राष्ट्रीय समाचार
फेमा के उल्लंघन को लेकर नोटिस मिलने से पेटीएम के शेयरों में बिकवाली, 4 प्रतिशत गिरकर हुए बंद

मुंबई, 4 मार्च। पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) के शेयर मंगलवार को 4.10 प्रतिशत गिरकर 696.65 रुपये पर बंद हुए। इसकी वजह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 के कुछ प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए कंपनी को कारण बताओ नोटिस मिलना माना जा रहा है।
पेटीएम का शेयर तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ 704 रुपये पर खुला। दिन के दौरान इसने 727.80 रुपये का उच्चतम स्तर और 690 रुपये का न्यूनतम स्तर छुआ।
ईडी ने सोमवार को वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड, विजय शेखर शर्मा और अन्य को 611 करोड़ रुपये के विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 के कुछ प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
ईडी की गई जांच में खुलासा हुआ है कि पेटीएम की फ्लैगशिप कंपनी ने सिंगापुर में निवेश किया था और विदेश में स्टेप-डाउन सहायक कंपनी को बनाने को लेकर भी आरबीआई को आवश्यक जानकारी नहीं दी थी।
ईडी के बयान के मुताबिक, ओसीएल ने आरबीआई द्वारा निर्धारित उचित मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों का पालन किए बिना विदेशी निवेशकों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भी प्राप्त किया था।
ईडी ने कहा कि ओसीएल की एक अन्य सहायक कंपनी नियरबाय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने आरबीआई द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर कंपनी द्वारा प्राप्त प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की रिपोर्टिंग नहीं की।
इसके जवाब में पेटीएम के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी विनियामक दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है और कानून के अनुसार मामले को सुलझाने के लिए काम कर रही है।
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि कथित उल्लंघन उनकी सहायक कंपनियों के उन लेनदेन से जुड़े हैं जो पेटीएम द्वारा अधिग्रहित किए जाने से पहले हुए थे।
पेटीएम ने कहा कि वह कानूनी सलाह ले रहा है और उपलब्ध विनियामक चैनलों के माध्यम से उपयुक्त उपायों की खोज कर रहा है।
कंपनी ने इस बात पर जोर दिया कि कथित उल्लंघनों का एक हिस्सा लिटिल और नियरबाय में उसके निवेश से पहले के समय से संबंधित है।
इसके अतिरिक्त, पेटीएम ने आश्वासन दिया कि इस मुद्दे से उसके संचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
राष्ट्रीय समाचार
लखनऊ: होली और रमजान का दूसरा जुमा एक ही दिन, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने जारी की एडवाइजरी

लखनऊ, 6 मार्च। रमजान का पाक महीना चल रहा है। इस पाक महीने में जुमा और हिंदू समुदाय का प्रमुख त्योहार होली एक ही दिन पड़ रहे हैं। इस मौके पर लखनऊ स्थित मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल के सदर एवं शाही इमाम मौलाना खालिद रशीद ने आपसी सौहार्द और भाईचारे को बनाए रखने के लिए एडवाइजरी जारी की है।
शाही इमाम मौलाना खालिद रशीद ने कहा है कि यह रमजान का पवित्र महीना है। हर मुसलमान कोशिश करता है कि ये पूरा महीना इबादत में गुजारे। हर रोजेदार इस बात को यकीनी बनाता है कि उसकी जात से किसी को जरा भी परेशानी न हो। इस रमजान के महीने में 14 मार्च को होली का त्योहार है। हमारे हिंदू भाई होली मनाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि जुमे की नमाज और होली के त्योहार को देखते हुए इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया फरंगी महल लखनऊ ने एडवाइजरी जारी कर सभी मस्जिद कमेटियों से अपील की है कि जिन मस्जिदों में नमाज जुमा दोपहर 12.30 बजे से 1 बजे के दरमियान है, वहां पर एक घंटे का समय बढ़ा लिया जाए। जिससे नमाजियों को नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में आने में कोई परेशानी न हो और हमारे हिंदू भाइयों के त्योहार में भी कोई खलल न पड़े।
साथ ही कहा कि 14 मार्च को छुट्टी का दिन है। उस दिन सभी लोग नमाज जुमा अपने मोहल्ले की मस्जिदों ही में अदा करें, कहीं दूर दराज न जाएं। जामा मस्जिद ईदगाह लखनऊ में जहां दोपहर 12.45 बजे जुमे की नमाज होती है, वहीं नमाज का समय बढ़ाकर 2 बजे कर दिया गया है। हमें उम्मीद है कि सभी लोग इस बात पर अमल करेंगे।
राजनीति
दिल्ली बजट 2025-26 : व्यापारी संगठनों से मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने की मुलाकात, महत्वपूर्ण सुझाव मिले

नई दिल्ली, 6 मार्च। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बजट 2025-26 के लिए जनता से उनके सुझाव और अपेक्षाएं प्राप्त करने के उद्देश्य से एक कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में दिल्ली के विभिन्न व्यापारिक और औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
सीएम गुप्ता ने बताया कि आज उन्हें व्यापार जगत से जुड़े कई महत्वपूर्ण और कीमती सुझाव प्राप्त हुए हैं। हमें दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से आए व्यापारियों से उनके अनुभव और समस्याएं सुनने का अवसर मिला। इन सुझावों से यह समझने में मदद मिली कि पिछले कई सालों से व्यापारिक संगठनों को अफसरशाही और अव्यावहारिक नीतियों के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
सीएम ने कहा कि व्यापारियों ने जो समस्याएं बताई हैं, उनमें सीवरेज की दिक्कतें, गली-मोहल्लों की खराब स्थिति, नालियों का जाम होना और खड़ंजा नहीं बनने जैसी बुनियादी समस्याएं शामिल हैं। इसके साथ ही इंडस्ट्रियल एरिया में आवश्यक सुधार नहीं होने, छोटे-छोटे मार्केट कॉम्प्लेक्स और बड़े बाजारों में शौचालय की कमी जैसी समस्याएं भी सामने आईं।
मुख्यमंत्री ने व्यापारी संगठनों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा, “पूर्व सरकारों में केवल समस्याओं का प्रचार हुआ था, लेकिन हम कोशिश करेंगे कि इन समस्याओं का प्रभावी समाधान किया जाए और व्यापारियों की परेशानियों को दूर किया जाए।”
इससे पहले भी महिला संगठनों के साथ मुख्यमंत्री ने मुलाकात कर उनके सुझाव और समस्याओं को जाना था। मुख्यमंत्री लगातार इस तरह का आयोजन कर लोगों से मिल रही हैं।
यह बैठक दिल्ली के विकास में व्यापारियों और उद्योग जगत के सुझावों की अहमियत को दर्शाती है। सीएम गुप्ता ने इस बात का विश्वास दिलाया कि दिल्ली की उन्नति के लिए व्यापारियों के दर्द का उपचार किया जाएगा।
महाराष्ट्र
‘मराठी मुंबई की भाषा है’: आरएसएस नेता के ‘मराठी जानना जरूरी नहीं’ वाले बयान पर सीएम फडणवीस ने विधानसभा में कहा

मुंबई: आरएसएस नेता भैयाजी जोशी के मराठी भाषा पर दिए गए बयान ने महाराष्ट्र में नया विवाद खड़ा कर दिया है। मुंबई के घाटकोपर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए आरएसएस नेता ने कहा कि मुंबई में रहने के लिए मराठी भाषा का अच्छा ज्ञान होना जरूरी नहीं है।
मराठी भाषा पर भैयाजी जोशी की टिप्पणी ने राज्य के विपक्षी नेताओं को नाराज कर दिया है। यहां तक कि सत्तारूढ़ भाजपा को भी जोशी की टिप्पणी का समर्थन करना मुश्किल लग रहा है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने राज्य विधानसभा में आरएसएस नेता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और स्पष्ट किया कि “मराठी मुंबई, महाराष्ट्र और राज्य सरकार की भाषा है।”
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, “मराठी भाषा राज्य की संस्कृति और पहचान का हिस्सा है और इसे सीखना हर नागरिक का कर्तव्य होना चाहिए। मराठी भाषा का महाराष्ट्र में सम्मान और संरक्षण किया जाएगा और यह हमारी सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग है।”
घाटकोपर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए भैयाजी जोशी ने कहा, “मुंबई में एक भी भाषा नहीं है। मुंबई के हर हिस्से की एक अलग भाषा है। घाटकोपर इलाके की भाषा गुजराती है। इसलिए अगर आप मुंबई में रहते हैं, तो यह ज़रूरी नहीं है कि आपको मराठी सीखनी ही पड़े।”
दिलचस्प बात यह है कि जोशी के भाषण के दौरान भाजपा नेता और मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा मंच पर मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि एक प्रमुख नीतिगत निर्णय के तहत महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में आईसीएसई और सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में मराठी भाषा को अनिवार्य कर दिया है।
आरएसएस नेता के बयान की कांग्रेस और शिवसेना नेताओं ने आलोचना की।
ठाणे में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने सवाल किया कि क्या कोलकाता में बंगाली और चेन्नई में तमिल के बारे में यही बात कही जा सकती है।
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों और बेरोजगारी जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भाषा पर बहस छेड़ी जा रही है।
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