अपराध
समीर वानखेड़े ने बॉम्बे हाई कोर्ट से कहा: मुझे निशाना बनाया जा रहा है
सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट की जस्टिस अभय आहूजा और मिलिंद सथाये की अवकाश पीठ ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई की, जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई थी। सीबीआई) कॉर्डेलिया ड्रग्स का भंडाफोड़ रिश्वत मामले में। वानखेड़े ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है जबकि उन्होंने अपने सीनियर्स को हर स्तर पर लूप में रखा। उन्होंने यह भी तर्क दिया है कि कानून यह कहता है कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी अधिनियम) की धारा 17ए के अनुसार उनके खिलाफ जांच चार महीने के भीतर पूरी की जानी चाहिए थी। उन्होंने तर्क दिया कि अक्टूबर 2021 से चार महीने पहले ही समाप्त हो चुके हैं। सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील कुलदीप पाटिल ने पीठ को बताया कि वानखेड़े ने अभिनेता शाहरुख खान के साथ कुछ चैट प्रसारित की थी जिसे उन्होंने अपनी याचिका में संलग्न किया था। अधिकारी और अभिनेता के बीच चैट का आदान-प्रदान तब हुआ जब अभिनेता के बेटे आर्यन को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। पाटिल ने तर्क दिया कि वानखेड़े को बुलाए जाने पर एजेंसी के कार्यालय में उपस्थित होना था और प्राथमिकी की विषय वस्तु के संबंध में मीडिया या किसी अन्य व्यक्ति को कोई संदेश प्रेषित नहीं करना था। यदि उसने ऐसा किया है, तो गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं हो सकती है, उन्होंने कहा।
हालांकि, पाटिल ने अदालत से आग्रह किया कि वानखेड़े को कोई “पूर्ण सुरक्षा” न दी जाए, क्योंकि यह “किसी भी गिरफ्तारी या कार्रवाई के रास्ते में आ सकता है, जिसे सीबीआई सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 41 के तहत लेना चाहेगी” . उस आदेश (राहत का) को अनिश्चित काल तक जारी नहीं रखा जा सकता है, पाटिल ने कहा। गृह मंत्रालय (एमएचए) के सतर्कता अधीक्षक कपिल द्वारा एक हलफनामा दायर किया गया था, जो एनसीबी के लिए एक हलफनामा दायर करने के लिए अधिकृत है, जिसने सभी विवादों का खंडन किया और दावा किया कि वानखेड़े “एक पहाड़ को राई का पहाड़ बना रहे थे”। उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 की जांच और उल्लंघन में प्रक्रियात्मक खामियों की जांच के लिए विशेष जांच दल (सेट) का गठन किया गया था। उस रिपोर्ट में पीसी अधिनियम के तहत आपराधिक अपराधों का प्रथम दृष्टया आयोग दिखाया गया था और भारतीय दंड संहिता। एसईटी की रिपोर्ट 24 अप्रैल को गृह मंत्रालय को भेजी गई थी; हलफनामे में कहा गया है कि 11 मई को गृह मंत्रालय ने वानखेड़े के खिलाफ पूर्व मंजूरी के लिए एक पत्र लिखा था। इस प्रकार एनसीबी ने स्पष्ट किया कि उनकी विभागीय पूछताछ सीबीआई द्वारा की जा रही आपराधिक कार्रवाई से अलग थी, जो एक साथ कार्यवाही हैं और एक दूसरे पर कोई प्रभाव या असर नहीं है। एनसीबी के हलफनामे में 2021 कॉर्डेलिया ड्रग भंडाफोड़ मामले की जांच में पाई गई प्रक्रियात्मक अनियमितताओं की ओर भी इशारा किया गया है। हलफनामे में वानखेड़े और उनकी पत्नी की आय से अधिक संपत्ति का भी जिक्र है।
अपराध
उन्नाव रेप केस: सेंगर की सजा सस्पेंड करने के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर ‘सुप्रीम’ सुनवाई

SUPRIM COURT
नई दिल्ली, 29 दिसंबर: सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच सोमवार को सीबीआई की उस याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसने उन्नाव रेप केस में भाजपा से निकाले गए नेता कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को सस्पेंड करते हुए उन्हें जमानत दे दी थी।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर पब्लिश कॉजलिस्ट के अनुसार, भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की वेकेशन बेंच सोमवार को इस मामले की सुनवाई करेगी।
सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट के 23 दिसंबर के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जिसमें सेंगर की अपील पेंडिंग रहने तक सजा सस्पेंड करने की अर्जी मंजूर की गई थी।
इससे पहले, यह जानकारी सामने आई थी कि सीबीआई और पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का इरादा जताया था।
पीड़िता के परिजनों ने महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर सेंगर की सजा निलंबित किए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जमानत के आदेश ने लोगों का भरोसा हिला दिया है और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के बारे में गलत संदेश भेजा है।
दिल्ली हाई कोर्ट में सीबीआई ने अपराध की गंभीरता और इसमें शामिल संभावित जोखिमों को बताते हुए सेंगर की याचिका का जोरदार विरोध किया था।
बता दें कि जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और हरीश वैद्यनाथन शंकर की डिवीजन बेंच ने सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित करते हुए उनकी अपील लंबित रहने तक उन्हें कड़ी शर्तों के साथ सशर्त जमानत दे दी थी।
उन्नाव रेप केस ने पूरे देश में गुस्सा पैदा कर दिया था। दिसंबर 2019 में ट्रायल कोर्ट ने सेंगर को एक नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप का दोषी ठहराया था और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। साथ ही, 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले इस घटना से जुड़े सभी मामलों को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था और निर्देश दिया था कि ट्रायल रोजाना के आधार पर किया जाए।
अपराध
दिल्ली: ज्वेलरी चमकाने का झांसा देकर धोखाधड़ी में दो आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली, 26 दिसंबर: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सरोजिनी नगर पुलिस स्टेशन पुलिस ने ज्वेलरी चमकाने का झांसा देकर धोखाधड़ी के मामले में दो अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को उनके पास से 10,000 रुपए और अपराध में इस्तेमाल किया गया वाहन बरामद किया गया है।
दोनों बदमाश महिलाओं को निशाना बनाकर धोखाधड़ी करते थे। आरोपियों की पहचान हर्ष विहार दिल्ली निवासी विनोद प्रसाद साह और नंद नगरी निवासी मोहम्मद सत्तार के रूप में हुई।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह मामला 17 दिसंबर 2025 को सरोजिनी नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। महिला शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपियों ने उसे गहने पॉलिश करने का ऑफर दिया। उन्होंने महिला से एक सोने का पेंडेंट और एक अंगूठी ली और फिर उसे गर्म पानी लाने के लिए कहा। जैसे ही महिला ने पानी लाने के लिए रसोई में कदम रखा, आरोपी गहने लेकर भाग गए।
इंस्पेक्टर अतुल त्यागी और एसीपी मेल्विन वर्गीस की देखरेख में मुकेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई। टीम ने आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी जांच और फोटोग्राफिक रेकग्निशन सिस्टम का उपयोग करके लगातार जांच की। इसके बाद दोनों आरोपियों का पता लगाया गया और 21 दिसंबर 2025 को उन्हें गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे अच्छे और सभ्य कपड़े पहनकर रिहायशी इलाकों में महिलाओं को गहने पॉलिश करने का झांसा देते थे। गहने लेने के बाद वे महिला से गर्म पानी लाने को कहते थे और फिर गहने लेकर फरार हो जाते थे। उन्होंने यह भी कबूल किया कि गहनों को बेच दिया गया था और कुछ पैसे जुए में खो दिए थे।
विनोद प्रसाद साह और मोहम्मद सत्तार पहले भी धोखाधड़ी के मामलों में शामिल थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और पता लगाया जा रहा है कि इनके गिरोह में और कितने लोग शामिल थे और कहां-कहां इस तरह की घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने लोगों की सलाह दी है कि इस तरह लोगों के बहकावे में आकर अपने गहने न दें।
अपराध
मुंबई: फर्जी दस्तावेज के जरिए फ्लैट बेचने और बैंक धोखाधड़ी में आरोपी गिरफ्तार

crime
मुंबई, 26 दिसंबर: मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने हाई-वैल्यू प्रॉपर्टी धोखाधड़ी के मामले में आरोपी अख्तर शेख (60) को गिरफ्तार किया है। मामला बांद्रा स्थित एक महंगे फ्लैट से जुड़ा हुआ है, जहां फ्लैट मालिक की फर्जी पहचान से संपत्ति की अवैध बिक्री की गई। इस धोखाधड़ी के आधार पर 11.35 करोड़ रुपए का बैंक लोन भी प्राप्त किया गया था।
ईओडब्ल्यू ने मुखबिर की सूचना पर आरोपी को अंधेरी मेट्रो स्टेशन के नीचे से गिरफ्तार किया। जैन ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने मई 2023 में बांद्रा वेस्ट स्थित आइकोनिक टॉवर में 6.25 करोड़ रुपए में एक लग्जरी फ्लैट खरीदा था। जब हाउसिंग सोसायटी द्वारा दस्तावेज की जांच की गई तो पता चला कि फ्लैट की बिक्री फर्जी दस्तावेजों के जरिए की गई थी। इसके बाद मामले की सूचना ईओडब्ल्यू को दी गई।
ईओडब्ल्यू ने तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण किया, जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद उच्च अधिकारियों को जानकारी दी गई और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया गया।
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का कहना है कि जांच में कई खुलासे होने के बाद ही आरोपी अख्तर शेख को गिरफ्तार किया गया। आरोपी से पूछताछ की जा रही है। इस धोखाधड़ी में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, यह जांच की जा रही है। पुलिस को यह भी संदेह है कि यह एक संगठित गिरोह का काम हो सकता है, जिसमें दस्तावेज तैयार करने से लेकर बैंक लोन तक की साजिश रची गई थी।
उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता जैन से भी पूछताछ की जा रही है, जिससे मामले का जल्द से जल्द खुलासा किया जा सके।
फिलहाल, मामले में धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर जांच तेज कर दी है। आरोपी को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां से उसको रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ की जाएगी। मुंबई पुलिस का कहना है कि धोखाधड़ी मामले में शामिल सभी लोगों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
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