राजनीति
कोरोना के कारण सोशल मीडिया तक सीमित रह गई है मध्य प्रदेश की सियासत

देश और दनिया को कोरोना महामारी ने मुसीबत में डाल दिया है, तो मध्य प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। अब तो राज्य की सियासत पर भी इसका सीधा असर नजर आने लगा है। राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है और वह 28 हजार को पार कर गई है। इस बीमारी के संक्रमण से राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई मंत्री और बड़े नेता भी नहीं बच पाए हैं। यही कारण है कि तमाम नेताओं ने खुद को अलग-थलग कर लिया है। आलम यह है कि भाजपा द्वारा आयोजित की जाने वाली वर्चुअल रैलियों पर भी अब विराम लग गया है।
पछले दिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, महामंत्री संगठन सुहास भगत और मंत्री अरविंद भदौरिया ने लखनऊ की यात्रा की थी ।, यह नेता वहां राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर शोक व्यक्त करने गए थे। उसके बाद मंत्री भदौरिया कोरोना पॉजिटिव पाए गए तो अन्य नेताओं ने भी अपना कोरोना टेस्ट कराया, जिसमें मुख्यमंत्री चौहान कोरोना पॉजिटिव निकले हैं, जबकि दो अन्य नेता शर्मा व भगत का कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आए हैं।
इसके बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और सुहास भगत ने खुद को होम क्वरेंटाइन कर लिया है और आगामी 10 दिन तक किसी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोविड-19 चिरायु अस्पताल में उपचाररत और उन्होंने प्रदेशवासियों से कोरोना से न घबराने की अपील करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए घर से बाहर न निकलने की अपील भी की है।
जबलपुर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कई कार्यकर्ता भी कोरोना की चपेट में आए थे। इनमें से प्रांत सेवा प्रमुख योगेंद्र सिंह योगी की तो मौत भी हो गई। उन्हें जबलपुर से उपचार के लिए भोपाल लाया जा रहा था, मगर उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
राज्य कैबिनेट की मंगलवार को बैठक प्रस्तावित है। यह बैठक भी वर्चुअल हो सकती है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट के वर्चुअल होने की संभावना से इंकार नहीं किया है।
एक तरफ जहां भाजपा की तमाम बैठकें और अन्य कार्यक्रम पर विराम लगाया है, इसी तरह कांग्रेस की ओर से भी किसी तरह की बैठकें, सहित अन्य कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जा रहा है। कुल मिलाकर राज्य की सियासत सोशल मीडिया पर आकर सिमट गई है। नेताओं की सारी बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप के लिए सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म का सहारा लिया जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषक अरविंद मिश्रा का कहना है कि तमाम राजनेता कोरोना केा लेकर आमजन केा सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर मॉस्क का इस्तेमाल करने की सलाह देते रहे। घरों में रहने पर जोर दिया गया, मगर नेता खुद इस पर काबू नही कर पाए।
बैठकें, सभाएं और दल-बदल कराने का दौर चला। सोशाल डिस्टेंसिंग का राजनीतिक दलों के कार्यक्रमों में ध्यान नहीं दिया गया, संक्रमण के लिए राजनीतिक दलों को भी जिम्मेदार माना जाए जो अतिश्योक्ति नहीं होगा।
महाराष्ट्र
वारिस पठान को पता है नितेश राणे क्या कर रहे हैं। नितेश राणे की पठान को धमकी

मुंबई: महाराष्ट्र भाजपा नेता और मंत्री नितेश राणे ने एक बार फिर मुसलमानों के खिलाफ ज़हर उगला और कहा कि यह उनके पिता का पाकिस्तान और कराची नहीं, बल्कि हिंदू राष्ट्र और देव भाऊ की सरकार है। ऐसे में अगर कोई व्यवस्था और माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेगा, तो उसे जवाब दिया जाएगा। नितेश राणे ने एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा और कहा कि जिस जगह ओवैसी की रैली हुई, वह अहमदनगर नहीं, बल्कि अहलिया नगर है। सरकार ने अहमदनगर और औरंगाबाद का नाम बदल दिया है, इसके बावजूद लोग अहमदनगर को अहलिया नगर और औरंगाबाद को छत्रपति संभाजी नगर कहने से बचते हैं। ऐसे लोग भारत के संविधान को नहीं, बल्कि शरिया को मानते हैं। उन्होंने कहा कि अगर ओवैसी राज्य का माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेंगे, तो सरकार को यह सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा कि उन्हें रैली करने की अनुमति दी जाए या नहीं, क्योंकि वह अपनी राजनीतिक रैली के लिए यहां आते हैं।
एडवोकेट वारिस पठान को धमकी देते हुए नितेश राणे ने कहा कि वारिस पठान जानते हैं कि नितेश राणे क्या हैं। उन्होंने कहा कि वारिस पठान समय और जगह तय कर लें, नितेश राणे ज़रूर आएंगे, तब पता चलेगा कि क्या होगा। नितेश राणे ने मुसलमानों के ख़िलाफ़ उकसावे का परिचय देते हुए कहा कि जब हमारे देवी-देवताओं की मूर्ति का अपमान किया जाता है और हिंसा की जाती है, तब भाईचारा कहाँ चला जाता है और भारत का संविधान कहाँ चला जाता है? उन्होंने कहा कि अगर कोई राज्य की शांति भंग करने की कोशिश करता है, तो उसे पता होना चाहिए कि यहाँ देवेंद्र फडणवीस की हिंदुत्ववादी सरकार है।
राजनीति
महागठबंधन मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगा और जीतेगा: मोहिबुल्लाह नदवी

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर इंडिया ब्लॉक गठबंधन में सीट बंटवारे पर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। इस बीच, समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने दावा किया है कि महागठबंधन मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगा और जीत हासिल करेगा।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर जो भी मतभेद हैं, उन्हें जल्द सुलझा लिया जाएगा। महागठबंधन चुनावी मैदान में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने हमें समाजवाद की विचारधारा दी। उनकी शिक्षाओं से प्रेरित होकर हमारे नेता अखिलेश यादव समाज के सभी वर्गों तक इस विचारधारा को पहुंचाने का काम कर रहे हैं। पूरा देश मुलायम सिंह यादव को याद कर रहा है। सभी लोग उनके परिवार और पार्टी के लिए दिल से दुआ कर रहे हैं।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर दिए बयान पर मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि संविधान ने जाति व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। भारतीय होना हमारी सबसे बड़ी पहचान है।
सभी को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। चाहे दलित समाज हो या वंचित समाज, सभी इस देश का हिस्सा हैं। जिन लोगों ने चीफ जस्टिस का अपमान करने की कोशिश की, वह सनातन का अपमान है। किसी को भी ऐसा करने का अधिकार नहीं है।
बसपा प्रमुख मायावती द्वारा समाजवादी पार्टी पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए नदवी ने कहा कि मायावती को इस समय दलितों के साथ खड़ा होना चाहिए था। बाबासाहेब आंबेडकर ने जो संविधान देश को दिया, वह आज खतरे में है। संविधान और उसकी विचारधारा को बचाने की सबसे ज्यादा जरूरत है। मायावती को छोटी-मोटी बातों में उलझकर या झगड़ा करके अपने नजरिए से नहीं भटकना चाहिए।
मायावती ने अपनी रैली में भाजपा की तारीफ की थी और सपा पर कई आरोप लगाए थे, जिसमें दलितों से जुड़े स्मारकों के नाम बदलने की बात शामिल थी। इस पर नदवी ने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। बाबासाहेब का संविधान और उनकी विचारधारा समाजवाद से सबसे ज्यादा मेल खाती है। उत्तर प्रदेश में दलितों पर हुए अत्याचारों के खिलाफ समाजवादी पार्टी हमेशा खड़ी रही है।
राजनीति
बिहार में सीट बंटवारे पर महागठबंधन में असमंजस, कौन रखेगा हिमालय से ऊंचा सिर और समुद्र से गहरा दिल?

पटना, 10 अक्टूबर : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन महागठबंधन के घटक दलों में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसा है। मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री पद के चेहरों पर संशय की स्थिति है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने शुक्रवार को पटना में संसदीय दल की बैठक बुलाई तो कांग्रेस के नेता पप्पू यादव ने सीटों के लिए राजद को सुझाव दिया है कि उसे बड़ा दिल दिखाना चाहिए।
पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने सीट बंटवारे पर कहा, “सभी को बड़ा दिल करने की जरूरत है। हिमालय से ऊंचा सिर और समुद्र से गहरा दिल रखने की जरूरत है।” इससे पहले उन्होंने राजद को सुझाव दिया था कि पार्टी को बड़ा दिल दिखाते हुए 100 से कम सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए।
पप्पू यादव ने पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री पद के लिए महागठबंधन में दावेदारी को लेकर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हम लोगों के लिए मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री कोई मुद्दा नहीं है। हम लोगों के लिए मुख्य मुद्दा है कि कैसे एनडीए सरकार को यहां से हटाया जा सके।”
इस बीच, बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने सीट बंटवारे पर प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा, “लालू प्रसाद यादव से मुलाकात नहीं हुई। मुलाकात का कार्यक्रम था, लेकिन अभी यह नहीं हुई है।”
वहीं कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा, “सीटों को लेकर बातचीत जारी है। वक्त आने पर फैसले के बाद में बता दिया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही सीट बंटवारे को लेकर ऐलान कर दिया जाएगा।
चुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक अधीर रंजन चौधरी भी पटना पहुंचे हुए हैं। उन्होंने सीट बंटवारे पर कहा कि हमारी रोज बड़ी मीटिंग चल रही है। जल्द फैसला होने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि सीट बंटवारे को लेकर कोई अंदरूनी झगड़ा नहीं है।
हालांकि, मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री फेस पर सवाल का जवाब दिए बगैर अधीर रंजन चौधरी निकल गए।
महागठबंधन में सीट बंटवारे पर कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा, “कोई भी पेच अटका नहीं है। हम लगातार बातचीत कर रहे हैं और सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा है। जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारे पास अभी पर्याप्त समय है।”
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