व्यापार
सेबी ने राइट्स इश्यू को पूरा करने की समयसीमा घटाकर 23 दिन की, 7 अप्रैल से लागू

मुंबई, 12 मार्च। कंपनियों को तेजी से पूंजी जुटाने में मदद करने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने राइट्स इश्यू को पूरा करने की समयसीमा 126 दिनों से घटाकर 23 दिन कर दी है, जो 7 अप्रैल से प्रभावी होगी।
एक सर्कुलर में, पूंजी बाजार नियामक ने राइट्स इश्यू में स्पेसिफिक निवेशकों को अलॉटमेंट के लिए फ्लेक्सिबिलिटी भी प्रदान की है।
सेबी ने कहा, “नए फ्रेमवर्क के हिस्से के रूप में, सेबी रेगुलेशन, 2018 (सेबी आईसीडीआर विनियम) के संशोधित रेगुलेशन 85 के संदर्भ में, यह निर्दिष्ट किया जा रहा है कि राइट्स इश्यू को जारीकर्ता के निदेशक मंडल द्वारा राइट्स इश्यू को मंजूरी देने की तारीख से 23 कार्य दिवसों के भीतर पूरा किया जाएगा।”
इसमें कहा गया है, “सेबी आईसीडीआर रेगुलेशन के रेगुलेशन 87 के अनुसार और रिवाइज्ड टाइमलाइन को देखते हुए यह निर्दिष्ट किया जा रहा है कि राइट्स इश्यू को सब्सक्रिप्शन के लिए न्यूनतम सात दिन और अधिकतम तीस दिनों के लिए ओपन रखा जाएगा।”
राइट्स इश्यू में शेयरों की सदस्यता के लिए प्राप्त एप्लीकेशन बोलियों का सत्यापन और अलॉटमेंट के आधार को फाइनल करने का काम भी स्टॉक एक्सचेंज और डिपॉजिटरी द्वारा इश्यू के रजिस्ट्रार के साथ मिलकर किया जाएगा।
बाजार नियामक के अनुसार, इस सर्कुलर के प्रावधान 7 अप्रैल, 2025 से लागू होंगे तथा इस सर्कुलर के लागू होने की तिथि से इश्यूअर के निदेशक मंडल द्वारा अप्रूव्ड राइट्स इश्यू पर लागू होंगे।
इस बीच, न्यूली अपॉइंटेड चेयरपर्सन तुहिन कांत पांडे की लीडरशिप में आगामी पहली बोर्ड मीटिंग में सेबी कई प्रमुख विनियामक प्रस्तावों पर चर्चा करने वाला है।
प्रस्तावित एजेंडे में डीमैट खातों के लिए यूपीआई जैसी सुरक्षा, क्लियरिंग कॉरपोरेशन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के दायरे का विस्तार करना और रिसर्च विश्लेषकों द्वारा फी कलेक्शन में बदलाव शामिल हैं।
निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सेबी ने डीमैट खातों के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) जैसा सिस्टम लागू करने का प्रस्ताव दिया है।
राष्ट्रीय
थोक महंगाई दर मई में 14 महीने के निचले स्तर 0.39 प्रतिशत पर रही

नई दिल्ली, 16 जून। भारत में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर मई में 14 महीनों के निचले स्तर 0.39 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इससे पहले अप्रैल में यह 0.85 प्रतिशत थी। सरकार की ओर से सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
यह लगातार तीसरा महीना है जब थोक महंगाई दर में कमी देखने को मिली है। इससे पहले मई 2024 में थोक महंगाई दर 2.74 प्रतिशत थी।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, मई 2025 में खाद्य, ईंधन और प्राथमिक वस्तुओं सहित ज्यादातर श्रेणियों में महंगाई कम हुई है।
बीते महीने खाद्य वस्तुओं में थोक महंगाई दर कम होकर 1.72 प्रतिशत हो गई है, जो कि अप्रैल में 2.55 प्रतिशत थी। यह ट्रेंड दिखाता है कि देश में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में कमी आ रही है।
खाद्य वस्तुओं की श्रेणी में सब्जियों की महंगाई दर मई में घटकर -21.62 प्रतिशत रह गई, जो अप्रैल में -18.26 प्रतिशत थी। मई महीने में दालों में महंगाई दर -10.41 प्रतिशत रही, जबकि गेहूं की महंगाई दर 5.75 प्रतिशत रही। अंडे, मांस और मछली की महंगाई दर अप्रैल में -0.29 प्रतिशत से घटकर मई में -1.01 प्रतिशत रह गई। आलू और प्याज की महंगाई दर क्रमशः -29.42 प्रतिशत और -14.41 प्रतिशत रही।
मई में ईंधन और ऊर्जा पर महंगाई दर (-)2.27 प्रतिशत रही है, जो कि अप्रैल में (-) 2.18 प्रतिशत थी।
प्राथमिक वस्तुओं के लिए महंगाई दर मई में कम होकर (-) 2.02 प्रतिशत रह गई है, जो कि अप्रैल में (-) 1.44 प्रतिशत थी। डब्ल्यूपीआई मुख्य महंगाई दर, जिसमें फूड और फ्यूल नहीं शामिल होता है, घटकर 0.9 प्रतिशत हो गई है, जो कि अप्रैल में 1.5 प्रतिशत थी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स पर महंगाई दर मई में 2.04 प्रतिशत रही है, जो कि अप्रैल में 2.62 प्रतिशत थी।
व्यापार
मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ने से कच्चे तेल की कीमतों में आया उबाल

नई दिल्ली, 16 जून। मध्य पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष के कारण सोमवार को फिर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखने को मिला।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड आज 0.93 प्रतिशत की बढ़त के साथ 74.92 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड 1.16 प्रतिशत की बढ़त के साथ 73.83 डॉलर प्रति बैरल हो गया है।
13 जून को इजरायल की ओर से ईरान पर एयर स्ट्राइक करने के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखा जा रहा है और यह तब से अब तक करीब 7 प्रतिशत महंगा हो चुका है। 12 जून को ब्रेंट क्रूड का दाम 69.36 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड का दाम 66.64 डॉलर प्रति बैरल था।
क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़त की वजह तेल संपन्न क्षेत्र में संघर्ष का लगातार बढ़ना है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल ने ईरान के साउथ पारस गैस फील्ड पर हमला किया है, जिसके कारण वहां उत्पादन को रोकना पड़ा है।
विश्लेषकों के अनुसार, उन्हें कच्चे तेल की कीमतों में कोई और वृद्धि की उम्मीद नहीं है, जब तक कि होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने का प्रयास न किया जाए या यमन में ईरान समर्थित हौथी आतंकवादी जहाजों को निशाना न बनाया जाए।
जूलियस बेयर के इकोनॉमिक्स और नेक्स्ट जनरेशन रिसर्च के प्रमुख नॉर्बर्ट रकर ने कहा कि तेल ऐसे संघर्षों का सबसे बड़ा संकेतक है और कीमतों में भी इसी के अनुसार उछाल आया है। स्थिति में उतार-चढ़ाव बना हुआ है और आने वाले दिनों और हफ्तों में पता चलेगा कि यह कितना आगे तक जाएगा।
इजरायल की यह कार्रवाई अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते पर बातचीत के खराब होने और तेहरान द्वारा यह कहने के कारण हुई है कि अगर उस पर हमला किया गया तो वह इराक और आसपास के देशों में अमेरिकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई करेगा।
एमके ग्लोबल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान प्रतिदिन लगभग 3.3 मिलियन बैरल (एमबीपीडी) कच्चे तेल का उत्पादन करता है और लगभग 1.5 एमबीपीडी का निर्यात करता है, जिसमें चीन 80 प्रतिशत भागीदारी के साथ मुख्य आयातक है। ईरान होर्मुज स्ट्रेट के उत्तरी किनारे पर भी है, जिसके माध्यम से दुनिया में 20 एमबीपीडी से अधिक कच्चे तेल का व्यापार होता है।
होर्मुज स्ट्रेट मध्य-पूर्व में एक चोक प्वाइंट है। इस मार्ग से सऊदी अरब और यूएई आदि भी शिपिंग करते हैं और पहले भी ईरान ने इसे बंद करने की चेतावनी दी है।
अंतरराष्ट्रीय
प्रधानमंत्री मोदी ने रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए साइप्रस में बिजनेस राउंडटेबल इवेंट में भाग लिया

लिमासोल (साइप्रस), 16 जून प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के साथ एक बिजनेस राउंडटेबल कार्यक्रम में भाग लिया और कई क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख सीईओ के साथ बातचीत की।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पीएम मोदी ने कहा, “राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस और मैंने, भारत और साइप्रस के बीच वाणिज्यिक संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए अग्रणी कंपनियों के सीईओ के साथ बातचीत की। इनोवेशन, एनर्जी, टेक्नोलॉजी और अन्य क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। मैंने पिछले दशक में भारत के विकास के बारे में भी चर्चा की।”
इससे पहले साइप्रस के राष्ट्रपति ने एक्स पर कहा, “आज, हम साइप्रस और भारत के बीच आर्थिक सहयोग को गहरा और विस्तारित कर रहे हैं। साथ मिलकर हम रणनीतिक साझेदारी के एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं, जो विश्वास और हमारे साझा मूल्यों पर आधारित है और इनोवेशन हमारी समृद्ध ऐतिहासिक यात्रा द्वारा संचालित है।”
साइप्रस के राष्ट्रपति ने एक्स पर एक अन्य पोस्ट में कहा, “भारतीय प्रधानमंत्री और साइप्रस एवं भारतीय व्यापारिक समुदाय के सदस्यों के साथ राउंडटेबल पर चर्चा की।”
प्रधानमंत्री मोदी रविवार को साइप्रस पहुंचे और यह पिछले दो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस द्वीपीय देश की पहली यात्रा है।
साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिड्स द्वारा लारनाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर औपचारिक सम्मान के साथ स्वागत किए जाने से इस यात्रा ने भारत-साइप्रस संबंधों में नई गति का संकेत दिया, जिसमें दोनों देशों ने व्यापार, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में गहन सहयोग के लिए प्रतिबद्धता जताई।
साइप्रस में भारतीय प्रवासियों ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का स्वागत “वंदे मातरम” और “भारत माता की जय” के नारों के साथ किया।
साइप्रस ने वैश्विक मुद्दों पर भारत के रुख का लगातार समर्थन किया है, जिसमें सीमा पार से आतंकवाद की निंदा भी शामिल है।
भारत की आंतरिक नीतियों की तुर्की द्वारा हाल ही में की गई आलोचना के विपरीत, साइप्रस एक विश्वसनीय सहयोगी के रूप में उभरा है, जिसने संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर भारत की आकांक्षाओं की वकालत की है।
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