सामान्य
किसानों की हर आपत्ति पर समाधान का प्रस्ताव, एमएसपी पर लिखित आश्वासन
केंद्र सरकार ने कृषि सुधार से जुड़े नए काूननों पर किसानों की सारी आत्तियों पर खुले मन से विचार करने की बात कही है। देश की राजधानी की सीमाओं पर आंदोलनरत किसान संगठनों के नेताओं को बुधवार को सरकार ने किसानों को प्रस्तावों का एक मसौदा भेजा, जिसमें कानून में संशोधन समेत एमएसपी पर फसलों की खरीद का लिखित आश्वासन देने का भी जिक्र किया गया है। कृषि सुधार के तीन नये काूननों को निरस्त करने के मसले पर सरकार ने कहा कि कानून के जिन प्रावधानों पर किसानों को आपत्ति है, उनपर सरकार खुले मन से विचार करने को तैयार है।
नये कानून से मंडी समितियों यानी एपीएमसी (कृषि उपज विपणन समिति) द्वारा स्थापित मंडियों के कमजोर होने और किसानों के निजी मंडियों के चंगुल में फंस जाने संबंधी किसानों के मसले के समाधान के लिए सरकार ने काूनन में संशोधन करने का प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव के अनुसार, राज्य सरकार निजी मंडियों में भी रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागू कर सकती है और एपीएमसी में लागू मंडी शुल्क या उपकर निजी मंडियों के लिए तय किया जाएगा।
नये कानून में किसी प्रकार के विवाद की स्थिति में किसानों को सिविल कोर्ट जाने का विकल्प नहीं होने से न्याय नहीं मिलने की आशंका को दूर करने के लिए भी सरकार ने समाधान पेश किया है। सरकार ने कानून में संशोधन कर किसानों को कानून में दी गई व्यवस्था के अतिरिक्त सिविल कोर्ट जाने का विकल्प देने का प्रस्ताव दिया है।
वहीं, अनुबंध पर खेती से संबंधित कानून पर कृषि अनुबंधों के पंजीकरण की व्यवस्था नहीं होने के मसले पर सरकार ने कहा है कि जब तक राज्य सरकारें पंजीकरण की व्यवस्था नहीं बनाती हैं, तब तक सभी लिखित करारों की एक प्रतिलिपि करार पर हस्ताक्षर होने के 30 दिन के भीतर संबंधित एसडीएम कार्यालय में उपलब्ध कराने के लिए उपयुक्त व्यवस्था की जाएगी।
इस कानून को लेकर किसानों की एक बड़ी आशंका है कि इससे किसानों की जमीन पर उद्योगपतियों का कब्जा हो जाएगा और वे अपनी भूमि से वंचित हो जाएंगे। इस पर सरकार की ओर से कहा गया है कि यह स्पष्ट कर दिया जाएगा कि किसान की भूमि बनाई जाने वाली संरचना पर खरीदार यानी स्पांसर किसी प्रकार का कर्ज नहीं लिया जाएगा और न ही ऐसी संरचना उसके द्वारा बंधक रखी जाएगी।
करार की वजह से किसानों की जमीन कुर्की होने की आशंका पर सरकार ने कहा है कि इस संबंध में कानून में किसान पर किसी प्रकार की पेनाल्टी का प्रावधान नहीं है, फिर भी इस पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता होगी तो उसे स्पष्ट किया जाएगा।
सबसे अहम सवाल किसानों का एमएसपी को लेकर है। इस पर सरकार किसानों को लिखित आश्वासन देने को तैयार है। प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार एमएसपी की वर्तमान व्यवस्था के संबंध में लिखित आश्वासन देगी।
इसके अलावा बिजली संशोधन विधेयक 2020 को समाप्त करने की किसानों की मांग पर सरकार ने कहा है कि किसानों के बिजली बिल भुगतान की वर्तमान व्यवस्था मंे कोई बदलाव नहीं होगा।
यही नहीं, सरकार ने पराली दहन से संबंधित अध्यादेश में किए गए कठोर दंड के प्रावधान के संबंध में विचार करने का प्रस्ताव दिया है।
सरकार ने कहा है कि पराली जलाने से संबंधित प्रावधान एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ऑफ एनसीआर ऑडिनेंस 2020 के अंतर्गत किसानों की आपत्तियों का समुचित समाधान किया जाएगा।
किसानों को भेजे गए प्रस्तावों में कहा गया है कि देश के किसानों के सम्मान में पूरे खुले मन से केंद्र सरकार द्वारा पूरी संवेदना के साथ सभी मुद्दों के समाधान का प्रयास किया गया है। सरकार ने इसके साथ सभी किसान यूनियनों से आंदोलन वापस लेने की भी अपील की है।
सामान्य
आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सा पद्धतियों में रुझानों का पता लगाने के लिए AIIA का राष्ट्रीय संगोष्ठी

नई दिल्ली, 12 जुलाई। आयुष मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA), नई दिल्ली, आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सा पद्धतियों में रुझानों का पता लगाने के लिए तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करेगा।
शल्यकॉन 2025, जो 13-15 जुलाई तक आयोजित होगा, सुश्रुत जयंती के शुभ अवसर पर मनाया जाएगा। 15 जुलाई को प्रतिवर्ष मनाई जाने वाली सुश्रुत जयंती, शल्य चिकित्सा के जनक माने जाने वाले महान आचार्य सुश्रुत की स्मृति में मनाई जाती है।
“अपनी स्थापना के बाद से, AIIA दुनिया भर में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए समर्पित रहा है। शल्य तंत्र विभाग द्वारा आयोजित शल्यकॉन, आधुनिक शल्य चिकित्सा प्रगति के साथ आयुर्वेदिक सिद्धांतों के एकीकरण को बढ़ावा देकर इस प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस पहल का उद्देश्य उभरते आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सकों को एकीकृत शल्य चिकित्सा देखभाल के अभ्यास में बेहतर दक्षता और आत्मविश्वास प्रदान करना है,” AIIA की निदेशक (प्रभारी) प्रो. (डॉ.) मंजूषा राजगोपाला ने कहा।
नवाचार, एकीकरण और प्रेरणा पर केंद्रित विषय के साथ, शल्यकॉन 2025 का आयोजन राष्ट्रीय सुश्रुत संघ के सहयोग से राष्ट्रीय सुश्रुत संघ के 25वें वार्षिक सम्मेलन के सतत शैक्षणिक कार्यक्रम के एक भाग के रूप में किया जाएगा।
इस सेमिनार में सामान्य एंडोस्कोपिक सर्जरी, गुदा-मलाशय सर्जरी और यूरोसर्जिकल मामलों पर लाइव सर्जिकल प्रदर्शन होंगे।
मंत्रालय ने कहा, “पहले दिन, 10 सामान्य एंडोस्कोपिक लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की जाएँगी। दूसरे दिन 16 गुदा-मलाशय सर्जरी की लाइव सर्जिकल प्रक्रियाएँ होंगी, जो प्रतिभागियों को वास्तविक समय की सर्जिकल प्रक्रियाओं को देखने और उनसे सीखने का अवसर प्रदान करेंगी।”
शल्यकॉन 2025 परंपरा और प्रौद्योगिकी का एक गतिशील संगम होगा, जिसमें भारत और विदेश के 500 से अधिक प्रतिष्ठित विद्वान, शल्य चिकित्सक, शोधकर्ता और शिक्षाविद भाग लेंगे। यह कार्यक्रम विचारों के आदान-प्रदान, नैदानिक प्रगति को प्रदर्शित करने और आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सा पद्धतियों में उभरते रुझानों का पता लगाने में सहायक होगा।
तीन दिनों के दौरान एक विशेष पूर्ण सत्र भी आयोजित किया जाएगा जिसमें सामान्य और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, घाव प्रबंधन और पैरा-सर्जिकल तकनीक, गुदा-मलाशय सर्जरी, अस्थि-संधि मर्म चिकित्सा और सर्जरी में नवाचार जैसे क्षेत्रों पर चर्चा की जाएगी।
अंतिम दिन 200 से अधिक मौखिक और पोस्टर प्रस्तुतियाँ भी होंगी, जो चल रहे विद्वानों के संवाद और अकादमिक संवर्धन में योगदान देंगी।
मंत्रालय ने कहा कि नैदानिक प्रदर्शनों के अलावा, एक वैज्ञानिक सत्र विद्वानों, चिकित्सकों और शोधकर्ताओं को अपना काम प्रस्तुत करने और अकादमिक संवाद में शामिल होने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
न्याय
‘आपकी बेटी आपके साथ में है’: विनेश फोगाट शंभू बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं।

भारतीय पहलवान विनेश फोगट शंभू सीमा पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं, क्योंकि उन्होंने अपना रिकॉर्ड 200वां दिन मनाया और बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया।
पेरिस 2024 ओलंपिक में पदक न मिलने के विवादास्पद फैसले के बाद संन्यास लेने वाली फोगट ने किसानों के आंदोलन को अपना पूरा समर्थन देने का वादा किया।
“मैं भाग्यशाली हूं कि मेरा जन्म एक किसान परिवार में हुआ। मैं आपको बताना चाहती हूं कि आपकी बेटी आपके साथ है। हमें अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना होगा क्योंकि कोई और हमारे लिए नहीं आएगा।
मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि आपकी मांगें पूरी हों और अपना अधिकार लिए बिना वापस न जाएं। किसान अपने अधिकारों के लिए 200 दिनों से यहां बैठे हैं।
मैं सरकार से उनकी मांगों को पूरा करने की अपील करती हूं। यह बहुत दुखद है कि 200 दिनों से उनकी बात नहीं सुनी गई। उन्हें देखकर हमें बहुत ताकत मिली।”
राजनीति
पीएम मोदी: ’25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ गए हैं’; बजट 2024 पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की सराहना की।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लगातार सातवें बजट को पेश करने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बजट 2024 से नव-मध्यम वर्ग, गरीब, गांव और किसानों को और अधिक ताकत मिलेगी।
देश के नाम अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि बजट युवाओं को असीमित अवसर प्रदान करेगा।
पिछले दस वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, इस बजट से नए मध्यम वर्ग को सशक्त बनाया जाएगा।
उन्होंने घोषणा की, ‘यह बजट युवाओं को असीमित अवसर प्रदान करेगा।’ यह बजट शिक्षा और कौशल के लिए एक नया मानक स्थापित करेगा और उभरते मध्यम वर्ग को सशक्त करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि इस बजट से महिलाओं, छोटे उद्यमों और एमएसएमई को फायदा होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग अभी अपना करियर शुरू कर रहे हैं, उन्हें ‘रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजना’ के माध्यम से सरकार से अपना पहला वेतन मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘सरकार ने इस बजट में जिस ‘रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजना’ की घोषणा की है, उससे रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।’
प्रधानमंत्री ने घोषणा की, ‘सरकार इस योजना के तहत उन लोगों को पहला वेतन देगी, जो अभी कार्यबल में शामिल होने की शुरुआत कर रहे हैं। प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों के युवा देश के प्रमुख व्यवसायों के लिए काम करने में सक्षम होंगे।’
मोदी 3.0 का पहला बजट
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है।
लोकसभा में बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने मोदी सरकार में अपना भरोसा फिर से जताया है और इसे तीसरे कार्यकाल के लिए चुना है।
सीतारमण ने आगे कहा, “ऐसे समय में जब नीतिगत अनिश्चितता वैश्विक अर्थव्यवस्था को जकड़े हुए है, भारत की आर्थिक वृद्धि अभी भी प्रभावशाली है।”
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