राजनीति
नायडू से बोले पीएम मोदी : आपका अनुभव राष्ट्र का मार्गदर्शन करता रहेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि निवर्तमान उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, लेकिन उनका अनुभव आने वाले वर्षों तक देश का मार्गदर्शन करता रहेगा। राज्यसभा ने अपने सभापति और उपराष्ट्रपति नायडू को विदाई दी। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा: आप (नायडू) ने हमेशा कहा है कि आप राजनीति से सेवानिवृत्त हुए हैं, लेकिन सार्वजनिक जीवन से नहीं। आपका कार्यकाल समाप्त हो सकता है, लेकिन आपका अनुभव राष्ट्र का मार्गदर्शन करता रहेगा और मेरे जैसे कार्यकर्ता आने वाले वर्षों तक आपके अनुभवों से लाभान्वित होते रहेंगे।
नायडू के भारतीय भाषाओं के प्रति प्रेम के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, नायडू जी के बारे में एक सराहनीय बात भारतीय भाषाओं के प्रति उनका जुनून है। इससे पता चलता है कि उन्होंने सदन की अध्यक्षता कैसे की। उन्होंने उच्च सदन की उत्पादकता बढ़ाने में योगदान दिया।
उपराष्ट्रपति के साथ अपने जुड़ाव के बारे में बात करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, मैंने वर्षों से नायडू के साथ मिलकर काम किया है। इस दौरान मैंने उन्हें विभिन्न जिम्मेदारियों को निभाते हुए देखा है। वह प्रत्येक काम को समर्पण के साथ करते हैं।
राजनीति
राज्यसभा में एसआईआर पर चर्चा को लेकर भारी हंगामा, सदन की कार्यवाही स्थगित

नई दिल्ली, 2 दिसंबर: मंगलवार को राज्यसभा में जोरदार हंगामा देखने को मिला। विपक्षी दलों ने एसआईआर के मुद्दे पर तुरंत चर्चा कराए जाने की मांग रखी। विपक्ष ने अपनी इस मांग को लेकर सदन में जमकर विरोध किया और जोरदार नारेबाजी की।
विपक्ष के इस हंगामे के बीच कुछ देर सदन की कार्यवाही चली, लेकिन सदन में हंगामा जारी रहने पर सभापति ने सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दरअसल, विपक्ष के कई सदस्यों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए नोटिस दिया था।
सदन में बोलते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कई सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिया है। संसदीय परंपरा के मुताबिक नोटिस देने वाले इन सदस्यों के नाम तथा उनके मुद्दों को सदन में बताया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम एसआईआर पर एक गंभीर चर्चा चाहते हैं। लोग मर रहे हैं, स्थिति गंभीर है।
खड़गे ने कहा कि लगभग 28 लोगों की मौत हो चुकी है। यह अत्यंत जरूरी विषय है। सदन में इस विषय पर अविलंब चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने राज्यसभा के सभापति से आग्रह किया कि लोकतंत्र, जनता और देशहित में इस विषय पर तुरंत चर्चा की अनुमति दी जाए।
वहीं, सदन में हो रहे हंगामे पर राज्यसभा के सभापति ने कहा कि जब तक सदन सुव्यवस्थित नहीं होगा, वे सभी सदस्यों को नहीं सुन सकते। उन्होंने कहा कि खड़गे द्वारा उठाए गए मुद्दों पर उन्होंने तुरंत संसदीय कार्य मंत्री से प्रतिक्रिया मांगी थी और मंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए समय मांगा है।
सभापति ने नेता प्रतिपक्ष से कहा, “कल भी संसदीय कार्य मंत्री ने आपकी मांग पर सकारात्मक रुख अपनाया था, इसलिए हमें उन्हें कुछ समय देना चाहिए।”
वहीं विपक्ष की इस मांग पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वे विपक्ष के नेताओं से औपचारिक और अनौपचारिक दोनों तरीकों से बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि समस्या तब शुरू होती है जब समय सीमा तय की जाती है। लोकतंत्र में संवाद आवश्यक है। देश में कई मुद्दे हैं और वे सभी महत्वपूर्ण हैं। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष से सहयोग की अपील की।
सदन के नेता जे.पी. नड्डा ने भी कहा कि विपक्ष ने चर्चा की मांग रखी गई है और संसदीय कार्य मंत्री ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही विपक्षी नेताओं के साथ बैठक होगी। वहीं सदन में विपक्षी सांसद एसआईआर के मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे और सदन में इस विषय पर शोरगुल जारी रहा। अंत में हंगामे के चलते सभापति ने सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई की वायु गुणवत्ता में सुधार, बीएमसी का दावा, शहर भर में प्रदूषणकारी स्थलों पर कार्रवाई तेज

पिछले कुछ दिनों में मुंबई की वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने इस सकारात्मक रुझान का श्रेय शहर और उपनगरों में प्रदूषण नियंत्रण उपायों के सख्त क्रियान्वयन को दिया है। अधिकारियों ने बताया कि 26 नवंबर 2025 से वायु गुणवत्ता सूचकांक में लगातार सुधार हो रहा है, और सबसे उल्लेखनीय प्रगति पिछले 48 घंटों में दर्ज की गई है।
हवा की गति, जो 28 नवम्बर तक तीन से चार किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास थी, अब बढ़कर दस से अठारह किलोमीटर प्रति घंटे के बीच हो गई है, जिससे प्रदूषकों के बिखराव में मदद मिल रही है।
नगर आयुक्त एवं प्रशासक भूषण गगरानी ने निर्देश दिया है कि प्रदूषण मानदंडों का उल्लंघन करने वाले निजी निर्माण स्थलों और सरकारी परियोजनाओं के विरुद्ध बिना रुके कार्रवाई जारी रखी जाए। पहले से जारी अट्ठाईस सूत्री दिशानिर्देशों का पालन न करने पर कई स्थलों को पहले ही काम रोकने का नोटिस जारी किया जा चुका है।
गगरानी ने स्पष्ट किया कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान चरण 4 वर्तमान में मुंबई पर लागू नहीं है। हालाँकि, निगम ने यह सुनिश्चित करने के लिए निगरानी बढ़ा दी है कि प्रदूषण नियंत्रण संबंधी सभी निर्देशों का सख्ती से पालन होता रहे।
व्यापक अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, बीएमसी ने प्रत्येक प्रशासनिक वार्ड में चौरानबे मोबाइल दस्ते तैनात किए हैं। ये टीमें निजी निर्माण स्थलों और सड़क व मेट्रो परियोजनाओं जैसे प्रमुख सार्वजनिक कार्यों का निरीक्षण कर रही हैं। वे निर्माण स्थलों पर लगे सेंसर आधारित वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) निगरानी उपकरणों की भी जाँच कर रही हैं और अनियमितताएँ पाए जाने पर नोटिस जारी कर रही हैं।
अतिरिक्त नगर आयुक्त अश्विनी जोशी इन उपायों के दैनिक कार्यान्वयन की देखरेख कर रहे हैं।
गगरानी ने कहा कि नगर निगम प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक साथ कई पहल कर रहा है। इनमें बेकरी और श्मशान घाटों को स्वच्छ ईंधन से बदलना, धूल कम करने के लिए मिस्टिंग मशीनों का इस्तेमाल, प्रमुख सड़कों की धुलाई और बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान चलाना शामिल है। कचरा जलाने को हतोत्साहित करने और नागरिकों में नियमों का पालन करने के लिए जन जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
मुंबई बंदरगाह प्राधिकरण ने कथित तौर पर अपने परिसर में अलाव जलाने पर रोक लगाने के बीएमसी के अनुरोध पर कार्रवाई की है, जो स्थानीय प्रदूषण के स्तर में योगदान दे रहा था।
बीएमसी ने दोहराया कि मुंबई के वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार कई मोर्चों पर समन्वित प्रयासों का परिणाम है। हवा की स्थिति अब अनुकूल होने के साथ, नगर निकाय ने सभी हितधारकों से निरंतर अनुशासन बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
गगरानी ने निजी, सरकारी और अर्ध-सरकारी परियोजना प्रमुखों से प्रदूषण नियंत्रण दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने बेकरियों से जल्द से जल्द स्वच्छ ईंधन अपनाने की अपील की और नागरिकों से खुले में कचरा जलाने से बचकर निगम का सहयोग करने का अनुरोध किया।
राजनीति
भाजपा सरकार वोट के अधिकार से पीडीए वर्ग को वंचित रखना चाहती है: सपा सांसद अवधेश प्रसाद

नई दिल्ली, 2 दिसंबर: समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद अवधेश प्रसाद ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार वोट के अधिकार से पीडीए (दलित-पिछड़ा और अल्पसंख्यक) वर्ग के लोगों को वंचित रखना चाहती है। उन्होंने मांग उठाई कि एसआईआर जैसे मुद्दे पर संसद के अंदर सरकार को चर्चा करानी चाहिए।
सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि एसआईआर का विषय एक मुद्दा नहीं है, बल्कि एक ज्वलंत समस्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में ऐसी हालत पैदा कर दी गई है कि लोकतंत्र पर खतरा है। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने वोट देने का अधिकार दिया, जो सबसे कीमती है। भाजपा सरकार इस अधिकार से लोगों को वंचित रखना चाहती है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एसआईआर के तहत बीएलओ को जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें पार्टी विशेष और जाति विशेष के लोग शामिल हैं। पीडीए के लोगों को फॉर्म नहीं दिया जा रहा है या उन्हें गुमराह किया जा रहा है। अवधेश प्रसाद ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में अभी तक किसी जिले में 40 प्रतिशत से अधिक फॉर्म नहीं बंटे हैं। इस प्रक्रिया के लिए कम से कम तीन महीने का समय होना चाहिए, तभी सही से काम हो पाएगा।
सरकार से सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में 2027 में चुनाव होने वाले हैं, जबकि पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में अगले साल चुनाव है। फिर भी एसआईआर को लेकर इतनी जल्दी क्यों है?” सपा सांसद ने कहा कि विपक्ष के लोग सदन में इन्हीं समस्याओं को लेकर बात रखना चाहते हैं, लेकिन सरकार सुनना नहीं चाहती है। इस तरह से सत्तापक्ष देश में दलितों-पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के वोट काटना चाहता है। वे उन्हें मतदान से वंचित रखना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के ‘ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए’ वाले बयान पर भी अवधेश प्रसाद ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “सत्तापक्ष से ज्यादा ड्रामा की जानकारी किसी को नहीं हो सकती है। इसलिए यह ड्रामा नहीं है, बल्कि एक ज्वलंत समस्या है। यह लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए विपक्ष की तरफ से उठाया गया कदम है।”
उन्होंने कहा कि एसआईआर, किसान और बेरोजगारी जैसे कई ज्वलंत मुद्दे हैं, जिन्हें प्राथमिकता से सदन में रखने देना चाहिए। ये विशेष महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।
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