राष्ट्रीय समाचार
स्टारलिंक के साथ पार्टनरशिप से ग्लोबल कनेक्टिविटी के नए युग की होगी शुरुआत: सुनील मित्तल

नई दिल्ली, 12 मार्च। भारत में किफायती सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस उपलब्ध कराने के लिए एलन मस्क की स्पेसएक्स के साथ साझेदारी पर एयरटेल के संस्थापक और चेयरमैन, सुनील भारती मित्तल ने बुधवार को कहा कि इससे ग्राहकों के लिए ग्लोबल कनेक्टिविटी का एक नया युग शुरू हो रहा है।
मित्तल ने कहा कि जल्द ग्राहकों को उनके मोबाइल में दुनिया के सबसे दूरस्थ स्थानों से लेकर आकाश और नीले समुद्र में भी कनेक्टिविटी मिलेगी।
बार्सिलोना में हाल ही में संपन्न ‘मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस 2025’ में अपने उद्घाटन भाषण में मित्तल ने दूरसंचार और उपग्रह कंपनियों से एक साथ मिलकर काम करने और अपनी क्षमता को संयोजित करने और समुद्र एवं आकाश के साथ-साथ दूर क्षेत्रों को भी जोड़ने के मिशन को पूरा करने की अपील की।
उन्होंने आगे कहा, “मुझे खुशी है कि इसके बाद उपग्रह कंपनियों और दूरसंचार ऑपरेटरों के बीच साझेदारी की सक्रिय घोषणाएं की जा रही हैं।”
एयरटेल ने भारत में अपने ग्राहकों तक स्टारलिंक की हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं पहुंचाने के लिए मस्क की स्पेसएक्स के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह भारत में साइन होने वाला पहला समझौता है, जो देश में स्टारलिंक को बेचने के लिए स्पेसएक्स को अनुमति प्राप्त करने के अधीन है।
मित्तल के अनुसार, उन्होंने 2017 में मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस में अपने मुख्य भाषण में ऑपरेटरों से रोमिंग शुल्क में कटौती करने के लिए इसी तरह की अपील की थी।
मित्तल ने आगे कहा कि इंडस्ट्री ने उनकी बात सुनी और आज पूरी दुनिया में रोमिंग शुल्क काफी किफायती हो गए हैं। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि वैश्विक स्तर पर उपग्रह और दूरसंचार उद्योग अपनी क्षमता को संयोजित करने के मेरे आह्वान पर प्रतिक्रिया देंगे।
मित्तल ने कहा, “भविष्य में 4जी, 5जी और 6जी की तरह, अब हमारे पास एक और तकनीक यानी सैट-जी होगी।”
कंपनी ने अपने बयान में कहा कि एयरटेल और स्पेसएक्स साथ मिलकर काम करेंगे कि कैसे स्टारलिंक एयरटेल के नेटवर्क को बढ़ा सकता है। साथ ही इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि कैसे स्पेसएक्स एयरटेल के ग्राउंड नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर से फायदा उठा सकता है।
राष्ट्रीय समाचार
हिरासत में मौत के मामले में संजीव भट्ट को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

नई दिल्ली, 29 अप्रैल। गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने 1990 के हिरासत में मौत के मामले को लेकर संजीव भट्ट की ओर से दाखिल की गई जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ दाखिल संजीव भट्ट की अपील पर सुनवाई में तेजी लाने पर सहमति जताई।
जानकारी के अनुसार, पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने 1990 के एक हिरासत में मौत के मामले में अपनी उम्रकैद की सजा पर रोक लगाने और जमानत देने की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने मंगलवार को कहा, “संजीव भट्ट की जमानत की मांग को खारिज किया जाता है। इससे अपील की सुनवाई पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। अपील की सुनवाई जल्दी की जाएगी।”
बता दें कि 1990 के हिरासत में मौत के मामले में संजीव भट्ट को दोषी ठहराया गया था। वह जुलाई 2019 से आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
इससे पहले, पिछले साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट पर 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने कहा था, “जुर्माने की रकम गुजरात उच्च न्यायालय अधिवक्ता कल्याण कोष में जमा की जाएगी।”
याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति नाथ ने पूछा था, “आप कितनी बार सुप्रीम कोर्ट गए हैं? कम से कम एक दर्जन बार?”
इसके अलावा, भट्ट पर संपत्ति विवाद के कारण एक वकील को परेशान करने के लिए झूठा मामला दर्ज कराने का भी आरोप है। यह मामला 1996 का है, जब बनासकांठा पुलिस ने राजस्थान के पालनपुर में एक वकील के होटल के कमरे से ड्रग्स जब्त किया था। उस समय भट्ट बनासकांठा में पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत थे और उन्हें सितंबर 2018 में मामले में गिरफ्तार किया गया था।
राजनीति
21वीं सदी की जरूरतों के अनुसार आधुनिक बनाई जा रही देश की शिक्षा प्रणाली : पीएम मोदी

नई दिल्ली, 29 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में आयोजित ‘युग्म कॉन्क्लेव’ में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी पर निर्भर होता है, इसलिए ये जरूरी है कि हम अपने युवाओं के भविष्य के लिए और उनको भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए तैयार करें।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि आज यहां सरकार, एकेडमी, साइंस और रिसर्च से जुड़े भिन्न-भिन्न क्षेत्र के लोग इतनी बड़ी संख्या में उपस्थित हैं। इस एकजुटता को ही युग्म कहते हैं। एक ऐसा युग्म जिसमें विकसित भारत के फ्यूचर टेक से जुड़े स्टेकहोल्डर्स एक साथ जुड़े हैं, एक साथ जुटे हैं। मुझे विश्वास है, हम जो भारत की इनोवेशन कैपेसिटी और डीप टेक में भारत की भूमिका को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं, उसे इस आयोजन से बल मिलेगा।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि किसी भी देश का भविष्य उसके युवाओं पर निर्भर करता है, इसलिए उन्हें भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए तैयार करना बहुत जरूरी है। इसमें शिक्षा की अहम भूमिका है। इसलिए हम 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बना रहे हैं। नई शिक्षा नीति इस बदलाव को आगे बढ़ा रही है। देश में नई नई शिक्षा नीति लाई गई है। इसे शिक्षा के वैश्विक मानक को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। नई शिक्षा नीति आने के बाद हम भारतीय एजुकेशन सिस्टम में बड़ा बदलाव भी देख रहे हैं। कक्षा 1 से 7 तक के लिए नई पाठ्यपुस्तकें तैयार हो चुकी हैं। पीएम ई-विद्या और दीक्षा प्लेटफॉर्म जैसी पहल पूरे देश में एकीकृत शिक्षा प्रणाली का निर्माण कर रही हैं। इस परिवर्तन का समर्थन करने के लिए एआई द्वारा संचालित एक मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा बनाया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि किसी भी देश का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी पर निर्भर होता है, इसलिए ये जरूरी है कि हम अपने युवाओं के भविष्य के लिए और उनको भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए तैयार करें। इसमें बड़ी भूमिका देश के एजुकेशन सिस्टम की भी होती है, इसलिए हम देश के एजुकेशन सिस्टम को 21वीं सदी की जरूरतों के मुताबिक आधुनिक बना रहे हैं। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और इसे आगे बढ़ाने के लिए, भारत के अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है। हमने इस दिशा में लगातार काम किया है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि दीक्षा मंच के तहत वन नेशन, वन डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया है। ये इंफ्रास्ट्रक्चर एआई आधारित है। इसका उपयोग कई देशों में पाठ्यपुस्तकें तैयार करने में किया जा रहा है। वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन ने युवाओं को ये भरोसा दिया है कि सरकार उनकी जरूरतों को समझती है। आज इस योजना की वजह से उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों तक विश्व स्तरीय शोध पत्रिकाओं तक पहुंचना आसान हो गया है। भारत के विश्वविद्यालय परिसर आज नए गतिशील केंद्र बन रहे हैं। ऐसे केंद्र, जहां युवा शक्ति सफलता के नवाचारों को बढ़ावा दे रही है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि भारतीय युवाओं को किसी भी तरह की बाधा का सामना न करना पड़े, प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप की स्थापना की गई है। हमने विकसित भारत के लक्ष्य के लिए अगले 25 वर्षों की समयसीमा तय की है। हमारे पास समय सीमित है, लक्ष्य बड़े हैं।
राजनीति
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, पहलगाम हमले को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग

जयपुर, 29 अप्रैल। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद के दोनों सदनों का जल्द से जल्द विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। यह मांग जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद देश में एकता और एकजुटता प्रदर्शित करने के उद्देश्य से की गई है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने पत्र में इस हमले को क्रूर और निर्दोष नागरिकों के खिलाफ बताया, जिसने देश को झकझोर दिया है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्र में लिखा, “ऐसे समय में जब एकता और एकजुटता की सबसे अधिक आवश्यकता है, विपक्ष का मानना है कि संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र तत्काल बुलाना महत्वपूर्ण है। यह सत्र 22 अप्रैल को पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए क्रूर आतंकवादी हमले से निपटने के लिए हमारे सामूहिक संकल्प और इच्छाशक्ति का शक्तिशाली प्रदर्शन होगा। हमें पूर्ण विश्वास है कि आप इस मांग पर विचार करेंगे और सत्र को तदनुसार बुलाएंगे।”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह सत्र देश को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का संदेश देगा और सरकार की जवाबदेही को मजबूत करेगा।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश भर में आक्रोश देखने को मिल रहा है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और केंद्र सरकार से आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने की मांग की है।
इससे पहले खड़गे ने आतंकी हमले के बाद बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी की अनुपस्थिति पर सोमवार को कहा था कि प्रधानमंत्री से अपेक्षा थी कि दिल्ली में बैठक करते और हमें जानकारी देते कि सरकार की योजना क्या है और दूसरे राजनीतिक दलों से क्या मदद चाहते हैं? लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। जब हमारे राष्ट्रीय गौरव पर हमला होता है तो सभी का कर्तव्य बनता है कि वे एकजुट रहें। इस मुश्किल समय में हमने सरकार से कहा कि हम एक साथ खड़े हैं और जो भी कार्रवाई की जाएगी, उसमें सहयोग करेंगे। देश सर्वोपरि है, उसके बाद पार्टियां और धर्म आते हैं, देश के लिए सभी को एकजुट होना चाहिए।
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