अंतरराष्ट्रीय
सौरव गांगुली-बीसीसीआई मुद्दे ने बंगाल में लिया राजनीतिक मोड़

सौरव गांगुली का बीसीसीआई अध्यक्ष पद से हटना राजनीतिक विवाद का विषय बन गया है। मामले ने पश्चिम बंगाल में इतना राजनीतिक मोड़ ले लिया है कि राज्य में सत्ताधारी और विपक्षी दलों के सबसे प्रमुख चेहरों यानी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने अपने-अपने राजनीतिक दल की ओर से मोर्चा संभाल लिया।
शुरुआत ममता बनर्जी ने की, जब उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष की कुर्सी से सौरव गांगुली को हटाने के औचित्य पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह बीसीसीआई सचिव के रूप में बने रह सकते हैं तो भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान को बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में दूसरा कार्यकाल देने में क्या हर्ज है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगी ताकि गांगुली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष के लिए लिए भारत का प्रतिनिधित्व कर सकें।
17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री के उपरोक्त बयान के कुछ घंटों बाद अधिकारी ने अपनी प्रतिक्रिया में गांगुली को पश्चिम बंगाल के ब्रांड एंबेसडर के रूप में नियुक्त करने और बॉलीवुड मेगास्टार शाहरुख खान की जगह देने की मांग की। विपक्ष के नेता ने यह भी कहा कि गांगुली पश्चिम बंगाल का गौरव हैं, इसे समझने में मुख्यमंत्री ने विलंब कर दिया, नहीं तो वह वह उन्हें बहुत पहले राज्य का ब्रांड एंबेसडर बना देतीं।
हालांकि माकपा इस मुद्दे पर राजनीतिक विवाद से दूरी बनाए रखने की कोशिश कर रही है। माकपा के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा शासन के दौरान नगरपालिका मामलों और शहरी विकास मंत्री रहे अशोक भट्टाचार्य, जिनके साथ सौरव गांगुली के आत्मीय संबंध है, ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा दोनों को भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान को राजनीतिक मोहरा बनाने के प्रयास से दूर रहना चाहिए।
अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि मैं भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों से अनुरोध करता हूं कि वे सौरव को इस तरह से घसीटना बंद करें। वह राजनीति से परे हैं। हालांकि मैं मानता हूं कि सौरव आईसीसी में प्रतिनिधित्व करने के लिए सबसे योग्य व्यक्ति हैं और मुझे उन्हें वहां अध्यक्ष के रूप में देखकर बेहद खुशी होगी।
अब इस राजनीतिक रस्साकशी के बीच यह सवाल पूछा जा रहा है कि राजनीति में सीधे शामिल हुए बिना पार्टी लाइन से परे सभी राजनीतिक दलों के साथ एक अच्छा संतुलन बनाए रखने वाले गांगुली क्या खुद ही सियासी कीचड़ उछालने का खिलौना बन गए हैं।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों को लगता है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल में, जहां हर मुद्दे पर राजनीतिक लाभ लेने की प्रवृत्ति है, यहां तक कि खेल और खिलाड़ियों को भी नहीं बख्शा गया है। एक अनुभवी राजनीतिक विश्लेषक ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब क्रिकेट और सौरव गांगुली को राज्य की राजनीति में घसीटा गया है।
जुलाई 2006 में पश्चिम बंगाल में क्रिकेट ने पहली बार बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के अध्यक्ष के चुनाव में एक कड़वी राजनीतिक लड़ाई देखी गई, जब वरिष्ठ क्रिकेट प्रशासक और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय जगमोहन डालमिया के खिलाफ तत्कालीन कोलकाता पुलिस आयुक्त प्रसून मुखर्जी को खड़ा किया गया था। उन्हें उस समय के राज्य के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का खुला समर्थन प्राप्त था।
इसके लिए बुद्धदेव भट्टाचार्य को न केवल तत्कालीन विपक्षी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने आलोचना मिली, बल्कि अपनी ही पार्टी, सीपीआई-एम के अनेक वर्गो ने भी आलोचना की। यहां तक कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय मार्क्सवाद के पितामह स्वर्गीय ज्योति बसु ने भी प्रसून मुखर्जी के नामांकन का विरोध किया था। तृणमूल कांग्रेस ने सीधे तौर पर बुद्धदेव भट्टाचार्य पर तत्कालीन शहर पुलिस आयुक्त का इस्तेमाल कर बंगाल क्रिकेट संघ यानी कैब पर कब्जा करने का प्रयास करने का आरोप लगाया था।
2007 में फिर से, जब गांगुली को राष्ट्रीय एकदिवसीय टीम से हटा दिया गया, तो बंगाल के राजनेताओं के एक बड़े वर्ग ने कहा कि बंगाली होने के कारण कारण गांगुली के खिलाफ साजिश की गई। मामले को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन में बंगाली सिनेमा जगत के कई लोकप्रिय अभिनेता शामिल हुए थे।
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तानी ड्रोन के निशाने पर थे निर्दोष नागरिक, भारतीय सेना ने मार गिराया

नई दिल्ली, 10 मई। भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के हमले को नाकाम कर दिया है। पाकिस्तान ने हमला ड्रोन के जरिए शनिवार की सुबह किया। हालांकि, पहले से सतर्क भारतीय सेना के आगे पाकिस्तान की एक नहीं चली और उसके ड्रोन जमीन पर औंधे मुंह गिरे।
बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान की सेना ने विस्फोटकों से भरे ड्रोन भारतीय आबादी क्षेत्र में भेजे थे। इनका मकसद पंजाब में सामान्य नागरिकों के ठिकानों पर हमला करना था। पाकिस्तान के ड्रोन भारत में ज्यादा से ज्यादा सामान्य नागरिकों को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। लेकिन, पाकिस्तान के नापाक मंसूबे को भारतीय सेना ने पूरी तरह से विफल कर दिया।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि शनिवार तड़के सुबह लगभग पांच बजे, पाकिस्तानी सेना ने सीमा पार पंजाब के अमृतसर की ओर कई कामिकेज ड्रोन भेजे। कामिकेज ड्रोन एक खतरनाक आत्मघाती मानव रहित हवाई वाहन होते हैं। ये ड्रोन विस्फोटक के साथ उड़ान भरते हैं। पेलोड यानी विस्फोटक समेत ड्रोन अपने लक्ष्य से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
पाकिस्तानी सेना द्वारा भेजे गए इन ड्रोनों का लक्ष्य भारत में अमृतसर की घनी आबादी वाले रिहायशी इलाकों पर हमला करना था। हालांकि, भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली की सतर्कता और तेज प्रतिक्रिया के चलते, ये ड्रोन भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते ही कुछ ही क्षणों में पहचान लिए गए। सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने इन्हें ट्रैक किया और तुरंत ही नष्ट कर दिया।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सीमा क्षेत्र में तैनात त्वरित प्रतिक्रिया वाली वायु रक्षा तोपों का उपयोग कर गनर्स ने इन ड्रोनों को हवा में ही मार गिराया। इन पाकिस्तानी ड्रोन का मलबा अमृतसर के रिहायशी इलाकों में नहीं गिरा और कोई जनहानि नहीं हुई।
रक्षा जानकार बताते हैं कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि इन ड्रोनों में उच्च विस्फोटक सामग्री थी। पाकिस्तानी ड्रोन में मौजूद इस विस्फोटक सामग्री का उद्देश्य निर्दोष नागरिकों को अधिकतम क्षति पहुंचाना था। यह पाकिस्तान की ओर से उकसावे की एक नई और गंभीर हरकत मानी जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय
जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट की खबर निकली झूठी, पाकिस्तान के फेक दावों की खुली पोल

नई दिल्ली, 9 मई। पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा पर लगातार हमले की कोशिश जारी है, लेकिन भारतीय सेना की तरफ से भी पाकिस्तानी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। इस बीच, सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक दावों के साथ पोस्ट भी शेयर किए जा रहे हैं। ऐसी ही एक पोस्ट में दावा किया गया कि जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट हुआ है, लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और ही है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट के पाकिस्तान के दावों की पोल खोल दी है। पीआईबी के फैक्ट चेक में पुष्टि हुई है कि जिस तस्वीर को जम्मू एयरफोर्स बेस का बताया जा रहा है, वह तस्वीर साल 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए ब्लास्ट की है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर बताया, “भारत में जम्मू एयरफोर्स बेस पर कई विस्फोटों के झूठे दावों के साथ एक पुरानी तस्वीर प्रसारित की जा रही है। पीआईबी फैक्ट चेक में पता चला है कि यह तस्वीर अगस्त 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए विस्फोट की है। उस समय की एक रिपोर्ट का लिंक भी शेयर किया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “गलत सूचना के झांसे में न आएं। शेयर करने से पहले हमेशा पुष्टि करें।”
इससे पहले, पीआईबी फैक्ट चेक ने पाकिस्तान द्वारा गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमले की झूठी खबरों का भी खंडन किया था।
पीआईबी ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ खूब वायरल हो रही है कि गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमला हुआ है। लेकिन, यह इससे जुड़ा हुआ वीडियो नहीं है। यह वीडियो तेल टैंकर विस्फोट को दर्शा रहा है और 7 जुलाई 2021 की है। इस वीडियो को शेयर न करें।
पीआईबी फैक्ट चेक में एक और वीडियो के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें दावा किया जा रहा था कि यह जालंधर पर ड्रोन स्ट्राइक का वीडियो है। जबकि यह वीडियो फॉर्म फायर का है। इस वीडियो को शेयर न करने की अपील की गई है।
अंतरराष्ट्रीय
वाघा सीमा पहुंचे पर्यटक बोले- ‘ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान को जवाब, हमारी सेना ने अच्छा किया’

अमृतसर, 7 मई। भारत-पाकिस्तान सीमा पर प्रतिदिन आयोजित होने वाले रिट्रीट समारोह को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अगले आदेश तक रद्द कर दिया गया है। बॉर्डर पर अभी भी बड़ी संख्या में उत्सुक लोग जुट रहे हैं। बुधवार का दिन इनके लिए खास था। सभी ने एक सुर में भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तारीफ की।
पर्यटकों ने कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाना बहुत जरूरी है। वह भारत में हमले करता था, जिसके कारण भारत ने पाकिस्तान पर हमला कर आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है।
एक पर्यटक ने बताया कि हम रिट्रीट समारोह स्थल देखने आए थे। समारोह रोका गया है और सुरक्षा के लिहाज से हम इस निर्णय को समझते हैं। हमें खुशी है कि भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की है।
महिला पर्यटक ने कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाना बहुत जरूरी है। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उठाए गए इस कदम की सराहना करते हैं।
एक अन्य पर्यटक ने बताया कि हमें बताया गया है कि रिट्रीट समारोह नहीं होगा। हमें जो भी निर्देश दिए गए हैं, उनका पालन किया जाएगा। मैं खुश हूं कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ जो कदम उठाया है, वह सराहनीय है।
स्थानीय निवासी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने पहलगाम हमले का बदला एयर स्ट्राइक से लिया है। लोगों में इस हमले को लेकर काफी उत्साह है और बॉर्डर क्षेत्र में रहने वाले लोग 1965 और 1971 की जंग से वाकिफ हैं। वे भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। मगर, पाकिस्तान अपनी नापाक हरकत से बाज नहीं आता है।
बता दें कि बीएसएफ ने किसी भी पर्यटक को इंटर-गैपिंग चेक पोस्ट से आगे जाने की अनुमति नहीं दी। रिट्रीट समारोह को अगली सूचना तक पर्यटकों के लिए बंद किया गया है।
पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान स्थित नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है। इस कार्रवाई के बीच, गृह मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की है कि भारत ने अगले आदेश तक करतारपुर कॉरिडोर को बंद कर दिया है।
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