राजनीति
नई शिक्षा नीति में भी बरकरार रहेगा आरक्षण : शिक्षा मंत्री निशंक

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि नई शिक्षा नीति में भी आरक्षण बरकरार रहेगा। मंत्रालय के मुताबिक एक संशय उपस्थित किया जा रहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े एवं दिव्यांग समूहों के लिए आरक्षण पर स्पष्टता नहीं है। इसमें आरक्षण शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक ऐसी बातें केवल झूठी अफवाहे हैं। नई शिक्षा नीति में आरक्षण पहले की ही तरह बरकरार रहेगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, “समाज के सामाजिक-आर्थिक रूप से निर्बल समूहों के लिए आरक्षण भारतीय संविधान की धारा 15-16 के प्रावधानों के तहत लागू है जो सर्वविदित है, उसे कोई शिक्षा नीति कैसे विस्थापित कर सकती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के जरिए समाज के वंचित समूहों के आरक्षण के प्रावधानों में किसी भी प्रकार की छेड़-छाड़ का प्रश्न ही नहीं उठता। अगर आप गहराई से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के पाठ को पढ़ें तो यह साफ लगेगा कि आरक्षण मात्र शब्द ही नहीं बल्कि एक भाव है, जो सम्पूर्ण राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सम्पूर्ण पाठ में प्रवाहमान है।”
निशंक ने कहा, “ऐसे में किसी के भी मन में यह प्रश्न उठना ही नहीं चाहिए। लोग बेहतर जानते हैं कि संविधान के ढांचे के भीतर ही कोई भी नीति और योजना काम करती है। ऐसे में इसके प्रावधानों को बार-बार दोहराने की जरूरत हमें पड़नी ही नहीं चाहिए। मुझे खुशी है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की घोषणा के बाद सम्पन्न हुए जी, नीट, यूजीसी और इग्नू सहित देश की तमाम प्रवेश परीक्षाओं में आरक्षण से संबंधित प्रावधानों के उल्लंघन की कोई शिकायत नहीं आई है। शिक्षण संस्थाओं में नियुक्तियों में भी आरक्षण सम्बन्धी प्रावधानों का विधिवत पालन किया जा रहा है। इस संबंध में कोई भी शिकायत आने पर मंत्रालय उस पर उचित कारवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
निशंक ने कहा कि, “हम अपने मित्रों से कहना चाहेंगे कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 कहीं से भी संविधान प्रद्त्त आरक्षण की व्यवस्था को प्रभावित नहीं करती। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू हो चुकी है और चार-पाच महीनें बाद बिना किसी तथ्य और प्रमाण के आधार पर यह कहना कि नीति में आरक्षण का जि़क्र ही नहीं है, इसका अर्थ राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित प्रतीत होता है। जो उचित नहीं है।”
शिक्षा मंत्री निशंक के मुताबिक, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 सामाजिक एवं ऐतिहासिक पिछड़ेपन को एक महत्वपूर्ण आधार बनाकर शिक्षा से वंचित हुए लोगों के लिए मुक्ति का प्रस्ताव करती है। जैसा कि हम जानते है सामाजिक एव ऐतिहासिक भेद-भाव से मुक्ति की चाह ही हमारे समाज में आरक्षण का मूल आधार है। साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े सामाजिक समूहों, दिव्यांगों, लिंग आधारित भेदभाव झेल रहे समूहों, ट्रान्सजेन्डर समूहों को सामाजिक-आर्थिक वंचित समूह (एसईडीजी) के तहत रखते हुए यह भी कहा गया है कि इनके लिए पहले से चली आ रही योजनाओं, नीतियों, को न केवल जारी रखा जायेगा बल्कि उन्हें और भी मजबूती प्रदान की जायेगी।”
महाराष्ट्र
महायोति सरकार में मतभेद, विधायकों और मंत्रियों को धन न मिलने से नाराजगी

मुंबई: महाराष्ट्र में महायोति सरकार की राह आसान नहीं है क्योंकि धन की कमी को लेकर महायोति सदस्यों और मंत्रियों में मतभेद हैं, जिसके कारण महायोति में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। विधायक संजय गायकवाड़ ने कहा कि राज्य सरकार के पास विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र के लिए धन नहीं है। विधायकों ने महायोति पर अपने निर्वाचन क्षेत्रों और मंत्रियों पर अपने विभागों के लिए धन की कमी का आरोप लगाया है। इस बीच, एकनाथ शिंदे की पार्टी के नेता और विधायक संजय गायकवाड़ ने एक सनसनीखेज बयान दिया है। उनके इस बयान से एक नया विवाद खड़ा होने की संभावना है। उन्हें एकनाथ शिंदे का विश्वासपात्र और कट्टर समर्थक माना जाता है। राज्य में इस समय महागठबंधन की सरकार है। महागठबंधन के रूप में तीन दल भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और राकांपा (अजित पवार गुट) इस समय सत्ता में हैं। हालाँकि, सत्ता में होने के बावजूद, विभिन्न कारणों से इन तीनों दलों में असंतोष का नाटक जारी है। गौरतलब है कि महागठबंधन के नेताओं ने विधायकों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मिलने वाले फंड और मंत्रियों को उनके विभागों के लिए मिलने वाले फंड, इन दोनों मुद्दों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसी बीच, अब एकनाथ शिंदे की पार्टी के नेता और विधायक संजय गायकवाड़ ने एक सनसनीखेज बयान दिया है।
संजय गायकवाड़ का सनसनीखेज दावा पिछले दस महीनों से सभी सदस्यों को कोई फंड नहीं मिल रहा है। राज्य सरकार इस समय कुछ लोकप्रिय योजनाओं के कारण मुश्किलों का सामना कर रही है। लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एकनाथ शिंदे ने कहा है कि हमारी स्थिति जल्द ही सुधर जाएगी और राज्य की स्थिति भी सामान्य हो जाएगी।
संजय गायकवाड़ की प्रतिक्रिया पर प्रतिक्रिया देते हुए, शिवसेना (शिंदे गुट) पार्टी के नेता और मंत्री प्रताप सरनाईक ने संजय गायकवाड़ के दावे को खारिज कर दिया है। सभी सदस्यों को फंड दिया जा रहा है। अगर आप मुझसे मेरे विभाग के बारे में पूछें, तो एसटी डिपो, एसटी स्टैंड या किसी और चीज़ के लिए फंड की व्यवस्था की जा रही है। इसलिए, भले ही विधायकों ने प्रासंगिक बयान दिए हों, मुझे फंड की कोई कमी महसूस नहीं हुई है। इस बीच, संजय गायकवाड़ पहले भी कई विवादित बयान दे चुके हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने एक ऐसा बयान दिया था जिससे राज्य में पुलिस बल के कामकाज पर सवाल उठे थे। उनके इस बयान के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताई थी। उन्होंने विधायकों को भी सोच-समझकर बोलने की सलाह दी थी। अब जब गायकवाड़ ने दावा किया है कि विधायकों को 10 महीने से फंड नहीं मिला है, तो देखना होगा कि एकनाथ शिंदे और फडणवीस क्या कदम उठाते हैं।
महाराष्ट्र
मुंबई: 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा की कोकीन ज़ब्त, विदेशी गिरफ्तार

मुंबई: मुंबई पुलिस ने 1.15 करोड़ रुपये से ज़्यादा की कोकीन के साथ एक विदेशी को गिरफ्तार करने का दावा किया है। मुंबई पुलिस के एमआईडी अंधेरी थाने को सूचना मिली थी कि एक ड्रग डीलर पुल के नीचे आने वाला है। इसी आधार पर पुलिस ने जाल बिछाया और 34 वर्षीय घाना के नागरिक होनारी अलमोह को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके पास से 287.80 ग्राम कोकीन ज़ब्त करने का दावा किया है, जिसकी कीमत 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा बताई जा रही है। इसके साथ ही एक सैमसंग मोबाइल फ़ोन और अन्य सामान भी ज़ब्त किया गया है। एमआईडी पुलिस ने आरोपी के ख़िलाफ़ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है और इस बात की जाँच कर रही है कि ड्रग डीलर यह कोकीन किसके लिए लाया था और उसने पहले किसे ड्रग्स सप्लाई की थी। यह कार्रवाई मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती, संयुक्त पुलिस कमिश्नर सत्यनारायण चौधरी और ज़ोन 10 के डीसीपी दत्ता नलावड़े के निर्देश पर की गई। इससे पहले अंधेरी एमआईडी पुलिस ने बड़े पैमाने पर ड्रग्स मामले में कार्रवाई की थी और मैसूर में एक ड्रग फैक्ट्री का भी पर्दाफाश किया था। डीसीपी दत्ता नलावडे ने बताया कि विदेशी आरोपी से पूछताछ जारी है और पता लगाया जा रहा है कि उसके साथ कितने लोग जुड़े हैं।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
इजरायली राजदूत ने प्रियंका गांधी के बयान पर उठाए सवाल, कहा- ‘शर्मनाक है आपका कपट’

नई दिल्ली, 12 अगस्त। भारत में इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के ‘नरसंहार’ वाले बयान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आपका ‘कपट’ शर्मनाक है। हमास के आंकड़ों पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
दरअसल, प्रियंका गांधी ने मंगलवार को इजरायल के हमले में अल-जजीरा के 5 पत्रकारों की मौत को जघन्य अपराध बताया था। उन्होंने कहा, “इजरायल नरसंहार कर रहा है। उसने 60 हजार से ज्यादा लोगों की हत्या की है, जिनमें 18,430 बच्चे थे। उसने सैकड़ों लोगों को भूख से मार डाला है, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं, और लाखों लोगों को भूख से मरने की धमकी दे रहा है।”
प्रियंका के इस बयान पर इजरायल के राजदूत रूवेन अजार ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “शर्मनाक बात तो आपका कपट है। इजरायल ने 25,000 हमास आतंकवादियों को मार गिराया। मानवीय जिंदगियों का यह भयानक नुकसान हमास की घिनौनी चालों के कारण हुआ है, जिसमें वे नागरिकों के पीछे छिपते हैं, सहायता के लिए या बाहर निकलने की कोशिश कर रहे लोगों पर गोलीबारी करते हैं और रॉकेट दागते हैं। इजरायल ने गाजा में 20 लाख टन खाद्य सामग्री पहुंचाई, जबकि हमास उसे जब्त करने की कोशिश कर रहा है, जिससे भुखमरी पैदा हो रही है।”
उन्होंने आगे कहा, “पिछले 50 सालों में गाजा की आबादी 450 प्रतिशत बढ़ी है; वहां कोई नरसंहार नहीं हुआ। हमास के आंकड़ों पर यकीन मत कीजिए। हमास के आंकड़ों पर भरोसा न करें।”
कांग्रेस सांसद प्रियंका वाड्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक बयान में कहा, “अल जजीरा के 5 पत्रकारों की निर्मम हत्या फिलिस्तीनी धरती पर किया गया एक और जघन्य अपराध है। जो लोग सत्य के लिए खड़े होने की हिम्मत करते हैं, उनका असीम साहस इजरायल की हिंसा और घृणा से कभी नहीं टूटेगा। ऐसी दुनिया में जहां अधिकांश मीडिया सत्ता और व्यापार का गुलाम है, इन बहादुरों ने हमें याद दिलाया कि सच्ची पत्रकारिता क्या होती है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।”
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