Connect with us
Wednesday,18-June-2025
ताज़ा खबर

व्यापार

सेबी ने साइबर सुरक्षा में चूक के लिए ‘आईसीसीएल’ पर लगाया 5.05 करोड़ रुपये का जुर्माना

Published

on

मुंबई, 26 फरवरी। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने मंगलवार को साइबर सुरक्षा और सिस्टम ऑडिट से जुड़े नियमों का पालन करने में विफल रहने के लिए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) की सहायक कंपनी इंडियन क्लियरिंग कॉरपोरेशन (आईसीसीएल) पर 5.05 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।

सेबी ने दिसंबर 2022 से जुलाई 2023 के बीच आईसीसीएल का निरीक्षण किया और बाद में अक्टूबर 2024 में ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया।

निष्कर्षों की समीक्षा करने के बाद, बाजार नियामक ने आईसीसीएल के संचालन में कई उल्लंघन पाए।

उल्लंघन में एक प्रमुख मुद्दा यह था कि आईसीसीएल ने अपने प्रबंधन या बोर्ड की किसी भी टिप्पणी के बिना सेबी को अपनी नेटवर्क ऑडिट रिपोर्ट पेश की।

नियमों के अनुसार, ऑडिट रिपोर्ट की पहले मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर संस्थानों के गवर्निंग बोर्ड द्वारा समीक्षा की जानी चाहिए और ऑडिट पूरा होने के एक महीने के भीतर सेबी को पेश करने से पहले उनकी प्रतिक्रिया शामिल की जानी चाहिए।

सेबी ने यह भी पाया कि आईसीसीएल ने सॉफ्टवेयर क्लासिफिकेशन सहित आईटी एसेट्स की एक अप-टू-डेट इन्वेंट्री मेंटेन नहीं रखी थी।

हालांकि, आईसीसीएल ने साल में दो बार साइबर ऑडिट किया, लेकिन इन ऑडिट में उठाए गए मुद्दों को समय पर हल नहीं किया गया।

एक और बड़ा उल्लंघन आईसीसीएल की आपदा रिकवरी सिस्टम से जुड़ा था।

सेबी के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्राइमरी डेटा सेंटर (पीडीसी) और आपदा रिकवरी साइट (डीआरएस) के बीच वन-टू-वन मैच की जरूरत होती है, लेकिन आईसीसीएल यह सुनिश्चित करने में विफल रहा।

सेबी के अर्ध-न्यायिक प्राधिकरण, जी रामर ने आदेश जारी करते समय मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर संस्थानों पर डॉ. बिमल जालान समिति की 2010 की रिपोर्ट का हवाला दिया।

नियामक ने आईसीसीएल को 45 दिनों के भीतर जुर्माना भरने का निर्देश दिया।

समिति की रिपोर्ट में कहा गया, “ये संस्थान (यानी स्टॉक एक्सचेंज, डिपॉजिटरी और क्लियरिंग कॉरपोरेशन) देश के वित्तीय विकास के लिए व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण हैं और प्रतिभूति बाजार के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में काम करते हैं। इन संस्थानों को सामूहिक रूप से मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (एमआईआई) के रूप में संदर्भित किया जाता है। इसलिए, वे ‘महत्वपूर्ण आर्थिक इंफ्रास्ट्रक्चर’ हैं। हाल के वित्तीय संकट ने आर्थिक स्थिरता के लिए वित्तीय संस्थानों के महत्व को दिखाया है।”

व्यापार

टाटा मोटर्स ने एलपीओ 1622 बस लॉन्च कर कतर में अपनी उपस्थिति की मजबूत

Published

on

दोहा, 18 जून। टाटा मोटर्स ने मध्य पूर्व के बाजार में अपनी उपस्थिति मजबूत करते हुए बुधवार को कतर में अपनी नई एलपीओ 1622 बस लॉन्च की।

कंपनी के एक बयान के अनुसार, कर्मचारियों के परिवहन के लिए विशेष रूप से विकसित, मध्य पूर्व में कंपनी की पहली यूरो VI-अनुपालन वाली बस बेहतर परफॉर्मेंस, आरामदायक यात्री अनुभव और स्वामित्व की कम लागत प्रदान करती है।

टाटा एलपीओ 1622 बस एक विश्वसनीय कमिंस आईएसबीई 5.6एल यूरो VI-अनुपालन इंजन द्वारा संचालित है, जो 220 एचपी पावर और 925 एनएम का टॉर्क प्रदान करता है।

बस दो सीटिंग कॉन्फिगरेशन 65-सीटर और 61-सीटर में उपलब्ध है, जो विभिन्न कर्मचारी परिवहन आवश्यकताओं के लिए फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करती है।

इसमें एबीएस के साथ फुल एयर डुअल-सर्किट ब्रेकिंग सिस्टम, ट्यूबलेस रेडियल टायर के अलावा, सुरक्षा, आराम और सड़क स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक हैवी-ड्यूटी सस्पेंशन सिस्टम है।

बस इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, हिल स्टार्ट असिस्ट, क्रूज कंट्रोल, अलग-अलग ऑपरेटिंग कंडीशन में ऑप्टिमाइज परफॉर्मेंस के लिए मल्टीमोड स्विच जैसे कई एडवांस्ड फीचर्स के साथ आती है।

टाटा मोटर्स के अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय के प्रमुख आसिफ शमीम ने कहा, “मध्य पूर्व टाटा मोटर्स के लिए रणनीतिक फोकस बना हुआ है, जहां हमारे उत्पादों ने लगातार कई तरह के एप्लीकेशन में मूल्य प्रदान किया है। कतर एक प्रमुख बाजार है, इसलिए हम ग्राहकों को अधिक लाभ और यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए डिजाइन की गई नई एलपीओ 1622 बस के लॉन्च के साथ अपनी उपस्थिति को मजबूत कर उत्साहित हैं।”

टाटा मोटर्स ने देश की विकसित होती इंफ्रास्ट्रक्चर और निर्माण आवश्यकताओं के अनुरूप डिजाइन और इंजीनियर किए गए वर्ल्ड-स्मार्ट, यूरो-वी अनुपालन वाले प्राइमा रेंज के भारी ट्रकों की एक रेंज को भी पेश किया।

इस रेंज में एडवांस्ड प्राइमा 4040.के, प्राइमा 4440.एस, प्राइमा 4040.टी और प्राइमा 6040.एस शामिल हैं।

टाटा मोटर्स 40 से अधिक देशों में कमर्शियल वाहनों का विस्तृत पोर्टफोलियो पेश करता है, जिसमें 1 टन से लेकर 60 टन तक के कार्गो वाहन और 9 सीटर से लेकर 71 सीटर तक के मास मोबिलिटी सॉल्यूशन शामिल हैं।

Continue Reading

व्यापार

भारतीय डिफेंस कंपनियों की आय वित्त वर्ष 26 में 15-17 प्रतिशत बढ़ेगी : रिपोर्ट

Published

on

नई दिल्ली, 18 जून। भारत का डिफेंस सेक्टर वर्तमान समय में तेजी से बढ़ रहा है और देश की डिफेंस कंपनियों की आय वित्त वर्ष 26 में 15-17 प्रतिशत बढ़ेगी। यह जानकारी बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

आईसीआरए के एनालिसिस में कहा गया कि आय में अच्छी बढ़त की वजह ऑर्डर्स का मजबूत एग्जीक्यूशन होना है। वित्त वर्ष 25 के अंत में डिफेंस कंपनियों का ऑर्डर बुक/ऑपरेटिंग इनकम (ओबी/ओआई) रेश्यो 4.4 गुना था।

रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने घरेलू रक्षा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने, निवेश को प्रोत्साहित करने और निर्यात का विस्तार करने के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ को अपने मूल में रखते हुए कई नीतिगत पहलों को लागू किया है।

इनमें डिफेंस सेक्टर में एफडीआई नीतियों का उदारीकरण, डिफेंस ऑफसेट नीति को जारी रखना, दो डिफेंस इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर की स्थापना और पांच ‘सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों’ की अधिसूचना और ऑनलाइन स्वदेशीकरण पोर्टल ‘सृजन’ के माध्यम से स्वदेशीकरण की दिशा में निरंतर प्रयास शामिल हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, “इसके अलावा सरकार ने पूंजीगत परिव्यय पर जोर देते हुए इस क्षेत्र के लिए बजट में भी वृद्धि की है, जो पिछले पांच वर्षों में 8.29 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर वित्त वर्ष 2026 के बजट अनुमान (बीई) में 1.92 लाख करोड़ रुपए हो गया है।”

रिपोर्ट में बताया गया, “सरकार की पहलों के कारण घरेलू विक्रेताओं से डिफेंस खरीद पर व्यय वित्त वर्ष 17 में 61 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 25 में लगभग 75 प्रतिशत हो गया है, जबकि निर्यात 15 गुना से अधिक और 41 प्रतिशत की मजबूत सीएजीआर के साथ वित्त वर्ष 2017-वित्त वर्ष 2025 की अवधि के दौरान 23,622 करोड़ रुपए हो गया है।”

आईसीआरए के कॉर्पोरेट रेटिंग्स के उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख सुप्रियो बनर्जी ने कहा, “वित्त वर्ष 2026 के लिए भारित औसत परिचालन मार्जिन 25-27 प्रतिशत पर मजबूत रहने की उम्मीद है।”

Continue Reading

व्यापार

वित्त वर्ष 2019 से भारत में आवासीय बिक्री में लगभग 77 प्रतिशत का उछाल : रिपोर्ट

Published

on

नई दिल्ली, 18 जून। भारत के आवासीय रियल एस्टेट बाजार में कोरोना महामारी के बाद की अवधि में तेजी से उछाल आया है। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-2025 तक प्रमुख शहरों में कुल आवासीय बिक्री में लगभग 77 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

ग्रांट थॉर्नटन भारत की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में कुल लेन-देन का 57 प्रतिशत हिस्सा प्राथमिक लेन-देन था, जिसमें डेवलपर्स द्वारा बेचे गए निर्माणाधीन घर शामिल हैं।

कुल लेन-देन का शेष 43 प्रतिशत हिस्सा संपत्तियों की पुनर्बिक्री से जुड़े द्वितीयक लेन-देन का रहा, जो वित्त वर्ष 2019 में दर्ज 38 प्रतिशत हिस्सेदारी से शानदार बदलाव दर्शाता है।

उच्च आय, जीवनशैली में बदलाव और लक्षित डेवलपर प्रयासों के कारण वित्त वर्ष 2019 से वित्त वर्ष 2025 तक 1 करोड़ रुपए से अधिक वाले लक्जरी आवास में उछाल आया।

वित्त वर्ष 2025 में ऑफिस लीजिंग में तेजी से उछाल आया और यह रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। टियर 1 शहरों और उभरते टियर 2 हब में जीसीसी, आईटी/आईटीईएस, ई-कॉमर्स और फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस के कारण मांग में उछाल दर्ज किया गया।

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के ऑफिस मार्केट में मजबूत अब्सोर्प्शन और सकारात्मक किराये की वृद्धि देखी गई है।

‘मेक इन इंडिया’, जीएसटी सुधारों और नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी द्वारा समर्थित लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग सेक्टर का विस्तार जारी है।

भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में 6.99 बिलियन डॉलर मूल्य के 99 रियल एस्टेट लेनदेन दर्ज किए। निजी इक्विटी ने 3.15 बिलियन डॉलर का नेतृत्व किया, जबकि सार्वजनिक बाजारों ने आईपीओ और क्यूआईपी के माध्यम से लगभग 3 बिलियन डॉलर जुटाए।

एआई, ब्लॉकचेन, स्मार्ट बिल्डिंग और ग्रीन कंस्ट्रक्शन परिसंपत्तियों के विकास और संचालन के तरीके को नया रूप दे रहे हैं।

रियल एस्टेट टोकनाइजेशन और एसएम-आरईआईटी नए निवेश वाहन के रूप में उभर रहे हैं।

रिपोर्ट में डिजिटल इनोवेशन, शहरी विकेंद्रीकरण और निवेशकों की रुचि से प्रेरित प्रीमियम हाउसिंग, कमर्शियल ऑफिस स्पेस, लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर और वैकल्पिक निवेश में निरंतर वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।

ग्रांट थॉर्नटन भारत लीडरशिप टीम ने कहा, “भारत की रियल एस्टेट स्टोरी को डिजिटल, सस्टेनेबिलिटी और समावेशी तरीके से फिर से लिखा जा रहा है। भविष्य विकेंद्रीकृत, तकनीक-सक्षम और निवेशक-अनुकूल है।”

Continue Reading
Advertisement
अपराध26 mins ago

बिहार में युवक ने चार साल का प्यार भुलाकर प्रेमिका को उतारा मौत के घाट, गिरफ्तार

महाराष्ट्र2 hours ago

महाराष्ट्र के मानसून सत्र में धार्मिक घृणा विरोधी विधेयक पारित किया जाना चाहिए, समाजवादी पार्टी के नेता अबू आसिम आज़मी ने राज्य सचिव से मांग की

व्यापार2 hours ago

टाटा मोटर्स ने एलपीओ 1622 बस लॉन्च कर कतर में अपनी उपस्थिति की मजबूत

महाराष्ट्र3 hours ago

मुंबई में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन, प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया

अंतरराष्ट्रीय3 hours ago

ईरान में फंसी भारतीय पर्वतारोही फल्गुनी डे वीजा संबंधी उलझन के कारण अस्तारा सीमा पर फंसी

महाराष्ट्र4 hours ago

मुंबई में भारी बारिश से रेल सेवाएं प्रभावित

व्यापार4 hours ago

भारतीय डिफेंस कंपनियों की आय वित्त वर्ष 26 में 15-17 प्रतिशत बढ़ेगी : रिपोर्ट

Monsoon6 hours ago

मुंबई में भारी बारिश, पवई झील में पानी भरा, येलो अलर्ट जारी

व्यापार6 hours ago

वित्त वर्ष 2019 से भारत में आवासीय बिक्री में लगभग 77 प्रतिशत का उछाल : रिपोर्ट

राष्ट्रीय7 hours ago

एक्सिओम-4 मिशन फिर टला, लॉन्चिंग की नई तारीख 22 जून तय की गई

महाराष्ट्र2 weeks ago

महाराष्ट्र में ईद-उल-अजहा पर पशु बाजार बंद रखने का फैसला वापस लिया गया

महाराष्ट्र2 weeks ago

अकोला हत्याकांड: रिटायर्ड पीडब्ल्यूडी इंजीनियर और कांग्रेस नेता विजय कौशल के भाई की पुरानी रंजिश में बेरहमी से हत्या; खौफनाक सीसीटीवी फुटेज सामने आया

अपराध1 week ago

राजा रघुवंशी मर्डर: मेघालय पुलिस की जांच में हत्या के दिन की पूरी कहानी आई सामने

राष्ट्रीय5 days ago

मुझे खुद भरोसा नहीं, मैं कैसे जिंदा निकला: अहमदाबाद विमान हादसे में बचे विश्वास कुमार ने बताया कैसे हुआ ‘चमत्कार’

महाराष्ट्र3 weeks ago

भारी बारिश के कारण दृश्यता और गति में कमी आई, जिससे ट्रेनें 25 मिनट देरी से चल रही हैं

अपराध3 weeks ago

अन्ना यूनिवर्सिटी यौन उत्पीड़न मामला, 2 जून को सजा का ऐलान

दुर्घटना1 week ago

मुंब्रा रेलवे स्टेशन के पास लोकल ट्रेन से गिरे लोग, कई घायल, सीएम फडणवीस ने जताया दुख

महाराष्ट्र2 weeks ago

मुंबई: मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर गलत साइड से लोकल ट्रेन से उतरते समय लोहे की बाड़ में फंसकर 27 वर्षीय व्यक्ति की मौत

महाराष्ट्र3 weeks ago

गोवंडी में ड्रग डीलरों पर मुंबई पुलिस की कार्रवाई, ड्रग क्लीन अभियान में 6 आरोपी गिरफ्तार, फैक्ट्री का पर्दाफाश

महाराष्ट्र4 weeks ago

हजरत सैयद बाले शाह पीर दरगाह ध्वस्तीकरण आदेश, चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश, दरगाह प्रबंधन को राहत

रुझान