राजनीति
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुजराती नववर्ष पर दी शुभकामनाएं

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर: गुजराती समुदाय ‘बेस्तु वर्ष’ (नूतन वर्ष) के रूप में नववर्ष मना रहा है। हिंदू कैलेंडर विक्रम संवत के कार्तिक मास के पहले दिन मनाए जाने वाले इस पर्व पर देश के प्रमुख नेताओं ने गुजराती समुदाय को शुभकामनाएं दीं।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “गुजरात के मेरे सभी भाई-बहनों को ‘नूतन वर्ष’ की हार्दिक शुभकामनाएं। यह नववर्ष आपके जीवन में ढेर सारी खुशियां, समृद्धि और नया उत्साह लेकर आए।”
इस मौके पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी ‘नूतन वर्ष’ पर बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा, “गुजरात के सभी भाइयों और बहनों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। नव वर्ष आपके और आपके परिवार के लिए सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए व हर क्षेत्र में प्रगति और सफलता लेकर आए।”
इससे पहले, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने लिखा, “गुजराती नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। यह नूतन वर्ष सभी के जीवन में खुशियां, समृद्धि और संपन्नता लेकर आए। गुजरात प्रदेश निरंतर उन्नति के सोपान चढ़ता रहे, मेरी यह कामना है।”
केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, “आज से शुरू हो रहे नव वर्ष के अवसर पर मैं सभी गुजराती भाइयों और बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। ईश्वर से प्रार्थना है कि यह नव वर्ष आप सभी के लिए नई आशाएं, अपार खुशियां, सफलता, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए। आपके हर कदम में सफलता हो और हर दिन नई ऊर्जा का संचार हो।”
बुधवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने नव वर्ष में सभी के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और उल्लास के लिए कामना की। अमित शाह ने भी ईश्वर से प्रार्थना की कि यह नववर्ष आप सभी के लिए दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और अपार सुख-समृद्धि लेकर आए।
अपराध
दुर्गापुर सामूहिक बलात्कार मामला: सभी 6 आरोपियों को बुधवार को अदालत में किया जाएगा पेश

कोलकाता, 22 अक्टूबर: पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर सामूहिक बलात्कार मामले के सभी छह आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस मामले में आगे की जांच के लिए उनकी रिमांड बढ़ाने की मांग कर सकती है।
पुलिस के अनुसार, पीड़िता के गिरफ्तार पुरुष मित्र वासिफ अली को मामले के अन्य आरोपियों के साथ अदालत में पेश किया जाएगा।
पीड़िता के पुरुष मित्र सहित सभी आरोपियों के बयानों में असामान्यता है, जिससे जांचकर्ताओं के सामने जांच करने में परेशानी आ रही है। इसके चलते जांच प्रक्रिया में कमियों को दूर करने के लिए आरोपियों की रिमांड अवधि बढ़ाने की आवश्यकता है।
मंगलवार को, द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा के बलात्कार मामले में छह आरोपियों में से दो के बयान एक अदालत में न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज किए गए थे।
आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के सूत्रों ने बताया कि दोनों आरोपियों के बयान भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 की धारा 183 के तहत दर्ज किए गए थे।
मंगलवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज होने के बाद, दोनों आरोपियों को वापस हिरासत में भेज दिया गया। अब, छह आरोपियों में से दो के न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज होने के बाद, संभावना है कि दोनों इस मामले में सरकारी गवाह बन सकते हैं।
छह दिनों की पूछताछ के दौरान, पुलिस को दुर्गापुर सामूहिक बलात्कार पीड़िता के पुरुष मित्र और स्थानीय गांव के पांच गिरफ्तार युवकों के बयानों में असामान्यता मिली है।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस इस सामूहिक बलात्कार मामले में कुछ और कड़ियों को खोजने की कोशिश कर रही है।
10 अक्टूबर को, पश्चिम बर्दवान जिले के दुर्गापुर में एक निजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बाहर एक इलाके में ओडिशा की द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा के साथ पांच लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था।
पीड़िता की शिकायत के आधार पर, पुलिस ने पहले ही मामले के सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने बताया कि मेडिकल छात्रा के शारीरिक यौन उत्पीड़न में केवल एक व्यक्ति शामिल था। बाद में, पुलिस ने पीड़िता के पुरुष मित्र को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान उसके जवाबों में असामान्यता पाए जाने के बाद, पुरुष मित्र को गिरफ्तार कर लिया गया। वह भी फिलहाल पुलिस हिरासत में है।
इस बीच, पीड़िता के पिता ने दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए घटना की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली में इस बार छठ महापर्व की भव्य तैयारी, सीएम रेखा गुप्ता ने कहा- यमुना पर बनेगा मॉडल घाट

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर: दिल्ली में इस बार छठ महापर्व पहले से कहीं ज्यादा भव्य और सुव्यवस्थित तरीके से मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज छठ की तैयारियों को लेकर बड़ी घोषणाएं कीं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सरकार ने इस बार यमुना नदी पर छठ पूजा के आयोजन से जुड़ा प्रतिबंध हटा लिया है और राजधानी में साफ-सुथरे, सुरक्षित और आधुनिक छठ घाट तैयार किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार यमुना नदी के किनारे 17 मॉडल छठ घाट बना रही है। इन घाटों पर छठ व्रतियों के लिए हर सुविधा उपलब्ध होगी। टेंट, बिजली, शौचालय, पेयजल और सफाई की पूरी व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा दिल्ली के सभी जिलों और उपजिलों में कम से कम एक मॉडल छठ घाट तैयार किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो।
रेखा गुप्ता ने कहा, “पिछली सरकारों ने यमुना पर छठ पूजा करने पर रोक लगा दी थी, लेकिन हमारी सरकार ने इस परंपरा को सम्मान देते हुए यह प्रतिबंध हटा लिया है। इस बार सरकार खुद आयोजन की ज़िम्मेदारी संभाल रही है और पूरे दिल्ली में छठ को भव्य तरीके से मनाया जाएगा।”
उन्होंने बताया कि इस बार छठ पूजा स्थलों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। पिछले साल दिल्ली में 929 जगहों पर छठ मनाया गया था, लेकिन इस बार अब तक 1,000 से ज्यादा समितियों से आवेदन आ चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जितने भी नए घाटों पर आयोजन होंगे, वहां पूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेगी।
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि इस बार सरकार 200 से अधिक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करेगी। इन कार्यक्रमों में भोजपुरी और मैथिली भाषाओं में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी ताकि पर्व का धार्मिक और सांस्कृतिक माहौल और भी भव्य बने। उन्होंने कहा, “यह पहली बार है जब सरकार इतनी बड़ी संख्या में छठ से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि छठ पर्व के दौरान श्रद्धालु स्वच्छ जल में अर्घ्य अर्पित कर सकें, इसके लिए आज से विशेष स्वच्छता अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान में सांसद, विधायक और पार्षद स्वयं अपने-अपने इलाकों के घाटों का दौरा करेंगे और सफाई कार्य की निगरानी करेंगे। उन्होंने कहा, “सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि श्रद्धालु स्वच्छ और सुरक्षित माहौल में पूजा कर सकें।”
रेखा गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि साल 2021 में यमुना पर छठ मनाने वालों पर आईपीसी की धारा 188 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन अब उनकी सरकार उन सभी मामलों को वापस लेगी। उन्होंने कहा, “पिछली सरकारों द्वारा यमुना घाट पर छठ मनाने वालों के खिलाफ जो भी एफआईआर या केस दर्ज किए गए थे, उन्हें हमारी सरकार वापस लेगी।”
दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर बोलते हुए सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि सरकार हर संभव कदम उठा रही है ताकि दिल्ली की हवा साफ हो सके। उन्होंने बताया कि दीपावली के अगले दिन का एयर क्वालिटी इंडेक्स अब पहले की तुलना में बेहतर हुआ है। पहले की सरकारों के मुकाबले इस बार प्रदूषण का स्तर घटा है। पटाखों की अनुमति होने के बावजूद एक्यूआई में सुधार देखा गया है।
राजनीति
एसआईआर के मद्देनजर मुख्य निर्वाचन अधिकारियों का दो दिवसीय सम्मेलन दिल्ली में आयोजित

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर: देश भर में मतदाता सूची के मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए दिल्ली में सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) की दो दिवसीय बैठक बुधवार दोपहर बाद शुरू हो रही है।
इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विनीत जोशी के साथ-साथ उप निर्वाचन आयुक्तों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी रहेगी।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, इस बैठक का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची के संशोधन के लिए बुनियादी तैयारियों की समीक्षा करना है। बीते 10 सितंबर को हुई पिछली बैठक में राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को दिए गए निर्देशों के पालन की प्रगति का आकलन किया जाएगा। इसमें यह देखा जाएगा कि कितने कार्य पूरे हुए और कितने अभी बाकी हैं।
चुनाव आयोग का लक्ष्य इस बैठक में और सटीक रणनीति व लक्ष्य तय करना है ताकि मतदाता सूची को और अधिक सटीक किया जा सके।
मिली जानकारी के मुताबिक इस साल के अंत तक पूरे देश में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू करने पर विशेष जोर दिया जाएगा। बैठक में इस बात पर भी चर्चा होगी कि क्या मतदाता सूची का पुनरीक्षण देश भर में एक साथ किया जाए या मौसम, कृषि कार्य, परीक्षाओं और अन्य स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए दो चरणों में पूरा किया जाए। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की त्रुटियों, जैसे दोहरे नाम, गलत पते या मृत मतदाताओं के नाम हटाना और नए पात्र मतदाताओं को शामिल करना है।
यह बैठक आज दोपहर बाद शुरू होगी और गुरुवार को सुबह के सत्र के बाद इसका समापन होगा।
निर्वाचन आयोग को उम्मीद है कि इस बैठक से मतदाता सूची के संशोधन के लिए एक स्पष्ट और व्यवस्थित रोडमैप तैयार हो जाएगा। चुनाव आयोग का मानना है कि एक सटीक मतदाता सूची स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की नींव है। इसके लिए सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को अपनी तैयारियों को और तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस बैठक के परिणामस्वरूप निर्वाचन आयोग देश भर में मतदाता सूची को और अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की योजना बना रहा है। यह प्रक्रिया न केवल आगामी चुनावों के लिए बल्कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए भी महत्वपूर्ण है।
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