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Tuesday,08-July-2025
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बदले प्रारूप के साथ 5 जनवरी से शुरू होगी रणजी ट्रॉफी

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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने राज्य क्रिकेट निकायों के लिए संशोधित कार्यक्रम जारी करने के बाद अगले साल 5 जनवरी से 20 मार्च तक 2021-22 सत्र के लिए रणजी ट्रॉफी में बदलाव का कार्यक्रम रखा है।

सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट 27 अक्टूबर से शुरू होकर 22 नवंबर तक चलेगा जबकि विजय हजारे वनडे ट्रॉफी 1 से 29 दिसंबर तक चलेगा। तीनों टूर्नामेंट इस बार एक समान पैटर्न का पालन करेंगे।

घरेलू सत्र हालांकि 20 सितंबर से महिलाओं के अंडर-19 वनडे मैचों के साथ शुरू होगा।

बीसीसीआई सचिव जय शाह ने राज्य निकायों को एक पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी। इस पत्र की एक प्रति आईएएनएस के पास है। पत्र में कहा गया है, “बीसीसीआई भारत सरकार, राज्य नियामक प्राधिकरणों और अन्य संबंधित हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारा खेल एक समाधान प्राप्त कर सके। इसके साथ, पूर्ण बीसीसीआई घरेलू क्रिकेट सीजन 2021-22 के लिए एक संयुक्त उद्देश्य है।”

शाह ने पत्र में कहा, “बीसीसीआई सितंबर 2021 में अंडर-19 टूर्नामेंट (दोनों श्रेणियों) से शुरू होने वाले घरेलू क्रिकेट के पूरे सत्र के साथ आगे बढ़ेगा।”

पिछले साल के उलट इस बार सैयद मुश्ताक अली टी20, रणजी ट्रॉफी और विजय हजारे वनडे में एकरूपता रहेगी। प्रत्येक टूर्नामेंट में पांच एलीट समूह होंगे, जिसमें प्रत्येक समूह में छह टीमें होंगी। आठ टीमों का एक प्लेट ग्रुप होगा।

पांच एलीट ग्रुप के विजेता सीधे क्वार्टर फाइनल में पहुंचेंगे। प्रत्येक एलीट समूह से दूसरे स्थान पर रहने वाली टीमें और प्लेट समूह की विजेता तीन प्री-क्वार्टर फाइनल खेलेंगी और तीन विजेता क्वार्टर फाइनल लाइन-अप को पूरा करेंगे।

हाल के दिनों में, टीमें नॉकआउट में जाने से पहले लीग चरण में तीन एलीट समूहों और एक प्लेट समूह के साथ 7, 8 या 9 मैच खेलेंगी।

बोर्ड ने पिछले महीने एक बयान जारी किया था कि पुरुषों का घरेलू सत्र 20 अक्टूबर से शुरू होगा और रणजी ट्रॉफी तीन महीने की विंडो में 16 नवंबर, 2021 से 19 फरवरी, 2022 के बीच आयोजित की जाएगी।

लेकिन अब इन योजनाओं को बदल दिया गया है क्योंकि रणजी ट्रॉफी को अगले साल वापस धकेल दिया गया है।

शाह ने पत्र में कहा, “बीसीसीआई घरेलू क्रिकेट सीजन 2021-22 के लिए सभी हितधारकों के साथ फिर से शुरू होने की तारीख की समीक्षा की गई है, क्योंकि कोविड-19 महामारी का प्रभाव विकसित हो रहा है और हम इस बहुत ही चुनौतीपूर्ण समय के साथ मिलकर काम करते हैं।”

बीसीसीआई ने यह भी पुष्टि की कि प्रत्येक राज्य टीम में अधिकतम 30 सदस्य हो सकते हैं, जिसमें न्यूनतम 20 खिलाड़ी शामिल हों। इसका मतलब है कि सहायक कर्मचारी 10 से अधिक नहीं हो सकते।

अंतरराष्ट्रीय

ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

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वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।

ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”

ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।

रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।

माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।

अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।

इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।

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अंतरराष्ट्रीय

ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

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तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।

शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”

सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”

फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”

रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।

हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।

कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”

इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।

जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।

संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।

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अंतरराष्ट्रीय

सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

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यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।

‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।

इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।

जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।

इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।

इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।

यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।

यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।

इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।

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