अंतरराष्ट्रीय समाचार
पाकिस्तान : मस्जिद में गाने की शूटिग, गायक व अभिनेत्री पर मामला दर्ज

पाकिस्तानी गायक बिलाल सईद और अभिनेत्री सबा कमर एक मस्जिद में गाने के वीडियो की शूटिंग के बाद विवादों में आ गए हैं। लाहौर में वजीर खान मस्जिद में बिलाल के गीत ‘कुबूल’ के संगीत वीडियो की शूटिंग पर नाराजगी भरी प्रतिक्रियाएं आई हैं और दोनों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
वीडियो में दोनों मस्जिद में निकाह के सीक्वेंस को शूट करते हुए दिखाई दे रहे हैं। कई लोग इससे भड़क गए हैं, जिनका मानना है कि मस्जिद में एक गीत को फिल्माने से मुसलमानों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।
अधिवक्ता फरहत मंजूर ने लाहौर के अकबरी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसने बाद में बिलाल सईद और सबा कमर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
पुलिस रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद में संगीत वीडियो को फिल्माने से जनता की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसमें गायक और अभिनेत्री के साथ-साथ मस्जिद प्रशासन के खिलाफ तत्काल और कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।
मंजूर ने इसी मामले में लाहौर सत्र न्यायालय में एक याचिका भी दायर की है।
वीडियो के जारी होने के बाद से सोशल मीडिया पर सईद और कमर की व्यापक रूप से आलोचना हो रही है और उन्हें अपशब्द भी कहे जा रहे हैं।
सईद ने एक वीडियो बयान जारी कर जनता से माफी मांगी और सभी से इस कृत्य को एक गलती मानने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा, “हमें एहसास है कि पिछले कुछ दिनों में जो कुछ हुआ है, उसने आपकी भावनाओं को गहराई से चोट पहुंचाई है। हम मुस्लिम हैं और सभ्य इंसान व कलाकार के रूप में हम कभी भी इस्लाम या किसी अन्य धर्म, जाति, रंग, पंथ के प्रति अनादर या तिरस्कार नहीं कर सकते। अगर हमने अनजाने में किसी की भावना को ठेस पहुंचाई है, तो हम आप सभी से पूरे दिल से माफी मांगते हैं।”
उन्होंने कहा कि ‘बहुत से लोगों को लग रहा है कि हमने वजीर खान मस्जिद में डांस की शूटिंग की है जोकि सही नहीं है। हमने वहां निकाह के सीन शूट किए हैं। मैं एक मुसलमान हूं। ऐसा करने के बारे में सोच भी नहीं सकता। मैं अल्लाह का नाम लेकर कह रहा हूं मस्जिद में हमने कोई गाना नहीं बजाया, न डांस किया।’
धार्मिक मामलों की पढ़ाई करने वाले छात्रों के संगठनों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। यह बड़ी संख्या में वजीर खान मस्जिद में एकत्रित हुए और अधिकारियों से मांग की कि ‘इस्लाम और इसकी पवित्र मस्जिदों का उपहास करने के लिए जानबूझकर किए गए प्रयास के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।’
धार्मिक व राजनीतिक दल जमात-ए-इस्लामी के छात्रों के संगठन जमीयत तलबा इस्लाम के एक सदस्य ने कहा, ” इस गायक और अभिनेत्री ने मस्जिद में नाचने की कोशिश करने की हिम्मत भी कैसे की जहां हम मुस्लिम प्रार्थना करते हैं? और मस्जिद का प्रबंधन इसे कैसे होने दे सकता है? हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं और मांग करते हैं कि मस्जिद प्रबंधन, गायक और अभिनेत्री को इसके लिए जवाबदेह बनाया जाए और दंडित किया जाए।”
दूसरी ओर, कुछ सेलेब्रिटी ने इन दोनों के समर्थन में आवाज उठाना शुरू कर दिया है। उन्होंने सभी सेलेब्रिटी से इस घटना के संबंध में उनके समर्थन में आगे आने का आग्रह किया है।
अनुभवी थिएटर अभिनेत्री सकीना सामो ने सबा कमर को अपना पूरा समर्थन देते हुए इस मामले को पूरी तरह से गलत बताया है।
सामो ने इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा, “सबा के साथ एकजुटता में, बड़े दुख के साथ मैं कहती हूं कि यह सरासर गलत है। वह एक अच्छी कलाकार हैं और एक दयालु इंसान हैं। वह किसी का भी बुरा नहीं करती हैं। वह अपनी दुनिया में खुश हैं। मुझे लगता है कि यह उनके लिए पूरी तरह से अनुचित है और उनकी प्रतिभा का अपमान है।”
उन्होंने कहा, “चीजों को बहुत बढ़ा चढ़ा दिया गया है। मेरा मानना है कि सबा के अच्छे इरादे हैं, इसलिए मैं उनके साथ हूं। अभिनेता समुदाय को उनके साथ खड़ा होना चाहिए। अगर हम आज नहीं करते हैं, तो कल किसी और की भी बारी हो सकती है। इसलिए मेरे साथी कलाकार सावधान रहें।”
इस बीच, लाहौर की सत्र अदालत ने विवादास्पद वीडियो मामले में बिलाल और सबा को अंतरिम जमानत दे दी है।
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वियतनाम में बुआलोई तूफान ने 51 लोगों की ली जान, 14 लोग अब भी लापता; 608 मिलियन यूएसडी नुकसान का अनुमान

हनोई, 2 अक्टूबर : वियतनाम में तूफान बुआलोई और उसके बाद आई बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार बुआलोई तूफान की चपेट में आने से मौत का आंकड़ा 51 तक पहुंच गया। 14 लोगों का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है, जबकि 164 लोग घायल हुए।
वियतनाम आपदा एवं डाइक प्रबंधन प्राधिकरण ने शुक्रवार को आपदा से जुड़ी एक रिपोर्ट साझा की। इसके अनुसार तूफान बुआलोई और उसके बाद आई बाढ़ और भूस्खलन से उत्तरी और मध्य वियतनाम में 51 लोगों की मौत हो गई, 14 अन्य लापता हो गए और 164 लोग घायल हो गए। शुरुआती आर्थिक क्षति का अनुमान लगभग 15.9 ट्रिलियन वियतनामी डोंग (लगभग 608 मिलियन अमेरिकी डॉलर) लगाया जा रहा है।
इस तूफान में 238,000 से अधिक घर क्षतिग्रस्त या जलमग्न हो गए, लगभग 89,000 हेक्टेयर चावल और अन्य फसलें बर्बाद हो गई। इसके अलावा, 17,000 हेक्टेयर से अधिक जलीय कृषि और लगभग 50,300 हेक्टेयर जंगलों को नुकसान पहुंचा है।
रिपोर्ट के अनुसार, तूफान ने बुनियादी ढांचे को भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया, 8,800 से अधिक बिजली के खंभे गिर गए और लगभग 468,500 घरों में अभी भी बिजली नहीं है। इसके साथ ही लगभग।
स्थानीय अधिकारी राहत कार्य जारी रखे हुए हैं, क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को साफ करने, सभी आवश्यक सेवाओं को बहाल करने और प्रभावित समुदायों की सहायता के लिए उपकरण जुटा रहे हैं।
इस बीच, वियतनाम न्यूज एजेंसी ने शुक्रवार को बताया कि प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह ने गुरुवार को आपातकालीन राहत के लिए 15 प्रभावित इलाकों के लिए सहायता पैकेज को मंजूरी दी। इससे पहले, उन्होंने 30 सितंबर को स्थानीय अधिकारियों और विभागों को प्रभावित निवासियों की सहायता और प्रभावितों को तत्काल मदद पहुंचाने का निर्देश दिया था।
प्रधानमंत्री ने शोक संतप्त परिवारों, पार्टी संगठनों, प्रशासन और आपदाओं से हुए नुकसान और कठिनाइयों को झेल रहे निवासियों के प्रति अपनी गहरी संवेदना जताई। उन्होंने जन समितियों के अध्यक्षों को आदेश दिया कि वे जल्द से जल्द अलग-थलग पड़े इलाकों में पहुंचने के लिए सेना और वाहन जुटाएं। क्षतिग्रस्त घरों की मरम्मत करवाएं और प्रभावित निवासियों के लिए आश्रयों की व्यवस्था करें। इसके साथ ही उन्होंने 5 अक्टूबर से पहले क्षतिग्रस्त शैक्षणिक और चिकित्सा सुविधाओं की मरम्मत कराने का निर्देश भी दिया है।
वियतनाम के कई हिस्सों में 300 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई है। उत्तरी मध्य वियतनाम के कई गांव जलमग्न हो गए थे और यातायात व बिजली गुल थी।
बुआलोई एक हफ्ते में एशिया के लिए खतरा बनने वाला दूसरा बड़ा तूफान था। पिछले कई वर्षों में आए सबसे शक्तिशाली तूफानों में से एक, रागासा तूफान ने उत्तरी फिलीपींस और ताइवान में कम से कम 28 लोगों की जान ले ली। इससे पहले कि यह चीन में पहुंचा और वियतनाम में फैल गया।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
वियतनाम में ‘बुआलोई’ से 3 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान, 34 लोगों ने गंवाई जान

हनोई, 2 अक्टूबर : वियतनाम में तूफान बुआलोई और उसके बाद आई बाढ़ और भूस्खलन में 34 लोगों की मौत हो गई, जबकि 140 लोग घायल हो गए। इस प्राकृतिक आपदा में 20 लोग लापता हो गए। करीब 8.78 ट्रिलियन वियतनामी डोंग (करीब 3,156 करोड़ रुपए) का आर्थिक नुकसान का अनुमान लगाया गया है।
सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक तूफान से बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा। 8,200 से ज्यादा बिजली के खंभे गिर गए और लगभग 27 लाख घरों की बिजली गुल हो गई, जबकि बाढ़ और भूस्खलन के कारण 3,000 से ज्यादा सड़कें ब्लॉक हो गईं।
स्थानीय अधिकारी बिजली और दूरसंचार बहाल करने और प्रभावित निवासियों की सहायता के लिए नुकसान की रिपोर्ट बना रहे हैं।
इससे पहले, 30 सितंबर को, वियतनामी प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह ने स्थानीय अधिकारियों और विभागों को प्रभावित निवासियों की सहायता और प्रभावितों को तत्काल मदद पहुंचाने का निर्देश दिया था।
प्रधानमंत्रीने शोक संतप्त परिवारों, पार्टी संगठनों, प्रशासन और आपदाओं से हुए नुकसान और कठिनाइयों को झेल रहे निवासियों के प्रति अपनी गहरी संवेदना और सहानुभूति भी व्यक्त की।
उन्होंने जन समितियों के अध्यक्षों को आदेश दिया कि वे जल्द से जल्द अलग-थलग पड़े इलाकों में पहुंचने के लिए सेना और वाहन जुटाएं। क्षतिग्रस्त घरों की मरम्मत करवाएं और प्रभावित निवासियों के लिए आश्रयों की व्यवस्था करें। उन्होंने 5 अक्टूबर से पहले क्षतिग्रस्त शैक्षणिक और चिकित्सा सुविधाओं की मरम्मत कराने को कहा है।
वियतनाम के कई हिस्सों में 300 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई है। उत्तरी मध्य वियतनाम के कई गांव जलमग्न हो गए थे और यातायात व बिजली गुल थी।
बुआलोई एक हफ्ते में एशिया के लिए खतरा बनने वाला दूसरा बड़ा तूफान था। पिछले कई वर्षों में आए सबसे शक्तिशाली तूफानों में से एक, रागासा तूफान ने उत्तरी फिलीपींस और ताइवान में कम से कम 28 लोगों की जान ले ली। इससे पहले कि यह चीन में पहुंचा और वियतनाम में फैल गया।
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विश्व व्यापार को मिल रही चुनौतियों का मुकाबला करे ब्रिक्स : एस. जयशंकर

संयुक्त राष्ट्र, 27 सितंबर। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि ब्रिक्स देशों को वैश्विक व्यापार व्यवस्था पर हो रहे दबाव और चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।
उन्होंने कहा कि बढ़ते संरक्षणवाद, ऊंचे-नीचे शुल्क और गैर-शुल्क बाधाएं व्यापार को प्रभावित कर रही हैं, ऐसे में ब्रिक्स को बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने यह बात शुक्रवार को ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में कही।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही धमकी दी थी कि ब्रिक्स देशों पर अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने अन्य आधारों पर भारत और ब्राजील पर कुल 50 प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका से होने वाले अधिकांश आयातों पर 30 प्रतिशत टैरिफ लगाया है।
हालांकि जयशंकर ने अपने बयान में अमेरिका का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया।
बैठक में भाग लेने वाले इथियोपिया के विदेश राज्य मंत्री हदेरा अबेरा अदमासु ने भी संयुक्त कार्रवाई का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स को शांति स्थापित करने, वैश्विक संस्थाओं में सुधार लाने और विकासशील देशों के लिए न्यायपूर्ण व सुरक्षित माहौल बनाने में अहम भूमिका निभानी चाहिए।
जयशंकर ने यह भी कहा कि जब बहुपक्षीय व्यवस्था दबाव में है, तब ब्रिक्स ने हमेशा विवेकपूर्ण और सकारात्मक बदलाव की आवाज उठाई है।
उन्होंने आईबीएसए (भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका का समूह) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी हिस्सा लिया। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत पर जोर दिया गया। साथ ही आईबीएसए के शैक्षणिक मंच, समुद्री अभ्यास, ट्रस्ट फंड और आपसी व्यापार पर चर्चा हुई।
ब्रिक्स मंत्रियों की बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर भी चर्चा हुई। जयशंकर ने मंत्रियों से कहा, “व्यापार प्रणाली से परे, ब्रिक्स को संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख अंगों, विशेष रूप से सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार के लिए भी जोरदार प्रयास करना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “एक अशांत विश्व में, ब्रिक्स को शांति स्थापना, संवाद, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन के संदेश को सुदृढ़ करना चाहिए।”
ब्रिक्स एक संगठन है जिसका नाम इसके पहले पांच सदस्य देशों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के शुरुआती अक्षरों से बना है। अब इसमें कुल दस उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। इन देशों का मकसद आर्थिक और सामाजिक विकास के मुद्दों पर मिलकर काम करना है।
अगले साल भारत ब्राज़ील की जगह ब्रिक्स का अध्यक्ष बनेगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत की प्राथमिकता खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास होगी। इसके लिए डिजिटल बदलाव, स्टार्टअप्स, नवाचार और मजबूत विकास साझेदारी पर ज़ोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी और नवाचार ब्रिक्स सहयोग के अगले चरण को परिभाषित करेंगे।
दूसरी ओर, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि ब्रिक्स अपनी अलग मुद्रा बनाकर अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डॉलर को चुनौती देना चाहता है। हालांकि भारत ने साफ कर दिया कि ब्रिक्स की कोई नई मुद्रा लाने की योजना नहीं है।
ब्रिक्स का एक अहम कार्यक्रम न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) है। यह बैंक विकासशील देशों को कम ब्याज पर कर्ज देता है।
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