अंतरराष्ट्रीय
सुरेश रैना ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से लिया संन्यास

भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की है, जिसका प्रभावी अर्थ है कि वह अब इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भी नहीं खेलेंगे, क्योंकि 35 वर्षीय बल्लेबाज ने 15 अगस्त, 2020 को अपना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पहले ही समाप्त कर दिया था। भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास लेने के कुछ घंटों बाद उन्होंने यह फैसला किया था। रिपोटरें से पता चला है कि रैना का क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने का निर्णय उनके लिए रोड सेफ्टी सीरीज और विदेशी टी20 लीग जैसे टूर्नामेंटों में खेलने के लिए रास्ते खोलने का एक कदम है।
आईपीएल के 13 सीजन खेलने वाले रैना ने चेन्नई सुपर किंग्स के साथ चार खिताब जीतकर आकर्षक लीग में 5,000 से ज्यादा रन बनाए।
रैना ने मंगलवार को एक ट्वीट में लिखा, “अपने देश और राज्य यूपी का प्रतिनिधित्व करना एक परम सम्मान की बात है। मैं क्रिकेट के सभी प्रारूपों से अपने संन्यास लेने की घोषणा करता हूं। मैं बीसीसीआई, यूपीसीए क्रिकेट, चेन्नई आईपीएल, राजीव शुक्ला सर और मेरे सभी प्रशंसकों को उनके समर्थन और मेरी क्षमताओं में अटूट विश्वास के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।”
ईएसपीएन क्रिकइंफो की मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रैना के फैसले से वह रोड सेफ्टी सीरीज जैसे टूर्नामेंट खेलने के लिए मुक्त हो जाएंगे, जिसके लिए उन्हें पहले ही पुष्टि की जा चुकी है, साथ ही साथ विदेशी टी20 लीग में भी शिरकत कर सकते हैं।
उन्होंने दैनिक जागरण के हवाले से कहा, “मैं दो या तीन साल के लिए क्रिकेट खेलना जारी रखना चाहता हूं। कुछ रोमांचक युवा हैं, जो उत्तर प्रदेश क्रिकेट के माध्यम से आ रहे हैं। मैंने पहले ही उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) से अपना एनओसी ले लिया है। मैंने अपने फैसले के बारे में बीसीसीआई सचिव जय शाह और उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला को सूचित कर दिया है। मैं रोड सेफ्टी सीरीज में खेलूंगा। दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और यूएई की टी20 फ्रेंचाइजी ने मुझसे संपर्क किया है, लेकिन मैंने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।”
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भी रैना को शुभकामनाएं दीं और 2010 टी20 विश्व कप की उनकी ऐतिहासिक पारी को फिर से याद किया।
रैना 2008 और 2021 के बीच 11 सीजन के लिए सीएसके का प्रतिनिधित्व करते रहे और दूसरी सबसे सफल आईपीएल टीम के साथ चार बार – 2010, 2011, 2018 और 2021 में खिताब जीता। वह अभी भी 176 मैचों में 4,687 रन के साथ सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं।
रैना ने 2018 के बाद से घरेलू क्रिकेट नहीं खेला है। सीएसके द्वारा रिलीज किए जाने के बाद 2022 सीजन से पहले आईपीएल मेगा नीलामी में रैना का नाम आया, लेकिन वह अनसोल्ड रहे।
रैना ने 2005 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया और 226 वनडे, 78 टी20 और 18 टेस्ट खेले, जिसमें तीनों प्रारूपों में 8,000 से अधिक रन बनाए। इसके अलावा भारत में 2011 विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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