दुर्घटना
राजस्थान: डंपर और कार के बीच जोरदार टक्कर, तीन लोगों की मौत

जयपुर, 26 मार्च। राजस्थान के जोधपुर जिले में शेरगढ़ थाना क्षेत्र के चाबा गांव के पास मंगलवार देर रात डंपर और कार के बीच जोरदार टक्कर हो गई। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। कार में सवार लोग जोधपुर से लौट रहे थे।
एएसआई रघुनाथ सिंह चंपावत ने बताया कि मृतकों की पहचान सरकारी शिक्षक गणेश राम (32), उनकी पत्नी ममता और लोअर डिवीजन क्लर्क अजय कुमार (35) के रूप में हुई है। घायलों में गणेश और ममता की डेढ़ साल की बेटी मानसी और एक अन्य सरकारी शिक्षक गिरधारीराम शामिल हैं।
गणेश राम बीमार थे और वे राजमथाई में चिकित्सा परामर्श के लिए जोधपुर आए थे। अपनी यात्रा पूरी करने के बाद, समूह शाम 7 बजे जोधपुर से अपने घर के लिए रवाना हुआ। हालांकि, रात करीब 10 बजे हादसा हो गया। तेज रफ्तार डंपर ने उनकी कार को टक्कर मार दी, जिससे वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। जोरदार आवाज सुनकर आसपास के लोग घटनास्थल पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया। पुलिस ने बताया कि दुर्घटना के कारण क्षतिग्रस्त हुई कार में फंसे लोगों को निकालने में काफी प्रयास करना पड़ा। इसके बाद शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया।
दुर्घटना के तुरंत बाद डंपर चालक घटनास्थल से फरार हो गया। दुर्घटना में बच्चे को मामूली चोटें आईं, जबकि गंभीर रूप से घायल गिरधारीराम को उपचार के लिए जोधपुर रेफर कर दिया गया। गणेश राम पिलवा के भोजाकोर में सेकंड ग्रेड के शिक्षक थे।
बीकानेर के बरजासर निवासी प्रथम श्रेणी (फर्स्ट ग्रेड) शिक्षक गिरधारीराम का फिलहाल इलाज चल रहा है। मृतक और घायल सभी दोस्त थे और राजमथाई में विभिन्न सरकारी विभागों में तैनात थे। पुलिस हादसे की जांच कर रही है। घटनास्थल से फरार डंपर चालक का पता लगाने के प्रयास जारी हैं।
मंगलवार को एक अन्य घटना में अजमेर के गांधीनगर थाना क्षेत्र में कार की टक्कर से 9वीं कक्षा की एक छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गई थी। यह घटना उस समय हुई जब वह बस से उतरकर सड़क पार कर रही थी। घायल लड़की की पहचान मोनिका के रूप में हुई थी।
दुर्घटना
बांद्रा लिंक स्क्वायर मॉल आग: बीएमसी का सतर्कता विभाग अवैध बदलावों और अग्निशमन चूक की जांच कर रहा है

मुंबई: बीएमसी के सतर्कता विभाग ने पिछले सप्ताह बांद्रा के लिंक स्क्वायर मॉल में लगी भीषण आग की जांच शुरू कर दी है, जिसमें करीब 200 दुकानें जलकर खाक हो गई थीं। जांच के हिस्से के रूप में, अधिकारियों ने विकास योजना (डीपी) विभाग से लेआउट विवरण मांगा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या कोई अवैध बदलाव किया गया था। जांच का उद्देश्य अग्निशमन उपायों में खामियों की पहचान करना भी है, जिसकी वजह से आग तेजी से फैली।
मुंबई फायर ब्रिगेड (एमएफबी) के अधिकारी घटना की जांच और निरीक्षण कर रहे हैं, जिसमें इमारत की मंजूरी, अग्नि सुरक्षा मंजूरी और संबंधित दस्तावेजों की गहन समीक्षा शामिल है। एक अलग जांच में, नगर आयुक्त भूषण गगरानी ने संयुक्त आयुक्त डी. गंगाधरन को गहराई से जांच करने के लिए नियुक्त किया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आग बुझाने के प्रयासों के दौरान कोई परिचालन संबंधी चूक हुई थी या नहीं। गंगाधरन जो सतर्कता विभाग का भी नेतृत्व करते हैं, उनसे एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है।
नागरिक सूत्रों ने बताया कि जांच में सहायता के लिए डीपी विभाग से आग से प्रभावित संरचना की लेआउट योजनाएँ माँगी गई हैं। जांच में यह पता लगाया जाएगा कि अग्निशमन कार्यों में देरी किस कारण से हुई, आग के तेजी से बढ़ने के पीछे क्या कारण थे और क्या फायर ब्रिगेड की ओर से कोई चूक हुई थी। प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि आग का तेजी से फैलना एक गैर-कार्यात्मक अग्निशमन प्रणाली और इमारत में उचित वेंटिलेशन सिस्टम की अनुपस्थिति के कारण था।
29 अप्रैल को ग्राउंड प्लस तीन मंजिला इमारत के बेसमेंट-लेवल क्रोमा शोरूम में भीषण आग लग गई, जो जल्द ही लेवल 4 की आग (गंभीर आग) में बदल गई। एमएफबी को आग बुझाने में करीब 22 घंटे लग गए, जिससे इसकी प्रतिक्रिया की प्रभावशीलता पर गंभीर चिंताएं पैदा हो गईं। एनसीपी नेता जीशान सिद्दीकी ने एमएफबी की देरी और अपर्याप्त कार्रवाई की आलोचना की, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इसने इमारत को पूरी तरह से नष्ट कर दिया।
दुर्घटना
‘स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की मदद कर रहा’, शिरगांव हादसे पर पीएम मोदी ने जताया दुख

नई दिल्ली, 3 मई। गोवा के शिरगांव में लैराई देवी जात्रा के दौरान मची भगदड़ में 5 से ज्यादा लोगों की मौत और 30 से अधिक लोगों के घायल होने की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट जारी कर लिखा,”गोवा के शिरगांव में भगदड़ के कारण हुई मौतों से दुखी हूं। अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों की सहायता कर रहा है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी”
इससे पहले, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने एक्स पोस्ट में लिखा, “आज सुबह शिरगांव के लैराई जात्रा में हुई दुखद भगदड़ से मैं बहुत दुखी हूं। मैं घायलों से मिलने अस्पताल गया और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहा हूं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हर आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझसे बात की और स्थिति का विस्तृत जायजा लिया, इस कठिन समय में अपना पूरा समर्थन देने की पेशकश की।”
बता दें, यह घटना शनिवार तड़के हुई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार घटना के पीछे भीड़भाड़ एक बड़ा कारण हो सकता है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भीड़ के एक हिस्से के नियंत्रण खो देने के बाद स्थिति और बिगड़ गई। स्थानीय लोगों और मंदिर के स्वयंसेवकों ने लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए दौड़ लगाई।
यह भगदड़ उस समय हुई जब हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर में सदियों पुरानी रस्म को देखने और उसमें भाग लेने के लिए उमड़े थे, जहां आस्थावान नंगे पैर जलते अंगारों पर चलते हैं। भगदड़ तब हुई जब धार्मिक यात्रा के एक बिंदु पर ढलान के कारण भीड़ एक साथ तेजी से आगे बढ़ने लगी।
अपराध
देवबंद की पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट, कई मजदूरों की मौत

सहारनपुर, 26 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले स्थित देवबंद में शनिवार सुबह एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हुआ, जिसमें कई मजदूरों की मौत हो गई। यह हादसा निहालखेड़ी गांव के पास स्टेट हाईवे-59 पर स्थित एक अवैध फैक्ट्री में सुबह करीब 7 बजे हुआ। घटना के समय फैक्ट्री में 9 कर्मचारी काम कर रहे थे। विस्फोट इतना जोरदार था कि पूरी इमारत ध्वस्त हो गई, और मजदूरों के शव के टुकड़े 200 मीटर दूर तक बिखर गए। आशंका है कि मलबे में कुछ लोग दबे हो सकते हैं।
विस्फोट की आवाज 2 किलोमीटर तक सुनाई दी, जिससे आसपास के गांव दहल गए। एक व्यक्ति का आधा शरीर और दूसरे का हाथ 150 मीटर दूर मिला। घटना का वीडियो दिल दहला देने वाला है।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं। पुलिस ने इलाके को सील कर दिया और बचाव कार्य शुरू किया। घायलों के परिजन मौके पर पहुंचे, जिनका रो-रोकर बुरा हाल है। गुस्साए ग्रामीणों ने हाईवे जाम कर दिया और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। कई थानों की पुलिस फोर्स को बुलाया गया ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
सूत्रों के मुताबिक, यह फैक्ट्री अवैध रूप से चल रही थी, जहां प्रतिबंधित पटाखे बनाए जा रहे थे। विस्फोट इतना तेज था कि मजदूरों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला। मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है। हादसे में मरने वालों की पहचान अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है।
यह सहारनपुर में इस तरह का पहला हादसा नहीं है। इससे पहले 2 मई 2022 को सरसावा थाना क्षेत्र के सौराना गांव में भी एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ था, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ था। उस समय भी मृतकों के शव के टुकड़े 200 मीटर दूर बिखरे थे।
स्थानीय लोग प्रशासन की लापरवाही से नाराज हैं। उनका कहना है कि अवैध फैक्ट्रियां बार-बार हादसों का कारण बन रही हैं, लेकिन प्रशासन केवल हादसे के बाद कार्रवाई करता है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और मलबे से लोगों को निकालने का प्रयास जारी है।
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