पर्यावरण
एनसीआर में बारिश और तूफान : अगले दो दिन के लिए अलर्ट जारी, 31 मई तक तापमान में गिरावट की संभावना

नई दिल्ली, 26 मई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। रविवार से शुरू हुआ तेज बारिश और गरज-चमक वाला मौसम अब भी जारी है और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 26 और 27 मई के लिए भी चेतावनी जारी कर दी है।
मौसम विभाग के अनुसार, इन दो दिनों में तेज बारिश के साथ आंधी-तूफान और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाओं का सामना एनसीआर के लोगों को करना पड़ सकता है। मौसम विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, 26 मई को अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जाएगा। इस दिन बारिश के साथ बिजली गिरने और तेज हवाओं का प्रकोप देखने को मिल सकता है।
इसी तरह, 27 मई को भी मौसम विभाग ने थंडरस्टॉर्म के साथ बारिश की भविष्यवाणी की है, जिसमें अधिकतम तापमान 35 डिग्री और न्यूनतम 24 डिग्री रहेगा। 28 मई को स्थिति थोड़ी हल्की होगी, जहां बादलों के छाए रहने और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है, लेकिन कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। 29 और 30 मई को फिर से ‘थंडरस्टॉर्म विथ रेन’ की संभावना है, लेकिन राहत की बात यह है कि इन दिनों मौसम विभाग की ओर से कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। 31 मई को हल्की बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना जताई गई है।
इस बदले हुए मौसम के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। जहां मई के महीने में पारा अक्सर 40 डिग्री के पार चला जाता है, वहीं इस बार 26 से 31 मई के बीच तापमान 32 से 38 डिग्री के बीच बना हुआ है, जिससे लोगों को गर्मी से कुछ राहत जरूर मिली है। हालांकि, तेज हवाओं और तूफान के कारण कई जगहों पर पेड़ गिरने, बिजली आपूर्ति बाधित होने और जलभराव जैसी समस्याएं सामने आई हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह मौसम प्रणाली पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी में बनी नमी के कारण उत्पन्न हुई है, जिससे उत्तर भारत के कई हिस्से प्रभावित हो रहे हैं। मौसम विभाग ने लोगों को अगले दो दिनों तक सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें। बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए खुले मैदानों और ऊंची जगहों पर जाने से परहेज करने की हिदायत दी गई है। बदलते मौसम के बीच एनसीआर वासियों को जहां एक ओर गर्मी से राहत मिल रही है, वहीं दूसरी ओर तेज बारिश और तूफान ने सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है।
पर्यावरण
अच्छे मानसून से कृषि उत्पादन में होगी वृद्धि, मंहगाई रहेगी नियंत्रित : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 28 मई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के सामान्य से अधिक मानसून के पूर्वानुमान से कृषि उत्पादन और ग्रामीण मांग में जोरदार वृद्धि होने की उम्मीद है, जबकि मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने में मदद मिलेगी। यह जानकारी क्रिसिल की बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
आईएमडी ने दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन (जून से सितंबर) के दौरान सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान लगाया है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “सामान्य से अधिक मानसून के लगातार दूसरे वर्ष का पूर्वानुमान सच होता है तो स्वस्थ कृषि उत्पादन, ग्रामीण मांग को मजबूत करने और खाद्य कीमतों पर नियंत्रण रखने के अर्थव्यवस्था के एक और वर्ष की उम्मीद की जा सकती है।”
वित्त वर्ष 2025 में, कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों में ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) 4.6 प्रतिशत बढ़ा, जो वित्त वर्ष 2015-24 के औसत 4.0 प्रतिशत से अधिक है।
इसी तरह, वित्त वर्ष 2025 की मार्च तिमाही में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति (सीपीआई) में भारी गिरावट आई, क्योंकि खाद्य आपूर्ति में सुधार हुआ, जिससे खाद्य मुद्रास्फीति कम हुई।
मुद्रास्फीति पर सकारात्मक संकेत अप्रैल में भी जारी रहे, जब सीपीआई मुद्रास्फीति गिरकर 3.2 प्रतिशत पर आ गई।
रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर बारिश पूर्वानुमान के अनुरूप होती है, तो ये सकारात्मक रुझान जारी रहने की संभावना है।
संतुलित कृषि विकास के लिए वर्षा का एक स्वस्थ अस्थायी और क्षेत्रीय वितरण आवश्यक है।
आईएमडी के पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि जून में पूरे देश में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह पिछले तीन सत्रों के रुझान को बदल देगा, जिसमें जून में सामान्य से कम बारिश हुई थी, और यह बुवाई गतिविधि और जल संसाधनों की पुनःपूर्ति के लिए अच्छा संकेत है।
आईएमडी ने कहा कि मध्य भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, और उत्तर-पश्चिम भारत में समग्र मानसून सीजन के लिए सामान्य है।
केवल पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम बारिश होने की उम्मीद है।
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान और उसके बाद होने वाली प्रतिकूल जलवायु घटनाओं, जैसे कि अत्यधिक, कम या बेमौसम बारिश, हीटवेव, चक्रवात और बाढ़ पर भी कड़ी निगरानी की जरूरत है।
उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2025 में, पर्याप्त वर्षा से खाद्यान्न उत्पादन और मुद्रास्फीति को लाभ हुआ, लेकिन मौसम की अनिश्चितताओं के कारण अधिक संवेदनशील सब्जी उत्पादन को नुकसान हुआ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 में खाद्य मुद्रास्फीति का लगभग 41 प्रतिशत हिस्सा हीटवेव और कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश जैसे प्रतिकूल मौसम घटनाओं से प्रेरित सब्जियों की कीमतों में वृद्धि से उपजा है।
पर्यावरण
एनसीआर में मौसम ने बदला मिजाज, भीषण गर्मी के बाद फिर आंधी-पानी का पूर्वानुमान

नई दिल्ली, 28 मई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में इन दिनों गर्मी अपने चरम पर है। बुधवार, 28 मई की सुबह से ही आसमान साफ रहा और धूप तेज बनी रही। तापमान अधिकतम 39 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 27 डिग्री तक दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के अनुसार, दोपहर बाद आसमान में बादल छाने की संभावना जताई गई है, हालांकि बुधवार को किसी प्रकार की मौसम संबंधी चेतावनी जारी नहीं की गई है। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पूर्वानुमान के अनुसार, 29 मई से क्षेत्र में मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। तेज़ बारिश के साथ गरज-चमक और आंधी की संभावना जताई गई है।
विभाग ने येलो अलर्ट जारी करते हुए चेताया है कि 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। साथ ही आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना है, जिससे आम लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। 30 और 31 मई को भी गरज-चमक के साथ बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। तापमान में गिरावट देखी जा सकती है, जहां अधिकतम तापमान 36 डिग्री और न्यूनतम 25 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। 31 मई को हालांकि कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है, लेकिन गरज के साथ बारिश का पूर्वानुमान बना हुआ है।
1 जून से मौसम थोड़ा सामान्य होने की संभावना है। इस दिन आसमान आंशिक रूप से साफ रहेगा और तापमान फिर से 37 डिग्री तक पहुंच सकता है। हालांकि, 2 और 3 जून को फिर से आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और बारिश के साथ गरज-चमक की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इन दिनों एनसीआर में औसत आर्द्रता (ह्यूमिडिटी) भी बढ़ रही है, जो सुबह के समय 75 प्रतिशत तक पहुंच रही है। इस कारण उमस भी काफी बढ़ गई है और लोगों को गर्मी के साथ चिपचिपे मौसम का भी सामना करना पड़ रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि 29 मई के बाद मौसम में यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी की वजह से हो रहा है। इसका असर अगले कुछ दिनों तक महसूस किया जाएगा। लोगों के लिए सुझाव जारी करते हुए बताया गया है कि मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लें। तेज हवाओं और बिजली गिरने की स्थिति में खुले स्थानों से दूर रहें। घरों में बिजली उपकरणों का प्रयोग सावधानी से करें। गर्मी और उमस से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें।
पर्यावरण
देश के कई राज्यों में भारी बारिश का कहर, आम जनजीवन प्रभावित

नई दिल्ली/ मुंबई/कोयंबटूर 26 मई। देश के कई हिस्सों में प्री-मॉनसून और मॉनसून की बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और राजस्थान समेत कई राज्यों में भारी बारिश और तूफान ने तबाही मचाई। बिजली आपूर्ति और दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित किया। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कई राज्यों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
दिल्ली में रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने जलभराव की स्थिति पैदा कर दी। इस बीच मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दावा किया कि स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि 30 लाख मेट्रिक टन कचरे की सफाई के कारण नालों से पानी तेजी से निकाला गया। नोडल अधिकारियों को जलभराव बिंदुओं की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है।
आईएमडी ने दिल्ली में रेड अलर्ट और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। दिल्ली में आज हल्की बारिश और गरज के साथ बौछार पड़ने की आशंका है। अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है। सप्ताह के दौरान तापमान 43-46 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है।
मुंबई में 26 मई को प्री-मॉनसून बारिश ने 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। सुबह 9 से 10 बजे के बीच दक्षिण मुंबई में एक घंटे में 104 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि 12 घंटों में 254 मिमी बारिश हुई। कोलाबा में 295 मिमी बारिश के साथ मई का सर्वाधिक रिकॉर्ड बना। भारी बारिश से लालबाग, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और अन्य निचले इलाकों में जलभराव हुआ, जिससे यातायात और लोकल ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं। बीएमसी और एनडीआरएफ की टीमें जल निकासी और राहत कार्य में जुटी हैं।
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गिरीश महाजन ने नागरिकों से अपील की कि आवश्यक कार्य के बिना घर से न निकलें, खासकर दोपहर 2 से 4 बजे तक, क्योंकि तेज हवाओं (60-70 किमी/घंटा) के साथ और बारिश की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग ने मुंबई, ठाणे और रायगढ़ के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
रायगढ़ में मूसलाधार बारिश के कारण यातायात व्यवस्था ठप हो गई है। नेरल-कलंब मार्ग पर पुल के ऊपर पानी भरने से यातायात बंद कर दिया गया। म्हसाला-श्रीवर्धन मार्ग जलमग्न होने और सपोली-हेतावने-गोंडव फाटा मार्ग पर तटबंध टूटने से सड़कें बंद हैं।
वहीं, तमिलनाडु के कोयंबटूर में लगातार दूसरे दिन बारिश ने कहर बरपाया। उप्पिली पलायम रोड पर एक तेज रफ्तार कार ने एक ऑटो को टक्कर मार दी और खाई में पलट गई। स्थानीय लोगों और पीलामेडु अग्निशमन दल ने मणिकंदन को सुरक्षित निकाला और अस्पताल पहुंचाया। सिंगनल्लूर पुलिस ने क्रेन की मदद से कार को निकाला और दुर्घटना की जांच शुरू की। जिले में बारिश के कारण कई इलाकों में जलभराव और यातायात बाधित हुआ।
तमिलनाडु में भारतीय मौसम विभाग ने कोयंबटूर, नीलगिरी जैसे जिलों के लिए रेड अलर्ट और चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम जैसे क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश और तूफान के कारण जलभराव, यातायात बाधित, और स्कूल-कॉलेज बंद हैं। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
गुजरात के अरवल्ली जिले स्थित मोडासा में भी भीषण तूफान ने तबाही मचाई। पड़ोसी राज्य राजस्थान के साकरिया गांव में 8-10 मिनट तक चली आंधी में पेड़ गिर गए, बिजली के खंभे उखड़ गए और घरों को भी खासा नुकसान हुआ। साकरिया स्टेशन पर वर्षों पुराना पीपल का पेड़ गिर गया, जिससे बिजली आपूर्ति ठप हो गई।
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