खेल
राशिद खान की विकेट लेने की क्षमता कम हो रही है : अनिल कुंबले

नई दिल्ली, 26 मई। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले के मुताबिक गुजरात टाइटंस के लेग स्पिनर राशिद खान की विकेट लेने की क्षमता हाल में कम हुई है। इसकी वजह से टीम का गेंदबाजी विभाग कमजोर हुआ है।
ईएसपीएनक्रिकइंफो से बात करते हुए अनिल कुंबले ने कहा, “राशिद खान आईपीएल में अपने सबसे खराब सीजन से गुजर रहे हैं। सीजन के 14 मैचों में 53.66 की औसत और 9.47 की इकॉनमी रेट से वह केवल 9 विकेट ले सके हैं।”
कुंबले ने कहा, जीटी के लिए शुरुआती 6 ओवरों में चीजें अच्छी नहीं रही, गेंदबाजी पर दबाव था। यहां राशिद खान से उम्मीद की जाती है कि वे आएंगे और विकेट लेंगे। लेकिन, उनकी विकेट लेने की क्षमता गायब है। वे संघर्ष कर रहे हैं।
आरसीबी की कप्तानी के साथ-साथ पंजाब किंग्स के हेड कोच रह चुके कुंबले ने कहा, “शुभमन गिल की कप्तानी वाली जीटी को अब शांत रहने और ध्यान केंद्रित रखने की जरूरत है। अंतिम चार में पहुंच चुकी जीटी को अपने पिछले 2 मैचों में लखनऊ और चेन्नई के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा है।”
कुंबले ने कहा, “जीटी के लिए सबसे महत्वपूर्ण यह देखना है कि पिछले मैचों में उन्होंने सबसे बेहतर क्या किया है। लीग की सभी 10 टीमें कागज पर मजबूत और बराबरी की थी लेकिन जीटी ने बेहतरीन तरीके से प्लेऑफ में जगह बनाई। अब टीम को सिर्फ एक-एक मैच पर फोकस करते हुए आगे बढ़ना चाहिए, चाहे क्वालिफायर हो या एलिमिनेटर।”
गुजरात टाइटंस 14 मैचों में 9 जीत के साथ 18 अंक लेकर फिलहाल अंक तालिका में पहले स्थान पर है। दूसरे और तीसरे स्थान पर मौजूद पंजाब किंग्स और आरसीबी के 17-17 अंक हैं। इन दोनों टीमों के 1-1 मैच बचे हुए हैं। अगर पंजाब और आरसीबी दोनों ने अपने आखिरी मैच जीत लिए तो जीटी तीसरे नंबर पर जा सकती है। पंजाब किंग्स का आखिरी मैच मुंबई इंडियंस जबकि आरसीबी का एलएसजी से है।
राष्ट्रीय
महंगाई दर कम होने से भारत में परिवारों की क्रय शक्ति में होगा सुधार : एचएसबीसी

नई दिल्ली, 26 मई। एचएसबीसी रिसर्च की सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि बचे हुए वर्ष के लिए महंगाई दर कम होने से भारत में परिवारों की वास्तविक क्रय शक्ति में सुधार होगा और कॉर्पोरेट्स के लिए इनपुट लागत कम होगी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कम स्पष्ट, लेकिन उतना ही महत्वपूर्ण लाभ ‘राजकोषीय वित्त’ के माध्यम से हो सकता है।
शेष वर्ष को अगले छह महीनों के लिए लगभग 2.5 प्रतिशत की कम मुद्रास्फीति से समर्थन मिलने की संभावना है।
सार्वजनिक अन्न भंडारों में स्टॉक होने और मानसून की बारिश अनुकूल होने की संभावना के साथ, खाद्य मुद्रास्फीति कम रहने की संभावना है।
देश के लिए अपने 100 इंडीकेटर्स डेटाबेस को अपडेट करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि कम कमोडिटी कीमतों, धीमी वृद्धि, मजबूत रुपया (अमेरिकी डॉलर के मुकाबले) और चीन से आयातित अवस्फीति के कारण कोर मुद्रास्फीति भी सीमित दायरे में रहने की संभावना है।
ये संकेतक विभिन्न क्षेत्रों को दर्शाते हैं और विकास की एक विस्तृत तस्वीर पेश करते हैं।
वित्त वर्ष 2026 के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर बजट से कम नॉमिनल जीडीपी वृद्धि, प्रत्यक्ष कर उछाल और उच्च रक्षा व्यय से कुछ दबाव हैं।
एचएसबीसी रिपोर्ट में कहा गया है, “हालांकि, कुछ ऑफसेटिंग कारक विशेष रूप से बजट से अधिक आरबीआई लाभांश (2.7 ट्रिलियन रुपए) भी मौजूद हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकार के पास तेल उत्पाद शुल्क बढ़ाकर वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट का कुछ हिस्सा अपने पास रखने का विकल्प है।”
रिपोर्ट में कहा गया है, “मुद्रास्फीति पहले से ही कम है। हमारा अनुमान है कि अगर सरकार पंप कीमतों को कम करने के बजाय ऑयल ‘बाउंटी’ का आधा हिस्सा रख लेती है, तो यह न केवल राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करेगा, बल्कि विकास समर्थन के लिए कुछ अतिरिक्त फंड भी उपलब्ध करवाएगा।”
वित्त वर्ष 2025 की मार्च तिमाही पहले की तुलना में एक पायदान बेहतर रही, जिसमें पिछली दो तिमाहियों में 64 प्रतिशत और 61 प्रतिशत के मुकाबले 66 प्रतिशत संकेतक सकारात्मक रूप से बढ़े।
अनौपचारिक क्षेत्र की खपत में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई, जिसे राज्य पूंजीगत व्यय (मार्च में) में वृद्धि, अच्छी सर्दियों की फसल, उच्च वास्तविक ग्रामीण मजदूरी और ग्रामीण व्यापार की बेहतर शर्तों से लाभ मिला।
दूसरी ओर, शहरी खपत संकेतक, जैसे कि उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं का उत्पादन और आयात, नरम रहे।
रिपोर्ट में बताया गया है, “हमने अप्रैल के एक्टिविटी डेटा का एक तिहाई प्राप्त कर लिया है और 64 प्रतिशत संकेतक सकारात्मक रूप से बढ़ रहे हैं।”
पर्यावरण
एनसीआर में बारिश और तूफान : अगले दो दिन के लिए अलर्ट जारी, 31 मई तक तापमान में गिरावट की संभावना

नई दिल्ली, 26 मई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। रविवार से शुरू हुआ तेज बारिश और गरज-चमक वाला मौसम अब भी जारी है और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 26 और 27 मई के लिए भी चेतावनी जारी कर दी है।
मौसम विभाग के अनुसार, इन दो दिनों में तेज बारिश के साथ आंधी-तूफान और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाओं का सामना एनसीआर के लोगों को करना पड़ सकता है। मौसम विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, 26 मई को अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जाएगा। इस दिन बारिश के साथ बिजली गिरने और तेज हवाओं का प्रकोप देखने को मिल सकता है।
इसी तरह, 27 मई को भी मौसम विभाग ने थंडरस्टॉर्म के साथ बारिश की भविष्यवाणी की है, जिसमें अधिकतम तापमान 35 डिग्री और न्यूनतम 24 डिग्री रहेगा। 28 मई को स्थिति थोड़ी हल्की होगी, जहां बादलों के छाए रहने और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है, लेकिन कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। 29 और 30 मई को फिर से ‘थंडरस्टॉर्म विथ रेन’ की संभावना है, लेकिन राहत की बात यह है कि इन दिनों मौसम विभाग की ओर से कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। 31 मई को हल्की बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना जताई गई है।
इस बदले हुए मौसम के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। जहां मई के महीने में पारा अक्सर 40 डिग्री के पार चला जाता है, वहीं इस बार 26 से 31 मई के बीच तापमान 32 से 38 डिग्री के बीच बना हुआ है, जिससे लोगों को गर्मी से कुछ राहत जरूर मिली है। हालांकि, तेज हवाओं और तूफान के कारण कई जगहों पर पेड़ गिरने, बिजली आपूर्ति बाधित होने और जलभराव जैसी समस्याएं सामने आई हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह मौसम प्रणाली पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी में बनी नमी के कारण उत्पन्न हुई है, जिससे उत्तर भारत के कई हिस्से प्रभावित हो रहे हैं। मौसम विभाग ने लोगों को अगले दो दिनों तक सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें। बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए खुले मैदानों और ऊंची जगहों पर जाने से परहेज करने की हिदायत दी गई है। बदलते मौसम के बीच एनसीआर वासियों को जहां एक ओर गर्मी से राहत मिल रही है, वहीं दूसरी ओर तेज बारिश और तूफान ने सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है।
राष्ट्रीय
भारत ने आज ही के दिन लॉन्च किया था ‘ऑपरेशन सफेद सागर’, वायुसेना ने शेयर किया वीडियो

नई दिल्ली, 26 मई। 26 मई 1999 का दिन भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। इसी दिन भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ लॉन्च किया था। भारतीय वायुसेना ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ का एक वीडियो साझा किया है। वायुसेना ने बताया कि 26 मई 1999 को आज के दिन ही ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ को लॉन्च किया गया था।
भारतीय वायुसेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो साझा करते हुए लिखा, “26 मई 1999: ऑपरेशन सफेद सागर।” 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना ने अपने हवाई अभियानों के लिए ऑपरेशन सफेद सागर शुरू किया। यह ऑपरेशन विजय के तहत जमीनी सेनाओं का समर्थन करने के लिए था, जिसका उद्देश्य कारगिल क्षेत्र में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारतीय चौकियों पर कब्जा करने वाले पाकिस्तानी सैनिकों और घुसपैठियों को खदेड़ना था।
उन्होंने आगे कहा, “यह 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद कश्मीर क्षेत्र में हवाई शक्ति का पहला बड़े पैमाने पर उपयोग था। इतने ऊंचे और दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र में सटीक हवाई अभियानों का यह पहला मौका था, जिसने सैन्य उड्डयन इतिहास में एक मील का पत्थर स्थापित किया।”
भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ को कई मायनों में अभूतपूर्व बताया। उन्होंने एक्स पर लिखा, “इसने हवाई शक्ति को गैर-पारंपरिक भूमिकाओं में इस्तेमाल किया। सीमित हवाई संसाधनों की प्रभावशीलता को स्थानीयकृत संघर्ष में दिखाया। यह धारणा तोड़ी कि हवाई शक्ति का उपयोग अनिवार्य रूप से पूर्ण युद्ध में बदल जाएगा। इस ऑपरेशन ने भारतीय वायुसेना की बहुमुखी प्रतिभा और दृढ़ता को प्रदर्शित किया और साथ ही कम तीव्रता वाले संघर्ष में भी सटीक हवाई हमलों के निवारक मूल्य को स्थापित किया। इसने साबित किया कि हवाई शक्ति अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार किए बिना युद्ध के परिणाम को निर्णायक रूप से बदल सकती है।”
बता दें कि 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना द्वारा संचालित ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ में मिराज 2000, मिग-21, मिग-17, जगुआर, मिग-23, मिग-27 और चेतक का इस्तेमाल किया गया था।
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