अंतरराष्ट्रीय
रोजर बिन्नी ने बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए दाखिल किया नामांकन, निर्विरोध चुने जाने की संभावना

भारत के पूर्व ऑलराउंडर रोजर बिन्नी ने मंगलवार को बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया और उनके निर्विरोध चुने जाने की संभावना है। 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य बिन्नी बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए अब तक एकमात्र उम्मीदवार हैं । यदि कोई और उम्मीदवार नहीं निकलता है, तो वह 18 अक्टूबर को बीसीसीआई प्रमुख के रूप में सौरव गांगुली की जगह लेंगे, जब बोर्ड की वार्षिक आम बैठक मुंबई में होगी।
पिछले हफ्ते दिल्ली में और मुंबई में सोमवार की शाम को, प्रमुख राज्य संघों के पूर्व वरिष्ठ और वर्तमान प्रशासकों के साथ बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों की कई बैठकों के बाद, यह स्पष्ट था कि गांगुली अध्यक्ष पद पर विराजमान नहीं रहेंगे। देखना होगा कि भारत के पूर्व कप्तान को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के लिए नामांकित किया जाएगा या नहीं।
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह ने भी नामांकन दाखिल किया है और अगर कोई और उम्मीदवार इस पद के लिए नामांकन दाखिल नहीं करता है तो वह लगातार दूसरी बार बीसीसीआई सचिव के रूप में बने रहेंगे। राजीव शुक्ला के भी बोर्ड के उपाध्यक्ष पद पर बने रहने की संभावना है।
शुक्ला ने कहा, “रोजर बिन्नी ने अध्यक्ष पद के लिए, खुद उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया है, सचिव के लिए जय शाह, कोषाध्यक्ष के लिए आशीष शेलार और संयुक्त सचिव पद के लिए देवजीत सैकिया ने नामांकन दाखिल किया है।”
उन्होंने कहा, “अरुण धूमल आईपीएल संचालन परिषद के अध्यक्ष होंगे और अभिषेक डालमिया उस परिषद का हिस्सा होंगे। खैरुल जमाल (मामून) मजूमदार शीर्ष परिषद का हिस्सा होंगे। अभी तक ये नामांकन हैं और सभी निर्विरोध हैं।”
67 वर्षीय बिन्नी को क्रिकेट प्रशासन का काफी अनुभव है। उन्होंने वर्षों से कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) में विभिन्न पदों पर काम किया है और 2019 से इसके अध्यक्ष हैं। इससे पहले, वह पटेल और अनिल कुंबले (2010-12) के नेतृत्व वाले केएससीए प्रशासन का भी हिस्सा थे।
आयु सीमा नियम 1983 विश्व कप विजेता बिन्नी के कार्यकाल को तीन साल के एक कार्यकाल तक सीमित कर देगा।
बिन्नी के साथ, नए प्रशासन में पहली बार दो-आशीष शेलार और देवजीत सैकिया होंगे। महाराष्ट्र भाजपा नेता आशीष शेलार, जिन्होंने 2017 और 2019 के बीच मुंबई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, कोषाध्यक्ष होंगे, जिसका अर्थ है कि वह मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के अध्यक्ष नहीं बनेंगे।
शुक्ला ने बताया, “एक बार जब वह (शेलार) कोषाध्यक्ष का पद संभाल लेंगे, तो उन्हें एमसीए अध्यक्ष पद से अपना नामांकन वापस लेना होगा।”
दूसरी ओर, सैकिया, जो वर्तमान में असम क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव हैं, जयेश जॉर्ज की जगह नए संयुक्त सचिव होंगे।
एक अन्य महत्वपूर्ण नियुक्ति खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरुण सिंह धूमल की है, जो नए आईपीएल अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने के लिए तैयार हैं। 2019 के बाद से भारत के पूर्व बल्लेबाज बृजेश पटेल के पास एक पद है, जिसे सीट खाली करने के लिए मजबूर किया जाएगा। क्योंकि वह जल्द ही 70 साल के हो जाएंगे। विशेष रूप से, 70 वर्ष बीसीसीआई के संविधान में एक पदाधिकारी या प्रशासक के लिए अधिकतम अनुमत आयु सीमा है।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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