राजनीति
शिवराज के नेतृत्व वाली एमपी सरकार सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35% आरक्षण प्रदान करेगी

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में वन विभाग को छोड़कर महिलाओं को भर्ती में 35 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए एक अधिसूचना जारी की है। राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश सिविल सेवा (महिलाओं की नियुक्ति के लिए विशेष प्रावधान) नियम, 1997 में संशोधन किया है। महिलाओं को 35% आरक्षण देना। अधिसूचना की प्रति के अनुसार, “किसी भी सेवा नियम में किसी बात के बावजूद, सीधी भर्ती के चरण में महिलाओं के पक्ष में राज्य के अधीन सेवा (वन विभाग को छोड़कर) में सभी पदों का 35 प्रतिशत आरक्षित किया जाएगा और उक्त आरक्षण दिया जाएगा।” क्षैतिज और कम्पार्टमेंट-वार होगा।” इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस और अन्य सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण और शिक्षण पदों पर महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने की भी घोषणा की थी. स्थानीय निकायों में एल्डरमैन सहित अन्य पदों पर महिलाओं को प्राथमिकता दी जायेगी।
लड़कियों को बेहतर शिक्षा सुनिश्चित करते हुए उनकी शिक्षा फीस सरकार द्वारा वहन की जाएगी। हाल ही में, संसद द्वारा पारित महिला आरक्षण विधेयक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से सहमति मिलने के बाद कानून बन गया। ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’, जो 33 प्रदान करता है लोकसभा के साथ-साथ राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए प्रतिशत आरक्षण को राज्यसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया, जो नए संसद भवन में पारित होने वाला पहला विधेयक बन गया। 20 सितंबर को, विधेयक को मतविभाजन के बाद पारित कर दिया गया, जिसमें 454 सदस्यों ने कानून के पक्ष में और दो ने इसके विरोध में मतदान किया। विपक्षी सदस्यों द्वारा पेश किए गए संशोधन नकारात्मक थे और मसौदा कानून के अलग-अलग खंडों पर भी मतदान हुआ था। 21 सितंबर को, नारी शक्ति वंदन अधिनियम को राज्यसभा में ‘सर्वसम्मति से’ पारित किया गया था, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार पीएम के जन्मदिन का प्रतीक है। विशेष रूप से, मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। मतदान के माध्यम से, राज्य 230 विधानसभा क्षेत्रों से विधायकों का चुनाव करेगा।
राष्ट्रीय समाचार
बीएमसी प्रमुख भूषण गगरानी ने दादर के शिवाजी पार्क में धूल प्रदूषण के उपायों की समीक्षा की, माहिम किले में पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखा

मुंबई: दादर के शिवाजी पार्क में धूल प्रदूषण से निपटने के लिए, बीएमसी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे (आईआईटी-बी) के विशेषज्ञों के साथ मिलकर दीर्घकालिक निवारक उपायों की योजना बना रही है।
मंगलवार को नगर आयुक्त भूषण गगरानी ने पार्क और उसके आसपास के रास्ते का निरीक्षण किया और अधिकारियों को नियमित रखरखाव, समय पर मरम्मत और परिसर में उचित सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
निवासियों की चिंताओं के बीच परीक्षण हेतु घास के मैदान बिछाए गए
महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) के निर्देशों और आईआईटी-बी की एक रिपोर्ट के बाद, बीएमसी ने धूल प्रदूषण को कम करने के लिए पिछले महीने 200 वर्ग मीटर के दो परीक्षण भूखंडों पर टिकाऊ घास बिछाना शुरू किया। हालाँकि, स्थानीय निवासियों का तर्क है कि पार्क में सार्वजनिक समारोहों जैसी अन्य अनुमत गतिविधियों के कारण घास लगाना एक स्थायी दीर्घकालिक समाधान नहीं है।
गगरानी ने कहा, “आईआईटी-बी इस मुद्दे का अध्ययन कर रहा है और निर्णय विशेषज्ञों के निष्कर्षों पर आधारित होंगे।” इस दौरे के दौरान गगरानी के साथ स्थानीय विधायक महेश सावंत और जी साउथ वार्ड के सहायक नगर आयुक्त विनायक विस्पुते भी थे।
कुछ साल पहले, शिवाजी पार्क के चारों ओर की चारदीवारी को सौंदर्यीकरण के प्रयास के तहत बहुरंगी चौकोर टाइलों से पुनर्निर्मित किया गया था। हालाँकि, हाल ही में हुए निरीक्षण के दौरान, कई स्थानीय निवासियों ने डिज़ाइन पर अपनी असहमति जताई और अनुरोध किया कि दीवार को उसके मूल स्वरूप में बहाल किया जाए।
आयुक्त ने समय पर मरम्मत और सफाई के आदेश दिए
उनकी चिंताओं को स्वीकार करते हुए, गगरानी ने नगर निगम अधिकारियों को आवश्यक मरम्मत कार्य करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि संरचना का नियमित और उचित रखरखाव किया जाए। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने शिवाजी पार्क में हर साल 45 दिनों तक सार्वजनिक समारोहों और कार्यक्रमों की अनुमति दी है।
माहिम किला पर्यटन आकर्षण के रूप में विकसित हो सकता है
गगरानी ने माहिम किला परिसर का भी दौरा किया। किले को एक विरासत संरचना मानते हुए, उन्होंने एक एकीकृत योजना के तहत इसके जीर्णोद्धार और आसपास के क्षेत्र के सौंदर्यीकरण पर विचार करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने इस स्थल को मुंबई में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण के रूप में विकसित करने के तरीकों की खोज करने का भी सुझाव दिया, ताकि भविष्य में यह पर्यटकों के लिए रुचि का एक प्रमुख केंद्र बन सके।
गगरानी ने शिवाजी पार्क के पास राज ठाकरे से मुलाकात की
इस बीच, नगर आयुक्त ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे से शिवाजी पार्क स्थित उनके आवास पर मुलाकात की। मुलाकात का उद्देश्य अभी तक आधिकारिक तौर पर उजागर नहीं किया गया है।
राजनीति
संसद का मानसून सत्र: ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही आज फिर से शुरू होगी

नई दिल्ली, 30 जुलाई। संसद का मानसून सत्र बुधवार को सुबह 11 बजे लोकसभा और राज्यसभा में फिर से शुरू होगा।
मंगलवार को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत की ओर से किए गए ऑपरेशन सिंदूर पर तीखी बहस के बाद सत्र स्थगित कर दिया गया था। इस बहस में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार बहस हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर के तहत सशस्त्र बलों की त्वरित कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत अब सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाएगा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की प्रतिक्रिया को आकार देने में वैश्विक शक्तियां शामिल नहीं हैं। मैंने अमेरिकी उपराष्ट्रपति से कहा कि अगर पाकिस्तान भारत पर हमला करता है, तो हमारा हमला कहीं ज्यादा बड़ा होगा क्योंकि हम गोलियों का जवाब तोपों से देंगे।
उन्होंने आगे कहा कि दुनिया के किसी भी नेता ने भारत से ऑपरेशन रोकने के लिए नहीं कहा है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर दृढ़, स्वतंत्र रुख का संकेत मिलता है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उनके पास सशस्त्र बलों को पूरी आजादी देने की ‘राजनीतिक इच्छाशक्ति’ की कमी है। हमारे विमान इसलिए नष्ट हुए क्योंकि राजनीतिक नेतृत्व ने पाकिस्तान के सैन्य और वायु रक्षा ढांचे पर हमला न करने की शर्त रखी थी। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि नई दिल्ली ने पहले ही पाकिस्तान को बता दिया था कि हमले के दौरान उसके सैन्य ढांचे को निशाना नहीं बनाया जाएगा।
प्रियंका गांधी ने भी लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर रणनीतिक कमियों को लेकर चिंता जताई। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने भी इस मुद्दे पर बात की। मंगलवार को बहस के बाद संसद की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी।
राजनीति
‘लोगों का सरकार से विश्वास उठ गया है’, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर शिवसेना-यूबीटी ने सरकार को घेरा

Uddhav Thackeray
मुंबई, 30 जुलाई। शिवसेना (यूबीटी) ने आतंकियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन महादेव’ पर सवाल उठाए हैं। उद्धव ठाकरे की पार्टी ने दावा किया कि सरकार ने विपक्ष के सवालों की बौछार से बचने के लिए सुलेमान जैसे मामले को गढ़ा है। बता दें कि सुलेमान लश्कर का आतंकी है, जिसे ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत सेना ने सोमवार को ढेर किया। यह आतंकी पहलगाम हमले में शामिल था।
शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा कि भाजपा ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को एक राजनीतिक तमाशा बनाया है। पार्टी ने यह भी कहा कि भाजपा का हिंदुत्व और देशभक्ति सिर्फ पाखंड है।
‘ऑपरेशन महादेव’ की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए शिवसेना-यूबीटी ने कहा, “संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा चल ही रही थी कि कश्मीर में तीन आतंकियों के मारे जाने की खबर आई। कहा गया कि उनमें से एक सुलेमान पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड था। क्या अब कोई इस पर विश्वास करेगा?”
संपादकीय में आरोप लगाया गया, “लोगों का सरकार से विश्वास उठ गया है। ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में विपक्ष के सवालों से बचने के लिए सरकार सुलेमान जैसे मामले गढ़ने का हथकंडा अपना रही है। लोकसभा में सरकार बेनकाब हो गई है।”
शिवसेना-यूबीटी ने संपादकीय में बहस के दौरान एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बयान का हवाला दिया और पूछा, “क्या सरकार पहलगाम में मारे गए 26 लोगों के घर जाकर उन्हें बता सकती है कि हमने बदला ले लिया है? अब आप भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच देख सकते हैं?”
सामना के संपादकीय में आगे कहा गया, “प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तानियों को चेतावनी दी थी कि ‘पानी और खून साथ-साथ नहीं बहेंगे’, लेकिन जय शाह की कृपा से भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच जरूर होने वाला है। इस पर अमित शाह का क्या कहना है?”
संपादकीय में कहा गया, “विपक्ष के सदस्यों जैसे गौरव गोगोई, अरविंद सावंत, सुप्रिया सुले और ओवैसी ने सरकार की सुरक्षा में चूक और ऑपरेशन सिंदूर के परिणाम पर गंभीर सवाल उठाए, लेकिन पीएम मोदी लोकसभा में विपक्ष के सवालों का सामना करने के बजाय अपने कक्ष में बैठे रहे।”
शिवसेना-यूबीटी ने पूछा, “प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर कहा कि राजनाथ सिंह और जयशंकर ने बेहतरीन भाषण दिए। तो क्या भाजपा और उनके मंत्रिमंडल के लोगों के पास विपक्षी नेताओं की तारीफ करने के लिए स्याही खत्म हो गई है? जो लोग यह कहकर कि ‘हम पीओके के लिए जान दे देंगे,’ बड़ी-बड़ी डींगे हांक रहे थे, वे पीओके के भारत में विलय का अवसर आने पर युद्ध के मैदान से भाग गए और क्रिकेट के मैदान में पाकिस्तानियों के साथ खेलने लगे। यह देशद्रोह है और ऐसे लोगों का कोर्ट मार्शल होना चाहिए।”
सामना के संपादकीय में आगे लिखा गया है, “ये लोग (भाजपा) युद्ध में भी भावनात्मक राजनीति और हिंदुत्व ले आए। भारत में पहले ‘ऑपरेशन विजय’ और ‘ऑपरेशन पराक्रम’ जैसे सफल अभियान चलाए गए थे, लेकिन ‘ऑपरेशन महादेव’ और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे भावनात्मक खेल प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में शुरू हुए। इससे सेना के पराक्रम का महत्व कम हुआ है।”
‘भारत-पाकिस्तान युद्ध में पांच जेट गिराए गए’, डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे पर शिवसेना-यूबीटी ने कहा, “राजनाथ सिंह संसद में इस पर बोल नहीं पाए। उन्होंने गोलमोल जवाब दिए।”
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