राजनीति
ओबीसी जनगणना पर राजनीतिक घमासान- आखिर सरकार क्यों नहीं करवा सकती है जातिगत जनगणना?

जातिगत जनगणना को लेकर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल जैसे विरोधी ही नहीं बल्कि अपना दल और जेडीयू जैसे सहयोगी दल भी लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं। कानूनी और तकनीकी रूप से सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में भी अपना रूख साफ कर दिया है लेकिन विरोधी दल चुनावी मैदान में इसे जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रहे हैं। खासतौर से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनने जा रहा है। इसे लेकर सरकार ने भी अब अपनी तैयारी शुरू कर दी है। तकनीकी और कानूनी तौर पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना रूख साफ कर दिया है और अब जमीनी धरातल पर राजनीति के मैदान में भी सरकार ने इस मुद्दें पर विरोधी दलों को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है।
आईएएनएस से बातचीत करते हुए सरकार के एक दिग्गज मंत्री ने बताया कि विरोधी दलों को जाति और आरक्षण के मूल आधार की समझ ही नहीं हैं और न ही उन्हे इसके तकनीकी, सामाजिक और कानूनी पहलू की समझ है। विरोधी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होने कहा कि ये दल जातियों के आधार पर देश को बांटकर देश तोड़ना चाहते हैं।
आईएएनएस से बातचीत करते हुए भाजपा के एक बड़े नेता ने सवाल उठाया कि मुलायम और लालू परिवार को यह बताना चाहिए पिछले 30 सालों में उन्होंने ओबीसी की किन-किन जातियों का भला किया ? उन्हे यह बताना चाहिए कि लंबे समय तक बिहार और उत्तर प्रदेश में राज करने के बावजूद उन्होने ओबीसी की सभी जातियों को सत्ता में भागीदारी क्यों नहीं दी और उनका सामाजिक न्याय सिर्फ कुछ ही जातियों तक सिमट कर क्यों रह गया ?
दूसरी तरफ , सरकार के दिग्गज मंत्री ने कहा कि भारत में 4 संदर्भों में आरक्षण की व्यवस्था है – जाति , जनजाति , पिछड़ने की वजह से और कमजोर तबकों को।
एससी आरक्षण में जाति महत्वपूर्ण है और ओबीसी आरक्षण में पेशा। उन्होने कहा कि किसी भी वजह से समाज के वो हिस्से जो आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक तौर पर पिछड़ गए हैं , उनको मौका देने के लिए मंडल आयोग की सिफारिश के आधार पर ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था संविधान में की गई। इसलिए क्रीमी लेयर का सिद्धांत सिर्फ ओबीसी आरक्षण में ही लागू है।
उन्होने कहा कि देश में हमेशा से महापुरूषों ने जाति व्यवस्था को तोड़ कर समाज और देश को मजबूत बनाने की कोशिश की लेकिन कुछ विपक्षी दल ओबीसी जातियों की जनगणना का मुद्दा उठाकर देश को तोड़ना चाहते हैं। उन्होने तकनीकी सवाल उठाते हुए पूछा कि अंतजार्तीय विवाह में जाति की गणना किस आधार पर होगी ? जिन धर्मों में जाति की अवधारणा ही नहीं हैं, उसमें जाति की गिनती कैसे होगी?
विरोधी दलों के रवैये पर सवाल उठाते हुए भाजपा आरोप लगा रही है कि क्या ओबीसी जातिगत जनगणना की मांग करने वाले ये दल चाहते हैं कि देश के लगभग 20 प्रतिशत मुसलमानों को इस जनगणना से अलग रखा जाए ?
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई: 14 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में ताड़देव के व्यवसायी को जमानत देने से इनकार

CRIME
मुंबई: सत्र न्यायालय ने 14 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में ताड़देव के एक व्यापारी को जमानत देने से इनकार कर दिया है।
मामले के बारे में
आरोपी बिरजू सल्ला, 2017 में एक विमान को हाईजैक करने की धमकी देने के लिए कथित तौर पर एक नोट रखने के लिए गुजरात में दर्ज एक मामले के सिलसिले में चर्चा में था। सल्ला को विशेष अदालत ने दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई, लेकिन बाद में, उसे अगस्त 2023 में गुजरात उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया।
बरी होने के बाद, सल्ला अपने पारिवारिक व्यवसाय, चाँदी के आभूषणों के व्यापार में वापस लौट गया। हालाँकि, इस साल की शुरुआत में, आर्थिक अपराध शाखा ने उस पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया और 2 जुलाई को उसे गिरफ्तार कर लिया। मामले के विवरण के अनुसार, 18 नवंबर, 2024 को, सल्ला ने शैलेश जैन नामक व्यक्ति से, जिसके साथ उसके पारिवारिक संबंध थे, बिक्री के लिए प्राचीन सोने के आभूषण, चाँदी के बर्तन और रत्न माँगे। जैन ने अनुमोदन वाउचर के आधार पर 14 करोड़ रुपये में ये कीमती सामान उपलब्ध कराए।
एक महीने से ज़्यादा समय में, सल्ला ने जैन को 1.47 करोड़ रुपये मूल्य के कीमती सामान लौटा दिए, लेकिन कथित तौर पर शेष 12.76 करोड़ रुपये न तो लौटाए और न ही उनकी कीमत चुकाई। अग्रिम ज़मानत देने से इनकार करते हुए, अदालत ने कहा, “आवेदक पहले भी उक्त अनुमोदन वाउचर पर उनके जबरन हस्ताक्षर लेने का मामला लेकर आया था, लेकिन चुप रहा और शिकायत दर्ज कराने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। प्रथम दृष्टया, रिकॉर्ड में मौजूद सामग्री से पता चलता है कि उसने गहने ले लिए थे… और 12.76 करोड़ रुपये मूल्य के कीमती सामान वापस नहीं किए…”
अपराध
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के ऊपर हमला करने वाले पर पहले से दर्ज हैं 9 मामले: कपिल मिश्रा

नई दिल्ली, 21 अगस्त। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले को दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने इसे सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताया है। उन्होंने गुरुवार को बताया कि आरोपी साधारण व्यक्ति नहीं है। उसका एक आपराधिक इतिहास रहा है।
कपिल मिश्रा ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि आरोपी का आपराधिक इतिहास सामने आया है। उस पर कुल नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें तस्करी और अवैध शराब के व्यापार से लेकर हत्या के प्रयास तक शामिल हैं। ये बहुत गंभीर आरोप हैं जिनके खिलाफ पहले से ही मामले दर्ज हैं।
उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम को हम देखें तो पता चलता है कि आरोपी ने जिस तरह से काम किया वह एक पेशेवर अपराधी जैसा था। पहले अपने मोबाइल पर रिकॉर्डिंग की, फिर घर में घुसा, अंदर लोगों से बात की, और अंत में हमला किया। ये सभी तथ्य बताते हैं कि यह एक गंभीर पेशेवर हमला था, लेकिन हम सभी लोग दिल्ली पुलिस की जांच का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने सुरक्षा के मुद्दे पर कहा कि अगर कोई बदलाव करना होगा तो इसका फैसला मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ही करेंगी।
आरोपी को लेकर मीडिया में चल रही खबरों पर उन्होंने कहा कि हमें तथ्यों पर बात करनी चाहिए। वह साधारण व्यक्ति नहीं है। उसने जिस तरह से हमला किया है वह पेशेवर हमलावर है। उन्होंने कहा कि सामने से दिखाई दे रहा है कि आरोपी ने सुनियोजित साजिश के तहत सीएम रेखा गुप्ता पर हमला किया है।
आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल इटालिया के साथ आरोपी की फोटो पर कपिल मिश्रा ने कहा कि इस मामले में राजनीति की कोई आवश्यकता नहीं है।
सीएम रेखा गुप्ता के स्वास्थ्य को लेकर कपिल मिश्रा ने कहा कि वह ठीक हैं; उन्होंने बुधवार रात भी कुछ काम किया था और आज भी वह अपना आधिकारिक काम कर रही हैं। लेकिन अभी उन्हें आराम और स्वास्थ्य लाभ की जरूरत है, क्योंकि शारीरिक चोटें गंभीर हैं और उन्हें मानसिक तनाव भी है। यह कोई साधारण घटना नहीं, बल्कि एक बहुत ही असामान्य घटना थी। फिर भी मुख्यमंत्री अपना कार्यालय का काम जारी रखे हुए हैं।
अपराध
फर्जी प्रोफाइल से महिला को फंसाया, अश्लील वीडियो बनाकर करने लगा ब्लैकमेल, मुंबई में मामला दर्ज

CRIME
मुंबई, 21 अगस्त। मुंबई के मझगांव इलाके में रहने वाली एक 34 वर्षीय महिला को शादी का झांसा देकर ब्लैकमेल करने और उससे फिरौती वसूलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि युवक ने एक मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर महिला से संपर्क किया, विश्वास जीतकर उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो बनाए, और फिर उन्हीं के माध्यम से उसे ब्लैकमेल किया।
मुंबई पुलिस के अनुसार, पीड़िता ने शादी के लिए एक मैट्रिमोनियल साइट पर अपनी प्रोफाइल बनाई थी। 9 अगस्त को उसे एक कॉल आया, जिसमें आरोपी ने शादी की इच्छा जताई। धीरे-धीरे उसने महिला का विश्वास जीत लिया और उससे लगातार बातचीत करने लगा। बातचीत के दौरान आरोपी ने महिला को भरोसे में लेकर उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड कर लिए।
इसके बाद आरोपी ने वीडियो भेजकर महिला को धमकाया कि अगर उसने पैसे नहीं दिए, तो वह यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा। डर के मारे महिला ने आरोपी को पहले 30 हजार रुपए दे दिए, लेकिन जब ब्लैकमेलिंग लगातार बढ़ती गई और आरोपी बार-बार पैसे मांगने लगा, तब महिला को धोखाधड़ी का एहसास हुआ और उसने भायखला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
भायखला पुलिस ने महिला की शिकायत पर अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। मुंबई पुलिस को शक है कि इस अपराध के पीछे कोई संगठित साइबर ठग गिरोह सक्रिय है, जो महिलाओं को निशाना बनाकर ठगी कर रहा है। फिलहाल पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और आरोपी की तलाश जारी है।
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