राष्ट्रीय समाचार
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कोयला घोटाला मामले में आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट जाने को कहा

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सीबीआई को निर्देश दिया कि वह कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में एक कंपनी तथा तीन अन्य को आरोपमुक्त किये जाने के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर करे।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ दिल्ली की एक विशेष अदालत के 9 अगस्त, 2024 के आदेश के खिलाफ सीबीआई की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मामले में मनोज जायसवाल, संजीव झा और संजीव मुंजाल के अलावा मेसर्स कॉरपोरेट इस्पात एलॉयज को भी आरोप मुक्त कर दिया गया था।
यह घटनाक्रम 2014 और 2017 के बीच शीर्ष अदालत के दो आदेशों के मद्देनजर महत्वपूर्ण है, जिसमें आरोपियों को उच्च न्यायालय जाने से प्रतिबंधित किया गया था और निर्देश दिया गया था कि कोयला ब्लॉक मामलों में निचली अदालतों से अपील केवल शीर्ष अदालत में दायर की जाएगी।
सीबीआई ने निर्देश के बाद निचली अदालत के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया। पीठ अपील पर नोटिस जारी करने के लिए इच्छुक थी।
हालांकि, मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आरोप मुक्त करने का आदेश अंतिम प्रकृति का है और दिल्ली उच्च न्यायालय को इस पर विचार करना चाहिए।
वरिष्ठ अधिवक्ता और विशेष सीबीआई अभियोजक आरएस चीमा ने मुख्य न्यायाधीश से सहमति जताते हुए कहा कि जांच एजेंसी अपील वापस लेकर उच्च न्यायालय जाने को तैयार है।
शीर्ष अदालत ने अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पहले कहा था कि वह अपने आदेशों को संशोधित करने पर विचार करेगी, जिसके तहत उच्च न्यायालयों को कथित अवैध कोयला ब्लॉक आवंटन से संबंधित मामलों में निचली अदालतों द्वारा पारित आदेशों के खिलाफ अपीलों पर सुनवाई करने से रोक दिया गया था।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के पीछे की मंशा उच्च न्यायालयों में राहत मांगने वाले अभियुक्तों द्वारा कार्यवाही में होने वाली देरी और रुकावट को रोककर परीक्षण प्रक्रियाओं में तेजी लाना था।
यह आग्रह किया गया कि आदेशों को संशोधित किया जाए और कहा जाए कि अपीलीय न्यायालय होने के नाते दिल्ली उच्च न्यायालय को ऐसे मामलों में निचली अदालत के आदेशों से उत्पन्न होने वाली दलीलों पर विचार करने की अनुमति दी जाए।
मुख्य न्यायाधीश ने चीमा से पूछा, “क्या सीबीआई का यही रुख है कि सब कुछ हमारे पास आना चाहिए?”
इसमें कहा गया, “हम इन मामलों में पारित दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों का लाभ भी चाहते हैं।” एक वादी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि उच्च न्यायालय को अपीलों और मामलों में आरोप मुक्त करने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने से नहीं रोका जा सकता।
सर्वोच्च न्यायालय ने 2014 में जनहित याचिकाओं पर संज्ञान लेते हुए 1993 से 2010 के बीच केंद्र द्वारा आवंटित 214 कोयला ब्लॉकों को रद्द कर दिया था और विशेष सीबीआई न्यायाधीश द्वारा सुनवाई का आदेश दिया था।
सीबीआई ने कोयला घोटाले में 57 मामले दर्ज किए तथा इसके परिणामस्वरूप धन शोधन के मामले भी दर्ज किए गए।
अपराध
मुंबई: 11 महीने बाद भी कलिना में निर्दोष व्यक्ति के घर ड्रग्स रखने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं

मुंबई: कलिना में चार पुलिसकर्मियों से संबंधित मादक पदार्थ रखने की घटना में लगभग 11 महीने बाद भी कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है।
वकोला पुलिस ने न तो चारों आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की है, न ही आरोपपत्र दाखिल किया है और न ही प्रत्यक्षदर्शियों के बयान ठीक से दर्ज किए हैं। उन्होंने मामले में एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज) की अतिरिक्त धाराएँ भी नहीं जोड़ी हैं, बल्कि केवल जमानती धाराएँ ही लगाई हैं। नतीजतन, आरोपियों को अग्रिम ज़मानत मिल गई।
मामले के बारे में
30 अगस्त, 2024 को, चार पुलिसकर्मियों ने सांताक्रूज़ पूर्व के कलिना स्थित एक पशुधन फार्म में काम करने वाले 31 वर्षीय निर्दोष डायलन एस्टबेरो की जेब में कथित तौर पर ड्रग्स रख दिए। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिससे चारों पुलिसकर्मियों की पोल खुल गई।
घटना 30 अगस्त, 2024 की है, जब खार पुलिस स्टेशन से सादे कपड़ों में पीएसआई विश्वनाथ ओम्बले और तीन कांस्टेबल – इमरान शेख, सागर कांबले और योगेंद्र शिंदे (जिन्हें दबंग शिंदे भी कहा जाता है) – सांताक्रूज़ पूर्व के कलिना में शाहबाज़ खान के पशु फार्म पर पहुँचे, जहाँ डायलन एस्टबेरो काम कर रहा था। उन्होंने कथित तौर पर डायलन की तलाशी ली और एक बनावटी तलाशी के दौरान उसकी जेब में 20 ग्राम मेफेड्रोन रख दिया, और बाद में उस पर ड्रग रखने का आरोप लगाया।
पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई, जिसकी बाद में शाहबाज़ खान ने समीक्षा की और उसे सार्वजनिक रूप से साझा किया। फुटेज जारी होने के बाद, डायलन को खार पुलिस ने रिहा कर दिया। इस वीडियो के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया और तत्कालीन उपायुक्त राज तिलक रौशन ने 31 अगस्त को चारों अधिकारियों को निलंबित कर दिया। घटना के लगभग साढ़े तीन महीने बाद, भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
राजनीति
तेजस्वी बताएं चुनाव लड़ेंगे या नहीं: शाहनवाज हुसैन

नई दिल्ली, 26 जुलाई। भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने तेजस्वी से स्पष्ट करने को कहा कि वह चुनाव लड़ेंगे या नहीं।
भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि बिहार की जनता ने एक बार फिर एनडीए सरकार को सत्ता में लाने का मन बना लिया है।
शनिवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के पहले चरण के सफल समापन पर चुनाव आयोग की तारीफ की और विपक्ष, खासकर राजद और तेजस्वी यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश की, लेकिन बिहार की जनता ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि नीतीश सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया, जिसमें पिछले 20 वर्षों में बिहार की प्रगति, मुफ्त बिजली योजना, पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये करना, और पत्रकारों की पेंशन में वृद्धि शामिल है। उन्होंने विपक्ष के एसआईआर पर भ्रम फैलाने के प्रयास को असफल बताया।
लालू यादव की ओर से तेजस्वी यादव की तारीफ करने पर उन्होंने इसे ‘पिता का पुत्र के प्रति मोह’ बताया है। हुसैन ने कहा कि तेजस्वी यादव कैसा पसीना छुड़वाते हैं। लोकसभा में 40 में से 40 सीट क्यों नहीं जीत लेते? लोकसभा में हारे, विधानसभा में भी हारेंगे। लालू यादव अपने पुत्र के मोह में बोल रहे हैं, इससे ज्यादा क्या करेंगे?
कारगिल विजय दिवस पर उन्होंने कहा कि आज भी उस पल को याद करके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यह भारत की सैन्य ताकत है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी हमारी सेना ने पाकिस्तान को महज 22 मिनट में पाकिस्तान को घुटने पर ला दिया।
राजनीति
‘मेरे खिलाफ भी दर्ज करें केस’ हिंजेवाड़ी दौरे के दौरान उपमुख्यमंत्री अजित पवार का सख्त संदेश

पुणे, 26 जुलाई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार शनिवार को एक्शन में नजर आए। उन्होंने सुबह पुणे के हिंजेवाड़ी स्थित राजीव गांधी आईटी पार्क क्षेत्र का दौरा किया और नागरिक मुद्दों की समीक्षा की। इस दौरान अजित पवार ने अधिकारियों को काम में बाधा उत्पन्न करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए।
अजित पवार को कहते सुना गया, “विकास कार्य में अगर कोई आड़े आ रहा है, तो उसके खिलाफ सरकारी कामों में बाधा निर्माण करने की धारा 353 के तहत एफआईआर दर्ज करें। अगर मैं भी इस बीच में बाधा बनकर आऊं, तो मेरे खिलाफ भी इसी 353 धारा के तहत मामला दर्ज करें।”
हिंजेवाड़ी स्थित राजीव गांधी आईटी पार्क क्षेत्र काफी मशहूर है। आईटी पार्क में जलभराव से लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मानसून के आगमन के बाद हिंजेवाड़ी आईटी पार्क वाटर पार्क में तब्दील हो गया था। शनिवार को अजित पवार ने यहां का दौरा किया।
अजित पवार सुबह 6 बजे ही हिंजेवाड़ी पहुंच गए। अजित पवार ने उन सभी जगहों का निरीक्षण किया, जहां कथित तौर पर अवैध निर्माण हुआ। इसी बीच, कुछ स्थानीय लोग अजित पवार से मिलने आए, जिन्होंने उपमुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि अवैध निर्माण पर कार्रवाई न हो। हालांकि, इस बात पर अजित पवार भड़क गए।
डिप्टी सीएम ने वहां उपस्थित पिंपरी चिंचवड शहर के पुलिस कमिश्नर विनय कुमार चौबे को सूचित किया कि हिंजेवाड़ी आईटी पार्क और अन्य इलाकों में डेवलपमेंट चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगर कोई बाधा बनता है तो उसके खिलाफ धारा 353 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए। इसी दौरान उन्होंने अपना भी नाम लिया था।
इसके बाद, पुणे में अजित पवार ने महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उपमुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए लिखा, “राजीव गांधी आईटी पार्क में विभिन्न स्थानीय समस्याओं, पुणे मेट्रो लाइन 3 परियोजना के स्थल निरीक्षण और यातायात की समस्या के समाधान के लिए प्रशासन की ओर से उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की गई।”
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