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क्रिसमस से पहले सपाट बंद हुआ शेयर बाजार; निफ्टी 23,750 के नीचे फिसला
मुंबई, 24 दिसंबर। भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को सपाट बंद हुआ है। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 67.30 अंक गिरकर 78,472.87 और निफ्टी 25.80 अंक गिरकर 23,727.65 पर था।
शेयर बाजार में लार्जकैप के साथ मिडकैप भी सीमित दायरे में बंद हुआ। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 35 अंक गिरकर 57,057.90 पर था। हालांकि, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 44 अंक या 0.24 प्रतिशत की तेजी के साथ 18,732.65 पर बंद हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में ऑटो, एफएमसीजी, प्राइवेट बैंक और कंजप्शन इंडेक्स सबसे ज्यादा बढ़ने वाले इंडेक्स थे। आईटी, पीएसयू बैंक, फिन सर्विस, मेटल, एनर्जी और सर्विसेज इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं।
सेंसेक्स पैक में पावरग्रिड, एसबीआई, इंफोसिस, टाइटन, इंडसइंड बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील और मारुति सुजुकी टॉप लूजर्स थे। वहीं, टाटा मोटर्स, आईटीसी, नेस्ले इंडिया, एनटीपीसी, टीसीएस, जोमैटो, एक्सिस बैंक, एमएंडएम, कोटक महिंद्रा बैंक और सन फार्मा टॉप गेनर्स थे।
बाजार के सपाट बंद होने की वजह क्रिसमस की छुट्टी को माना जा रहा है। इसके कारण विदेशी निवेशकों की भागीदारी कम हो गई है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 23 दिसंबर को 168.71 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने उसी दिन 2,227.68 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
क्रिसमस के कारण शेयर बाजार बुधवार को बंद रहेगा और अगला कारोबारी सत्र गुरुवार (26 दिसंबर) को है।
बाजार के जानकारों का कहना है कि छुट्टियों से पहले घरेलू बाजार में कारोबार सपाट रहा है। निकट भविष्य में बाजार की दिशा तीसरी तिमाही के नतीजों और केंद्रीय बजट पर निर्भर करेगी, लेकिन मजबूत डॉलर, उच्च बॉन्ड यील्ड और ब्याज दरों में कटौती की चिंताओं के कारण सतर्कता बनी हुई है। रुपये के अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने से सतर्कता और बढ़ गई है।
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ईयर एंडर 2024 : शेयर बाजार से कंपनियों ने जमकर जुटाया फंड, बने कई नए रिकॉर्ड
मुंबई, 24 दिसंबर। भारतीय शेयर बाजार में तेजी के बीच कॉरपोरेट्स ने 2024 में आईपीओ, एफपीओ, क्यूआईपी और राइट्स इश्यू के जरिए निवेशकों से बंपर फंड जुटाया है और पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।
2024 में घरेलू कंपनियों ने 90 इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) के जरिए कुल 1.64 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस दौरान 1.39 लाख करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री संस्थागत निवेशकों को की गई है। यह पब्लिक इश्यू के जरिए पूंजी जुटाने का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
इससे पहले 2021 में आईपीओ ने जरिए कंपनियों ने सबसे अधिक 1.18 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई थी। इस दौरान कंपनियों द्वारा संस्थागत निवेशकों को 41,997 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की गई थी।
इस साल अब तक 20 कंपनियों ने राइट्स इश्यू के जरिए करीब 18,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। पिछले साल यह आंकड़ा 7,266 करोड़ रुपये और 2022 में यह 3,884 करोड़ रुपये था।
आईपीओ मार्केट में तेजी का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि 2024 के आखिरी महीने में करीब 15 कंपनियां करीब 25,500 करोड़ रुपये जुटाने जा रही हैं।
2024 का सबसे बड़ा आईपीओ हुंडई मोटर इंडिया द्वारा पेश किया गया। इसका साइज 27,870 करोड़ रुपये था। इससे पहले 2022 में आया एलआईसी का 21,008 करोड़ रुपये का पब्लिक इश्यू, देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ था।
2024 में सबसे ज्यादा 320 गुना का सब्सक्रिप्शन विभोर स्टील ट्यूब के आईपीओ को मिला है। इसके अलावा केआरएन हीट एक्सचेंजर एंड रेफ्रिजरेशन, मनबा फाइनेंस और गाला प्रिसिजन इंजीनियरिंग जैसे आईपीओ को 200 गुना से अधिक सब्सक्रिप्शन मिला।
क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिए इस साल कंपनियों ने 1.4 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं, यह 2020 के बाद अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
इस साल वेदांता और जोमैटो द्वारा प्रत्येक ने क्यूआईपी के जरिए 8,500 करोड़ रुपये की राशि जुटाई है। इसके अलावा अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस और वरुण बेवरेज ने क्रमश: 8,373 करोड़ रुपये और 7,500 करोड़ रुपये की राशि जुटाई है।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने इस साल प्राथमिक बाजारों में 14 अरब डॉलर निवेश किए हैं, जो कि 2021 के पिछले रिकॉर्ड से अधिक है।
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दूरसंचार के बदलते परिदृश्य के बीच कंपनी का ध्यान ‘डिजिटल विकास’ पर केंद्रित : भारती एयरटेल
नई दिल्ली, 24 दिसंबर। भारती एयरटेल ने मंगलवार को कहा कि कंपनी ने अक्टूबर में सबसे अधिक नेट वायरलेस ग्राहक जोड़े। वहीं, इस महीने के दौरान 1.93 मिलियन मोबाइल ग्राहक जोड़े गए।
कंपनी ने कहा कि वह भारत के डिजिटल विकास को सपोर्ट करने और मजबूत कनेक्टिविटी सॉल्यूशन उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, दूरसंचार सेवा प्रदाता ने अक्टूबर में 19,28,263 वायरलेस यूजर्स जोड़े, जो एक मील का पत्थर है।
दूसरी ओर, रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया ने क्रमशः 3.76 मिलियन और 1.98 मिलियन ग्राहकों के घटने की सूचना दी।
बीएसएनएल ने अक्टूबर में करीब 5 लाख यूजर्स जोड़े, जबकि एमटीएनएल में 2,273 यूजर्स की मामूली गिरावट देखी गई।
ट्राई के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कुल वायरलेस यूजर बेस में 0.29 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई है, जो सितंबर में 1,153.72 मिलियन से घटकर अक्टूबर में 1,150.42 मिलियन हो गया।
जब मशीन-टू-मशीन (एम2एम) कनेक्शन की बात आती है, तो एयरटेल 29.08 मिलियन कनेक्शन से 51.82 प्रतिशत के साथ सबसे बड़ी बाजार हिस्सेदारी रखता है, उसके बाद वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो का स्थान है।
विजिटर लोकेशन रजिस्टर (वीएलआर) प्रदर्शन पर, एयरटेल ने 99.48 प्रतिशत एक्टिव यूजर रेट हासिल किया, जो दूरसंचार ऑपरेटरों में सबसे अधिक है, जो नेटवर्क विश्वसनीयता और गुणवत्ता को दर्शाता है।
कंपनी ने कहा, “एयरटेल हाई-क्वालिटी नेटवर्क एक्सपीरियंस और इनोवेटिव सर्विस देने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखता है, जो ग्राहकों की बदलती जरूरतों को पूरा करते हैं।”
इस महीने की शुरुआत में, भारती एयरटेल ने कहा कि कंपनी ने अपने एआई-इनेबल्ड, स्पैम-फाइटिंग सॉल्यूशन को लॉन्च करने के ढाई महीने के भीतर 8 बिलियन स्पैम कॉल और 800 मिलियन स्पैम एसएमएस की पहचान की।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि एआई-इनेबल्ड नेटवर्क ने हर दिन करीब 1 मिलियन स्पैमर्स की सफलतापूर्वक पहचान की है।
दूरसंचार नियामक ने ऑपरेटर्स से स्पैम कॉल और एसएमएस को रोकने और यूआरएल, एपीके और ओटीटी लिंक की व्हाइटलिस्ट के संबंध में अपने निर्देशों का पालन करने को कहा था।
इसी कड़ी में एयरटेल ने सितंबर में एक एआई-इनेबल्ड स्पैम डिटेक्शन सॉल्यूशन लॉन्च किया, जो संदिग्ध स्पैम कॉल और एसएमएस के बारे में ग्राहकों को रियल टाइम में अलर्ट करता है।
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भारत में तेजी से बढ़ रहे उद्योग, लॉजिस्टिक और इंडस्ट्रियल स्पेस की बढ़ी मांग
नई दिल्ली, 24 दिसंबर। मंगलवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लॉजिस्टिक्स और इंडस्ट्रियल रियल एस्टेट स्पेस में वार्षिक लीजिंग वॉल्यूम लगातार तीसरे वर्ष 50 मिलियन स्कायर फीट से अधिक होने की संभावना है।
कुशमैन एंड वेकफील्ड की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अक्टूबर तक पहले ही टॉप आठ रियल एस्टेट बाजारों में लीजिंग वॉल्यूम 41 मिलियन स्कायर फीट को पार कर चुका था।
जब से सरकार ने 2020 में उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की है, तब से इंडस्ट्रियल लीजिंग वॉल्यूम में वृद्धि देखी गई है।
इसके अलावा, रिटेल और ई-कॉमर्स की वजह से भी वेयरहाउसिंग सेक्टर में तीव्र गतिविधि को बढ़ावा मिला है।
रिपोर्ट के अनुसार, “2025 के लिए, हाल के वर्षों में देखी गई मजबूत इंडस्ट्रियल एक्टिविटी के साथ खपत के आधार पर विस्तार देखा जा रहा है। इस विस्तार के साथ मांग का एक नया सामान्य स्तर बने रहने की संभावना है।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग फर्मों द्वारा अपनाई गई चीन+1 रणनीति का भी लाभार्थी है।
इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तेज वृद्धि, थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स ऑपरेटर्स की मजबूती और रिटेल इंडस्ट्री लॉजिस्टिक और इंडस्ट्रियल स्पेस की मांग को बढ़ा रहे हैं। ये कारक 2025 के लिए भी मांग बढ़ाने में अहम होंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पुणे, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे शहरों में हाल के वर्षों में अच्छी लीजिंग वॉल्यूम देखी गई है, जबकि दूसरे शहरों में पॉजिटिव आउटलुक दिखाई देता है।
कुशमैन एंड वेकफील्ड के लॉजिस्टिक्स और इंडस्ट्रियल और अहमदाबाद के प्रबंध निदेशक अभिषेक भूटानी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि 2025 में लॉजिस्टिक्स और इंडस्ट्रियल स्पेस की मांग मजबूत रहेगी, जिसे भारत के बढ़ते खुदरा उपभोग आधार और निरंतर मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ का सपोर्ट मिलेगा।”
इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि अगले 2-3 वर्षों में बाजार में 25 मिलियन वर्ग फीट ग्रेड-ए वेयरहाउसिंग सप्लाई आएगी, जो मुंबई, पुणे, चेन्नई और बेंगलुरु में प्रमुख परियोजनाओं के साथ पश्चिम और दक्षिण भारत में केंद्रित होगी।”
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