बॉलीवुड
सुशांत ने खुद संघर्ष करते हुए करियर बनाने में मेरी मदद की थी : गणेश हिवारकर
कोरियोग्राफर गणेश हिवारकर ने दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को याद करते हुए बताया कि कैसे उनके प्रिय मित्र ने उन्हें न सिर्फ आत्महत्या करने से रोका था, बल्कि शहर में एक डांस टीचर के रूप में उनका करियर बनाने में भी मदद की थी।
उनका कहना है कि सुशांत उस समय खुद एक संघर्षशील अभिनेता और डांसर थे, लेकिन इसके बावजूद उन्हें भावनात्मक और वित्तीय मदद की थी।
गणेश ने आईएएनएस को बताया, “यह 2007 की बात है। मेरी डांस क्लास के लिए ब्रोशर बनाने का आइडिया सुशांत का था। मुझे उस समय इन चीजों के बारे में अधिक जानकारी नहीं थी। मैं आम तौर पर सिर्फ पांच या छह स्टूडेंट के साथ अपनी क्लास चलाता था। सुशांत श्यामक डावर से जुड़े थे और मुझसे कहा कि मुझे अधिक स्टूडेंट को जोड़ने के लिए विज्ञापन करने की जरूरत है। उन्होंने यह कहते हुए श्यामक का ब्रोशर और कैलेंडर मुझे दिखाया कि ब्रांडिंग कैसे की जानी चाहिए।”
गणेश ने कहा, “सुशांत ने न केवल मुझे ब्रोशर का आइडिया दिया, बल्कि इसे बनाया भी। मुझे अभी भी याद है कि वह पूरी रात कंप्यूटर पर बैठे रहे थे, मेरे डांस क्लास, ब्रोशर डिजाइन और उस सभी के लिए एक उपयुक्त नाम की तलाश में थे। टेक्स्ट की योजना भी उसके द्वारा बनाई गई थी कि बच्चों के लिए क्या उल्लेख करना है, वयस्क छात्रों को आकर्षित करने के लिए क्या लिखना है। उन्होंने तस्वीरों के लिए पोज भी दिए जो ब्रोशर में छपे थे।”
कोरियोग्राफर ने आगे बताया कि कैसे उनके डांस क्लास ब्रोशर को बनाने में आई खर्च का वहन भी उनके दोस्त सुशांत ने किया था, जो उस समय खुद एक संघर्षरत अभिनेता और डांसर थे।
गणेश ने कहा, “ब्रोशर की लागत का खर्च उन्होंने ही वहन किया। मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से आया था और उस समय ज्यादा पैसे खर्च करने में असमर्थ था। उस समय लागत 15-20,000 रुपये आई थी। उस समय मेरी फीस प्रति छात्र 1000 रुपये थी। मुझे मुंबई में 5000 रुपये पर सर्वाइव करना था, इसलिए मैं ब्रोशर जैसी चीज पर खर्च करने का सपना नहीं देख सकता था। वह उस समय संघर्ष कर रहे थे, लेकिन ब्रोशर पर खर्च करने से पहले दो बार भी नहीं सोचा था। उन्होंने न सिर्फ न मुझे आत्महत्या करने से बचाया बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि मैं बतौर डांस टीचर अपने करियर पर फोकस करूं। इस तरह के शख्स थे सुशांत।”
उन्होंने बताया कि सुशांत उन्हें लोगों से मिलाने के लिए शहर के चारों ओर अपनी स्प्लेंडर बाइक पर ले जाते थे। इस तरह से उन्होंने अनुपम खेर के एक्टिंग अकेडमी में डांस टीचर के रूप में मुझे नौकरी पाने में उनकी मदद की, जहां मैंने कुछ समय तक काम किया।
सुशांत की मौत के मामले में जांच से संतुष्ट होने के सवाल पर गणेश ने कहा, “ये सब बहुत हाई लेवल की चीजें हैं, मैं ज्यादा कुछ समझ नहीं पा रहा। मीडिया में पिछले दो दिनों से कंगना (रनौत) के बारे में ज्यादा दिखाया जा रहा है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या इसका मतलब है कि मीडिया का ध्यान सुशांत से हट गया है? तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है। सुशांत की खबरें भी दिखाई जा रही हैं और कंगना ड्रग्स और इस सब के बारे में बात करके मामले को सपोर्ट कर रही हैं। मुझे पता है कि लोग धीरज खो रहे हैं और वे चाहते हैं कि एजेंसियां मामले को सुलझाएं, लेकिन मैं समझता हूं कि इसे जल्दबाजी में नहीं किया जा सकता। यह कोई छोटी बात नहीं है, इसीलिए उन्हें समय लग रहा है। लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि सच्चाई सामने आ जाएगी।
बॉलीवुड
अभिनेता धर्मेंद्र का निधन, 89 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

मुंबई, 24 नवंबर: हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का निधन हो गया है। 89 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। लंबे समय से बीमार चल रहे धर्मेंद्र को सांस लेने में दिक्कत थी और उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा था। उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में नियमित जांच और उपचार के लिए भर्ती कराया गया था।
अस्पताल में कुछ दिनों तक इलाज के बाद उनकी हालत में हल्का सुधार हुआ और उन्हें घर ले जाया गया, ताकि परिवार के बीच उनका इलाज किया जा सके। धर्मेंद्र के घर पर उनकी देखभाल के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी, लेकिन उनका स्वास्थ्य लगातार कमजोर होता गया।
धर्मेंद्र को सांस लेने में कठिनाई के अलावा कई अन्य उम्र संबंधी समस्याएं भी थीं। अस्पताल और घर में लगातार उपचार और निगरानी के बावजूद उनकी हालत गंभीर बनी रही। उनके परिवार के सदस्य लगातार उनकी देखभाल में जुटे रहे। धर्मेंद्र के घर पर एम्बुलेंस और डॉक्टरों की व्यवस्था की गई थी, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद उपलब्ध हो सके। उनके फैंस और फिल्म इंडस्ट्री के कई लोग भी उनके स्वास्थ्य के बारे में लगातार अपडेट लेते रहे। सलमान खान, शाहरुख खान और गोविंदा जैसी कई हस्तियों ने अस्पताल और घर पर जाकर धर्मेंद्र से हालचाल लिया था। उनके निधन की खबर सुनते ही पूरे फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई।
धर्मेंद्र का करियर हिंदी सिनेमा में लगभग छह दशकों का रहा है। उन्हें बॉलीवुड का ‘ही-मैन’ कहा जाता था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1960 में फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ से की थी। इसके बाद उन्होंने ‘शोला और शबनम’, ‘अनपढ़’, ‘बंदिनी’, ‘पूजा के फूल’, ‘हकीकत’, ‘फूल और पत्थर’, ‘अनुपमा’, ‘खामोशी’, ‘प्यार ही प्यार’, ‘तुम हसीन मैं जवां’, ‘सीता और गीता’, ‘यादों की बारात’ और ‘शोले’ जैसी कई यादगार फिल्मों में काम किया।
धर्मेंद्र ने दमदार अभिनय के दम पर दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। उन्होंने अपने करियर में कई पुरस्कार भी जीते। साल 2012 में उन्हें भारत सरकार के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्होंने कई फिल्मफेयर पुरस्कार भी अपने नाम किए। उन्होंने कई बार आलोचकों और दर्शकों की प्रशंसा भी हासिल की। उनके योगदान के कारण उन्हें बॉलीवुड के सबसे महान और प्रतिष्ठित अभिनेताओं में गिना जाता है।
बॉलीवुड
सनी देओल की टीम ने दिया धर्मेंद्र का हेल्थ अपडेट, कहा- इलाज का असर हो रहा है

मुंबई, 11 नवंबर: बॉलीवुड अभिनेता धर्मेंद्र की तबीयत को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की खबरों के बीच, उनके परिवार और सनी देओल की टीम की ओर से आई आधिकारिक जानकारी सामने आई है। धर्मेंद्र के परिवार ने अफवाहों पर पूरी तरह विराम लगा दिया है।
नवीनतम अपडेट के मुताबिक, धर्मेंद्र की हालत स्थिर है और वह डॉक्टरों की देखरेख में हैं।
सनी देओल की टीम ने कहा, ”वे रिकवर कर रहे हैं और इलाज का असर हो रहा है। आइए हम सब उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करें।”
टीम ने यह भी बताया कि वह लगातार मीडिया से संपर्क में हैं और धर्मेंद्र की तबीयत पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने लोगों से किसी भी तरह की अफवाह पर रोक लगाने की अपील की है।
बता दें कि धर्मेंद्र की तबीयत को लेकर झूठी खबरें सोशल मीडिया पर रातोंरात फैल गई थीं। कुछ टीवी चैनलों और सोशल मीडिया अकाउंट्स ने बिना पुष्टि के यह दावा कर दिया कि अभिनेता का निधन हो गया है। इन खबरों को देखकर कई नामी हस्तियों और राजनीतिक नेताओं ने भी श्रद्धांजलि संदेश साझा कर दिए, लेकिन कुछ ही घंटों में धर्मेंद्र के परिवार ने इन खबरों का खंडन किया और कहा कि अभिनेता का इलाज चल रहा है।
अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी ने सोशल मीडिया पर इन झूठी खबरों की निंदा की। उन्होंने लिखा, “जो हो रहा है, वह बिल्कुल माफ करने लायक नहीं है। कैसे जिम्मेदार चैनल किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में झूठी खबरें फैला सकते हैं जो अभी इलाज पर है और ठीक हो रहे हैं? यह गैर-जिम्मेदाराना और अपमानजनक है। कृपया परिवार की निजता का सम्मान करें।”
इससे पहले, ईशा देओल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करके लिखा, “मीडिया इस मामले पर ज्यादा ही सक्रिय चल रही है और गलत खबरें फैला रही है। मेरे पिता स्टेबल हैं और रिकवर कर रहे हैं। मेरी आप सभी लोगों से रिक्वेस्ट है कि वे हमारे परिवार की निजता का सम्मान करें। पापा की स्पीडी रिकवरी के लिए दुआ करें।”
बॉलीवुड
बहोरनापुर गांव की दुर्दशा पर अभिनेता रितेश पांडे का वीडियो, पूछा- ‘बच्चों के लिए रास्ता क्यों नहीं?’

मुंबई, 6 नवंबर : भोजपुरी सिनेमा के जाने-माने गायक और अभिनेता रितेश पांडे करगहर सीट से प्रशांत किशोर के जनसुराज के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट कर कुछ सवाल खड़े किए।
इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए वीडियो में अभिनेता ने गांव के लोगों से वहां के हालात के बारे में जानकारी की। साथ ही उनसे बदलाव के बारे में भी कुछ सवाल किए, जिसके जवाब में लोग कहते हैं कि अभी तक गांव में कोई भी खास बदलाव नहीं हुआ है।
अभिनेता ने वीडियो के कैप्शन में लिखा, “देखिए, यहां है मौजूदा हालात में सरकार की नाकामी, भ्रष्टाचार और शिक्षा के प्रति घोर उदासीनता का जीता-जागता उदाहरण। आज जब जनसंपर्क के दौरान करगहर विधानसभा के अंतर्गत बहोरनापुर पहुंचे तो वहां के छोटे-छोटे बच्चे दौड़कर आए और बड़े दुखी स्वर में बोले, ‘भइया, हम लोगों को स्कूल जाने के लिए रास्ता ही नहीं है।'”
उन्होंने वहां के बरसात के दिनों की स्थिति पर अपने विचार व्यक्त किए, जिसके बारे में उन्होंने लिखा, “अभी तो यहां का मौसम कुछ ठीक है, लेकिन बरसात के दिनों में यहां की स्थिति इतनी भयावह हो जाती है कि बच्चों को कमर तक पानी में उतरकर स्कूल जाना पड़ता है।”
उन्होंने लिखा, “यह सिर्फ एक गांव की कहानी नहीं है, बल्कि यह तस्वीर है हमारे सिस्टम की लापरवाही और सरकार की असंवेदनशीलता की। सरकार बस दावे करती रहती है कि शिक्षा पर सभी का अधिकार है, लेकिन हमारे बच्चों को स्कूल जाने के लिए रास्ते ही साफ नहीं होंगे, तो यह अधिकार सिर्फ कागजों में रह जाता है। बहोरनापुर जैसे सैकड़ों गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। अब समय आ गया है बदलाव का ताकि बिहार के हर बच्चे का रास्ता उज्जवल भविष्य की ओर खुले न कि कीचड़ और पानी की ओर।”
अभिनेता की बात करें तो वे भोजपुरी सिनेमा के जाने-माने गायक भी हैं। उनका सबसे लोकप्रिय गीत है, ‘हैलो कौन।’ ये गाना लॉकडाउन के दौरान वायरल हुआ था।
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