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पाकिस्तान के मंत्री ने कहा, फेसबुक भारत के लिए करता है पक्षपात

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Aminul-Haque

पाकिस्तान के संघीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार मंत्री अमीनुल हक ने फेसबुक की नीतियों पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा है कि वो पाकिस्तान की तुलना में भारतीय सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं (यूजर्स) के लिए पक्षपात करता है।

मंत्री ने द वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजे) की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि फेसबुक इंक की सामग्री विनियम नीतियों ने कथित तौर पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी का पक्ष लिया है। रिपोर्ट का हवाला देते हुए हक ने आग्रह किया कि सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी को व्यावहारिक कदम उठाने चाहिए। उन्होंने साथ ही यह दावा भी किया कि यह अब अपने उपयोगकतार्ओं के प्रति निष्पक्ष नहीं है।

डब्ल्यूएसजे की रिपोर्ट के बाद भारत में काफी विवाद देखने को मिला है। विपक्षी पार्टियां फेसबुक की ओर से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को फायदा मिलने का आरोप लगा रही हैं और इस मामले की जांच की मांग कर रहीं हैं। इस वजह से भारत में फेसबुक का जनसंपर्क (पब्लिक रिलेशन) और राजनीतिक ²ष्टिकोण (पॉलिटिकल अप्रोच) संकट में है।

गौरतलब है कि अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भाजपा के एक विधायक के भड़काऊ भाषण (हेट स्पीच) वाले पोस्ट पर कार्रवाई करने से फेसबुक की भारत में अधिकारी अंखी दास ने अपनी टीम को रोका था। उन्होंने भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई से कारोबार को नुकसान होने की बात कही थी।

मंत्री हक ने कहा, कंपनी ने भाजपा नेताओं और कार्यकतार्ओं द्वारा साझा किए गए हेट स्पीच और सांप्रदायिक सामग्री को लगातार नजरअंदाज कर दिया था।

उन्होंने कहा, फेसबुक भाजपा और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के लिए नरमी बरतता (सॉफ्ट कॉर्नर) है।

मंत्री ने कश्मीर राग अलापते हुए कहा कि दुनिया भर के उपयोगकतार्ओं द्वारा डाले गए पोस्ट जम्मू एवं कश्मीर की स्वायत्त स्थिति को रद्द करने के भारत सरकार के कदम की निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल पांच अगस्त को इस क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया था, जिसकी निंदा सोशल मीडिया के माध्यम से की गई।

उन्होंने कहा, कंपनी ने ऐसे पोस्ट साझा (शेयर) करने वाले अकाउंट्स को भी बंद कर दिया।

हक ने फेसबुक की आलोचना करते हुए कहा कि यह कश्मीरियों पर कथित भारतीय अत्याचारों को सार्वजनिक करने के बारे में सभी नियम-कायदों को मानता है, लेकिन जब क्षेत्रीय कार्यालयों में भारी निवेश और कर्मचारियों के भारतीय होने की बात आती है, तो वित्तीय लाभ के कारण फेसबुक प्रशासन सभी नैतिक मूल्यों और कोड को अपनाने की अनदेखी करता है।

मंत्री ने कहा कि फिलिस्तीन के इजरायल दमन से संबंधित पोस्ट पर भी फेसबुक ने इसी तरह की नीति अपनाई है।

मामले पर फेसबुक द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण पर टिप्पणी करते हुए, हक ने जोर दिया कि मामले को स्पष्ट करने के लिए कंपनी को व्यावहारिक कदम उठाने की जरूरत है। मंत्री ने यह सवाल भी उठाया कि भारत और पाकिस्तान में सोशल मीडिया दिग्गज की अलग और पक्षपाती नीतियां क्यों हैं।

डब्ल्यूएसजे की रिपोर्ट ने भारत में व्यापक बहस छेड़ दी है, जिससे फेसबुक की सामग्री विनियमन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

इस मामले पर फेसबुक ने स्पष्ट किया है कि वह किसी की राजनीतिक स्थिति के बावजूद हेट स्पीच को बढ़ावा न देते हुए इसे प्रतिबंधित करता है।

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संयुक्त राष्ट्र ने दिया दिव्यांग लोगों के प्रति सोच बदलने पर जोर

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संयुक्त राष्ट्र, 4 दिसंबर: संयुक्त राष्ट्र के एक वैश्विक प्रतिनिधि ने दिव्यांग लोगों को सशक्त बनाने के लिए सोच बदलने की जरूरत पर जोर दिया।

न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में बुधवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाइल्स ड्यूली ने कहा कि तीन साल तक दिव्यांग व्यक्तियों के यूएन ग्लोबल एडवोकेट के तौर पर उनके अधिकारों की वकालत करने के बाद भी उन्हें लगता है कि वे उनकी आवाज दुनिया तक नहीं पहुंचा पाए। यह उनके कार्यकाल का अंतिम दिन था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेशनल डे ऑफ़ पर्सन्स विद डिसेबिलिटीज पर उन्होंने कहा कि दिव्यांग लोगों के प्रति सोच की वजह से सिस्टम फेल हो रहा है। दिव्यांगों को आज भी बोझ की तरह देखा जाता है, जो एक बड़ी समस्या है।

डूली, जिन्होंने अफगानिस्तान में तीन अंग खो दिए थे, बोले कि दिव्यांगता को “प्रेरणा की कहानी” बनाकर पेश करना गलत है।

अफगानिस्तान में अपने तीन हाथ-पैर खोने वाले ड्यूली ने कहा, “जब भी मुझे संयुक्त राष्ट्र या किसी संस्था में बोलने बुलाया जाता है, लोग कहते हैं कि एक प्रेरक भाषण दीजिए। लेकिन मेरा काम लोगों को प्रेरित करना नहीं है। मेरा काम सच्चाई बताना है और सच्चाई यह है कि दिव्यांग लोगों के हालात जमीन पर आज भी नहीं बदले। मुश्किलों में हमेशा वही लोग पीछे छूट जाते हैं जो पहले से समाज में हाशिये पर हैं।”

उन्होंने कहा कि खिलाड़ी या पर्वतारोहियों की प्रेरक कहानियाँ अच्छी लगती हैं, पर वे ज्यादा लोगों की हकीकत नहीं हैं। वास्तविकता यह है कि ऐसे लोग तभी आगे बढ़ पाते हैं जब उनके सामने की रुकावटें हटाई जाती हैं।

डूली ने कहा कि हमें दिव्यांगों को न तो दया का पात्र समझना चाहिए और न ही उन्हें प्रेरणा के तौर पर भी देखना चाहिए।

उन्होंने कहा, “हमें सिर्फ यह समझना है कि समाज ने ही उनके रास्ते में बाधाएं खड़ी की हैं। हमारा काम है इन बाधाओं को हटाना और उन्हें खुद को सशक्त करने का मौका देना।”

इंटरनेशनल डे के लिए एक मैसेज में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने संदेश दिया कि दिव्यांग व्यक्तियों को समाज में पूरी तरह शामिल करना बहुत ज़रूरी है।

उन्होंने कहा, “दिव्यांग लोग समाज में बदलाव ला रहे हैं, इनोवेशन को लीड कर रहे हैं, नीतियों को प्रभावित कर रहे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। परंतु ज्यादातर समय उन्हें फैसले लेने की जगह पर शामिल ही नहीं किया जाता। दिव्यांग व्यक्तियों को शामिल किए बिना स्थायी विकास संभव नहीं।”

गुटेरेस ने बताया कि आज भी भेदभाव, गरीबी और असुलभ सेवाएं जैसी कई रुकावटें दुनिया के एक अरब से ज्यादा दिव्यांग लोगों की भागीदारी रोकती हैं।

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अंतरराष्ट्रीय समाचार

वेनेजुएला में ड्रग तस्करों पर जमीन से हमला करेगा अमेरिका, ट्रंप के फैसले पर उठे सवाल

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वॉशिंगटन, 3 दिसंबर: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला पर जल्द ही हमला करने के संकेत दे दिए हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस कैबिनेट मीटिंग में कहा कि उनकी सरकार बहुत जल्द ड्रग तस्करों को टारगेट करते हुए जमीन पर हमले शुरू करेगी।

ट्रंप ने मंगलवार को मीटिंग में कहा, “हम जमीन पर ये हमले शुरू करने जा रहे हैं। जमीनी हमला बहुत आसान है और हम जानते हैं कि ड्रग तस्कर कौन से रास्ते अपनाते हैं।”

राष्ट्रपति ट्रंप ने गुरुवार रात अमेरिकी सैनिकों को दिए अपने थैंक्स गिविंग स्पीच में, एयर फोर्स के 7वें बॉम्ब विंग को वेनेज़ुएला के ड्रग तस्करों को रोकने के लिए उनके कामों की सराहना की। बता दें, बॉम्ब विंग अमेरिकी वायु सेना की एक सैन्य इकाई है, जो बम बरसाने वाले विमानों का संचालन करती है।

अपने भाषण के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने ऐलान किया, “समुद्र के रास्ते लगभग 85 फीसदी तस्करी रोक दी गई है और हम उन्हें जमीन के रास्ते रोकना शुरू करेंगे।”

इससे पहले गुरुवार रात राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी सैनिकों को दिए अपने थैंक्सगिविंग स्पीच में वेनेजुएला के ड्रग तस्करों को रोकने के लिए एयर फोर्स के सातवें बॉम्ब विंग के कामों की सराहना की थी। बॉम्ब विंग अमेरिकी वायु सेना की एक सैन्य इकाई है, जो बम बरसाने वाले विमानों का संचालन करती है।

अपने भाषण के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने ऐलान किया, “समुद्र के रास्ते लगभग 85 फीसदी तस्करी रोक दी गई है और हम उन्हें जमीन के रास्ते रोकना शुरू करेंगे।”

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2 सितंबर से पेंटागन ने कैरिबियन और पूर्वी प्रशांत महासागर में ड्रग तस्करी से जुड़े जहाजों पर कम से कम 21 ज्ञात हमले किए हैं। इन हमलों में जहाज पर सवार कम से कम 83 लोग मारे गए।

पिछले कुछ महीनों में वॉशिंगटन ने यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड समेत करीब एक दर्जन वॉरशिप और करीब 15,000 सैनिकों को कैरेबियन सागर में तैनात किया गया है। यूएसएस गेराल्ड आर फोर्ड एक बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर है।

इसकी कोस्टलाइन का एक बड़ा हिस्सा वेनेजुएला से मिलता है। इस इलाके में कम से कम बीते तीन दशकों से इतनी भारी संख्या में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी नहीं देखी गई।

कई अमेरिकी सांसदों और आलोचकों ने सवाल उठाया है कि क्या सच में काउंटर नारकोटिक्स ही अमेरिका का एकमात्र मकसद है? इसके साथ ही अमेरिकी सांसदों ने यह भी पूछा कि क्या कैरेबियन सागर में अमेरिकी सैन्य हमले कानूनी हैं?

इससे पहले वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने ड्रग्स के धंधे से किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया था। राष्ट्रपति मादुरो ने ट्रंप पर उनके देश में सरकार बदलने के मकसद से युद्ध की साजिश रचने का आरोप लगाया है।

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अंतरराष्ट्रीय समाचार

संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख ने प्रशासनिक ढांचा बदलने का दिया प्रस्ताव, खर्चों में बड़ी कटौती का लक्ष्य

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संयुक्त राष्ट्र, 2 दिसंबर: संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कामकाज को अधिक कुशल और कम खर्चीला बनाने के लिए एक बड़े प्रशासनिक सुधार की घोषणा की है। उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि संयुक्त राष्ट्र सचिवालय की विभिन्न इकाइयों को अलग-अलग तरीके से मिलने वाली प्रशासनिक सेवाओं को अब एक कॉमन एडमिनिस्ट्रेटिव प्लेटफॉर्म के तहत जोड़ा जाए। इससे काम की गति बढ़ेगी और खर्चों में भारी कटौती होगी।

गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की पांचवीं समिति को बताया कि इसे न्यूयॉर्क और बैंकॉक स्टेशनों से शुरू किया जाएगा। उन्होंने 2026 के लिए प्रस्तावित प्रोग्राम बजट और 2025/26 की अवधि के लिए पीसकीपिंग ऑपरेशन के सपोर्ट अकाउंट से जुड़ी एक रिवाइज्ड एस्टिमेट रिपोर्ट पेश की

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि अभी अलग-अलग इकाइयां एक जैसा काम करती हैं, जिससे समय और धन दोनों की अधिक खपत होती है। ये नया मॉडल हमारी दक्षता को काफी बढ़ाएगा।

यूएन प्रमुख ने पूरे यूएन सिस्टम की पेरोल प्रोसेसिंग को एक ग्लोबल टीम के तहत लाने का एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह टीम तीन प्रमुख केंद्रों से काम करेगी, जिनमें यूएन मुख्यालय (न्यूयॉर्क), रीजनल सर्विस सेंटर, एंटेब्बे (युगांडा) यूएन ऑफिस, नैरोबी (केन्या) शामिल हैं। इससे प्रक्रिया सरल होगी और खर्च भी कम होगा।

उन्होंने पेरोल प्रोसेसिंग को एक सिंगल ग्लोबल टीम में कंसॉलिडेट करने का भी प्रस्ताव रखा, जो तीन सेंटर्स — UN हेडक्वार्टर, एंटेबे में रीजनल सर्विस सेंटर और नैरोबी में यूनाइटेड नेशंस ऑफिस में काम करेगी।

इसके अलावा, गुटेरेस ने न्यूयॉर्क और जिनेवा में एंटिटीज द्वारा उन कामों की की व्यवस्थित समीक्षा करने का प्रस्ताव रखा, जिन्हें कम लागत वाले ड्यूटी स्टेशनों में प्रभावी ढंग से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह हमारे कमर्शियल फुटप्रिंट को कम करने और लंबे समय में लागत में कमी लाने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है।

यूएन प्रमुख के अनुसार, 2017 से न्यूयॉर्क में व्यावसायिक लीज खत्म करने और दफ्तरों के समेकन के जरिए यूएन सचिवालय ने 126 मिलियन डॉलर की बचत की है।

अब दो और इमारतों की लीज 2027 तक समाप्त की जाएगी, जिससे 2028 से हर साल 24.5 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त बचत होने का अनुमान है।

गुटेरेस द्वारा पेश रिपोर्ट के अनुसार, यूएन का 2026 का नियमित बजट 3.238 बिलियन डॉलर प्रस्तावित है, जो 2025 की तुलना में 15.1 प्रतिशत कम है।

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