अपराध
शाहरुख पठान दिल्ली दंगों की साजिश का हिस्सा : चार्जशीट
शाहरुख पठान और चार अन्य लोगों को दिल्ली में मौजपुर चौक पर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की गहरी साजिश में शामिल पाया गया है। पठान को फरवरी में दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान एक पुलिसकर्मी पर बंदूक तानते हुए देखा गया था। जांच एजेंसी मंगलवार को पठान और अन्य लोगों की हिंसा में कथित भूमिका से संबंधित आरोपपत्र (चार्जशीट) न्यायालयों के समक्ष प्रस्तुत करेगी।
मंगलवार को जांच एजेंसी विभिन्न अदालतों के समक्ष तीन अलग-अलग मामलों में तीन आरोप पत्र दायर करेगी। तीन मामलों में मौजपुर चौक दंगा केस, कर्दमपुरी पुलिया दंगा केस और कर्दमपुरी सरकारी डिस्पेंसरी दंगा केस शामिल है।
मौजपुर चौक दंगा मामले में पुलिस ने पाया कि 24 फरवरी को सुबह 11 बजे दो समूह चौक पर आपस में भिड़ गए।
इनमें से एक समूह नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का समर्थन कर रहा था तो दूसरा समूह इसका विरोध कर रहा था। शुरू में विरोध शांतिपूर्ण था, लेकिन जल्द ही यह हिंसक हो गया और दोनों ओर से पथराव शुरू हो गया। दोनों पक्षों की ओर से ईंट-पत्थर फेंकने के साथ ही आगजनी, गोलीबारी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई थीं।
इससे कई पुलिसकर्मियों के साथ-साथ अन्य लोगों को भी चोटें आईं और लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया। उस दिन, एक व्यक्ति विनोद सिंह ने संबंधित घटना में अपनी जान गंवा दी और उसके हत्यारों के खिलाफ हत्या का एक अलग मामला दर्ज किया गया।
इस मामले में शाहरुख पठान सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान पाया गया कि पठान एक अन्य मामले में मुख्य आरोपी है, जिसमें उसने सरेआम लोगों के बीच अपनी बंदूक हेड कांस्टेबल दीपक दहिया की ओर तान दी थी और गोली भी चलाई थी।
उसके पास से 7.65 एमएम की अवैध पिस्टल, दो जिंदा राउंड के साथ बरामद की गई थी। पुलिस ने कहा कि उसकी ओर से कई गोलियां दागी गईं थी और घटनास्थल से तीन खाली खोल बरामद किए गए थे।
कर्दमपुरी पुलिया दंगा मामला मोहम्मद फुरकान की हत्या, चार अन्य लोगों को गोली लगने और 17 पुलिसकर्मियों के घायल होने से संबंधित है। यहां 24 फरवरी को भारी पथराव के कारण इस तरह की स्थिति देखने को मिली थी।
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि 23 फरवरी को हिंसक भीड़ द्वारा इलाके में सीसीटीवी को नुकसान पहुंचाया गया था। हालांकि इसके बावजूद वे कुछ वीडियो फुटेज प्राप्त करने में कामयाब रहे। चश्मदीदों के बयान, वीडियो सबूत और अन्य तकनीकी सबूतों के आधार पर चार लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने कहा, “चारों आरोपियों के खिलाफ आज (मंगलवार) चार्जशीट दायर की जा रही है और अधिक आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए आगे की जांच जारी है।”
वहीं कर्दमपुरी सरकारी डिस्पेंसरी मामला 25 फरवरी को सर्विस रोड पर अम्बेडकर कॉलेज के पीछे सांप्रदायिक दंगों से जुड़ा है, जहां हिंसक भीड़ ने दो पार्किं ग में आग लगा दी और 32 वर्षीय दीपक को चाकू मार दिया। मृतक दीपक एक ई-रिक्शा चालक था।
बयानों, वीडियो सबूतों और अन्य तकनीकी सबूतों के आधार पर इस मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
दिल्ली पुलिस ने कहा, “आज (मंगलवार) सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की जा रही है। इसके अलावा और अधिक आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए जांच जारी है।”
अपराध
दिल्ली: संगम विहार थाने की महिला उप-निरीक्षक रिश्वत लेते गिरफ्तार

crime
नई दिल्ली, 5 दिसंबर: दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार विरोधी नीति ‘जीरो टॉलरेंस’ के तहत बड़ी कार्रवाई हुई है। विजिलेंस यूनिट ने संगम विहार थाना में तैनात महिला उप-निरीक्षक नमिता को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह अभियान दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोल्चा द्वारा शुरू किए गए भ्रष्टाचार-रोधी अभियान का हिस्सा है।
दिल्ली पुलिस की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 4 दिसंबर को संगम विहार की एक महिला ने विजिलेंस यूनिट से शिकायत की कि उप-निरीक्षक नमिता, जो उसके दर्ज मामले की जांच अधिकारी थीं, ने केस को कमजोर करने की धमकी देते हुए 2 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस यूनिट ने तुरंत कार्रवाई की योजना बनाई। इसके बाद, उसी दिन शाम को सतर्कता इकाई द्वारा संगम विहार थाने में एक ट्रैप ऑपरेशन आयोजित किया गया।
तय समय पर शिकायतकर्ता एसआई नमिता के दफ्तर पहुंची, जहां नमिता ने कथित रूप से रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 15 हजार रुपए की मांग की और उसे अपनी टेबल पर रखी एक फाइल में रखने को कहा। जैसे ही शिकायतकर्ता ने पैसे फाइल में रखे, विजिलेंस टीम ने दफ्तर में प्रवेश किया और एसआई नमिता को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। मौके से 15 हजार रुपए की राशि भी बरामद कर ली गई।
घटना के बाद विजिलेंस पुलिस स्टेशन में एफआईआर संख्या 23/25, धारा 7, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत दर्ज की गई है। आरोपी एसआई को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
विजिलेंस यूनिट ने कहा कि इस मामले की आगे की जांच जारी है। साथ ही नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी पुलिसकर्मी द्वारा रिश्वत मांगने की स्थिति में तुरंत शिकायत दर्ज कराएं। ऐसी शिकायतें विजिलेंस हेल्पलाइन नंबर 1064 पर भी की जा सकती हैं।
अपराध
लखनऊ : एसटीएफ ने 80 लाख के ड्रग्स के साथ दो तस्करों को किया गिरफ्तार, कई राज्यों में करते थे सप्लाई

लखनऊ, 3 दिसंबर: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 80 लाख रुपए के ड्रग्स के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। दोनों तस्कर अंतर्राज्यीय नेटवर्क से जुड़े हुए थे।
मुखबिर से सूचना मिलने पर स्पेशल टास्क फोर्स ने लखनऊ के गोसाईगंज इलाके में सुल्तानपुर रोड पर स्थित गब्बर ढाबे के पास से एक टाटा सफारी कार में सवार दो तस्करों को पकड़ा। कार की तलाशी लेने पर उसमें 523 ग्राम एमडीएमए (मिथाइलेंडीऑक्सी-मेथाम्फेटामाइन) बरामद किया गया, जो एक प्रतिबंधित मादक पदार्थ है।
एसटीएफ के डिप्टी एसपी धर्मेश कुमार शाही ने बताया कि उनकी टीम लंबे समय से नशे के तस्करी नेटवर्क पर नजर रखे हुए थी। उन्हें जानकारी मिली थी कि दो तस्कर भारी मात्रा में ड्रग्स लेकर गुजरने वाले हैं। इस पर एसटीएफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गब्बर ढाबा के पास घेराबंदी की और दोनों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार तस्करों की पहचान मोहम्मद मुजीब और मुकेश सिंह के रूप में हुई है। मुजीब लखनऊ के खंदारी बाजार का निवासी है, जबकि मुकेश भदोही के रविदासनगर का रहने वाला है। पूछताछ में इन दोनों ने बताया कि वे एक अंतर्राज्यीय ड्रग तस्करी गिरोह से जुड़े हुए हैं, जो उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई और बिहार तक एमडीएमए की सप्लाई करता था।
मुजीब ने यह भी खुलासा किया कि वह अपने घर पर रसायन मिलाकर एमडीएमए तैयार करता था और उसे यह प्रक्रिया वाराणसी निवासी अभय सिंह ने सिखाई थी। अभय सिंह पहले मुंबई में एमडीएमए के साथ गिरफ्तार हो चुका है और हाल ही में जेल से रिहा हुआ है।
एसटीएफ ने बताया कि पकड़े गए तस्करों ने इस बात का भी खुलासा किया कि वे विभिन्न जिलों और राज्यों में एमडीएमए की सप्लाई कर रहे थे। इस मामले में गोसाईगंज थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
धर्मेश कुमार शाही ने बताया कि दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। इनके गिरोह में कितने लोग शामिल हैं और एमडीएमए किसे सप्लाई करने जा रहे थे, इन सवालों का जवाब भी पता किया जा रहा है।
अपराध
मुंबई: रिटायर्ड पुलिसकर्मी ने सोसायटी की लिफ्ट में की नाबालिग से छेड़छाड़, गिरफ्तार

CRIME
मुंबई, 3 दिसंबर: मुंबई के कस्तूरबा मार्ग पुलिस ने 67 वर्षीय रिटायर्ड पुलिस अधिकारी को उसी सोसायटी में रहने वाली नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के आरोप में मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। लड़की की मां की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की।
आरोपी और पीड़िता दोनों एक ही इमारत में रहते हैं।
पुलिस के अनुसार, घटना मंगलवार शाम लड़की लिफ्ट के पास खड़ी थी, तभी आरोपी वहां पहुंचा। उसने लड़की को लिफ्ट के अंदर खींच लिया और उसके साथ छेड़छाड़ की। डर के कारण बच्ची चुप रही, लेकिन घर पहुंचते ही उसने रोते-बिलखते हुए मां को सारी बात बताई।
परिवार तुरंत बच्ची को लेकर कस्तूरबा मार्ग थाने पहुंचा और लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के साथ-साथ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। मेडिकल जांच के बाद आरोपी को उसके फ्लैट से गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया। सबूतों और मामले की गंभीरता को देखते हुए मजिस्ट्रेट ने उसे 12 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया। पुलिस पूछताछ में यह भी पता लगा रही है कि आरोपी ने पहले कभी ऐसी कोई हरकत तो नहीं की।
पुलिस ने बताया कि पीड़िता के साथ पूरी संवेदनशीलता से पेश आया जा रहा है। दोषी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
लोगों में गुस्सा है और मांग की जा रही है कि ऐसे मामलों में तुरंत और सख्त कार्रवाई हो। फिलहाल जांच जारी है। बच्ची का बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया जाएगा और आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों का कहना है कि बच्ची के साथ पूरा सहानुभूति के साथ व्यवहार किया जा रहा है और दोषी को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह कभी पुलिस की वर्दी में रहा हो, आज कानून सबके लिए बराबर है।
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