अपराध
श्रीलंकाई नौसेना ने भारतीय मछुआरों पर किया हमला, क्षतिग्रस्त हुई 25 नौकाएं

श्रीलंकाई नौसेना के जवानों ने बुधवार देर रात कच्चातीवु में भारतीय मछुआरों पर कथित रूप से हमला कर दिया और भारतीय मछुआरों की कम से कम 25 मछली पकड़ने वाली नौकाओं को क्षतिग्रस्त कर दिया। तमिलनाडु मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि श्रीलंकाई नौसेना के जवानों ने भारतीय मछुआरों पर कांच की बोतलें और पत्थर फेंके। यह आरोप लगाया गया है कि श्रीलंकाई नौसेना के जवान 10 गश्ती नौकाओं में आए और उन्होंने मछली पकड़ने वाली नौकाओं को क्षतिग्रस्त कर दिया।
अधिकारियों ने कहा कि श्रीलंकाई नौसेना कर्मियों के कथित हमले में 40 नौकाओं में मछली पकड़ने के जाल भी क्षतिग्रस्त हो गए।
मछुआरा संघ के नेता एन. देवदास ने आईएएनएस को बताया, यह बहुत ही खेदजनक है और एक ऐसी स्थिति बन गई है कि तमिलनाडु तट के मछुआरे अपना व्यवसाय करने में सक्षम नहीं हैं। हमने पहले ही तमिलनाडु के मत्स्य विभाग में और स्थानीय पुलिस को भी शिकायत दर्ज कराई है। हमें सुरक्षा की आवश्यकता है, अन्यथा, हम मछली पकड़ने के लिए गहरे समुद्र में जाने में सक्षम नहीं हो पाएंगे।
एक विदेशी नौसेना द्वारा कथित हमले पर मछुआरों और तमिलनाडु मत्स्य विभाग के अधिकारियों द्वारा भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारियों को घटनाक्रम से अवगत कराया गया है।
श्रीलंकाई नौसेना भारतीय मछुआरों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं पर बार-बार हमले करती रही है। धनुषकोडी में तट पर पहले हुए हमले में श्रीलंकाई नौसेना के जवानों द्वारा भारतीय मछुआरों पर कांच की बोतलें और पत्थर फेंकने के बाद कई मछुआरे घायल हो गए थे।
कच्चातीवु श्रीलंका द्वारा प्रशासित एक 163 एकड़ निर्जन द्वीप है और दोनों देशों के बीच एक विवादित क्षेत्र है। 1974 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत-श्रीलंका समुद्री समझौते के तहत श्रीलंका को द्वीप सौंप दिया। यह द्वीप श्रीलंका के नेदुन्थीवु और भारत के रामेश्वरम के बीच स्थित है।
समझौता भारतीय मछुआरों को द्वीप के आसपास मछली पकड़ने की अनुमति देता है और साथ ही उन्हें द्वीप पर अपने जाल सुखाने का अधिकार देता है। हालांकि, लंका में गृहयुद्ध के दौरान, समझौते के कारण कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, क्योंकि श्रीलंकाई नौसेना मछली पकड़ने वाली नौकाओं पर हमला करती थी, क्योंकि उन दिनों बड़े पैमाने पर हथियारों की तस्करी होती थी।
हालांकि, गृहयुद्ध की समाप्ति के बाद और हथियारों की तस्करी का कोई और खतरा नहीं होने के बावजूद, भारतीय मछुआरों के अनुसार, श्रीलंकाई नौसेना भारतीय मछुआरों पर हमला करना जारी रखे हुए है और उनकी नावों और जालों को नुकसान पहुंचाती है, जिससे उन्हें भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है।
अपराध
जम्मू-कश्मीर : कठुआ में पुलिस ने अफीम की अवैध खेती नष्ट की, एक व्यक्ति गिरफ्तार

कठुआ, 10 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में पुलिस ने नशे के अवैध कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गुरुवार को बसोहली पुलिस स्टेशन के अंतर्गत एक गांव में अफीम की खेती को नष्ट कर भारी मात्रा में पौधे जब्त किए हैं। साथ ही, एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
जम्मू-कश्मीर में कठुआ के एसएसपी शोभित सक्सेना आईपीएस की निगरानी में पुलिस ने अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए एक सफल अभियान चलाया। पुलिस टीम ने थाना बसोहली के अधिकार क्षेत्र पलासी में उगाए गए लगभग 126 किलोग्राम अफीम के पौधे (पोस्त) जब्त किए और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
गत 7 अप्रैल को बसोहली थाने की गश्ती टीम को विश्वसनीय सूत्रों से सूचना मिली थी कि पलासी निवासी माखन लाल अपने घर के पीछे कृषि भूमि में अवैध रूप से अफीम के पौधे उगा रहा है। सूत्रों ने बताया कि वह इन पौधों को बेचने और व्यावसायिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहा था। सूचना के आधार पर बसोहली थाने की पुलिस टीम ने एसएचओ बसोहली की देखरेख में और एसडीपीओ बसोहली तथा ईएमआईसी बसोहली की निगरानी में मौके पर पहुंचकर छापा मारा।
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान 126 किलोग्राम वजन के 1,700 अफीम के पौधे जब्त किए। साथ ही आरोपी माखन लाल को मौके से गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में बसोहली थाने में संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई है। जांच अभी जारी है।
कठुआ पुलिस ने कहा कि वह कानून को बनाए रखने और ऐसी अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है, जो समाज की सुरक्षा और संरक्षा को प्रभावित करती हैं। अफीम की खेती और इसका अवैध व्यापार गंभीर अपराध हैं। पुलिस ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी।
अपराध
ओडिशा: राउरकेला पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का किया भंडाफोड़, 9 गिरफ्तार

राउरकेला, 10 अप्रैल। ओडिशा के राउरकेला में साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। एक अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए राउरकेला पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है।
यह गिरोह “ट्रेड नाउ” नामक फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जरिए देशभर के लोगों को ठग रहा था और उच्च रिटर्न का लालच देकर लाखों रुपये की उगाही कर रहा था। स्मार्ट सिटी के रूप में पहचान रखने वाला राउरकेला अनजाने में इन साइबर अपराधियों का अड्डा बन गया था, जिनका नेटवर्क भारत से बाहर दुबई जैसे देशों तक फैला हुआ था।
पुलिस को मिली गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई शुरू की गई। पहला छापा सिविल टाउनशिप इलाके के एक अपार्टमेंट में मारा गया, जहां से दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के बाद पुलिस ने बसंती कॉलोनी में एक अन्य अपार्टमेंट पर छापेमारी की, जिसके परिणामस्वरूप पांच और लोग पकड़े गए। जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस छत्तीसगढ़ के रायपुर पहुंची, जहां दो और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। इस तरह कुल 9 लोग पुलिस की गिरफ्त में आए। गिरोह से भारी मात्रा में सामान बरामद हुआ, जिसमें 68 बेनामी सिम कार्ड, 31 हाई-एंड मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 19 एटीएम कार्ड, एक मारुति स्विफ्ट कार और एक स्कूटी शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह एक रैकेट चला रहा था, जो हवाला नेटवर्क के जरिए प्रतिदिन 50 लाख रुपये से अधिक का लेनदेन करता था। जांच में खुलासा हुआ कि इस ऑपरेशन का मास्टरमाइंड किशन अग्रवाल है, जो दुबई से काम कर रहा है और दक्षिण व पश्चिम एशियाई देशों में इसके कनेक्शन फैले हुए हैं। अब तक की जांच में 23 बैंक खातों से 1.41 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं, जबकि 176 अन्य खातों की जांच जारी है।
राउरकेला पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने इसे साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में बड़ी सफलता करार दिया। उन्होंने कहा, “यह ऑपरेशन साइबर ठगी के बढ़ते खतरे से निपटने में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हम इस नेटवर्क के हर पहलू की गहराई से जांच कर रहे हैं।”
गिरोह का तरीका बेहद चालाकी भरा था। यह लोगों को फर्जी ऐप पर निवेश के लिए लुभाता था और फिर उनके पैसे हवाला के जरिए विदेश भेज देता था। पीड़ितों में ज्यादातर आम नागरिक थे, जो कमाई के झांसे में आ गए थे।
राउरकेला के निवासियों ने पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की सराहना की है। एक स्थानीय नागरिक ने कहा, “पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की, वरना यह गिरोह और लोगों को नुकसान पहुंचा सकता था।”
पुलिस अब किशन अग्रवाल तक पहुंचने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ संपर्क में है। साथ ही, इस रैकेट से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। यह घटना साइबर अपराध के बढ़ते खतरे और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत को रेखांकित करती है।
अपराध
अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला को मिली जमानत, सोमवार को होगी रिहाई।

मुंबई: अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला, जिन्हें नवंबर 2024 में उनके आवास से मादक पदार्थों की बरामदगी के मामले में गिरफ्तार किया गया था, को मुंबई की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी है। गुलीवाला पिछले चार महीने से अधिक समय से हिरासत में थीं।
अदालत ने जमानत देते हुए कुछ शर्तें लगाई हैं, जिनमें उनका पासपोर्ट जमा करना, यात्रा पर प्रतिबंध और जांच अधिकारी के समक्ष सप्ताह में तीन बार उपस्थित होना शामिल है, जब तक कि आरोप पत्र दाखिल नहीं हो जाता।
गुलीवाला के वकील, अयाज खान, ने दलील दी कि उन्हें बरामद वस्तुओं की जानकारी नहीं थी और वह उस परिसर की अकेली निवासी नहीं थीं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छापे के दौरान सीसीटीवी सिस्टम बंद कर दिया गया था और कोई वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं की गई थी।
विशेष लोक अभियोजक विभावरी पाठक ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि गुलीवाला के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
अदालत ने यह देखते हुए कि जब्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, गुलीवाला को जमानत दी, लेकिन सख्त शर्तों के साथ।
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