अपराध
पुलिस ने पठानकोट सैन्य शिविर हमले में शामिल आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया

पंजाब पुलिस ने इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) द्वारा समर्थित एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर उसके छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
इसके साथ ही पुलिस ने पठानकोट सैन्य शिविर पर हमले सहित हथगोले से हमले के मामले का पदार्फाश किया है।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), वी. के. भवरा ने सोमवार को यहां कहा कि एसबीएस नगर पुलिस ने उनके कब्जे से छह हथगोले, एक पिस्तौल (9 एमएम), एक राइफल (प्वाइंट 30 बोर) के साथ-साथ गोलियां और मैगजीन भी बरामद की हैं।
गिरफ्तार लोगों की पहचान गुरदासपुर के रहने वाले अमनदीप, गुरविंदर सिंह, परमिंदर कुमार, राजिंदर सिंह, हरप्रीत सिंह और रमन कुमार के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार, दो मामलों में, कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने पठानकोट में हथगोले फेंके थे – एक 11 नवंबर, 2021 को रात लगभग 9.30 बजे चक्की पुल के पास, दूसरा त्रिवेणी द्वार के बाहर, पठानकोट में सेना के 21 उप-क्षेत्र में 21 नवंबर रात करीब 9 बजे।
इस संबंध में पठानकोट में अलग से प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
डीजीपी ने कहा कि प्रारंभिक पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने खुलासा किया कि वे हमले के दौरान आईएसवाईएफ (रोडे) के स्वयंभू प्रमुख लखबीर सिंह रोडे और उनके करीबी सुखमीतपाल सिंह उर्फ सुख भिखारीवाल और सुखप्रीत उर्फ सुख के संपर्क में थे।
डीजीपी ने कहा, बरामद किए गए हथगोले, हथियार और गोला-बारूद का पूरा जखीरा लखबीर रोडे द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से धकेल दिया गया था। गिरफ्तार आरोपी व्यक्तियों को पूर्व-निर्धारित लक्ष्यों पर हमला करने का काम सौंपा गया था, जो मुख्य रूप से पुलिस और रक्षा प्रतिष्ठान, धार्मिक स्थल आदि थे।
उन्होंने बताया कि आरोपियों ने पठानकोट में दो बार हैंड ग्रेनेड फेंकने की बात भी कबूल की है।
एसबीएस नगर एसएसपी कंवरदीप कौर ने कहा कि पुलिस ने नवांशहर के एक थाने में भी मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा, आगे की जांच जारी है।
गौरतलब है कि लखबीर रोडे की भूमिका 16 अक्टूबर, 2020 को भिखीविंड में कॉमरेड बलविंदर सिंह की हत्या के अलावा अगस्त 2021 में जालंधर से उसके रिश्तेदार गुरमुख सिंह रोडे से आईईडी, आरडीएक्स, हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी में भी पाई गई है।
सुखमीतपाल सिंह उर्फ सुख भिखारीवाल, जो इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है, कॉमरेड बलविंदर सिंह की हत्या और 10 फरवरी, 2020 को धारीवाल में हनी महाजन पर जानलेवा हमले के मामले में भी शामिल था।
उसे दिसंबर 2020 में दुबई से निर्वासित किया गया था। सुख भिखारीवाल ने आपराधिक कृत्यों को अंजाम देने के लिए लड़ाके, हथियार और गोला-बारूद, रसद, धन आदि प्रदान किए थे।
अपराध
मुंबई : नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी, फर्जी आईएएस अधिकारी गिरफ्तार

मुंबई, 11 अक्टूबर: मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया। पुलिस ने खुद को आईएएस अधिकारी बताने वाले एक ठग को गिरफ्तार किया है, जो अब तक 36 नौकरी के इच्छुक युवाओं से कुल 2.88 करोड़ रुपए की ठगी कर चुका है।
आरोपी की पहचान सोलापुर जिले के बार्शी निवासी 35 वर्षीय नीलेश राठौड़ के रूप में हुई है। वह खुद को स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) में उप सचिव बताकर लोगों को सरकारी नौकरी का झांसा देता था। मुंबई पुलिस की जांच में सामने आया है कि उसने आयकर विभाग में इंस्पेक्टर और सहायक जैसे पदों के लिए फर्जी भर्तियों का झांसा देकर लाखों रुपए वसूले।
सहार पुलिस स्टेशन में आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 318, 319, 336, 338 और 340 के तहत केस दर्ज किया गया है।
यह मामला तब सामने आया जब नवी मुंबई निवासी संतोष खरपुड़े ने शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि आरोपी ने उनसे और अन्य कई उम्मीदवारों से बड़ी रकम वसूली। सहायक पद के लिए 4 लाख और निरीक्षक पद के लिए 6 लाख रुपए की मांग की गई थी।
नीलेश राठौड़ ने मई 2023 में अंधेरी ईस्ट के एक होटल में इंटरव्यू का नाटक रचा और हर उम्मीदवार से करीब 10 लाख रुपए वसूल लिए। आरोपी ने फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिए, सरकारी अस्पतालों में फर्जी मेडिकल जांच कराई और पुलिस वेरिफिकेशन के जाली दस्तावेज भी उपलब्ध कराए ताकि पूरी प्रक्रिया असली लगे।
कुछ महीनों तक जब पीड़ितों को नियुक्ति पत्र नहीं मिला, तो उन्होंने खुद आयकर विभाग से संपर्क किया और उन्हें पता चला कि ऐसी कोई भर्ती प्रक्रिया चल ही नहीं रही है।
जब पीड़ितों ने राठौड़ से जवाब मांगा, तो उसने शुरुआत में पैसे लौटाने का वादा किया, लेकिन बाद में कॉल और मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया। इसके बाद सहार पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ और ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की।
जांच में यह भी सामने आया है कि राठौड़ ने कई फर्जी दस्तावेज तैयार किए और यह तक दावा किया कि वह दिल्ली में अपने संपर्कों के जरिए भारतीय सेना में भी नौकरी दिलवा सकता है।
मुंबई पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया है और मामले की गहराई से जांच जारी है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या आरोपी के साथ और लोग भी इस ठगी में शामिल थे।
अपराध
मुंबई अपराध: कुर्ला में एचडीआईएल कंपाउंड स्थित एसआरए बिल्डिंग में 32 वर्षीय बीएमसी कर्मचारी मृत मिला; पुलिस ने जांच शुरू की

मुंबई: पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का एक 32 वर्षीय कर्मचारी गुरुवार दोपहर कुर्ला (पश्चिम) स्थित एचडीआईएल कंपाउंड स्थित स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (एसआरए) परियोजना की बिल्डिंग नंबर 9 में मृत पाया गया। घटना की सूचना वीबी नगर पुलिस स्टेशन को शाम करीब 4:30 बजे मिली।
पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान घाटकोपर क्षेत्र निवासी राजेश परमार के रूप में हुई है, जो बीएमसी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (एसडब्ल्यूएम) विभाग, एफ नॉर्थ वार्ड में काम करता था।
शव को पोस्टमॉर्टम के लिए राजावाड़ी अस्पताल भेज दिया गया है। मौत का सही कारण अभी अज्ञात है और आगे की जाँच जारी है।
अपराध
मुंबई क्राइम ब्रांच ने हाई-प्रोफाइल अपहरण और जबरन वसूली मामले में 1,900 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया

मुंबई: मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक हाई-प्रोफाइल अपहरण और जबरन वसूली मामले में 14 गिरफ्तार और 5 वांछित आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत 1,900 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया है। विशेष मकोका अदालत में पेश किए गए आरोपपत्र में 45 गवाहों के बयान शामिल हैं।
जाँच के अनुसार, शिकायतकर्ता शब्बीर हुसैन मुबारक सिद्दीकी (45) ने आरोप लगाया कि उसके दोस्त साजिद इलेक्ट्रिकवाला ने 31 मार्च, 2025 को सरवर खान से एक अवैध एमडी (मेफेड्रोन) दवा निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए ₹50 लाख लिए थे। जब साजिद ने दवाइयाँ नहीं दीं और पैसे वापस नहीं किए, तो सरवर खान ने यूनुस थाईचारपिल और अन्य साथियों के साथ मिलकर 12 जून, 2025 को अंधेरी (पश्चिम) स्थित होटल अलीबाबा से सिद्दीकी और साजिद का अपहरण कर लिया। दोनों को नेरल के एक कमरे में ले जाया गया, जहाँ उनके साथ मारपीट की गई और उन्हें बंधक बना लिया गया।
14 जून, 2025 को सुबह लगभग 2:30 बजे, सिद्दीकी पीछे की खिड़की से भागने में कामयाब रहा, लेकिन साजिद बंदी बना रहा। अपने दोस्त की जान को खतरा होने पर, सिद्दीकी ने ओशिवारा पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 111, 115(2), 127, 140(1), 140(2), 189(2) और 190 के तहत मामला दर्ज किया गया।
बाद में, वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर, मामला अपराध शाखा के जबरन वसूली निरोधक प्रकोष्ठ (यूनिट 3) को स्थानांतरित कर दिया गया, जहाँ इसे पुनः पंजीकृत किया गया। जाँच के दौरान, पुलिस ने 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया और गिरोह के सरगना के रूप में मोहम्मद तौसीफ उर्फ तौसीफ मचांडी की पहचान की। साक्ष्यों से पता चला कि आरोपियों ने जबरन वसूली और मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल एक संगठित अपराध गिरोह बनाया था।
आरोपियों के खिलाफ मकोका अधिनियम, 1999 की धारा 3(1)(ii), 3(2) और 3(4) के तहत आरोप लगाए गए। 9 अक्टूबर को दायर आरोपपत्र में बीएनएस 2023 की धारा 111, 115(2), 127, 140(1), 140(2), 189(2), 189(4), 190, 305(5), 61(2) के साथ-साथ आर्म्स एक्ट की धारा 3(25), मुंबई पुलिस अधिनियम की धारा 37(1)(ए), 135, मकोका अधिनियम की धारा 3(1)(ii), 3(2), 3(4) और एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27ए के तहत आरोप शामिल हैं।
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