटी करप्शन ब्यूरो ने शुरू की पूछताछ

रांची, 20 मई। झारखंड में शराब घोटाले में पीई (प्रिलिमिनरी इन्क्वायरी) दर्ज करने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने आईएएस और तत्कालीन एक्साइज सेक्रेटरी विनय कुमार चौबे से पूछताछ शुरू की है।
मंगलवार को एसीबी की टीम उनके आवास पर पहुंची और इसके बाद उन्हें अपने साथ कार्यालय लेकर पहुंची है।
सूत्रों के अनुसार, उनसे उनके कार्यकाल में झारखंड में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर लागू हुई एक्साइज पॉलिसी की कथित गड़बड़ियों के बारे में पूछताछ की जा रही है।
दरअसल, इस मामले की जड़ें छत्तीसगढ़ से जुड़ी हैं, जहां शराब घोटाले में स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के अफसरों और कई बड़े कारोबारियों की भूमिका सामने आई है।
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच वहां की आर्थिक अपराध शाखा ने शुरू की थी। इसके बाद ईडी ने भी इस मामले में जांच शुरू की।
ईडी को इस दौरान यह भी जानकारी मिली कि जिस सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला किया, उसी ने झारखंड में भी नई उत्पाद नीति लागू करवाई और यहां भी उसी तर्ज पर घोटाला दोहराया गया।
इसी आधार पर ईडी की छत्तीसगढ़ इकाई ने झारखंड के तत्कालीन एक्साइज सेक्रेटरी विनय चौबे को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था।
पूछताछ के दौरान चौबे ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि उत्पाद नीति सरकार की सहमति से लागू की गई थी। बाद में झारखंड के एक व्यक्ति ने छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट ने ही झारखंड में सुनियोजित घोटाला किया।
इसके बाद ईडी ने इसमें ईसीआईआर दर्ज कर जांच शुरू की और अक्टूबर 2024 में आईएएस विनय चौबे सहित कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा में एक प्राथमिकी दर्ज होने के बाद झारखंड एसीबी ने राज्य सरकार की अनुमति के बाद पीई दर्ज कर जांच शुरू की है।
अपराध
पंजाब पुलिस की बड़ी कार्रवाई: बटाला में आईएसआई समर्थित आतंकी नेटवर्क का भंडाफोड़

चंडीगढ़, 20 मई। पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। बटाला पुलिस ने छह आतंकियों को गिरफ्तार किया है, जो आईएसआई के निर्देश पर काम कर रहे थे। ये आतंकी बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से जुड़े हुए थे और इनका मास्टरमाइंड मनिंदर बिल्ला और मन्नू अगवान था।
बटाला पुलिस ने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर दी है।
पुलिस के एक्स हैंडल के मुताबिक, गिरफ्तार आतंकियों की पहचान जतिन कुमार उर्फ रोहन, बरिंदर सिंह उर्फ साजन, राहुल मसीह, अब्राहम उर्फ रोहित, सोहित और सुनील कुमार के रूप में हुई है। इनके पास से एक 30 बोर पिस्तौल बरामद हुई है।
पुलिस ने बताया कि ये आतंकी बटाला में एक शराब की दुकान पर ग्रेनेड हमला करने की कोशिश कर चुके थे। गिरफ्तार आतंकियों को पुर्तगाल स्थित मनिंदर बिल्ला और बीकेआई मास्टरमाइंड मन्नू अगवान से सीधे निर्देश मिल रहे थे। मन्नू अगवान ने हाल ही में अमेरिका में हैप्पी पासियन की गिरफ्तारी के बाद ऑपरेशनल चार्ज संभाला था।
गिरफ्तार आतंकियों में से एक जतिन कुमार पुलिस मुठभेड़ में घायल हो गया। उसने पुलिस पर गोलियां चलाईं और जवाबी कार्रवाई में घायल हो गया। उसे सिविल अस्पताल बटाला में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने इस मामले में बीएनएस और यूएपीए के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि वे राज्य में आतंकी नेटवर्क को बेअसर करने और शांति और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस कार्रवाई के बाद पुलिस आतंकी नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ने की कोशिश कर रही है। पुलिस का कहना है कि वे किसी भी कीमत पर आतंकवाद को पनपने नहीं देंगे और राज्य की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।
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