अंतरराष्ट्रीय
टी20 विश्व कप : भारत ने नामीबिया को 9 विकेट से हराया

रोहित शर्मा (56) की धुआंधार बल्लेबाजी की वजह से सोमवार को आईसीसी टी20 विश्व में यहां दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए मैच में भारत ने नामीबिया को 9 विकेट से हरा दिया। पहले बल्लेबाजी करने उतरी नामीबिया की टीम ने 20 ओवरों में 8 विकेट के नुकसान पर 132 रन बनाए थे। इसके जवाब में, भारतीय टीम ने एक विकेट खोकर 15.2 ओवरों में ही लक्ष्य को पूरा कर लिया। सलामी बल्लेबाज रोहित और केएल राहुल ने 59 गेंदों में 86 रनों की एक बार फिर शानदार साझेदारी की। नामीबिया की ओर से जेन फ्रिलिंक को एक विकेट मिला।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने ताबड़तोड़ शुरुआत की। उन्होंने तेज गति से रन बनाते हुए पावरप्ले में ही बिना विकेट खोए 54 रन जोड़े। इस दौरान, रोहित और राहुल विरोधी टीम के गेंदबाजों पर कहर बनकर टूट रहे थे, जिससे रोहित ने 31 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया।
लेकिन तेज गति से रन बनाने के चक्कर में रोहित सात चौके और दो छक्कों की मदद से 37 गेंदों में 56 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इस बीच, भारतीय टीम ने एक विकेट गंवाकर 10 ओवरों में 87 रन बनाए।
तीसरे स्थान पर आए सूर्यकुमार यादव ने राहुल के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाया। दोनों ने मिलकर टीम का स्कोर 12 ओवरों में 100 रन के पार पहुंचाया। इस दौरान, राहुल ने भी 35 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया।
इसके साथ ही राहुल ने चार चौके और दो छक्कों की मदद से 36 गेंदों में नाबाद 54 रन बनाए। वहीं सूर्यकुमार ने चार चौके की मदद से 19 गेंदों में नाबाद 25 रन बनाकर टीम को आसान जीत दिलाई।
इससे पहले, बल्लेबाजी के लिए उतरी नामीबिया की टीम की शुरुआत खराब रही, क्योंकि उन्होंने पावरप्ले में दो विकेट के नुकसान पर 34 रन ही जोड़े। इस दौरान, माइकल वैन लिंगन (14) और क्रेग विलियम्स (0) रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद जल्द ही स्टीफन बार्ड एक चौका और एक छक्के की मदद से 21 गेंदों में 21 रन बनाकर जडेजा के शिकार बन गए।
चौथे और पांचवें स्थान पर बल्लेबाजी के लिए कप्तान गेरहार्ड इरास्मस और जान निकोल लॉफ्टी-ईटन ने मिलकर टीम के स्कोर को आगे बढ़ाया। इस बीच, ईटन (5) रन बनाकर अश्विन को अपनी विकेट झोली में देकर चलते बने। छठे नंबर पर आए डेविड विसे ने कप्तान इरास्मस के साथ मिलकर कुछ अच्छे शॉट खेले, जिससे 10 ओवरों में चार विकेट के नुकसान पर टीम ने 51 रन बनाए।
इसके बाद, दोनों ने मिलकर तेज गति से रन बनाना शुरू किया। लेकिन कप्तान इरास्मस एक चौके की मदद से 20 गेंदों में 12 रन मारकर आउट हो गए।
सातवें स्थान पर बल्लेबाजी के लिए आए जे जे स्मिट और विसे ने पारी को संभाला और रनों की रफ्तार को आगे बढ़ाया। इस बीच, 15 ओवर में जडेजा की गेंद पर स्मिट को (9) रन पर वापस भेजा। जल्द ही जेन ग्रीन (0) भी आउट हो गए। लेकिन विसे और जेन फ्रिलिंक ने टीम के स्कोर को 17वें ओवर में 100 के पार पहुंचाया।
आखिरी के दो ओवरों में विसे और फ्रिलिंक ने धीमी बल्लेबाजी की। वहीं, विसे (26) रन बनाकर बुमराह की गेंद पर आउट हो गए। इसके बाद, दोनों नाबाद बल्लेबाज फ्रिलिंक (15) और रूबेन ट्रम्पेलमैन (13) रनों की बदौलत नामीबिया का स्कोर 8 विकेट पर 132 रन पहुंच सका।
वहीं, भारत की ओर से रवींद्र जडेजा और आर अश्विन को तीन-तीन सफलताएं मिलीं, जबकि जसप्रीत बुमराह ने दो विकेट लिए।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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