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Monday,28-July-2025
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पंजाब विधानसभा चुनाव : कांग्रेस ने की सीईसी बैठक, 9 विधायकों के नाम कटना तय, 15 पर लगी अंतिम मुहर

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पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की पहली बैठक बुलाई। यह बैठक वर्चुअल तौर पर आयोजित की गई।

दरअसल कोविड-19 को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने शीर्ष नेतृत्व से जुड़ी सभी बैठकों को वर्चुअल बैठकें रखने का फैसला किया है। इसी के मद्देनजर पंजाब विधानसभा चुनाव के ऐलान से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी ने सुबह 11 बजे यह बैठक की। पार्टी की इस सीईसी बैठक से पहले उम्मीदवारों के नाम के चयन को लेकर पंजाब कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की अब तक 4 दौर की बैठकें दिल्ली में हो चुकी हैं। इस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और कैंपेन कमेटी के चेयरमैन सुनील जाखड़ व अन्य कई नेताओं से चर्चा कर करीब 35 उम्मीदवारों के नाम पर आम सहमति बनने के बाद केंद्रीय चुनाव समिति को इन नामों को सौंप दिया है।

फिलहाल शनिवार को हुई इस बैठक में करीब 25 उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार शनिवार को 15 से 16 नामों पर सीसी ने अंतिम मुहर लगा दी है। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि पार्टी 15 उम्मीदवारों के नाम अगले कुछ दिनों में ऐलान कर देगी। हालांकि एक खास बात यह है कि पंजाब कांग्रेस के नौ सीटिंग विधायकों के नाम इस बार चुनाव में काटे जा सकते हैं। वहीं दूसरी ओर स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने यह पहले ही साफ कर दिया है कि पंजाब में एक परिवार से एक ही सदस्य को पार्टी का उम्मीदवार बनाया जाएगा। पार्टी इसका कड़ाई से पालन करेगी।

गौरतलब है कि चुनाव आयोग पंजाब सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की घोषणा शनिवार को कर सकता है। 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में कांग्रेस ने साल 2017 में 77 सीटों पर जीत दर्ज की थी। सूत्रों के अनुसार इस बार कांग्रेस पार्टी लगभग 68 मौजूदा विधायकों को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। इनमें से 10 ऐसे विधायक चिह्न्ति किए गए हैं, जिनके टिकट पर संशय बना है। वहीं 9 विधायकों का टिकट कटनी लगभग तय माना जा रहा है। इनमें से अधिकतर विधायक पूर्व मुख्यमंत्री और पीएलसी के प्रधान कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी बताए जा रहे हैं। तीन विधायक पहले ही कैप्टन के साथ जा चुके हैं, पार्टी के वरिष्ठ सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है। उम्मीद लगाई जा रही है कि जनवरी के दूसरे सप्ताह में पंजाब को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा केंद्रीय चुनाव समिति की सहमति के बाद पहली सूची जारी कर दी जाएगी।

राष्ट्रीय समाचार

पैसों और शराब की लत को लेकर हुए झगड़े में बड़े भाई की हत्या के आरोप में विक्रोली का एक व्यक्ति गिरफ्तार

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पार्कसाइट पुलिस ने विक्रोली, पार्कसाइट निवासी 27 वर्षीय आकाश बलिराम अलदार को अपने बड़े भाई 34 वर्षीय राहुल अलदार पर हमला करने और उसकी हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह हिंसक घटना कथित तौर पर 6 जुलाई को हुई थी, और गिरफ्तारी एक सावधानीपूर्वक पुलिस जांच और एक घातक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद हुई है, जिसमें राहुल की मौत को हत्या के रूप में पुष्टि की गई थी।

एफआईआर में दर्ज विवरण के अनुसार, यह घटना 6 जुलाई को सुबह करीब साढ़े नौ बजे विक्रोली पश्चिम के राहुल नगर स्थित जय मातादी सोसाइटी स्थित अलदार परिवार के घर पर हुई। आर्थिक मामलों को लेकर हुई तीखी बहस के दौरान, आकाश ने कथित तौर पर राहुल पर जानलेवा हमला किया, उसे लात-घूंसों से बार-बार मारा और उसका गला घोंटने की कोशिश की।

हमले में गंभीर रूप से घायल राहुल को उसके परिवार वाले तुरंत राजावाड़ी अस्पताल ले गए। हालाँकि, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार के सदस्यों ने पहले अस्पताल के कर्मचारियों को बताया कि राहुल घर पर ही बेहोश होकर गिर पड़ा था।

अस्पताल प्रशासन की सूचना पर, पार्कसाइट पुलिस ने तुरंत राहुल के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शुरुआत में आकस्मिक मृत्यु की रिपोर्ट दर्ज की गई और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) अधिनियम की धारा 194 के तहत जाँच शुरू की गई।

पुलिस की शुरुआती पूछताछ में राहुल के भाई आकाश ने बताया कि राहुल को शराब की बुरी लत थी। इससे छुटकारा पाने के लिए राहुल को मई 2025 में सोलापुर के एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया था। इलाज के बाद 12 जून को उसे मुंबई वापस लाया गया, लेकिन उसकी शराब पीने की आदत नहीं छूटी। आकाश ने दावा किया कि राहुल 6 जुलाई को घर पर बेहोशी की हालत में मिला था।

पुलिस ने राहुल के पिता, 58 वर्षीय बलिराम शंकर अलदार और राहुल की पत्नी से भी पूछताछ की। तीनों ने विरोधाभासी बयान दिए। पुलिस ने राहुल के दोस्तों और पड़ोसियों से भी पूछताछ की। इस बीच, राहुल के पिता और भाई अंतिम संस्कार के लिए उनके शव को अपने पैतृक गाँव, बदलेवाड़ी, माधा, सोलापुर ले गए।

आधिकारिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मामला और भी उलझ गया, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया कि राहुल अलदार की मौत गंभीर हमले और गला घोंटने का सीधा नतीजा थी। आगे की पुलिस जाँच ने इन निष्कर्षों की पुष्टि की और राहुल की मौत का कारण आकाश द्वारा की गई पिटाई को निर्णायक रूप से जोड़ा।

अंतिम संस्कार के बाद जब अलदार परिवार विक्रोली लौटा तो पुलिस ने उनसे दोबारा पूछताछ की और बलिराम ने कबूल किया कि आकाश ने राहुल को बुरी तरह पीटा था, जिससे वह बेहोश हो गया था।

पुलिस जाँच में पता चला कि मृतक राहुल को शराब की बुरी लत थी, जिससे परिवार पर आर्थिक बोझ बढ़ गया था। परिवार ने उसके नशामुक्ति के इलाज पर काफ़ी पैसा खर्च किया था, लेकिन कोई फ़ायदा नहीं हुआ। यही विवाद भाइयों के बीच हिंसक झगड़े की जड़ लगता है।

अंत में, पार्कसाइट पुलिस स्टेशन के पुलिस उपनिरीक्षक चंद्रकांत नंद्यप्पा माली ने सरकार की ओर से शिकायत दर्ज कराई, जिसमें इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) अधिनियम की धारा 103 के तहत मामला दर्ज किया गया।

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राजनीति

मौलाना साजिद रशीदी अपने बयान पर कायम, बोले- ‘मैंने आतंकवादी हमला नहीं किया’

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नई दिल्ली, 28 जुलाई। मौलाना साजिद रशीदी ने समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद डिंपल यादव पर आपत्तिजनक बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है। मानसून सत्र के दौरान सोमवार को सदन के बाहर एनडीए में शामिल महिला सांसदों ने विरोध जताया। दूसरी ओर मौलाना के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है। मौलाना अपनी बात पर अड़े हैं और कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा।

चौतरफा विरोध होने के बाद मौलाना साजिद रशीदी ने सफाई पेश की है। सोमवार को मिडिया से बातचीत के दौरान वह अपने बयान पर कायम रहे। मौलाना का दावा है कि उन्होंने डिंपल यादव के खिलाफ कोई गलत बयान नहीं दिया है।

मौलाना ने कहा कि मैंने कोई आतंकवादी हमला नहीं किया है, जो कि मेरे बयान को बेवजह का मुद्दा बना रहा है। डिंपल यादव को लेकर मेरा बयान इस्लामी मान्यताओं पर आधारित था। मैं जिस समुदाय से आता हूं, वहां उनके समुदाय में महिलाओं के सिर पर पल्लू न होने को जो कहते हैं, मैंने वही कहा।

रशीदी ने अपने बयान पर कायम रहते हुए इसे गलत नहीं माना और कहा कि यह कोई ‘आतंकवादी हमला’ नहीं था कि इसे इतना बड़ा मुद्दा बनाया जाए।

मौलाना ने दावा किया कि जिस तरह से सपा और अखिलेश यादव की ओर से मस्जिद में सियासी बैठक की गई, जब इस पर सवाल उठे तो इसे छिपाने के लिए मेरे बयान को विवाद के तौर पर तूल दिया जा रहा है। रशीदी ने यह भी दावा किया कि अगर मेरा बयान अमर्यादित है तो सपा कार्यकर्ता उन्हें फोन पर जो लगातार धमकी दे रहे हैं, जैसे ‘लोकेशन भेजो, हम मारेंगे। क्या यह बयान मर्यादित है?

उन्होंने सपा को ‘गुंडों की पार्टी’ करार देते हुए कहा, “मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, इसकी समीक्षा करेंगे और अदालत में अपना पक्ष रखेंगे, यह मानते हुए कि एक शब्द के लिए फांसी नहीं दी जाएगी।”

एनडीए की महिला सांसदों के विरोध पर रशीदी ने तंज कसते हुए कहा कि वे उन मुद्दों पर चुप रहती हैं जिन्हें उठाना चाहिए। मैं मुस्लिम हूं इसीलिए मुझे टारगेट किया जा रहा है और दबाया जा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि एक मुस्लिम होने के नाते उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और वे अपनी धार्मिक मान्यताओं को नहीं छोड़ेंगे। माफी के सवाल पर रशीदी ने शर्त रखी कि वे तभी माफी मांगेंगे जब अखिलेश यादव या डिंपल यादव मस्जिद में सियासी बैठक के लिए माफी मांगें। उन्होंने यह भी कहा कि डिंपल यादव यह साबित करें कि वे पूजा के दौरान सिर ढकती हैं या नहीं।

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राजनीति

सपा प्रमुख अखिलेश यादव का सवाल, आतंकी हमलों को रोकने के लिए क्या कर रही सरकार?

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Akhilesh Yadav’s

लखनऊ, 28 जुलाई। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को पहलगाम आतंकी हमले, भारत की विदेश नीति और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों पर निशाना साधते हुए आतंकवाद, विदेश नीति की असफलता और शासन में पारदर्शिता की कमी जैसे मुद्दों पर चर्चा की।

चिंदबरम के बयान पर अखिलेश ने पत्रकारों से बातचीत में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सरकार से जवाब मांगा और कहा कि इस हमले में शामिल आतंकियों की सटीक जानकारी जनता को नहीं दी गई।

दरअसल, चिदंबरम ने एक इंटरव्यू में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सवाल उठाए कि क्या हमले में शामिल आतंकी वाकई पाकिस्तान से आए थे? क्या इस बात के सबूत हैं? उन्होंने यह भी कहा कि हमले में घरेलू आतंकी भी हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि बार-बार आतंकी घटनाएं होना सरकार की नाकामी को दर्शाता है। अखिलेश ने पूछा, “पिछले हमलों में शहीद हुए जवानों के बारे में भी पूरी जानकारी क्यों नहीं दी गई? आतंकवाद को रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है?”

अखिलेश ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय सेना की बहादुरी की सराहना की और कहा, “हम सेना के साहस और पराक्रम को सलाम करते हैं। अगर उन्हें और मौका मिलता, तो शायद पीओके भी हमारे पास होता।

पहलगाम हमले के बाद भारत ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ सभी रिश्ते खत्म हो जाएंगे, लेकिन एशिया कप में दोनों देशों के बीच फिर से क्रिकेट मैच होने पर अखिलेश ने विदेश नीति की आलोचना की। उन्होंने कहा, “हमारी विदेश नीति असफल रही है। भारत का सम्मान कई देश करते हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर कोई हमारे साथ खड़ा नहीं होता।”

उन्होंने चीन के साथ व्यापार पर भी सवाल उठाए और कहा, “भारत चीन को इतना व्यापार दे रहा है, फिर भी हमारी सीमाओं पर खतरा बरकरार है। सरकार को 10 साल का कार्यक्रम बनाना चाहिए, जिसमें चीन का सामान भारत में न आए। जैसे नोटबंदी और कोविड में थाली बजाने जैसे अभियान चले, वैसे ही स्वदेशी को बढ़ावा देने का अभियान शुरू हो।”

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए अखिलेश ने कहा, “सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड कोई उपलब्धि नहीं है। अगर काम न करने का रिकॉर्ड बनता, तो योगी जी पहले नंबर पर होते।”

उन्होंने डबल इंजन की सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, “लखनऊ से दिल्ली तक कोई सुरंग खोद रहा है। लेकिन, जनता को इसका पता नहीं। विकास के नाम पर सिर्फ दिखावा हो रहा है।”

अखिलेश ने जनता से जागरूक रहने और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने की अपील की। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान से खतरा है, लेकिन असली खतरा चीन से है। सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने चाहिए।”

पहलगाम हमले और आतंकवाद के मुद्दे पर अखिलेश ने कहा कि सरकार को पारदर्शिता दिखानी होगी। जनता को सच जानने का हक है। आतंकी हमलों को रोकने और जवानों की शहादत पर स्पष्ट जवाब देना सरकार की जिम्मेदारी है।

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