अंतरराष्ट्रीय
टी20 विश्व कप : मदन लाल का सुझाव, चहल और हर्षल को टीम में शामिल करें

आईसीसी के नियमों के अनुसार भारतीय टी20 विश्व कप टीम में कोई भी बदलाव करने का रविवार आखिरी दिन है और पूर्व क्रिकेटर मदन लाल ने राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को युजवेंद्र चहल और हर्षल पटेल को टीम में शामिल करने का सुझाव दिया है।
चहल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2021 के चल रहे यूएई चरण में अच्छे फॉर्म में हैं। जैसे-जैसे वह हर खेल के साथ बेहतर होते जा रहे हैं, भारतीय टीम की 15 सदस्यीय टी 20 विश्व कप टीम में उनकी अनुपस्थिति अब चर्चा की विषय बन गई है।
इस बीच, पटेल ने भी कुछ प्रभावशाली प्रदर्शन किए हैं, जिनमें से एक मुंबई इंडियंस के खिलाफ हैट्रिक है। वह वर्तमान पर्पल कैप धारक भी हैं, जिनके नाम 14 मैचों में 30 विकेट हैं। इस सीजन में आईपीएल में बल्लेबाजों के लिए उनकी धीमी गेंदें यकीनन सबसे मुश्किल रही हैं। आईएएनएस को यह भी पता चला है कि पटेल संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय टीम में नेट गेंदबाज के रूप में शामिल होने की दौड़ में हैं।
मदन लाल ने आईएएनएस से कहा, “मैं अभी भी समझ नहीं पा रहा हूं कि चहल को पहले क्यों नहीं चुना गया। वह अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और हमारा सर्वश्रेष्ठ स्पिनर है। उसने पहले और मौजूदा आईपीएल में भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। जब मुझे इसके बारे में पता चला तो मैं थोड़ा हैरान था। चहल को नजरअंदाज किया जा रहा है। दूसरे हैं हर्षल पटेल। उन्हें भी टीम में शामिल किया जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “चयनकर्ता टीम में किसकी जगह बदलाव करेंगे यह देखना होगा। उन्हें उसी के अनुसार संतुलन बनाना चाहिए जिससे टूर्नामेंट में टीम को मदद मिलेगी। लेकिन मेरा सुझाव है कि इन दो खिलाड़ियों, चहल और पटेल को शामिल किया जाना चाहिए।”
हालांकि, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के एक अधिकारी ने शनिवार को आईएएनएस से कहा कि टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में तब तक कोई बदलाव नहीं होगा, जब तक कि कोई चोटिल नहीं होता है। टी20 विश्व कप 17 अक्टूबर से यूएई और ओमान में शुरू होगा।
10 अक्टूबर की समय सीमा से पहले, अटकलें लगाई जा रही थीं कि भारतीय टीम में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं, क्योंकि कप्तान विराट कोहली और उप-कप्तान रोहित शर्मा ने कथित तौर पर राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के साथ बैठक की थी।
लेकिन, सभी दावों को खारिज करते हुए सूत्रों ने कहा कि टीम वही रहेगी। कोई औपचारिक बैठक नहीं! और चोट लगने तक टीम में कोई बदलाव नहीं होगा। हां, फिजियो कुछ खिलाड़ियों पर नजर रख रहे हैं और वे अपनी रिपोर्ट बीसीसीआई के साथ साझा करेंगे। यह एक नियमित बात नहीं है। लेकिन फिलहाल टीम में कोई बदलाव नहीं हो रहा है।
जब से टीम की घोषणा की गई है, आलोचकों और कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने शिखर धवन और चहल जैसे कुछ शीर्ष खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी पर चिंता जताई है। खासकर आईपीएल 2021 यूएई लेग के दौरान उनके प्रदर्शन के बाद।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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