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Monday,07-April-2025

अंतरराष्ट्रीय समाचार

पाकिस्तान ने कराची में हनुमान मंदिर, हिंदू घरों को किया ध्वस्त

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Pakistan-Demolishes-Hanuman

जब तुर्की की सरकार द्वारा इस्तांबुल में स्थित ऐतिहासिक चोरा चर्च को एक मस्जिद के रूप में परिवर्तित किया जा रहा था, ठीक उसी वक्त पाकिस्तान भी कराची के ल्यारी में स्थित एक प्राचीन हनुमान मंदिर को ध्वस्त करने की राह पर था। सिर्फ इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने हनुमान मंदिर के पास रहने वाले करीब 20 हिंदू परिवारों के घरों को भी ध्वस्त कर दिया।

प्राचीन मंदिर के मलबे के चारों ओर इकट्ठा हुए इलाके के हिंदुओं के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने जांच की और इलाके को सील कर दिया। पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, ल्यारी के सहायक आयुक्त अब्दुल करीम मेमन ने मंदिर को ध्वस्त करने वाले बिल्डर के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।

स्थानीय लोगों का कहना कि बिल्डर ने कथित रूप से मंदिर के आसपास की जमीन खरीदी थी और वह वहां आवासीय परिसर का निर्माण करना चाहता था। हालांकि उसने हिंदुओं से वादा किया था कि वह मंदिर को कुछ नहीं होने देगा, लेकिन उसने कोरोनावायरस के कारण हुए लॉकडाउन के बीच मंदिर के साथ हिंदुओं के घरों को भी ध्वस्त कर दिया।

एक स्थानीय निवासी मोहम्मद इरशाद बलूच ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया, “यह अन्याय है, उन्होंने पूजा स्थल को ध्वस्त कर दिया। यह एक पुराना मंदिर था। हम जब बच्चे थे, तब से इसे देखते आ रहे हैं।”

एक अन्य निवासी हर्ष ने कहा, “लॉकडाउन के दौरान किसी को भी मंदिर में जाने की अनुमति नहीं थी। उसने (बिल्डर) स्थिति का फायदा उठाया और हमारे पूजा स्थल को ध्वस्त कर दिया।” उन्होंने कहा कि मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग की जा रही है। साथ ही यह भी कहा कि बिल्डर ने इसके आसपास रहने वाले परिवारों को वैकल्पिक आवास देने का आश्वासन दिया था।

एक हिंदू कार्यकर्ता मोहन लाल ने बिल्डर पर मंदिर के पास एकत्र होकर विरोध कर रहे अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को धमकाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हमने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन बिल्डर ने हमें प्रवेश नहीं करने दिया।”

दिलचस्प बात यह है कि दक्षिण के उपायुक्त इरशाद अहमद सोधार ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि वहां पहले दो मंदिर थे, लेकिन एक को पहले ही हटा दिया गया था। उन्होंने न्याय दिलाने का वादा करते हुए कहा, “न्याय दिलाने के लिए पुरातत्वविद् सहित एक समिति का निर्माण किया जाएगा और सात दिनों के भीतर जांच पूरी हो जाएगी। हम सुनिश्चित करेंगे कि सभी को न्याय मिले।”

पाकिस्तान एक के बाद एक हिंदू विरासतों को ध्वस्त कर रहा है। वहीं देश के मुट्ठीभर अल्पसंख्यक हिंदू धर्मांतरण और महिलाओं के अपहरण के डर के कारण चुप बैठे हैं। हर बीतते साल के साथ पाकिस्तान में हिंदूओं की संख्या घटती जा रही है।

साल 1947 में हुए भारत विभाजन के बाद से ही पाकिस्तान ने हजारों साल के समृद्ध हिंदू, जैन और बौद्ध इतिहासों को नष्ट करने की पुरजोर कोशिशें कीं, जो कि क्षेत्र में इस्लाम की जड़ें पड़ने से पहले की हैं। हारून खालिद ने इस भयावहता के बारे में लिखा, “किस तरह पाकिस्तान, देश में पुरातत्व के हिंदू अतीत को नकारने के लिए बाध्य है”। यहां तक की पुरातत्व के रूप में मौजूद साक्ष्यों को भी जबरन इस्लाम का रूख दिया जा रहा है।

देश की सरकारें राष्ट्र की गैर-इस्लामिक विरासत को स्वीकार करने में हमेशा से अनिच्छुक रही हैं। वहीं कराची में 1,500 साल पुराने पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास सालों पहले रोकी गई खुदाई को पिछले साल ही फिर से शुरू करने के दौरान कई हिंदू मूर्तियों और कलाकृतियोंकी खोज हुई।

विशुद्ध भूमि में मुस्लिम पहचान या इस्लामी सभ्यता की खोज पवित्र प्याले की खोज के समान है। दुर्भाग्य की बात है कि भूमि का अतीत चाहे वह संस्कृति में हो या भाषा या फिर इतिहास के ²ष्टिकोण से हो, वह हमेशा एक यू-टर्न लेता है और उन्हें उनकी प्राचीन जड़ों में वापस लाता है, वह जड़े जो हिंदू सभ्यता से जुड़ी हैं, जो 1,500 साल पहले निर्मित मंदिरों की विरासत के साथ चली आ रही हैं।

देश में अल्पसंख्यकों की संस्कृति और उनके प्रतीकों को स्वीकार करने की निराशा ने बदले की भावना का रूप ले लिया। यह नफरत पूरे देश में फैल गई है। यह मुट्ठी भर क्षेत्रों या लोगों तक ही सीमित नहीं है। अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं के खिलाफ नफरत और जहर समाज में फैल चुकी है। भारत विभाजन के बाद बने पाकिस्तान में सैकड़ों मंदिर अचानक बिना शोर के गायब हो गए और कई को दुकानों, मस्जिद और अन्य इमारतों में रूपांतरित कर दिया गया। यहां अतीत को मिटाने के प्रयास मुखर रहे हैं।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों का विध्वंस और धर्मांतरण कोई नई बात नहीं है। हर महीने यहां एक नया विवाद सामने आता रहता है, या तो वह किसी मंदिर को ध्वस्त करने का होता है, या फिर उसे मस्जिद में रुपांतरित करने का। वहीं बीते जून में पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने धर्मनिरपेक्ष विचारों को प्रमाणित करने के लिए इस्लामाबाद में कृष्ण मंदिर के निर्माण के लिए धनराशि आवंटित की थी, लेकिन मंदिर के निमार्णाधीन दीवारों को कुछ ही दिनों में तोड़ दिया गया।

हालांकि, दूसरी ओर कुछ ऐसे उल्लेखनीय उदाहरण भी हैं, जहां पाकिस्तानी अपनी विरासत का दस्तावेजीकरण करने के लिए प्रयासरत नजर आए हैं। कुछ साल पहले कराची की एक पत्रकार और लेखिका रीमा अब्बासी ने कड़े शोध पर आधारित किताब ‘हिस्टॉरिक टेंपल्स इन पाकिस्तान: अ कॉल टू कॉन्शेंसेज’ प्रकाशित की, जिसमें पाकिस्तान के मंदिरों के कई खूबसूरत तस्वीरें भी थी।

वहीं पाक सरकार ने भी आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए मंदिरों और अल्पसंख्यकों को भी मान्यता देने वाले फैसले लिए। इसमें एक फैसला इमरान खान सरकार द्वारा 72 साल बाद पूजा के लिए सियालकोट में एक ऐतिहासिक हिंदू मंदिर को खोलने को लेकर भी था, जिससे उनकी खूब जयकार हुई। हालांकि, ऐसे उदाहरण बहुत ही कम हैं। एक ऐसा देश, जहां मंदिरों की संख्या 400 से अधिक हुआ करती थीं, वहां बीते 70 सालों में उनकी संख्या दर्जन भर से भी कम रह गई हैं।

फिलहाल, पाकिस्तान अपने क्रूर व नए दोस्त तुर्की की राह पर चल रहा है। दोनों ने अल्पसंख्यक धर्मस्थलों को मस्जिदों में परिवर्तित कर दिया। तुर्की ने दो ऐतिहासिक चचरें को मस्जिदों में बदल दिया, जबकि पाकिस्तानियों ने उसी समय दो मंदिरों को ध्वस्त कर दिया।

फिर भी, 73 वर्षीय पाकिस्तान के लिए देश में फैले 5,000 साल पुराने इतिहास को हिलाना मुश्किल होगा।

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अंतरराष्ट्रीय समाचार

कनाडा में भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या

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ओटावा, 5 अप्रैल। कनाडा के ओटावा के निकट रॉकलैंड इलाके में एक भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। कनाडा में भारतीय दूतावास ने शनिवार सुबह घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है।

भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवार को सहायता देने का भी ऐलान किया।

दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ओटावा के निकट रॉकलैंड में चाकू घोंपने से एक भारतीय नागरिक की दुखद मौत से हम बहुत दुखी हैं। पुलिस ने बताया है कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। हम शोक संतप्त परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय सामुदायिक संघ के माध्यम से निकट संपर्क में हैं।”

हालांकि चाकू मारने की घटना का विवरण अभी भी अस्पष्ट है, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि यह घटना सुबह-सुबह क्लेरेंस-रॉकलैंड क्षेत्र में हुई।

अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि क्या यह वही मामला है जिसका उल्लेख भारतीय दूतावास ने किया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हत्या की चल रही जांच के तहत ओन्टारियो प्रांतीय पुलिस (ओपीपी) ने क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है।

पुलिस ने रॉकलैंड निवासियों को भी चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें सलाह दी गई है कि वे कानून प्रवर्तन की गतिविधियों में वृद्धि की अपेक्षा करें, जबकि अधिकारी अपराध से जुड़ी परिस्थितियों की जांच जारी रखेंगे।

कनाडा स्थित दूतावास ने जनता को आश्वासन दिया कि वह इस कठिन समय में पीड़ित परिवार को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।

चाकू घोंपने के पीछे का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है और जांच जारी है। दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने का वादा किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवार को उनकी ज़रूरत के मुताबिक सहायता मिले और मामले से जुड़ी आगे की कार्रवाई में मदद मिले।

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अंतरराष्ट्रीय समाचार

प्रधानमंत्री मोदी ने बिम्सटेक देशों के बीच व्यापार और पर्यटन को बढ़ाने के लिए यूपीआई लिंक का दिया प्रस्ताव

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बैंकॉक, 4 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भारत के यूपीआई को बिम्सटेक देशों के पेमेंट सिस्टम से जोड़ने का प्रस्ताव दिया। इससे ग्रुप के सदस्य देशों के बीच व्यापार और पर्यटन बढ़ाने में मदद मिलेगी।

इसके अलावा, सात देशों (बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड) के समूह की छठी समिट में प्रधानमंत्री मोदी ने स्थानीय करेंसी में रीजन में व्यापार बढ़ाने के लिए बिम्सटेक चेम्बर ऑफ कॉमर्स स्थापित करने का प्रस्ताव दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने 28 मार्च को म्यांमार और थाईलैंड में आए

बिम्सटेक समिट में बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में समृद्धि, सुरक्षा और समावेशिता के प्रति साझा प्रतिबद्धता को साकार करने के लिए बैंकॉक विजन 2030 को अपनाया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने बिम्सटेक समूह के दायरे और क्षमताओं को लगातार बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया, गृह मंत्रियों के तंत्र को संस्थागत बनाने का स्वागत किया और भारत में पहली बैठक आयोजित करने की पेशकश की।

उन्होंने आगे कहा कि यह मंच साइबर अपराध, साइबर सुरक्षा खतरों, आतंकवाद, साथ ही नशीली दवाओं और मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस संबंध में, मैं 2025 में इसकी पहली बैठक भारत में आयोजित करने का प्रस्ताव करता हूं।

थाईलैंड द्वारा आयोजित बिम्सटेक समिट में भारत, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका और भूटान के शीर्ष नेता भाग ले रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि एक स्वतंत्र, खुला, सुरक्षित और संरक्षित हिंद महासागर हमारी साझा प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा, “आज साइन हुए समुद्री परिवहन समझौते से व्यापारिक नौवहन और माल परिवहन में सहयोग मजबूत होगा और व्यापार में तेजी आएगी।”

विनाशकारी भूकंप में हुई जानमाल की हानि पर अपनी संवेदना व्यक्त की और आपदा की तैयारी, राहत और पुनर्वास पर सहयोग के लिए भारत में बिम्सटेक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर डिजास्टर मैनेजमेंट की स्थापना का प्रस्ताव रखा।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में एक सस्टेनेबल मैरीटाइम ट्रांसपोर्ट सेंटर की स्थापना की भी बात की। उन्होंने कहा, “यह केंद्र समुद्री नीतियों में क्षमता निर्माण, अनुसंधान, नवाचार और समन्वय पर ध्यान केंद्रित करेगा और समुद्री सुरक्षा में सहयोग को भी बढ़ावा देगा।”

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अंतरराष्ट्रीय समाचार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के वरिष्ठ जनरल से की बात, कहा- मुश्किल वक्त में भारत साथ खड़ा है

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नई दिल्ली, 29 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को म्यांमार के वरिष्ठ जनरल महामहिम मिन आंग ह्लाइंग से बात की। उन्होंने कहा कि भारत इस मुश्किल घड़ी में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है।

एक्स पर एक पोस्ट में मोदी ने कहा, “म्यांमार के वरिष्ठ जनरल महामहिम मिन आंग ह्लाइंग से बात की। विनाशकारी भूकंप में हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में, भारत इस मुश्किल घड़ी में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज और बचाव दल को प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजा जा रहा है।”

म्यांमार और पड़ोसी थाईलैंड में शुक्रवार को उच्च तीव्रता वाला भूकंप आया, जिससे इमारतें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे नष्ट हो गए। म्यांमार में कम से कम 1,002 लोगों की मौत हुई।

भारत ने शनिवार को म्यांमार को 15 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक पोस्ट में कहा कि ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के हिस्से के रूप में, भारत ने शुक्रवार के भीषण भूकंप से प्रभावित म्यांमार के लोगों की सहायता के लिए पहले प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में काम किया। टेंट, कंबल, स्लीपिंग बैग, भोजन के पैकेट, स्वच्छता किट, जनरेटर और जरूरी दवाओं सहित 15 टन राहत सामग्री की हमारी पहली खेप यांगून पहुंच गई है।”

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को विनाशकारी भूकंप पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने एक्स पर लिखा, “म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद की स्थिति से चिंतित हूं। सभी की सुरक्षा और खुशहाली के लिए प्रार्थना करता हूं। भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। इस संबंध में, हमने अपने अधिकारियों से तैयार रहने को कहा है। साथ ही विदेश मंत्रालय से म्यांमार और थाईलैंड की सरकारों के साथ संपर्क में रहने को कहा है।”

म्यांमार में शुक्रवार दोपहर को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, सागाइंग के पास आए इस भूकंप के बाद 2.8 से 7.5 तीव्रता के 12 झटके महसूस किए गए, जिससे प्रभावित इलाकों में हालात और खराब हो गए। म्यांमार के राज्य प्रशासन परिषद की सूचना टीम ने जानकारी दी है कि भूकंप में 1,002 लोग मारे गए, 2,376 लोग घायल हुए और 30 लोग अब भी लापता हैं।

म्यांमार के नेता वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय समुदायों से मानवीय सहायता की अपील की है।

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